श्री सुधांशु जी महाराज ने सिखाईं ध्यान-योग की विधियाँ
लुधियाना, 30 मार्च (प्रातः)। यहाँ पीजी कॉलेज ऑफ गर्ल्स परिसर में चल रहे अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में तीसरे दिवस के प्रातःकालीन सत्र में विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने ध्यान जिज्ञासुओं को ध्यान-योग का सैद्धान्तिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने उन्हें ध्यान की विधियाँ सिखाईं तथा दैनन्दिन जीवन में उपयोगी योग के सरल व सहज आसन सभी को सिखाये।
इस मौके पर श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन में सही निर्णय लेने की कला सीखें। इसके लिए गम्भीर आत्मचिन्तन की तो जरूरत होती ही है, अच्छे व समझदार सलाहकार की भी आवश्यकता होती है। भारतीय ऋषियों के योग विज्ञान को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि निर्णायक क्षमता में बढ़ोतरी में योग विज्ञान बड़ा सहायक होता है।
मिशन प्रमुख ने जीवनचर्या पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी और कहा कि शान्ति में सोने वाले और आनन्द में जागने वाले व्यक्ति बड़े सौभाग्यशाली होते हैं। उन्होंने प्रातःकाल की आत्मबोध साधना तथा शयन पूर्व की तत्वबोध साधना की विधि सभी को सिखलाई। उचित ढंग से भोजन, रहन-सहन के तरीक़े और विचार व्यवहार की विधियों का शिक्षण देते हुए उन्होंने आयुर्वेद की भारतीय विद्या की ओर लौटने को कहा। श्रद्धेय महाराजश्री ने युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम की जानकारी भी दी और कहा कि इसका सहारा लेकर घरों में बीमारियों के प्रवेश को रोका जा सकता है। ध्यान-योग की कक्षा में बिखरे आनन्द का दृश्य बड़ा निराला था। भारी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने अच्छी सेहत के लिए इन जीवन सूत्रों का पालन अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया।
नई दिल्ली से आये विश्व जागृति मिशन प्रतिनिधि श्री प्रयाग शास्त्री ने जानकारी दी कि घरों में बीमारियों का प्रवेश रोकने के उद्देश्य से चलायी गयी युगऋषि आयुर्वेद योजना के 175 उत्पाद देशवासियों को प्रभावी लाभ प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जय तुलसी, नवरस संजीवनी, मधुसूदनी रस, अमृत केसरी, आयुष वीटा, गाय का घी, शुभ्रदन्ति, लिव स्ट्रोंग, युरिटोन, सखी अमृत, पीड़ाशांतक तथा चन्दन सुधा साबुन नामक उत्पादों की सर्वाधिक माँग समाज से प्राप्त हो रही है। बताया कि इन आयुर्वेदिक उत्पादों के उपभोक्ताओं की विविध बीमारियाँ दूर हो रही हैं। कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन व संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।