लौकिक और पारलौकिक सुखों की प्राप्ति का सुलभ माध्यम – देवशयनी एकादशी का व्रत पूजन
लौकिक और पारलौकिक सुखों की प्राप्ति का सुलभ माध्यम – देवशयनी एकादशी का व्रत पूजन
29 जून, 2023 गुरुवार को देवशयनी एकादशी का व्रत है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु योगनिद्रा में चार महीने के लिये क्षीरसागर में शयन करने के लिये चले जाते हैं। इस चतुर्मास्य में भगवान विष्णु का शयनकाल होने से विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किये जाते हैं। भगवान विष्णु की यह विशेष पर्व तिथि होने से इस दिन के व्रत, पूजन, यज्ञ-अनुष्ठान का विशेष महत्व है। इस एकादशी के व्रत-पूजन से साधक भक्त को सभी तरह की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ग्रह क्लेश, उपद्रव, मतभेद, लड़ाई-झगड़ा, अशांति दूर होती है और घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है। ऐसी मान्यता है कि देवशयनी एकादशी में भगवान विष्णु के पूजन से भक्त के जीवन में खुशियों का आगमन होता है, शारीरिक व मानसिक कष्टों का शमन होता है, दुख-दारिद्र्य का नाश और भगवत्कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है। जीवन में कष्ट – क्लेशों के शमन और भगवत्कृपा से सांसारिक भोग पदार्थ व मोक्ष प्राप्ति के लिये देवशयनी एकादशी का व्रत-पूजन अवश्य करना चाहिये ।
लौकिक और पारलौकिक सुखों को देने वाली देवशयनी एकादशी का महान पुण्यप्रद व्रत 29 जून, 2023 गुरुवार को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा प्राप्ति और सभी प्रकार के ग्रह क्लेश और सुख-शांति की प्राप्ति के लिये सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज की कृपा से “युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र” द्वारा आनन्दधाम आश्रम, नई दिल्ली विविध पाठ-पूजा, मन्त्र जाप किए जाएंगे। जिनमें आप ऑनलाइन यजमान बनकर भगवत्कृपा से लौकिक और पारलौकिक सुखों की प्राप्ति का वरदान पाएं।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण