विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ समापन

‘’सपने वह नहीं होते जो सोने पर आते हैं, सपने वह होते हैं जो सोने ही नहीं देते’’

नकारात्मक चिन्तन छोड़ें, सकारात्मक चिन्तन को अपनाएँ

अध्यात्मपुरुष श्री सुधांशु जी महाराज ने ग़ाज़ियाबाद के रामलीला मैदान में कहा

महामृत्युंजय मन्त्र से गूँजा ग़ाज़ियाबाद का घण्टाघर क्षेत्र

सन्तश्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनंदन किया गया

Virat Bhakti Satsang Ghaziabad 02-12-18-ending-Sudhanshuji Maharajग़ाज़ियाबाद, 02 दिसम्बर (सायंकाल)। विश्व जागृति मिशन आनन्दधाम, नांगलोई-नज़फ़गढ़ क्षेत्र नयी दिल्ली एवं ग़ाज़ियाबाद मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज समापन हो गया। इस दौरान सम्पन्न सात सत्रों में मिशन प्रमुख सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने ढेरों मार्गदर्शन बड़ी सहज एवं प्रभावी शैली में उपस्थित जनसमुदाय को समापन सत्र में उनको प्रदान किए।

सत्संग समारोह के समापन सत्र में विदाई सन्देश देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि शक्ति एवं सामर्थ्य कम होते हुए भी निरंतर गतिशील रहने वाले व्यक्ति सफल अवश्य होते हैं। आदत की ताकत की चर्चा करते हुए बताया कि आदतों का निर्माण संस्कारों एवं अभ्यास से होता है, जो लंबे समय में विनिर्मित होती हैं। खराब आदतों को उसी तरह निरंतर अभ्यास से सुधारा जा सकता है। उन्होंने भूतपूर्व राष्ट्रपति स्मृतिशेष डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के कथन को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था- ”सपने वह नहीं होते जो सोते समय आते हैं, सपने तो वह होते हैं जो सोने ही ननहीं देते।” उसी तरह कहा जा सकता है कि ”अपने वह नहीं होते जो रोने पर आते हैं, अपने तो वह होते हैं जो रोने ही नहीं देते। उन्होंने नकारात्मक विचारों से बचने तथा सकारात्मकता को अपनाने पर जोर दिया।

विदाई सत्र में मिशन प्रमुख सन्तश्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनंदन बड़े जोशो-खरोश के साथ किया गया, उपस्थित विशाल जनसमुदाय तथा मिशन के ग़ाज़ियाबाद मण्डल की ओर से प्रधान श्री सुरेन्द्र मोहन शर्मा, उपप्रधान श्री सुरेन्द्र दत्त त्यागी, महामन्त्री श्री सत्येन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष श्री आर॰के॰ दिवाकर संगठन मन्त्री श्री शिशुपाल सिंह गंगवार एवं कार्यक्रम समन्वयक श्री मनोज शास्त्री ने श्री सुधांशु जी महाराज को भावभरी विदाई दी।

उधर मध्याह्नकाल में भारी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने सन्तश्री सुधांशु जी महाराज से मन्त्र दीक्षा ग्रहण की। समस्त कार्यक्रमों का समन्वयन-संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

गौशाला विभाग आनंदधाम के प्रतिनिधि श्री सूर्यमणि दुबे ने बताया कि मिशन द्वारा गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन के भरसक प्रयास किए गए हैं और 07 गौशालाओं के माध्यम से सैकड़ों गायों की बड़ी सुंदर ढंग से सेवा की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह गौशालाएँ आनंदधाम नई दिल्ली, बिठूर कानपुर, हैदराबाद, पानीपत, मुरादाबाद, बैंगलोर एवं कुल्लू (हिमाचल) में चल रही है। वर्ष 1996 से आनंदधाम में चल रहे वृद्ध आश्रम के प्रतिनिधि श्री रमेश सरीन के अनुसार ढाई दर्जन वृद्ध स्त्री-पुरुषों की सराहनीय सेवा की जा रही है।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने देश में तीन पीढ़ियों के परिवार की परंपरा को राष्ट्र में पुनः प्रतिष्ठित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 20 वर्षों से पूरे देश में श्रद्धा पर्व मनाकर नई पीढ़ी को बुजुर्ग माता-पिता की सेवा व सम्मान देने की प्रभावी ढंग से प्रेरणा दी जा रही है। युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रीय मार्केटिंग प्रमुख श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग स्थल पर लगाए गए लगभग एक दर्जन स्टालों ने जनसामान्य को भरपूर सेवाएँ प्रदान कीं।

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