पुरुषोत्तम मास की पूजा से भक्तों के जीवन में नारायण की विशेष कृपा और लक्ष्मी का स्थिर वास
श्रीमद्भागवत पुराण हमारे अठारह पुराणों में से एक सर्वश्रेष्ठ पुराण है। यह ज्ञान, भक्ति और वैराग्य का महान ग्रन्थ है। यह पावन पुराण हजारों वर्षों से हमारे समाज की धार्मिक, सामाजिक और लौकिक मर्यादाओं की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पुराण में वेद, उपनिषद् तथा दर्शन शास्त्र के गूढ़ एवं रहस्यमय तवषयों को अत्यन्त सरलता के साथ बताया गया है।
भागवत पुराण में पुरुषों में उत्तम अवतार अर्थात् पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की लीला-कथा का वर्णन है। भागवत भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात् वाणी स्वरूप ग्रंथ है। भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं कहा है कि जहां भगावन की पावन भागवत कथा होती है और जहां भागवत पुराण स्थापित होता है मैं स्वयं वास करता हूँ। भागवत कथा के साथ मैं इस तरह से रहता हूँ, अपने नवजात बच्चे को चाहने वाली गाय अपने बछड़े से पल भर के लिए भी दूर नहीं रहना चाहती। इसलिए कहना चाहिए जहाँ-जहाँ भागवत कथा वहाँ-वहाँ भगवान श्रीकृष्ण।
भागवत कथा पुत्र चाहने वाले को पुत्र, धन-समृद्धि चाहने वाले को धन-समृद्धि, स्वास्थ्य सुख की कामना करने वाले को उत्तम स्वास्थ्य, भक्ति-मुक्ति की कामना करने वाले को ईश्वर के चरणों में अनुराग और मोक्ष प्रदाता है। सबसे बड़ी बात कि भागवत श्रवण अशांत मन को शांति प्रदान करती है।
जैसे भगवान श्रीकृष्ण का वाणी का स्वरूप है ‘भागवत पुराण’ उसी तरह से ‘पुरुषोत्तम मास’ भगवान का दूसरा रूप है। पुरुषोत्तम मास की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान श्रीकृष्ण ने इसे अपना रूप और नाम दिया और उन्होंने कहा इस अधिक मास का स्वामी मैं स्वयं हूँ। पुरुषोत्तम मास अब मेरी ही तरह जगत् में पूजनीय होगा और इस मास में पूजा-पाठ-यज्ञ-अनुष्ठान, कथा श्रवण से भक्तों के दुःख-दारिद्र्य का नाश होगा। इस मास में किए जाने वाले हर पुण्य कार्य अनंत गुना फल देने वाले होंगे।
इस अधिक मास के व्रत, पूजन, दान से एक ओर जहां भगवान नारायण प्रसन्न होते हैं वहीं नारायण की प्रिय लक्ष्मी अपने प्रिय प्रभु के पूजन से प्रसन्न होकर भक्त के जीवन में स्थायी रूप से वास करती हैं। इस पावन महीने में भगवान लक्ष्मी नारायण, श्री राधाकृष्ण के मंदिरों में उनके श्रीविग्रह का दर्शन-पूजन अतयंत फलदायी है। लेकिन कोरोना के इस विषम काल में मंदिरों में जाकर भगवान जी का दर्शन पूजन कर पाना हर किसी भक्त के लिए सम्भव नहीं हो पायेगा।
कोरोना की विषम परिस्थिति का ध्यान रखते हुए परम दयालु गुरुदेव पूज्य श्री सुधांशु जी
महाराज ने भक्तों के लिए घर बैठे पुरुषोत्तम मास की पूजा-पाठ, देव-दर्शन, यज्ञ-अनुष्ठान करवाने एवं पवित्र भागवत कथा आदि सुनने की ऑनलाइन व्यवस्था करवाई है। आप अपने घर से ही गुरुतीर्थ आनन्दधाम में विराजमान देवी-देवताओं के दर्शन और पूजन का पुण्य लाभ ले सकते हैं।
आप ऑनलाइन यजमान बनकर विष्णु सहड्डनाम पाठ, पुरुषोत्तम यज्ञ, रामचरित मानस पाठ, सुंदरकाण्ड पाठ, श्रीसूक्त पाठ, गजेन्द्र मोक्ष पाठ, रामरक्षा स्तोत्र पाठ, नारायण अथर्वशीर्ष पाठ, नारायण कवच, पुरुषोत्तम मास कथा, भागवत कथा, पुरुषसूक्त पाठ, मंत्र जप, यज्ञ आदि करवा सकते हैं।
पावन पुरुषोत्तम (अधिक मास) मास में पूजा-पाठ, जप, यज्ञ-अनुष्ठान करवाकर भगवान नारायण और मां महालक्ष्मी की अनंत-अनंत कृपा व पुण्य फल प्राप्ति के लिए विश्व जागृति मिशन के युगट्टषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र में सम्पर्क करें।
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