आज सुबह का सत्र रहा ध्यान-योग को समर्पित
श्री सुधांशु जी महाराज ने सिखाए स्वस्थ जीवन के सूत्र
जयपुर, 16 फरवरी (प्रातः)। यहाँ सूरज मैदान में चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का प्रातःकालीन सत्र ध्यान-योग एवं स्वस्थवृत्त की चर्चाओं को समर्पित रहा। इस कक्षा में विश्व जागृति मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने स्वस्थ रहने के अनेक फार्मूले उपस्थित जनमानस को दिए। उन्होंने जहाँ अनेक सैद्धान्तिक बातें लोगों को बतायीं, वहीं ध्यान-योग का व्यावहारिक प्रशिक्षण हजारों की संख्या में वहाँ मौजूद स्त्री-पुरुषों और युवाओं को दिया।
जीवन के स्वस्थवृत्त पर चर्चा करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि न केवल आम व्यक्तियों को बल्कि परमात्मा को भी तंदरूस्त और खुश-गवार लोग अच्छे लगते हैं। स्वस्थ जीवन परम पिता परमेश्वर से मानव को मिली एक बड़ी नियामत है। उन्होंने सभी से अपने खान-पान को व्यवस्थित रखने तथा अपने रहन-सहन, आचार-विचार को ठीक करने का आग्रह सभी से किया। उन्होंने कहा कि भोजन को चबा-चबा कर खाना, भोजन के बीच जल का सेवन न करना, प्रसन्न रहना एवं सकारात्मक चिन्तन करना ऐसे सद्गुण हैं, जो व्यक्ति को बीमारियों से सदैव बचाये रखते हैं।
विश्व जागृति मिशन जयपुर मण्डल के कोषाध्यक्ष श्री गोपाल बजाज ने बताया कि जयपुर के सत्संग भवन में दैनिक आरती, साप्ताहिक भजन, सत्संग तथा प्रवचन एवं मासिक ध्यान-साधना की गतिविधियां चलाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि बीस दुकान, आदर्श नगर स्थित मिशन कार्यालय में अनेक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। दैनिक कार्यक्रमों में प्रार्थना, आरती, सत्संग आदि शामिल हैं तो साप्ताहिक कार्यक्रमों में प्रति रविवार को प्रातः नौ बजे से गायत्री हवन, सत्संग, भजन, प्रवचन, सुन्दरकाण्ड, आरती एवं सामूहिक प्रसाद इत्यादि के कार्यक्रम होते हैं। वार्षिक कार्यक्रमों में नव वर्ष महोत्सव, वैवाहिक वर्षगांठ, शिवरात्रि, होली, रामनवमी, उल्लास पर्व, गुरु पूर्णिमा, श्रद्धा पर्व, जन्माष्टमी, नवरात्रि एवं दीपावली आदि कार्यक्रम प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि विद्वान आचार्य अभिषेक तिवारी एवं आचार्य विष्णु कुमार शर्मा की सेवायें स्थानीय सत्संग मण्डल को मिल रही है। स्थानीय सत्संग कार्यालय से बड़ी संख्या में लोगों का जुड़ाव हो रहा है। उन्होंने नगरवासियों से वहाँ पधारने की अपील की।
इस अवसर पर आचार्य अनिल झा, श्री केएल चुग, श्री राम बिहारी एवं श्री राजेन्द्र भाटिया ने मधुर भजन प्रस्तुत किये। श्री चुन्नी लाल तंवर, श्री राहुल आनन्द एवं श्री रवि शंकर ने वाद्य यन्त्रों पर उनका साथ दिया।