आप रथी औऱ शरीर रथ तथा इन्द्रियाँ घोड़ें, आप कुशल रथी बनिये और सही दिशा में बढ़ जाईये
विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के प्रातःकालीन सत्र में ज्ञान-जिज्ञासुओं को ध्यान की गहराई में उतारा गया
नागपुर, 27 दिसम्बर (प्रातः)। आप रथी हैं, यह शरीर रथ है, लगाम बुद्धि (मन) के हाथ में है और शरीर की इन्द्रियाँ घोड़ें हैं। ये इन्द्रियाँ अपने-अपने विषयों की ओर भागती हैं और रथ को तथा रथी को मानवीय जीवन के शाश्वत गंतव्य तक न पहुँचाकर इधर-उधर भटका देती है और रथी यानी आपको इस सुर-दुर्लभ काया में आने के उद्देश्य से दिग्भ्रमित कर देती हैं।
यह उदगार आज यहाँ रेशमबाग स्थित विशालकाय प्रांगण में 25 दिसम्बर से चल रहे विश्व जागृति मिशन के सत्संग समारोह में संस्था प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि ये इन्द्रियाँ मानव की बुद्धि पर नशा चढ़ा देती है। यह नशा अनेक स्रोतों से आता है, जिनमें जवानी, खानदान-कुल, रंग जवानी, रूप, धन, पद आदि का नशा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये रथी सदा-सर्वदा सफल होते हैं जो अपने जीवन रथ का सारथी अर्जुन की भाँति परमेश्वर को बना लेते हैं। जिस रथ का सारथी परमात्मा है, वह रथ कभी भी दिशा नहीं भटक सकता। अतः रथ की लगाम परमात्मा का अंश ‘आत्मा’ के हाथ में पकड़ाएं, मन के हाथ में नहीं।
आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने आज के पूर्वाहनकालीन सत्र में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित स्त्री-पुरुषों को जीवन की सफलता के लिए ध्यान को जरूरी बताया। उन्होंने ध्यान की सरल विधियाँ सभी को सिखलायीं। उन्होंने ध्यान एवं योगासन की क्रियाओं में स्वांस-प्रश्वांस को ज़रूरी बताया तथा देशवासियों का आह्वान किया कि वे प्रतिदिन अपने लिए कुछ समय अवश्य निकाला करें। आपके द्वारा ख़ुद की की गई यह सेवा वास्तव में देश की बड़ी सेवा होगी।
विश्व जागृति मिशन के नागपुर मण्डल के महामन्त्री श्री दिलीप मुरारका ने बताया कि कल रेशमबाग स्थित कविवर्य सुरेश भट्ट सभागृह में ‘गुरु मन्त्र सिद्धि साधना’ के विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। अतएव 28 दिसम्बर का पूर्वाहनकालीन सत्र सत्संग हॉल के स्थान पर सुरेश भट्ट आडिटोरियम में सम्पन्न होगा। मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि नागपुर सत्संग महोत्सव में महाराष्ट्र के अलावा छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि प्रान्तों के ज्ञान-जिज्ञासु भाग ले रहे हैं।