आनन्दधाम आश्रम में लक्ष्मी-गणेश यज्ञ
वेदों में यज्ञ को विश्व ब्रह्माण्ड की नाभि कहा गया है। यह सम्पूर्ण संसार यज्ञ से ही संचालित है। यज्ञ के माध्यम से अग्नि में आहुतियां डालकर जहां हम देवताओं को भोजन कराने का सुयश प्राप्त करते हैं। वहीं यज्ञ धूम्र से वायुमंडल के हानिकारक कीटाणुओं के नष्ट होने से