अभिमान व्यक्ति को सदा गिराता है और स्वाभिमान सदा उठाता है

आज सायंकाल नयी दिल्ली के पीतमपुरा में हुआ भागवत कथा का श्रीगणेश

Shrimad Bhagwad Satsang Pitampura 13-12-18-Sudhanshuji Maharaj12 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली के पीतमपुरा अंचल मण्डल में हुआ श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह का श्रीगणेश। पीतमपुरा के पीयू-एलयू ब्लॉक के रामलीला ग्राउंड में शुरू हुयी भागवत कथा। विश्व जागृति मिशन के कल्पनापुरुष, संस्थापक, संरक्षक परम पूज्य सदगुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने दिया उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासुओं को सफल व सार्थक जीवन का सशक्त मार्गदर्शन।

कहा- परमात्मा का दिया यह जीवन बड़ा मूल्यवान है। इस जीवन की क़ीमत को अनेक लोग निखारते हैं और कई लोग अपने जीवन मूल्य को कम भी करते हैं। समझदार व्यक्ति मन पर आ गए मैल को समय-समय पर धोते रहते हैं। मन पर आ गयी मलीनता को साफ़ करने का एक सहज मार्ग है सत्संग। श्रीमद भागवत कथा इस काम में बड़ी भूमिका निभाती है। उन्होंने गीतानायक भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न नामों की महत्ता भी ज्ञान-साधकों को बतायी और उनकी उपासना के तरीक़े समझाए। श्रद्धेय महाराजश्री ने भागवत सत्संग सभागार में मौजूद स्त्री-पुरुषों से कहा कि अगले पाँच दिनों तक इसी भावभूमि में यहाँ उपस्थित रहकर सत्संग का, श्रीमद् भागवत कथा का लाभ उठाएँ।

श्रीमद् भागवत का पावन सन्देश देते हुये श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीकृष्ण के अवतरण के पहले की स्थितियाँ आज के समय जैसी थीं। धन कुछ धनाधीशों के पास सिमट कर रह गया था। धनुर-विद्या के महान गुरु द्रोणाचार्य को अपने नन्हें बालक अश्वत्थामा को दूध पिलाने के लिए अपने मित्र राजा द्रुपद से उन दिनों एक गाय माँगनी पड़ी थी, जब लोगों की हैसियत गोधन-गोवंश से आँकी जाती थी और देश में प्रचुर मात्रा में गाएँ उपलब्ध थीं। अभिमानी राजा द्रुपद से बुरी तरह अपमानित होने के बाद निस्पृह व स्वाभिमानी ब्राह्मण द्रोण को अपने मित्र को पराजित करना पड़ा था। हालाँकि बाद में द्रोणाचार्य ने द्रुपद को आधा राज्य वापस कर दिया था, क्योंकि बचपन में राजकुमार द्रुपद ने अपने ब्राह्मण मित्र द्रोण को राजा बनने पर आधा राज्य देने की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि अभिमानी व्यक्ति का सदैव पतन होता है तथा स्वाभिमानी व्यक्ति सदैव ऊँचे उठते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान काल में भी धन कुछ ही लोगों के पास सीमित होकर रह गया है और जनता का बहुत बड़ा प्रतिशत धन के एक छोटे से अंश में जीवनयापन करने को मजबूर है।

पीतमपुरा के मिशन प्रधान श्री यशपाल सचदेव ने बताया कि भागवत सत्संग का यह कार्यक्रम १६ दिसम्बर की सायंकाल तक चलेगा। भागवत कथा का समय प्रतिदिन सायंकाल 4.30 से 6.30 बजे तक होगा। शनिवार व रविवार को पूर्वाहनकाल भी एक सत्र होगा, जिसमें प्रातः 8 बजे से ध्यान योग साधना सिखायी जाएगी। उन्होंने बताया कि समापन दिवस अर्थात् 16 दिसम्बर को मध्यांह 12 बजे सामूहिक मन्त्रदीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

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