![Kartik Purnima Dev dipawali Kartik Purnima Dev dipawali](https://www.vishwajagritimission.org/wp-content/uploads/2024/11/5-2.jpg)
कार्तिक पूर्णिमा पर देवलोक में देवता मनाते हैं दिवाली
15 नवम्बर, 2024 शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा को ही देव दीवाली व त्रिपुरा पूर्णिमा कहते हैं। इसी पूर्णिमा पर महान समन्वयवादी संत गुरुनानक देव जी का जन्मोत्सव भी है। इस दिन गंगा स्नान और दीपदान का बहुत बड़ा महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा पर यदि कृत्तिका नक्षत्र हो तो महाकार्तिकी योग बनता है। दैवयोग से इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा कृत्तिका नक्षत्र पर पड़ रही है। इस दिन दिये गये दान-पुण्य का अनंत पुण्यफल मिलता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुर नामक दैत्य का संहार किया था। कहा जाता है कि त्रिपुर दैत्य द्वारा प्रयागराज में एक लाख वर्ष तक तपस्या करने से उसे दिव्य शक्तियां प्राप्त हो गईं और वह अत्याचार करने लगा। उसके अत्याचार से देवगण सहित सभी चराचर जगत भयभीत हो गया। उसके तप को खण्डित करने के लिये देवताओं ने तरह-तरह के प्रयास किये लेकिन वह और अधिक शक्तिशाली होता गया और एक दिन उसने कैलाश पर्वत पर चढ़ाई कर भगवान शिव पर आक्रमण कर दिया। भगवान शिव ने ब्रह्मा और विष्णु की मदद से उसका संहार कर दिया तब से इस पूर्णिमा का विशेष महत्व बढ़ गया और इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाने लगा । त्रिपुरासुर का संहार होने से देवलोक में विशेष खुश होकर देवताओं ने शिव जी के स्वागत में दिये जलाये और इसे देव दिपावली कहा गया।
भक्तों को पूर्णिमा की पूजा-पाठ, यज्ञ-अनुष्ठान का घर बैठे पुण्य फल प्राप्त हो इस निमित्त परमपूज्य सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज के आशीर्वाद से ‘युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र’ द्वारा 15 नवम्बर, 2024 शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर आनंदधाम आश्रम दिल्ली में पूर्णिमा की पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धालु भक्त ऑनलाइन यजमान बनकर पुण्य लाभ प्राप्त करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण