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आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु

जज, लोकसेवी, शिक्षाविद सत्संग में पहुँचे

Virat Bhakti Satsang Ludhiana-30-Mar-19 | Sudhanshu Ji Maharajअमृत ज्ञान वर्षा का दूसरा दिन

लुधियाना, 29 मार्च (सायं)। यहाँ गर्ल्स पीजी कॉलेज के विशालकाय प्रांगण में गुरुवार से चल रहे चार दिनी अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के दूसरे दिवस की सन्ध्या में बड़ी संख्या में मौजूद ज्ञान-जिज्ञासुओं के बीच प्रवचन करते हुए राष्ट्र के वरिष्ठ अध्यात्मपुरूष आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि आलस्य एक ऐसी मानसिक बुराई है जो व्यक्ति को न केवल आगे बढ़ने से रोकती है बल्कि उसे निरन्तर पीछे की ओर ढकेलती है। आलस को मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु बताते हुए उन्होंने इसे जल्द से जल्द दूर भगाने का आह्वान किया। कहा कि आलस्य एवं प्रमाद से दूर रहने वाले व्यक्ति साधारण सी अवस्था में रहते हुए भी असाधारण बन जाते हैं। उन्होंने अनुचित क्रोध, उतावलापन जैसी बीमारियों से बचने को कहा।

सत्संग स्थल पर दूर-दूर से आये ज्ञान-जिज्ञासुओं से तप-तितिक्षा की ताकत की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तप से भीतर के विकार नष्ट होते हैं और सुसंस्कारों का जागरण होता है। उन्होंने स्व-नियंत्रण, संबंधों में निर्वहन, विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के साथ तालमेल और श्रद्धा आदि गुणों को जीवन की महत्वपूर्ण शक्तियों की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि इन सद्गुणों का विकास अपने जीवन में करने का निरंतर अभ्यास करें।

इसके पूर्व हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एसएन अग्रवाल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पंजाब राज्य कार्यकारिणी के वरिष्ठ पदाधिकारी श्री यश गिरि एवं उद्योगपति श्री राजीव बेरी आदि ने सत्संग स्थल पहुँचकर मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया।

नई दिल्ली स्थित मिशन मुख्यालय आनन्दधाम के संगीत विभाग के सदस्य आचार्य अनिल झा, श्री कश्मीरी लाल चुग एवं महेश सैनी द्वारा प्रस्तुत गुरु वन्दना, ईश वन्दना एवं राष्ट्र वन्दना के गीतों ने जनमानस को भीतर तक भिगोया। श्री राहुल आनन्द, सीएल तंवर एवं रविशंकर ने वाद्य यंत्रों पर उनका साथ दिया।

विश्व जागृति मिशन के लुधियाना मण्डल प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता ने बताया कि अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में पंजाब के अलावा पड़ोसी अन्य प्रान्तों के लोग बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन व संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

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