विशेष फलदायी है महाशिवरात्रि में शिवपूजन-अभिषेक, यज्ञ
विशेष फलदायी है महाशिवरात्रि में शिवपूजन-अभिषेक, यज्ञ
महाशिवरात्रि भगवान शिव का सबसे प्रिय और पवित्र पर्व है। यह महापर्व भगवान शिव और मां पार्वती के मंगलमिलन की पावन वेला है। शिवरात्रि के पर्व पर ही भगवान शिव के निराकार स्वरूप ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति हुई । ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्थात् विश्व-ब्रह्माण्ड की पूजा । शिव की पिण्डी पर जल चढ़ाने से सभी देवी-देवताओं की पूजा सम्पन्न हो जाती है। शिवरात्रि अपनी आत्मा को पुनीत करने का महाव्रत है। इस व्रत को करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मनुष्य को सभी तरह के भोग पदार्थ और भगवान शिव का सान्निध्य प्राप्त होता है।
शिवरात्रि व्रतं नाम सर्वपाप प्रणाशनम्।
आचाण्डाल मनुष्याणां भुक्ति-मुक्ति प्रदायकम्॥
इस वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष त्रयोदशी 8 मार्च, 2024 को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जा रहा है। इस विशेष पर्व पर भगवान शिव की आराधना विशेष फलदायी है। महाशिवरात्रि पर आप शिवचालीसा, शिव सहस्त्रनाम पाठ, शिव पुराण, रुद्राभिषेक, शिव पंचाक्षर मंत्र, महामृत्यंजय मंत्र, जाप – पाठ स्वयं करें या सुयोग्य ब्राह्मणों से करवाएं। महाशिवरात्रि पर शिव-पूजन से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। सौभाग्यशाली होते हैं वे भक्त जिन्हें महाशिवरात्रि में व्रत-पूजन, अभिषेक, यज्ञ-अनुष्ठान का सुअवसर मिलता है।
8 मार्च, 2024 शुक्रवार को आनंदधाम आश्रम दिल्ली में पूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से युगऋषि पूजा – अनुष्ठान केन्द्र द्वारा विशेष पूजा-पाठ, यज्ञ-जप, अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। आप ऑनलाइन यजमान बनकर महाशिवरात्रि पर्व का पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण