गायत्री महामंत्र और महामृत्युंजय मन्त्र व्यक्ति को कठिनाइयों से उबारकर उसे उच्चतम अवस्था में लाने में समर्थ है
सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने ज्ञान-जिज्ञासुओं का किया सशक्त मार्गदर्शन
सूरत के मेयर, कई विधायक एवं लोकसेवी सत्संग सभा में पहुँचे
सूरत बालाश्रम गुजरात के लिए अनुकरणीय बना – महापौर सूरत
सूरत, 13 जनवरी (सायं)। विश्व भर में सिल्क सिटी व डायमण्ड सिटी के नाम से प्रख्यात सूरत महानगर में विगत चार दिनों से चल रहा विराट भक्ति सत्संग महोत्सव आज सायंकाल विधिवत सम्पन्न हो गया। विदाई सत्र में सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासाओं का प्रभावी मार्गदर्शन किया और वैयक्तिक, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जीवन में सफलता के लिए उनका प्रभावी मार्गदर्शन किया।
इसके पूर्व सूरत के मेयर एवं गुजरात स्टेट चाइल्ड वेलफ़ेयर कारपोरेशन (CWC) के चेयरमैन श्री जगदीश भाई पटेल, विधायक श्रीमती झंखना पटेल, विधायक श्रीमती संगीता पाटिल तथा वरिष्ठ समाजसेवी श्री राजेन्द्र उपाध्याय ने श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया।
अपने विदाई उदबोधन में मिशन प्रमुख सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन में ज्ञान की अग्नि का पड़ना बड़ा जरूरी है। ज्ञान के समान श्रेष्ठतम कोई भी वस्तु इस संसार में नहीं। ज्ञान और भक्ति का समन्वय व्यक्ति को बहुत ऊपर उठा देता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त कर पाता है। उन्होंने जीवन में समय संयम का ध्यान रखने की प्रेरणा सभी को दी और कहा कि स्व का विकास तथा परमार्थ में ही स्वार्थ तलाशने की आदत व्यक्ति को निजी जीवन में तो ऊँचा उठाती ही है, उसे सामाजिक स्तर पर भी शिखरों पर ले जाती है। सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन को व्यवस्थित बनाने के ढेरों आध्यात्मिक सूत्र सत्संग सभा में उपस्थित जनसमुदाय को दिए।
मिशन प्रमुख सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन में सफलता के ढेरों सूत्र उपस्थित जनसमुदाय को दिए और कहा कि विफलता कभी भी स्थायी नहीं होती। मजबूत मन वाले व्यक्ति अंधरे में भी विफलता को पीछे धकेलकर सफलता के द्वार तलाश लेते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए दुनिया के प्रलोभनों से इतिश्री करनी होगी। उन्होंने मानसिक आलस्य को मानव का सबसे बड़ा दुश्मन कहा। मिशन प्रमुख ने उत्तम स्वास्थ्य के सूत्र अनेक दिए और अपने खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार को उत्तम बनाने का आहवान सभी से किया।
आनन्दधाम नई दिल्ली से आये भजन गायकों श्री कश्मीरी लाल चुग, श्री महेश सैनी एवं श्री राम बिहारी के भजनों ने सभी को भाव-विभोर किया। श्री रवि शंकर, श्री राहुल आनन्द और श्री चुन्नी लाल तंवर ने वाद्य यन्त्रों के साथ उनका सहयोग किया। दिल्ली से पधारे वरिष्ठ धर्माचार्य आचार्य अनिल झा ने ध्यान-योग की कक्षाओं में मिशन प्रमुख को सहयोग प्रदान किया।
वेसू स्थित बालाश्रम के मुख्य संचालक एवं भक्ति सत्संग महोत्सव के प्रमुख संयोजक आचार्य राम कुमार पाठक और श्री गोविन्द भाई डाँगरा ने सन्त श्री सुधांशु जी महाराज, विशिष्ट अतिथियों, मिशन मुख्यालय के स्वजनों तथा उपस्थित जनसमुदाय के प्रति भावभरा साधुवाद व्यक्त किया। श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि कुछ श्रेष्ठ कार्यकर्ता ऐसे होते हैं, जिनसे संस्था की एक विशेष पहचान बनती है। आचार्य राम कुमार पाठक एक ऐसे ही कार्यकर्ता हैं, जो स्वयं एक संस्था बन गए हैं।सन्त श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन एवं आरती के साथ विराट भक्ति सत्संग समारोह का समापन हुआ।
सूरत विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के समस्त कार्यक्रमों का सभा संचालन एवं मंचीय समन्वय विश्व जागृति मिशन आनंदधाम नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया। इन चार दिनों में युगऋषि आयुर्वेद, साहित्य, धर्मादा, गौशाला, करुणा सिन्धु अस्पताल, वृद्धाश्रम एवं बालाश्रम के स्टालों का लाभ आगन्तुक ज्ञान-जिज्ञासुओं ने उठाया। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर से डॉ. विवेक बाथम ने सैकड़ों व्यक्तियों को लाभान्वित किया।