गुरुजनों की वाणी से मन-मस्तिष्क बनाने व अंतःकरण बदलने की धारा प्रवाहित होती रहे – सुधांशु जी महाराज
ध्यान का मार्ग सदा ही कल्याणकारी होता है – डॉ. अर्चिका दीदी
गाजियाबाद, 2 दिसंबर (पूर्वाहन)। ध्यान का मार्ग हमेशा कल्याणकारी होता है। ध्यान के रास्ते पर चलकर आत्म-कल्याण किया जा सकता है। खुद का कल्याण करने के लिए दूसरों पर निर्भरता से बचना पड़ता है, आत्मनिर्भर होना पड़ता है। निर्भरता का मार्ग सदा कष्टकारी होता है। ध्यान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है।
यह बात आज राष्ट्र के हृदय-प्रान्त उत्तर प्रदेश के प्रवेश-द्वार गाजियाबाद के रामलीला मैदान में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के अंतिम दिन के पूर्वाहनकालीन सत्र में ध्यानगुरु डॉक्टर अर्चिका दीदी ने कही। उन्होंने कहा कि अपने भीतर की रसधारा से जुड़ने वाला व्यक्ति ‘योगी’ बन जाता है और परमात्मा से जुड़ जाता है। कारण, परमात्मा अपने अंश ‘आत्मा’ के रूप में आपके अंदर बैठा हुआ है। योगयुक्त जीवन जीने से आत्मा परमात्मा से जुड़ जाती है। इसलिए कहा गया है कि आत्मा और परमात्मा का मिलन ही ‘योग’ है। उन्होंने ध्यान-योग की विधियों का प्रशिक्षण भी उपस्थित स्वास्थ्य-जिज्ञासुओं को दिया।
इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि भारतवर्ष को वहम में बेतहाशा वृद्धि और खुद एवं ईश्वर पर विश्वास के अभाव ने जितना नुकसान पहुंचाया है, उतना और किसी ने नहीं पहुंचाया। कहा- भगवान पर अटूट विश्वास करने वाले व्यक्ति का राहु और केतु कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते। ज्योतिष विज्ञान पर पूरा विश्वास रखते हुए उसकी वैज्ञानिकता से जीवन को कर्मशील व सक्रिय बनाते हुए शांति व समृद्धि की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कर्मयोग की अमिट एवं शाश्वत शिक्षा मानव समाज को देने वाले प्रभु श्रीकृष्ण की कर्मशीलता का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कर्मयोग की शक्ति से खण्ड-खण्ड हो रहे भारत को महाभारत बना दिया था। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश को गीतानायक के उस कर्मयोग के सिद्धांत की बड़ी आवश्यकता है।
विश्व जागृति मिशन मुख्यालय आनन्दधाम नयी दिल्ली से आए धर्मादा अधिकारी श्री गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि अनाथ बच्चों की उच्चस्तरीय शिक्षा, संस्कृत शिक्षा हेतु गुरुकुल एवं धर्म उपदेशक तैयार करने के लिए उपदेशक महाविद्यालय, श्रवण कुमार परंपरा के विकास हेतु श्रद्धा-पर्व एवं वृद्धजन सेवा हेतु वृद्ध आश्रम, निर्धन अशक्तों की चिकित्सा के लिए करुणासिंधु अस्पताल, युगऋषि आरोग्य धाम व द ह्वाईट लोटस अस्पताल, गौ सेवा हेतु कामधेनु गौशाला, अन्नक्षेत्र, 25 विशाल मंदिर, यज्ञ सत्संग व ध्यान तथा आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आपदा राहत कार्यक्रम इन 09 सेवाओं के लिए धर्मादा सेवा चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की इस प्राचीन पद्धति का अनुसरण कर मिशन परिवार द्वारा समाज के सहयोग से ये कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।
विजामि के गाजियाबाद मण्डल के प्रधान श्री सुरेंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि सत्संग समारोह का समापन आज सायंकाल होगा। कहा कि इसके पूर्व सामूहिक मंत्र दीक्षा सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज द्वारा दी जाएगी। इसके लिए पंजीयन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
Hariom DiDi ji
Very nice