सिल्क और डायमंड सिटी में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ श्रीगणेश

राष्ट्र की मजबूती के लिए देवदूत बच्चों को शिक्षित बनाएँ

युक्ति और शौर्य से मिलती है श्री समृद्धि और सफलता

प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता श्री सुधांशु जी महाराज ने सूरत में कहा

आनन्दधाम के संगीतज्ञों ने सजाई भजन सन्ध्या

Silk and Diamond City at the Virt Bhakti Satsang | Sudhanshu Ji Maharajसूरत, 10 जनवरी। छोटी मुम्बई कहे जाने वाले गुजरात के सूरत महानगर में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज शाम श्रीगणेश हुआ। विश्व जागृति मिशन के सूरत मण्डल के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय यह सत्संग समारोह सूरत नगरी के वेसू स्थित बालाश्रम में विद्याध्ययन कर रहे देवदूत (अनाथ) बालकों के लिए समर्पित किया गया है। मिशन का संकल्प इन वंचित वर्ग के नौनिहालों को सुयोग्य बनाकर राष्ट्र की मुख्य धारा में शामिल करना है।

विश्व जागृति मिशन के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय आनन्दधाम से आयी संगीत टीम के भजनों से सजी सन्ध्या में मिशन प्रमुख सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि यह समय बड़े परिवर्तनों का समय है। बदलाव के इन क्षणों में अपने जीवन को शान्त व आध्यात्मिक बनाते हुए वैचारिक स्तर पर स्वयं को समुन्नत बनाने की महती आवश्यकता है। देश की नई पीढ़ी में ढेरों संभावनाएं जताते हुए उन्होंने ऐसे बच्चों को शिक्षित, संस्कारित, स्वस्थ एवं सभ्य बनाने का आहवान किया, जो अभाव, अज्ञान, अशिक्षा या अनाथ अवस्था के कारण पढ़ने की बात स्वप्न में भी सोच नहीं सकते। उन्होंने बताया कि इस आध्यात्मिक मिशन द्वारा सूरत सहित पाँच स्थानों पर ऐसे देवदूत (अनाथ) बच्चों को सुशिक्षित बनाया जा रहा है। उन्होंने सत्संग सभा में मौजूद ऐसे विद्यार्थियों का परिचित सभी से कराया।

मिशन प्रमुख ने कहा कि यह जीवन सुख और दुःख दो द्वंदों के बीच झूलता दृष्टिगोचर होता है। महाभारत के महत्वपूर्ण प्रसंगों को उदधृत करते हुए उन्होंने पाण्डवों और कौरवों की सज्जनता और दुर्जनता के कथानक सुनाए और कहा कि सज्जनता को किसी भी हालत में नहीं छोड़ने वाले तथा धर्म का साथ नहीं छोड़ने वाले की रक्षा प्रभु स्वयं करते हैं और उसे विकास के सभी अवसर देते हैं। कहा कि गीतानायक श्रीकृष्ण ने आज के कलियुग में धर्म की रक्षा और सज्जनता व शालीनता की रक्षा के सूत्र द्वापर में ही दे दिए थे। उन्होंने श्रीमद्भतगीता के प्रसंगों से शिक्षा ग्रहण करने की अपील सभी से की। उन्होंने कहा कि युक्ति और शौर्य से ही श्री समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

इसके पूर्व सत्संग मंच पर व्यास पूजन श्री गोविन्द डांगरा एवं आचार्य राम कुमार पाठक द्वारा किया गया। पीला साफ़ा बाँधे पुरुषों एवं स्त्रियों की टोलियों ने श्री सुधांशु जी महाराज का स्वागत बैण्ड-बाजे की मधुर धुन के बीच किया। सत्संग समारोह का मंचीय समन्वयन एवं संचालन नई दिल्ली से आये मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

बालाश्रम के वरिष्ठ आचार्य एवं सत्संग समारोह के मुख्य संयोजक श्री राम कुमार पाठक ने बताया कि विराट भक्ति सत्संग महोत्सव चार दिनों तक चलेगा और इसका समापन 13 जनवरी की सायंकाल होगा। श्री पाठक ने बताया कि 11 से 13 जनवरी तक पूर्वाह्नक़ालीन सत्र 09.30 से 11.30 तक तथा सायंक़ालीन सत्र 05 से 07 बजे तक चलेगा। शनिवार व रविवार को प्रातःकाल ध्यान-योग की कक्षाएँ चलेंगी। रविवार को दोपहर में सामूहिक मन्त्रदीक्षा दी जाएगी, जिसके पंजीयन आरम्भ किए जा चुके हैं। इस अवसर पर मिशन द्वारा कई स्थानों पर शिक्षित बनाये जा रहे विद्यार्थियों के बारे में वीडियो फिल्में भी दिखाईं गयीं।

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