महामृत्युंजय मंत्र और गायत्री महामन्त्र में है अद्भुत शक्ति
विश्व जागृति मिशन परिजन के आत्मिक उत्थान के साथ-साथ अनाथ बाल शिक्षा, गौसेवा एवं पर्यावरण संवर्धन के कामों में तेजी लाएँ
मुरादाबाद, 19 नवम्बर (सायं)। यहाँ दीनदयाल नगर स्थित नेहरू युवा केन्द्र के विशाल प्रांगण में विश्व जागृति मिशन के तत्वावधान में विगत 15 नवम्बर से चल रहे पाँच दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज सायंकाल विधिवत समापन हो गया। विदाई सत्र सम्पन्न होने के बाद मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनंदन किया गया। समारोह का समापन ईश आरती के साथ हुआ। इस मौके पर हजारों की संख्या में ज्ञान जिज्ञासु मौजूद रहे।
आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने मन्त्र शक्ति पर विस्तार से चर्चा की और महामृत्युंजय मंत्र व गायत्री महामंत्र की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला। कहा कि ऋषियों के द्वारा गहन अनुसन्धान के बाद मिले मन्त्रों में बड़ी शक्ति होती है। महामृत्युंजय मंत्र में मानव को गम्भीर बीमारियों से निजात दिलाने तथा रोगों को नष्ट करने की अद्भुत क्षमता विद्यमान है। विशुद्ध अन्तःकरण एवं भावभरे हृदय से इस मंत्र का किया गया जप बड़ा ही फलदायी होता है। इस अवसर पर कई हजार कण्ठों ने एक साथ महामृत्युंजय मंत्र का गायन किया तो युवा केन्द्र परिसर का वातावरण बड़ा ही दिव्य हो उठा।
उत्तर प्रदेश सरकार की माध्यमिक शिक्षा राज्यमन्त्री श्रीमती गुलाबो देवी सत्संग महोत्सव के समापन सत्र में पधारीं। उन्होंने श्रद्धेय महाराजश्री का राज्य सरकार की ओर से अभिनंदन किया। उन्होंने विश्व जागृति मिशन के क्रियाकलापों को सराहा और कहा कि विद्वान एवं तपस्वी सन्त ईश्वरीय प्रतिनिधि होते हैं तथा वे सर्वमान्य होते हैं, सबसे ऊपर होते हैं। उन्होंने कहा कि आज मानव ने प्रकृति के अनेक क्षेत्रों में विजय प्राप्त कर ली है, लेकिन दिमागी शान्ति कहीं खो गई है। शान्ति केवल सन्त वचनों का अनुसरण करके और भीतरी अमीरी का अनुभव करके ही प्राप्त हो सकती है। शिक्षा मंत्री ने इस मायाबी संसार में पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निर्वहन करते हुए आत्मउत्थान करने को सबसे बड़ा धर्म बताया।
श्री सुधांशु जी महाराज ने कुछ इतिहास प्रसिद्ध तपस्वी सन्तों का विशेष उल्लेख किया और उनकी सफल गायत्री साधनाओं की चर्चा की। बताया कि गायत्री महामंत्र का जप करने वाले के सम्मुख तामसिक कोई शक्ति ठहर नहीं सकती। उन्होंने कहा कि गायत्री उपासक भीतर से बड़ा आत्मबली बन जाता है।
आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने अपेक्षा की कि विश्व जागृति मिशन के परिजन आत्मिक उत्थान के साथ-साथ अनाथ बाल शिक्षा, गौसेवा एवं पर्यावरण संवर्धन के कामों में तेज़ी लाएँ। उन्होंने राष्ट्र भक्ति को देवभक्ति से बड़ी भक्ति की संज्ञा दी। मुरादाबाद भक्ति सत्संग समारोह का समापन दिव्य ईश आरती के साथ हुआ। इसके पूर्व मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनन्दन किया गया। समस्त कार्यक्रमों का मंचीय समन्वयन व संचालन नयी दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।