रवि प्रदोष के व्रत पूजन से आरोग्यता की प्राप्ति | युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र
रवि प्रदोष के व्रत पूजन से आरोग्यता की प्राप्ति
भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न कर उनकी कृपा पाने के लिये हर महीने के दोनों पक्षों में आने वाले प्रदोष के व्रत, पूजन, जप, यज्ञ, दान का विशेष महत्व है। प्रदोष के व्रत, पूजन, जप, तप, यज्ञ से भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
29 सितंबर, 2024 रविवार के दिन आश्विन कृष्ण प्रदोष है। रवि प्रदोष के व्रत, पूजन, पाठ, जप, यज्ञ से भगवान शिव अपने भक्तों को आरोग्यता प्रदान करते हैं। धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष पुरुषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति होती है। इस पुण्य पर्व का लाभ भक्तों को जरूर उठाना चाहिये। इस प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ उनके परिवार की पूजा की जाती है। इस पूजन के प्रभाव से घर-परिवार के कलह-क्लेश मिटते हैं और सुख-समृद्धि, प्रेम-प्रसन्नता का उदय होता है।
इसलिये इस विशेष पर्व तिथि पर शिव परिवार की पूजा-आराधना शिवभक्तों को अवश्य करनी चाहिये । प्रदोष पर्व पर शिवचालीसा, शिव सहस्त्रनाम पाठ, रुद्राभिषेक, शिव पंचाक्षर मंत्र, महामृत्यंजय मंत्र जाप व पाठ स्वयं करने व सुयोग्य ब्राह्मणों से करवाने पर महापुण्य फल की प्राप्ति होती है।
29 सितंबर, 2024 रवि प्रदोष व्रत के पुण्य पर्व पर आनंदधाम आश्रम दिल्ली में पूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से ” युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र” द्वारा विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ – जप, अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। आप ऑनलाइन यजमान बनकर प्रदोष व्रत – पर्व के पूजन-अनुष्ठान में सम्मिलित होकर अपने घर-परिवार की खुशहाली के लिये शिवपरिवार की कृपा – प्रसन्नता प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण
युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र