नया साल, नव चेतना: आत्म जागरण की नवीन यात्रा | New Year | Sudhanshu ji Maharaj | Vishwa Jagriti Mission

 नया साल, नव चेतना: आत्म जागरण की नवीन यात्रा

नया साल, नव चेतना आत्म जागरण की नवीन यात्रा

नया साल लेकर आता है नए अध्याय की शुरुआत।  इस अध्याय को हर वर्ष हमें अपने अनुसार लिखने की संधि मिलती है। हम सब जानते हैं बीते वर्ष की गई गलतियों के बारे में और इसमें आवश्यक सुधार के बारे में,  इसी सुधार की उम्मीद के साथ हम अपने नए साल की शुरुआत करते हैं। हम में से लगभग हर कोई नए साल के कुछ लक्ष्य तैयार करता है और उन सभी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए साल भर मेहनत भी करता है। परन्तु क्या आपने विचार किया है कितने लोगों की लक्ष्यसिद्धि होती है? जी हां, इसका सकारात्मक परिणाम अत्यंत कम लोगों को मिलता है जिसका कारण है, दृढ़ संकल्प की कमी। आपको पता है, संकल्प दृढ़ हो तो  मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाते हैं और संकल्प की कमी से संभव और आसान काम भी बिगड़ जाते हैं।

आज मैं आपसे इसी विषय पर चर्चा करना चाहता हूँ। इस नए साल को केवल कहने के लिए नया न मानें, इस नए वर्ष में कुछ नया, कुछ विशेष करने का संकल्प लें। इस नए वर्ष में आत्मपरिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करें और उसके लिए अच्छी आदतों को अपनाएं जो आपके जीवन को सरल एवं सफल बनाने में सहायता करेंगी।

इस पूरी प्रक्रिया में आपको निराशा और अवसाद से बचाकर प्रेरणा देने का कार्य गुरु करते हैं, क्योंकि गुरु के बिना गति नहीं मिलती न कार्य को न मनुष्य को। गुरु के मार्गदर्शन में आप अपने जीवन में सकारात्मक संकल्प लेकर आदतों में बदलाव कर सकते हैं। आज मैं आपको इसी संकल्प की शक्ति के बारे में अपने अनुभव का निचोड़ बताने वाला हूँ जिसे जानकर आप अपनी आदतों में बदलाव कर सफल एवं विख्यात हो सकते हैं।

स्वास्थ एवं आहार

नव वर्ष में सबसे पहले संकल्प लें कि आप अपने शरीर को परमात्मा का निवासस्थान मानेंगे, जिसकी साफ सफाई और सुंदरता का दायित्व आपका है। इसलिए आप संकल्प लें कि इस नए वर्ष में केवल सात्विक और ऊर्जादायक भोजन का ही सेवन करेंगे और अपनी दिनचर्या को नियमित और संतुलित रखेंगे। क्योंकि  जैसा अन्न वैसा मन जैसा पानी वैसी वाणी शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् अर्थात स्वस्थ शरीर ही धर्म का पहला एवं उत्तम साधन है।

ध्यान एवं आध्यात्मिक विकास  

जीवन में सफल बनने के लिए मन शांत और संयमित होना आवश्यक है। अशांत मन हमेशा गलत निर्णय लेता है जो आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। ऐसे में मन को शांत करने हेतु प्रतिदिन ध्यान एवं प्रार्थना का समय निकालें। यह आदत आपको जीवन के संघर्षों से जूझने की शक्ति प्रदान करेगी और मन को सदैव प्रभु से जोड़े रखेगी और जब प्रभु के सान्निध्य में रहेंगे तो गलत निर्णय का तो प्रश्न ही नहीं उठता।

परिवार के साथ समय बिताएं

जैसे-जैसे दौर बदल रहा है लोग अपनों से दूर और अपने में ज्यादा व्यस्त होते जा रहे हैं। ऐसे में अकेलापन बढ़ता जा रहा है। न आपके सुख को दुगुना करने वाला कोई है न दुख को कम करने वाला। इस नए वर्ष प्रण करिए कि परिवार के साथ ज्यादा समय बिताएंगे, उनके साथ खुलकर बात करेंगे, अपनी भावनाएं साझा करेंगे जिससे आपमें प्रेम और दया का विस्तार होगा और जीवन में संतोष की प्राप्ति होगी।

बुरी आदतों का त्याग करेंगे

अच्छी आदतें अपनाने से ज्यादा ज़रूरी है बुरी आदतों का त्याग।  इस नए वर्ष में आपको संकल्प लेना होगा कि आप बुरी आदतों का त्याग करेंगे। बुरी आदतें जैसे क्रोध करना, आलस करना, देर से सोना-उठना, झूठ एवं अपशब्द बोलना। इन बुरी आदतों का त्याग करना होगा, ताकि आपका जीवन सरल एवं सदाचार से परिपूर्ण हो सके।

धन का सही उपयोग एवं बचत

धन केवल सुख प्राप्त करने के लिए नहीं अर्जित किया जाता, धन समाज के कल्याण के लिए कमाया जाता है। इस नव वर्ष संकल्प लें कि अपने कमाए धन को अपनी क्षमता अनुसार ज़रूरतमंदों में दान करेंगे एवं व्यर्थ खर्च को रोकते हुए सत्कार्य में पैसा लगाएंगे। यह कार्य आपको मानसिक शांति देता है जिससे आपको दुगुनी कामयाबी मिलती है।

जीव दया एवं प्रकृति के प्रति दायित्वों का निर्वहन

जीवन में हम कितना कुछ प्रकृति से लेते हैं और बदले में हम केवल उसे विनाश देते हैं।  इस नव वर्ष संकल्प करें कि प्रकृति मां का हम संरक्षण करेंगे। संकल्प लें कि इस नए वर्ष हम अधिक से अधिक वृक्षारोपण करेंगे, जल बचाएंगे, पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देंगे ताकि पृथ्वी अन्य जीवों के लिए भी उतना ही सुरक्षित स्थान बनी रहे जितनी मनुष्यों के लिए है।

इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में ध्यान रखना है कि, नव वर्ष आत्म निरीक्षण एवं आत्मसुधार का समय है। नए संकल्प, नई आदतें हमें भीतर और बाहर से शांतचित्त, संयमित और सकारात्मक बनाएंगी और इसी के द्वारा हम अपने निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति कर जीवन के नवीन सूर्योदय का साक्षात्कार कर पाएंगे।

कम्बल वितरण अभियान में आपकी भागीदारी का सामाजिक प्रभाव

Blanket Donation Drive 2025

कम्बल वितरण अभियान में आपका योगदान क्या मायने रखता है?

जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती है, ठंडी हवाएं केवल ठिठुरन ही नहीं लातीं; यह उन असंख्य जरूरतमंदों के लिए कठिनाई भी लाती है जो बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित हैं।

जब हम में से कई अपने घरों में सर्दियों का आनंद लेते हैं, वहीं कुछ लोग केवल जीवित रहने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे होते हैं।

ऐसे जरुरतमंद लोगों के लिए एक साधारण कंबल ही जीवन और मृत्यु का प्रश्न होता है।

पिछले 15 वर्षों से, विश्व जागृति मिशन, परम श्रद्धेय सुधांशु जी महाराज और डॉ. अर्चिका दीदी जी के करुणामयी नेतृत्व में, अपने कंबल वितरण अभियान के माध्यम से ठंड से जूझ रहे लोगों को राहत प्रदान कर रहा है।

इस अभियान के केवल एक उद्देश्य है; कड़ाके की ठण्ड में हज़ारों लोगों को सही समय पर जरुरी मदद मुहैया कराना।

हमारे देश में, विशेषकर के बड़े शहरों में, लाखों लोग सड़क पर दो जून की रोटी भर ही कमा पाते हैं। एक गर्म कम्बल उनके लिए विलासिता की वस्तु हो जाती है जिसे वो खरीद नहीं पाते हैं।

इस अभियान की कोशिश होती है कि उनको कष्ट से मुक्ति मिले और वो एक गरिमामय जीवन यापन कर सकें।

सर्दियों से संघर्ष

 

blanket donation for poor

कल्पना कीजिए कि बिना किसी आश्रय के सर्द रात का सामना करना कैसा होता होगा। कई बेघर व्यक्तियों, प्रवासी मजदूरों और गरीब परिवारों के लिए यह कोई काल्पनिक स्थिति नहीं है; यह उनकी कठोर वास्तविकता है।

भीषण ठंड की लहरें असंख्य जिंदगियों को प्रभावित करती हैं, जिससे बीमारियां और कष्ट बढ़ जाते हैं। कंबल जैसी बुनियादी चीजों की कमी उनके जीवित रहने के संघर्ष को और बढ़ा देती है।

कष्ट से मुक्ति का मिशन

kambal vitaran abhiyan vishwa jagriti mission

इस साल, 1 जनवरी 2025 को आनंद धाम आश्रम, नई दिल्ली में, विश्व जागृति मिशन अपना वार्षिक कंबल वितरण अभियान आयोजित कर रहा है।

यहाँ से यह एक देशव्यापी कार्यक्रम में बदलता है जिसमें विश्व जागृति मिशन के मंडल, जो भारत के कई राज्यों में कार्य कर रहे हैं, कम्बल वितरण करते हैं।

इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति ठिठुरन भरी सर्दियों का अकेले सामना न करे। आपके सहयोग से, यह मिशन उन लोगों तक उम्मीद और आराम पहुंचाने का प्रयास कर रहा है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

आपका योगदान क्यों महत्वपूर्ण है?

एक न्यूनतम आर्थिक सहयोग से आप किसी जरूरतमंद को उच्च गुणवत्ता वाला कंबल प्रदान कर सकते हैं।

हर कंबल ठंड से बचाने का एक आवश्यक साधन है, जो एक कठोर सर्द रात को आरामदायक मौसम में बदल सकता है। किसी को जीवन दे सकता है।

आपका दान उन परिवारों और विशेषकर के छोटे बच्चों लिए जीवन रेखा है जिन्हे ठण्ड से त्वरित सुरक्षा  की जरूरत है।

कंबल दान क्यों करें?

 

जीवन रक्षक: हर साल, भीषण ठंड कई जिंदगियां छीन लेती है।

वेबसाइट www.statista.com के अनुसार  ठंड के संपर्क में आने से 2022 में पूरे भारत में लगभग 720 मौतें हुईं, जो पिछले वर्ष दर्ज की गई कुल 618 मौतों से अधिक है। पिछले दशक में, देश भर में ठंड के कारण सबसे अधिक मौतें 2015 में हुईं।

केवल एक कंबल ठण्ड की ऐसी विभीषिका के खिलाफ ढाल का काम करता है।

मानवता का एक संकेत: शारीरिक आराम से परे, आपका दान करुणा व्यक्त करने का माध्यम है। यह छोटी सी मदद जरूरतमंदों को याद दिलाता है कि समाज उनका भी ध्यान रखता है।

स्थायी प्रभाव: एक साधारण कंबल स्थायी बदलाव लाता है। कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों को गरिमा और उम्मीद प्रदान करता है।

आपकी उदारता से कौन लाभान्वित होते हैं?

गरीब और हाशिए पर रहने वाले

अत्यधिक गरीबी में रहने वाले परिवारों के लिए, कंबल केवल आराम नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। यह आवश्यक सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे वे ठंड के मौसम का सामना गरिमा के साथ कर पाते हैं। आपका योगदान उन्हें बिना कष्ट के सर्दी का मौसम झेलने का मौका देता है।

बेघर और प्रवासी मजदूर

बेघर व्यक्ति और प्रवासी मजदूर सर्दियों के दौरान खुद को सबसे अधिक कमजोर महसूस करते हैं। एक घर के बिना, वे गंभीर स्वास्थ्य सम्बंधित जोखिमों का सामना करते हैं। कंबल का दान न केवल आवश्यक गर्मी प्रदान करता है बल्कि जरूरतमंदों के प्रति दया और का संदेश भी देता है।

गुरुकुल के छात्र

गुरुकुलों में अध्ययन करने वाले युवा छात्र अक्सर न्यूनतम संसाधनों के साथ साधारण आवास में रहते हैं। आपका दान यह सुनिश्चित करता है कि ये छात्र, जो अपना जीवन सीखने और आध्यात्मिक विकास के लिए समर्पित करते हैं, ठंड से परेशान हुए बिना अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

आदिवासी समुदाय

दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहन अक्सर ठंड के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा से रहित होते हैं। उनके आवास पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं, जिससे वे ठंड से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हैं। इन समुदायों को कंबल दान करना उनके कल्याण के लिए आवश्यक पहल है।

वृद्धाश्रमों के बुजुर्ग

कंबल दान वृद्धाश्रमों के बुजुर्गों के लिए बेहद सहायक होता है। ठंड के मौसम में यह उन्हें गर्माहट और सुरक्षा प्रदान करता है। कंबल से उनकी सेहत सुधरती है और ठंड से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

यह दान उन्हें स्नेह और सम्मान का अनुभव कराता है।

इस नेक कार्य का हिस्सा बनें

इस नए साल पर, आपके पास एक सार्थक कदम उठाने का अवसर है। विश्व जागृति मिशन के साथ मिलकर, आप उन लोगों को आराम और सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं जो ठंड से लड़ रहे हैं। हर दान मायने रखता है, और हर कंबल उम्मीद फैलाने की दिशा में एक कदम है।

कैसे सहयोग करें

ऑनलाइन दान करें: दान करने के लिए विश्व जागृति मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

संदेश फैलाएं: इस नेक काम को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि इसका प्रभाव बढ़ सके।

स्वयंसेवा करें: कंबल वितरण अभियान में भाग लें और दूसरों के लिए आपके प्रयासों से मिलने वाली खुशी को स्वयं देखें।

आइये साथ मिलकर, सर्दियों में राहत कार्य में अपना सहयोग दें

सर्दी कई लोगों के लिए उत्सव का समय है, लेकिन हज़ारों लोगों के लिए यह जीवित रहने का संघर्ष है। मदद का हाथ बढ़ाकर, आप केवल कंबल ही नहीं दान कर रहे—आप उम्मीद, दया और मानवता का सन्देश दे रहे हैं।

विश्व जागृति मिशन के कंबल वितरण अभियान से जुड़ें और किसी जरूरतमंद के लिए इस सर्दी को थोड़ा आरामदायक बनाएं।

आइए इस मौसम को करुणा का उत्सव बनाएं क्योंकि आपका छोटा सा दान किसी के लिए बहुत महत्व रखता है।

 

Donate Blanket for Underprivileged

गुरुग्राम मंडल में परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ हुआ

गुरुग्राम मंडल में परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ हुआ

परम पूज्य गुरुदेव की कृपा से गुरुग्राम मंडल पहला मंडल है जहां पर दिनांक 27 अक्टूबर 2024 को गौरी शंकर मंदिर में बाल संस्कार कक्षाओं का आचार्य श्री हरीश उपाध्याय जी के सानिध्य में दीप प्रज्वलन तथा वैदिक मंत्रोचार एवं गणेश वंदना के साथ शुभारंभ किया गया।

इस शुभ अवसर पर 30 छोटे बच्चे अपने अपने माता पिता के साथ उपस्थित हुए ,सभी बच्चों का तिलक एवं पटका पहना कर स्वागत किया गया तथा उन्हें लेखन सामग्री भी वितरित की गई। स्थानीय समाज सेवी श्री डीपी भट्ट जी एवं डॉ मनोज शर्मा जी ने कहा की मंदिर में सुसंस्कार कक्षाएं निशुल्क निरंतर चलती रहेगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री सुभाष ग्रोवर जी, श्री विजय अरोड़ा जी, श्रीमती रेणु जी, श्रीमती सुषमा जी और अन्य सभी कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा।

केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम, आनंद धाम आश्रम की तरफ से श्री जे एल रस्तोगी जी और श्री अनिल मित्तल जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करके तथा निरंतर आचार्य हरीश उपाध्याय जी से संपर्क में रहते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण योगदान दिया।

इस कार्यक्रम से संबंधित कुछ छायाचित्र नीचे प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली, 29.10.2024

Warm Hearts, Warm Bodies: The Power of Blanket Donations

 

Warm Hearts Warm Bodies The Power of Blanket Donations

Winter can be a harsh season, especially for those who are less fortunate. A simple act of kindness, such as donating blankets, can make a significant difference in someone’s life.

Why Donate Blankets?

Stay Warm, Stay Healthy: Blankets provide essential warmth, helping to prevent hypothermia and other cold-related illnesses.

Comfort and Security: A warm blanket can offer comfort and security, especially for those who are homeless or living in inadequate housing.

Community Impact: Donating blankets can strengthen community bonds and foster a sense of compassion and care.

How to Donate Blankets?

You may donate new blankets or funds to purchase blankets to Vishwa Jagriti Mission during the winter months. For details see below.

Tips for Effective Blanket Donations:

  • Cleanliness: Ensure that donated blankets are clean and free of stains or odors.
  • Warmth: Opt for blankets made of warm materials like wool, fleece, or microfiber.
  • Size: Consider donating blankets of various sizes to accommodate different needs.
  • Durability: Choose durable blankets that can withstand frequent use.

By donating blankets, you can help make a positive impact on the lives of those who are less fortunate. Let’s come together to spread warmth and compassion this winter.

Donate Blanket for Underprivileged

 

Donate through UPI

Vishwa jagriti mission donation QR

The Power of Donating Just One Blanket | Vishwa Jagriti Mission

The Power of a Blanket

 

The Power of Donating Just One Blanket

The winter season is a comforting and warm time for us.

We enjoy these days by making our homes warm, wearing woollen clothes, and sleeping in soft blankets.

But the season is not like that for hundreds and thousands of people: those who are migrant labourers, those who are homeless, and those who can’t afford a good blanket.

These harsh winters weaken their spirit to live, and even before they weaken their body.

The freezing cold is not just a discomfort—it’s a life-threatening challenge for them.

Yet, amidst these struggles, a simple act of kindness can create a ripple of hope.

Blanket donation is a small yet impactful way to bring comfort and protection to those enduring the unforgiving cold.

Why donating a simple blanket matters

 

why donate blanket

A single blanket can make a monumental difference in someone’s life.

When you donate blankets to the poor, you offer more than just warmth; you offer survival, health, and dignity.

For homeless individuals braving the winter nights, a blanket becomes their shield against freezing temperatures, respiratory infections, and other winter-related illnesses.

Moreover, donating blankets is a tangible expression of kindness—a reminder to the underprivileged that society has not forgotten them.

It provides a sense of social security and solidarity that is invaluable during tough times.

Needless to say, donating just one blanket in the winter is really a powerful gesture that can save a life.

Blanket Donation Initiatives by Vishwa Jagriti Mission

 

Blanket donation initiative by Vishwa jagriti mission

Every year, in response to the chilling needs of the season, Vishwa Jagriti Mission comes forward to conduct blanket donation drives.

One of the key events, in which blankets will be distributed among the needy, will be held on 1st January 2025 at Anand Dham Ashram, New Delhi.

Under the guidance of His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi Ji, many such events will be held across India through various Mandals (branches) of VJM.

These drives aim to donate blankets to the underprivileged and ensure that no one is left to fight the winter alone.

How Your Contribution Helps

Joining a blanket donation initiative means saving lives.

Each blanket you contribute:

  • Ensures survival for the homeless.
  • Protects individuals from respiratory infections.
  • Alleviates distress caused by extreme cold.
  • Gives the needy a sense of belonging and care.
  • Upholds the dignity of those facing hardships.

By contributing a small amount for a single blanket, you can help provide warmth and hope to those who need it most.

Come, Spread the Warmth

So, this winter, let your kindness be a source of warmth for those facing the freezing cold.

Your effort to give blankets to charity can protect lives.

The Blanket Donation Drive for the Homeless by Vishwa Jagriti Mission is an excellent opportunity to make a meaningful impact.

Your contribution not only spreads warmth but also sends a powerful message of empathy and solidarity.

Join the Mission

 

Blanket distribution drive

 

Together, we can bring smiles to the faces of those in need. The best charity to donate a blanket is the one that resonates with your values and ensures your contribution reaches those who need it most.

And Vishwa Jagriti Mission has been organising these drives for the past 20 years.

Donate blankets to Save Lives today and be the cover of hope that helps poor and needy people survive the winter with dignity.

A single blanket might seem small, but its impact is immeasurable.

Let’s join hands to spread warmth, compassion, and hope this winter.

So, realise the power of one blanket and start your new year with a show of compassion.

Come forward to donate a blanket to the homeless and the needy and be a part of this life-saving mission!

Donate here 👇

Kanya Atmnirbhar Abhiyan | Vishwa Jagriti Mission

This Diwali, feel the joy of giving | Feed the hungry, receive the blessings

This Diwali, Feel the Joy of Giving

Diwali, the festival of lights, is also an opportunity to share our blessings with the needy. It is the occasion to participate in noble causes and seek blessings from God.

When we give selflessly, we not only bring happiness to those who need it most but also receive the blessings of Lord Ganesh and Goddess Lakshmi for health, happiness, and prosperity.

And for that matter, in the festive season, nothing is nobler than feeding the hungry. Because on Diwali, while we light up our homes, feast on delicious food, and share gifts, it’s essential to remember those who struggle to fulfil fundamental needs like food.

Therefore, this Diwali, experience the joy of sharing by feeding the hungry.

Immerse Yourself in the True Spirit of Diwali

Diwali signifies the triumph of light over darkness and righteousness over evil.

We celebrate the festival by lighting earthen lamps and decorating homes, yet the true essence of the festival lies in uplifting others. It reminds us that the joy we receive from giving is far greater than enjoying it alone.

Feeding the hungry is a powerful way to honour the festival’s deeper meaning and spread light in the lives of the needy by removing the darkness of hunger and poverty.

The Darkness of Hunger

Despite the abundance of food and resources available around them, hunger remains a disturbing reality for a large number of people. Just because they can’t afford it.

While many of us enjoy delicious food during Diwali, countless children go to bed hungry, unable to afford even a single meal.

By contributing a small amount, we can help alleviate their suffering to some extent and make a meaningful impact on their lives during this festive season.

The impact of feeding the hungry

Food is a basic necessity for survival, but for many, it remains a luxury.

By feeding the hungry, we give them the strength to face another day and the hope for a better future.

This simple yet profound gesture carries deep spiritual significance, as our Sanatan culture emphasize the importance of sharing food and helping those in need.

During Diwali, feeding the hungry symbolizes removing the darkness of suffering and hunger from their lives, replacing it with the light of nourishment and hope.

How can you feed the hungry during festive season?

While you engage in making this festive season joyful, take a moment to spread the joy among those who need your kindness.

You can do it easily.

Annadaan on Diwali

Sharing food symbolizes prosperity. And donating food on Diwali is a tradition rooted in the festival’s essence of sharing and caring for others.

Extend your kindness to the less fortunate, ensuring everyone can enjoy the festivities regardless of their circumstances. As Annadaan is considered to be Mahadaan, it is equivalent to offering food to God. The act of Annadaan is a selfless service, which helps you develop kindness towards all.

By performing Annadaan, you can purify your karma and receive the blessings of the poor.

Joining VJM’s Mid-day meal programs

Vishwa Jagriti Mission (VJM) runs mid-day meal programs for all the children who are studying at its schools and Gurukuls across India.

You are welcome to join Project Mid-day Meal, where you can sponsor a one-time meal for our school children for a minimum period of one year.

For as little as INR 4000–10,000, you can feed a student in our school, helping him or her complete education without facing classroom hunger.

Your small contribution has the power to bring about a better academic situation for poor and marginalised children at VJM institutions.

Distributing gift packets among Gurukul students

On Diwali, you can gift Gurukul Rishi Kumar’s the goodness of nutrition.

These children come from challenging socio-economic backgrounds, yet their willpower to pursue Vedic education and achieve their dreams defeats all the hurdles.

You can fill your day with genuine joy and contentment by distributing food packets among them.

This Diwali, make a choice for gifting a meal and enhance your festive joy

Make Diwali 2024 a memorable one for yourself and your loved ones. Here are some ways you can brighten up a child’s life with nutrition and health:

So, come multiply the joy of Diwali by ensuring nutritious food for school children.

Let’s bring smiles to their faces for making this festive season special for them and for ourselves.

Happy Diwali!

Guru Purnima Mahotsav 2024 | Vishwa Jagriti Mission

Glimpses of Guru Purnima Mahotsav 2024

 

Thousands gather in Rohini, Delhi, for the delightful 4-Day Guru Purnima Mahotsav with HH Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi

 

Delhi – July 21, 2024: The spiritual landscape of Rohini, Delhi, was vibrant with devotion and divine energy as thousands of devotees, disciples, and seekers gathered for the 4-day Guru Purnima Mahotsav, held from July 18 to July 21, 2024.

The event was graced by the esteemed presence of His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi, whose guidance created an atmosphere of profound blessings and spiritual bliss.

The 4-day Mahotsav featured spiritually enriching programs designed to deepen the connection between Guru and Shishya.

The program was organized at The Golden Decor (Shakti Tent), Rohini, Sector 12, Delhi.

The founder and spiritual guide of Vishwa Jagriti Mission, His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj, inaugurated the program on 18th July.

Addressing the inauguration ceremony, Param Pujya Maharajshri said, “Everything in this world brings attachment to humans, and the one who is detached from this illusion, gets connected to God. Guru shows the way to live without attachment. Devotees address God by various names. God is omnipresent, and He is omnipotent. The dynamism in the world is due to God alone. God is the power behind every change in the world.”

Maharajshri also said, “People should live life with such realization of God and also with the spirit of seva, and it is only with the inspiration of Guru that a person introspects and adopts the path of self-improvement and spiritual development.”

During the program, Vice President of Vishwa Jagriti Mission and Yoga Guru, Dr. Archika Didi Ji, said, “They are fortunate whose consciousness is awakened by the grace of a Guru. Fragrant flowers of peace and happiness bloom in their lives.”

Didi Ji further said, “Whatever seeds we plant on the earth, we plant them in a particular season. Similarly, to get the fruit of happiness, a special kind of season has to be created within us. Awaken the season of faith in God and the Guru within you. Make it a habit to do every task happily and love your work. Try to bring novelty to your work every day. There is novelty in nature; connect with nature. Improve your life by getting inspired daily by the holy scriptures and Guru.”

In addition to various spiritual practices, the Mahotsav also included discourses by His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi.

Their teachings provided deep insights into the essence of Guru Purnima and its significance in a devotee’s spiritual journey.

The Special Guru Purnima Program on 21st July, a highlight of the event, brought together various devotional activities. It also involved live Purnima Darshan, which delighted devotees and seekers.

Key highlights of the 4-day program included the Guru Mantra Siddhi Sadhana, a practice aimed at achieving perfection in the sacred Guru Mantra; Divya Shaktipat Kriya, an ancient technique for the transmission of Guru’s energy for empowering disciples; Guru Mantra Diksha, the initiation ceremony under the guidance of Maharajshri; and the much-anticipated Live Purnima Darshan, where devotees experienced the divine sight of Param Pujya Maharajshri.

On the second day of Guru Purnima Mahotsav, Shri Mohinder Goyal Ji, honourable member of Legislative Assembly, Delhi Assembly Constituency, Rithala, also visited the Guru Purnima Mahotsav venue to take blessings from Maharajshri.

Many other dignitaries including Shri Govind Chaudhary Ji (Director Anmol Biscuit), Shri Pawan Gupta Ji (Proprietor PP Jewelers, New Delhi) also came to seek the blessings.

Disciples and seekers from VJM Canada chapter, VJM Dubai chapter, and VJM Hong Kong chapter also joined the program and expressed their gratitude towards Maharajshri and Didi Ji for organizing such a grand and blissful Guru Purnima Mahotsav in the national capital. The event was a testament to the deep spiritual bond between Guru and disciples, as devotees from across the region flocked to Delhi to join the Mahotsav.

The serene and sacred atmosphere at the program venue provided an ideal setting for introspection, meditation, initiation, and spiritual rejuvenation.

As the Mahotsav drew to a close, devotees expressed their gratitude for the divine experiences and blessings they received.

The 4-day grand event underscored the timeless wisdom of the Guru-Shishya Parampara and the transformative power of divine grace and Guru’s guidance.

Glimpses of 27th Shraddha Parv 2023 | Vishwa Jagriti Mission

New Delhi: His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi honoured senior citizens at the 27th Shraddha Parv event in New Delhi.

The Shraddha Parv event was held at Anand Dham Ashram in New Delhi.

Vishwa Jagriti Mission (VJM) has been celebrating Shraddha Parv since 1997 under the guidance of His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi Ji on October 2nd, the birth anniversary of Mahatma Gandhi.

Shraddha Parv is an initiative to close the growing generation gap. VJM organizes various events on this day at Anand Dham Ashram and at various centers across the world.

On this occasion, VJM honours the senior citizens for their contribution to family and society.

This year at the Shraddha Parv event, Maharajshri and Didi Ji shared their insights on the significance of honouring parents, grandparents, and all senior citizens.

They emphasized how this practice builds strong family bonds and upholds family values, which are essential for peace, happiness, and prosperity within both the family and society.

While gracing the event, Param Pujya Maharajshri said, “Respect the elderly in all circumstances. They are a bridge to wisdom, a testament to God’s grace, and a beacon of timeless values.”

Maharajshri further said, ”It is not enough to remember the ancestors just during Pitru Paksha. It is also necessary to take care of the elderly who are still alive. They must be supported at every step of life so that they can remain healthy and happy. Make every possible effort to keep them happy’.

Maharajshri also applauded the loving initiative by VJM Panipat as they inaugurated the “Anandmay Jivan Sangh” (Senior Citizens Club) under the “Parivar Jodo Abhiyan”. The purpose of this club will be to enhance the wellness of seniors in the region.

On the occasion, Dr. Archika Didi said, “Our senior citizens are our moral support. Everyone must listen to their life stories of struggle and triumphs as these are the most potent way of learning from their experience. Their wisdom and knowledge enrich our lives, and by respecting and caring them, we embody the essence of compassion and humility.”

“Let us all continue to cherish and honor our elders and show gratitude towards them.”

During the event, eminent senior citizens were honored by Param Pujya Maharajshri and Didi Ji.

Senior citizens were honored in the following categories:

  • Shresth Parakram Samman (Bravery Award),
  • Lok Kavi Samman (Folk Poet Award),
  • Sahitya Shiromani Samman (Man of Literature Award),
  • Shiksha Shiromani Samman (Best Educationist Award),
  • Udaiymaan Nayak Samman (Emerging Hero Award),
  • Karunanidhi Samman (Man of Compassion Award), and
  • Nari Gaurav Samman (Pride of Women Award).

The senior citizens honored were:

  • Shri Dinesh Raghuvanshi Ji, a renowned Hindi poet and writer
  • Shri Alok Bhargav Ji, a renowned cartoonist and creative writer
  • Prof. Dinesh Chandra Shastri Ji, an educationist and Vedic culture expert
  • Shri Ashish Sood Ji, a Vedic and Sanatan culture thinker
  • Dr. Vinod Jain Ji, a renowned natural medicine practitioner and yoga expert
  • Miss Niru Yadav Ji, a social worker, and
  • Shri Brijlal Ji for his contributions to police administration.

Moreover, on this occasion, children from grades 6 to 10 were invited to participate in an online competition dedicated to parents and grandparents.

Many talented children expressed their views about their parents and grandparents through essay writing, poetry writing, poster or drawing making, and short videos.

Maharajshri and Didi Ji congratulated all the winners of the online competition and presented awards to them.

While congratulating all the children who participated or won awards, Didi Ji said, “I believe the program and children’s participation and enthusiasm will enable them to understand the value of strong family values and they will also be respecting their parents, grandparents, and all the senior citizens.”

कैलाश पर्वत पर परिवार संग विराजेंगे भोलेनाथ – विश्व जागृति मिशन छत्तीसगढ़ मंडल

कैलाश पर्वत पर परिवार संग विराजेंगे भोलेनाथ – विश्व जागृति मिशन छत्तीसगढ़ मंडल

वहालोक आश्रम हिमालय की वादियों में भारत के अंतिम छोर पर स्थित पवित्र धार्मिक स्थल मानसरोवर झील जाने की इच्छा हर किसी की होती है, लेकिन वहां जाकर हिमालय पर्वत और झील के साक्षात दर्शन करने का अवसर सौभाग्यशालियाँ को ही मिलता है। हर कोई वहां पहुंच नहीं सकता, इसलिए भगवान भोलेनाथ के पवित्र धाम का प्रतिरूप राजधानी के समीप स्थित परसदा गांव मैं बनाया जा रहा है। प्रसिद्ध संत सुधांशु महाराज के मार्गदर्शन में निर्माणाधीन ब्रह्मलोक आश्रम परिसर में श्रद्धलु कैलाश पर्वत का नजारा देख सकेंगे। लगभग चार साल से बन रहे आश्रम के 2025 में पूरा होने की संभावना है। कैलाश मानसरोवर का प्रतिरूप बन जाने के बाद प्रदेशभर के अद्धलुओं के लिए यह आकर्षण का केंद्र होगा। ऐसी ही रोचक जानकारी दे रहे हैं।

 

कैलाश पर्वत पर परिवार संग विराजेंगे भोलेनाथ

सुंदरनगर में 1 से 4 जून तक होगा विराट भक्ति सत्संग, सदगुरू श्री सुधांशु महाराज श्रद्धालुओं को अपने आर्शीवचनों से करेंगे निहाल…!!!

सुंदरनगर में 1 से 4 जून तक होगा विराट भक्ति सत्संग, सदगुरू श्री सुधांशु महाराज श्रद्धालुओं को अपने आर्शीवचनों से करेंगे निहाल…!!!

Bhakti Satsang Sundarnagar

 

Virat Bhakti Satsang, Sundarnagar

 

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