प्रातः कालीन सत्र ध्यान-योग को समर्पित रहा
हैदराबाद का विजामि भक्ति सत्संग महोत्सव
हैदराबाद, 06 जनवरी (पूर्वाह्न)। ध्यान व्यक्ति के बाह्य स्वरूप को हल्का बनाता है और आन्तरिक स्वरूप को गम्भीर एवं वज़नदार बना देता है। ध्यान व्यक्ति के बोझिल स्वरूप को दूर कर देता है, उसे आनन्द से भर देता है। फलस्वरूप व्यक्ति सदैव खिला-खिला रहता है। वह खुद आनन्दित रहता है और सबको आनन्द बाँटता है। ऐसा व्यक्ति सफल व्यक्ति कहलाता है। वस्तुतः आनन्द ही जीवन की सफलता है।
यह उदगार आज प्रातःकाल यहाँ पब्लिक गार्डन स्थित ललित कला टोरणम् के प्रांगण में आध्यात्मिक गुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने वहाँ उपस्थित ध्यान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने दक्षिण भारत के विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में आये अध्यात्म-जिज्ञासुओं को ध्यान-योग की क्रियाएँ सिखाईं।
अमेरिका से आयीं Path to Anandam की अध्यक्ष डॉ. सत्या कालरा ने सत्संग स्थल पहुँचकर सन्त श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया। हैदराबाद मूल की अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञ श्रीमती कालरा ने श्रद्धेय महाराजश्री से अमेरिका के विभिन्न प्रान्तों में आनंदम संस्था द्वारा चलाए जा रहे योग व स्वास्थ्य शिविरों में विश्व जागृति मिशन की सहभागिता कराने का आग्रह किया, साथ ही उन्हें अमेरिका आने का आमंत्रण भी दिया। ज्ञातव्य है कि वह उत्तराखण्ड सहित भारत के अन्तरराष्ट्रीय योग शिविरों में स्वास्थ्य प्रशिक्षक के रूप में सेवाएँ देने के लिए प्रतिवर्ष अमेरिका से भारत आती रही हैं।
आज बड़ी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने सन्तश्री सुधांशु जी महाराज से गुरुदीक्षा ग्रहण की। मुख्य संयोजक श्री प्रेम सिंह राठौर ने बताया कि सत्संग समारोह का समापन आज सायंकाल ६.३० होगा।