सेवाधाम आश्रम की दिव्यांग बालिकाओं ने भी सुना सत्संग
विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का चौथा दिन
इन्दौर, 13 अप्रैल (सायं)। विश्व जागृति मिशन के इन्दौर मण्डल द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के चौथे दिवस सांध्यकालीन सत्र में मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने रामनवमी के परिप्रेक्ष्य में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की विस्तार से चर्चा की। रामलीला ग्राउण्ड यानी दशहरा मैदान में प्रवचन करते हुए उन्होंने कहा कि राम एक युगान्तकारी प्रभाव का नाम है, जो कभी भी कम नहीं हो सकता। श्रीराम का प्रभाव किसी भी युग में कम नहीं हो सकता। उन्होंने प्रभु श्रीराम के मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप पर विशद चर्चा की।
भारतीय संस्कृति को श्रीराम की अद्भुत संस्कृति बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने भारतवर्ष के मानवीय जीवन के हर पक्ष को आध्यात्मिक संस्कृति बताया। त्यागवादी संस्कृति को देव संस्कृति की संज्ञा देते हुए उन्होंने इसकी विलोमार्थी संस्कृति यानी भोगवादी संस्कृति से बचने को कहा। श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि श्रीराम से आत्मदर्शन की प्रेरणा मिलती है और रावण से प्रदर्शन की।
श्रीराम को समय की सीमाओं से परे बताते हुए मिशन प्रमुख ने कहा कि राम कभी के हैं, तभी के हैं और सभी के हैं। उन्हें किसी युग, किसी काल में आबद्ध नहीं किया जा सकता। कहा कि श्रीराम से परमार्थ की प्रेरणा मिलती है तथा रावण से स्वार्थ की। उन्होंने धीर, वीर, गम्भीर, प्रसन्न-वदन, शान्त, मर्यादित श्रीराम से उनके गुणों को लेकर उन्हें अपने अन्तरमन में उतारने को कहा। श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम रामत्व व रावणत्व में से किसी एक का चयन कर लें, नीति और अनीति के दो मार्गों में से सही मार्ग का चयन कर लें। उन्होंने श्रीराम को मर्यादा का मुकुटमणि कहा और वनगमन के समय अनुज, धर्मपत्नी, माता कौशल्या, पिता राजा दशरथ सभी के अविचलित होने पर उनको भी मर्यादा सिखलाने की त्रेतायुग की इतिहास घटनाएँ सुनायीं।
श्री सुधांशु जी महाराज ने राम की संस्कृति को, अपनी आर्य संस्कृति को, अपनी भारतीय संस्कृति को, निज देव संस्कृति को अपनाने का आहवान देशवासियों से किया। उन्होंने कहा कि अपने जीवन, परिवार, समाज, राष्ट्र को समृद्ध एवं आत्मनिर्भर बनाएँ। विकास की इस प्रक्रिया में उन्होंने श्रीराम की मर्यादाओं के धरातल को कभी नहीं छोड़ने की सलाह दी। इस मौके पर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कवि श्री अशोक भाटी ने अनाथ (देवदूत) बच्चों पर आधारित बड़ी सुन्दर रचना पढ़ी।
विश्व जागृति मिशन के इन्दौर मण्डल के वरिष्ठ अधिकारी एवं सत्संग महोत्सव के मुख्य संयोजक श्री कृष्ण मुरारी शर्मा ने बताया कि सत्संग समारोह का समापन कल रविवार सायंकाल होगा। गुरूमंत्र दीक्षा का कार्यक्रम मध्यान्हकाल सम्पन्न होगा।