प्रार्थना ऐसी हो जो ह्रदय से निकलकर सीधे ईश्वर तक पहुँचे

 Prayer reaches God to the heartविश्व के हर पंथ-मजहब में है प्रार्थना का समान महत्व सन्त रविदास की भाँति कर्म को पूजा बनाएँ

विश्व जागृति मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

”शरण में आ पड़ा तेरी, प्रभु मुझको भुलाना ना”

पुणे में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव शुरू

पुणे, 20 फरवरी। प्रार्थना की शक्ति असीम है। प्रार्थना का अपना ज्ञान-विज्ञान बड़ा विलक्षण है। हमारी प्रार्थना ऐसी हो जो हृदय से निकले और सीधे ईश्वर तक पहुँचे। निर्मल मन वाले सच्चे साधक की प्रार्थना प्रभु अवश्य स्वीकार करते हैं और उसे संरक्षण प्रदान करते हैं। इसलिए प्रार्थना को अपनी दिनचर्या का अभिन्न अंग बनाएँ।

यह बात आज महाराष्ट्र के प्रमुख नगर पुणे के गंगाराम-कोठवा मार्ग पर स्थित वर्धमान सांस्कृतिक केन्द्र प्रांगण में प्रख्यात चिन्तक, विचारक, अध्यात्मवेत्ता आचार्य सुधांशु जी महाराज ने कही। वह विश्व जागृति मिशन के पुणे मण्डल के द्वारा मुख्यालय आनन्दधाम के तत्त्वावधान में आयोजित पाँच दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के उदघाटन सत्र में वहाँ हजारों की संख्या में उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया की 760 करोड़ आबादी में करीब 300 मत-पंथ सम्प्रदाय हैं। सभी ने प्रार्थना के महत्व को समझा है और उसे अंगीकार किया है। उन्होंने प्रार्थना की सार्वभौमिकता की चर्चा की और देश की एक सार्वभौम प्रार्थना का जरूरत जताई।

श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज ने ऋषिवर शमीक के अपमान पर उनके पुत्र श्रृंगी ऋषि द्वारा दिये गए श्राप के बाद राजा परीक्षित द्वारा अपने पुत्र जनमेजय को राज्यभार सौंपकर एक सप्ताह की कथा विद्वान ऋषि शुकदेव से सुनने की इतिहास-घटना का जिक्र किया और कहा कि कथा वह है जो मनुष्य की व्यथा का हरण करे। उन्होंने शुकदेव-परीक्षित संवाद में उठे प्रश्नों व उत्तरों को जनहितकारी कथा की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि ये कथाएँ मानवमात्र के लिए कल्याणकारी है।

उन्होंने सन्त रविदास की तरह कर्म का संपादन उच्चस्तरीय ढंग से करते हुए ईश्वर प्रार्थना करने की प्रेरणा उपस्थित जनसमुदाय से कहा। उन्होंने पूजा-प्रार्थना को धंधा न बनाकर कर्म-धंधे को ही पूजा बना लेने को सर्वोच्च प्रार्थना बताया।

इसके पूर्व श्री सुधांशु जी महाराज ने दीपप्रज्ज्वलन करके पाँच दिनी भक्ति सत्संग समारोह का उदघाटन किया। इस मौके पर मिशन के महामंत्री श्री देवराज कटारिया, पुणे मण्डल के प्रधान श्री घनश्याम झंवर, उल्हासनगर (मुम्बई) के प्रधान श्री सुरेश माणिक, पुणे मण्डल के महामंत्री श्री विष्णु भगवान अग्रवाल, संगठन सचिव श्री रवीन्द्र नाथ द्विवेदी सहित कई गण्यमान व्यक्ति मौजूद रहे।

संगीतमय सत्संग महोत्सव का मंचीय समन्वयन एवं संचालन नई दिल्ली से आये विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

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