760 करोड़ जनता व 300 मजहबों की इस दुनिया में प्रार्थना एक सार्वभौम विधा है। सभी प्रार्थना को जीवन का अविभाज्य बनाएँ।
श्री सुधांशु जी महाराज ने सांध्यक़ालीन प्रवचन में कहा
देहरादून, 29 सितम्बर। भगवान शिव और माँ गंगा की धरती उत्तराखंड की राजधानी द्रोणनगरी देहरादून आज ‘ॐ नमः शिवाय’ के सामूहिक गायन से गूंज उठी। यहाँ के परेड ग्राउंड में हजारों नर-नारियों द्वारा सन्त श्रीसुधांशु जी महाराज के साथ गायी गई शिव स्तुति से सम्पूर्ण क्षेत्र शिवमय हो उठा।
विराट् भक्ति सत्संग महोत्सव के तीसरे दिवस के सांध्यकालीन सत्र में विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि 700 करोड़ लोगों की इस दुनिया में करीब 300 मत-मजहब हैं। सभी पन्थ-सम्प्रदायों में प्रार्थना एक जैसी विधा है, जो सार्वभौम है और वह सभी जगह समान रूप से विद्यमान है। उन्होंने सत्संग सभागार में मौजूद ज्ञान-जिज्ञासुओं से कहा कि वे प्रार्थना को कभी न भूलें। प्रार्थना आपका सम्बन्ध परम पिता से सदा जोड़े रखती है। इस धरती पर स्वर्गीय परिस्थितियॉं उत्पन्न करने के लिए काम करने का आह्वान करते हुए उन्होंने कविवर मैथिलीशरण गुप्त द्वारा प्रभु श्रीराम पर लिखी पंक्तियों ”भव में नव वैभव व्याप्त कराने आया हूँ, नर को नारायण का बोध कराने आया हूँ। स्वर्ग नहीं मैं इस धरती पर लाया, इस भूतल को ही स्वर्ग बनाने आया हूँ”।
श्रद्धेय महाराज श्री ने कहा कि सफल लोग निन्दा में विश्वास नहीं रखते, वे दूसरों को आगे बढ़ाते हुए विनम्रतापूर्वक आगे बढ़ते चले जाते हैं। उन्होंने उत्तराखण्ड की आयुर्वेद एवं जड़ी-बूटी सम्पदा का समादर करते हुए उसके जरिये इस प्रान्त की युवा शक्ति को स्वावलंबी बनाने की प्रेरणा दी और कहा कि विश्व जागृति मिशन ने इसी उद्देश्य से ‘युगऋषि आयुर्वेद’ के एक बड़े कार्यक्रम का श्रीगणेश किया है। उन्होंने ‘स्वच्छ भारत’ के साथ ‘स्वस्थ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने का आह्वान सभी से किया।
विश्व जागृति मिशन देहरादून मण्डल के प्रधान श्री सुधीर शर्मा ने बताया कि गुरु दीक्षा का सामूहिक कर्मकाण्ड रविवार 30 सितम्बर को 12 बजे से परेड ग्राउंड में शुरू होगा। उन्होंने बताया कि सत्संग समारोह का समापन कल सायंकाल 7 बजे होगा। रविवार को भी प्रातःक़ालीन सत्र 8 बजे से 10.30 बजे तक तथा सायंकाल 5 बजे से 7 बजे तक चलेगा।