विजामि प्रमुख ने शरीरबल, आत्मबल, विद्याबल, बुद्धिबल से सम्पन्न होने के दिये सूत्र
ध्यान कक्षा से प्रमुदित हुए तन, मन और जीवन
जयपुर, 17 फरवरी (प्रातः)। मानव जीवन साधारण नहीं, बल्कि यह असाधारण है, यह जीवन बेहद मूल्यवान है, वेशकीमती है। इसके लिए हमें शरीरबल, विद्याबल, बुद्धिबल, आत्मबल, सभी को बढ़ाना होगा। माता दुर्गा की 08 भुजाएँ ऐसी ही 08 शक्तियों का प्रतिनिधित्व देती है और उन शक्तियों को अर्जित करने की प्रेरणा मानव मात्र को देती है। इसके आध्यात्मिक सूत्र, इसके व्यावहारिक फार्मूले मानव काया में आने के बाद जीवन में उतारने का अभ्यास करना पड़ता है। मानव तनधारी हर व्यक्ति को ये अभ्यास करना ही चाहिए।
यह बातें आज गुलाब नगरी के आदर्श नगर स्थित सूरज मैदान में विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात चिन्तक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता श्री सुधांशु जी महाराज ने कहीं। वह विश्व जागृति मिशन के जयपुर मण्डल द्वारा आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव में राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से जयपुर पहुँचे ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने ध्यान-योग की विभिन्न क्रियाएँ सभी को सिखाईं और अच्छे स्वास्थ्य के टिप्स उन्हें दिए।
विश्व जागृति मिशन जयपुर मण्डल के महामंत्री श्री आर सी सेन ने बताया कि आज मध्यान्हकाल भारी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। आयकर विभाग में सहायक आयुक्त रहे श्री सेन ने बताया कि गुरु दीक्षा में विभिन्न स्थानों से आये मिशन साधक भी सम्मिलित हुए। उन्होंने बताया कि सत्संग समारोह का समापन आज सायंकाल होगा।