नैया पड़ी मझधार गुरु बिन कैसे लागे पार, हरि बिन कैसे लागे पार

वे लोग सौभाग्यशाली हैं जिन्हें आन्तरिक जीवन निर्माण का समुचित मार्गदर्शन एवं वातावरण मिला
ज्ञान के समान पवित्र अन्य कोई भी वस्तु इस संसार में नहीं है। यह ज्ञान जानकारी से नहीं बल्कि अनुभूतियों से आता है
गायत्री परिवार मुरादाबाद ने किया श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनन्दन
”नैया पड़ी मझधार गुरु बिन कैसे लागे पार, हरि बिन कैसे लागे पार”

ज्ञान के समान पवित्र अन्य कोई भी वस्तु इस संसार में नहीं हैमुरादाबाद, 19 नवम्बर (प्रातः)। विश्व जागृति मिशन मुरादाबाद मण्डल के तत्वावधान में यहाँ दीनदयाल नगर स्थित युवा केन्द्र प्रांगण में चार दिनों से चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के आज के पूर्वाह्नकालीन सत्र में मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि वे व्यक्ति अत्यन्त सौभाग्यशाली होते हैं जिनको आंतरिक जीवन का निर्माण करने के लिए ज्ञानवान पुरुषों का समुचित मार्गदर्शन और सम्यक् वातावरण मिल पाता है, जिन्हें समर्थ मार्गदर्शक का सानिध्य व सामीप्य प्राप्त होता है। सक्षम मार्गदर्शक और सुयोग्य गाईड मनुष्य में छिपी अदृश्य शक्तियों को उभारकर उन्हें जागृत कर देता है।

मिशन प्रमुख ने कहा कि माचिस की तीली में छिपी आग की तरह प्रत्येक मानव में अनेक शक्तियाँ छिपी होती हैं, लेकिन जिस तरह तीली को माचिस के ज्वलनशील स्थान से रगड़ने पर ही उसकी लौ प्रकाशित होती है, उसी प्रकार अनेक शक्तियों से ओतप्रोत मानव काया तब तक सक्षम व समर्थ नहीं बन पाती, जब तक कि किसी सामर्थ्यशाली मार्गदर्शक का, परम समर्थ सदगुरु का संरक्षण एवं मार्गदर्शन उसे प्राप्त नहीं होता। उन्होंने सभी से आध्यात्मिक सन्देशों की गहराई में उतरने का स्नेहभरा आहवान किया।

श्री सुधांशु जी महाराज ने हजारों की संख्या में वहाँ मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं से कहा कि ज्ञान के समान अन्य कोई भी वस्तु इस संसार में नहीं है। एक सुनिश्चित तथ्य और यथार्थ सच यह है कि ज्ञान अनुभव से आता है, जीवन की व्यावहारिक अनुभूतियों के बीच से ही ज्ञान उपजता है और तभी व्यक्ति को सच्चा ज्ञान प्राप्त होता है। तब तक वह ज्ञान नहीं कहलाता, उसे केवल जानकारी की ही संज्ञा दी जा सकती है।

आज गायत्री परिवार मुरादाबाद के एक कार्यकर्ता दल ने सत्संग मंच पर पहुँचकर लाइनपार स्थित श्रीगायत्री शक्तिपीठ तथा अपनी अन्तरराष्ट्रीय आध्यात्मिक संस्था की ओर से गायत्री मन्त्र जड़ित पीत अंगवस्त्र ओढ़ाकर श्रद्धेय महाराजश्री का अभिनन्दन किया। गायत्री साधक श्री दिनेश शर्मा एवं श्री रमेश वर्मा की अगुवाई में आये गायत्री परिजनों ने प्रचण्ड गायत्री साधक, महान लेखक, अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रणेता वेदमूर्ति पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित वाङ्मय “राष्ट्र समर्थ और सशक्त कैसे बनें” की प्रति ससम्मान भेंट की।

पूर्वाह्नक़ालीन बौद्धिक सत्र के उपरान्त मध्याह्नकाल में सत्संग सभा स्थल पर सामूहिक मन्त्रदीक्षा का दिव्य कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुरादाबाद के 85 स्त्री-पुरुषों ने आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। श्रद्धेय महाराजश्री ने नवदीक्षितों को उपासना, साधना एवं आराधना के तरीक़े बताए और जीवन को निरन्तर आध्यात्मिक ऊँचाइयों की ओर बढ़ाने के महत्वपूर्ण सूत्र इन्हें प्रदान किए। इस मौक़े पर भारी संख्या में पूर्व-दीक्षित साधक भी मौजूद रहे और अपने गुरुदेव से शुभाशीष प्राप्त किया।

मुरादाबाद ज्ञान यज्ञ समारोह का समापन आज सायंकाल पावन विदाई सत्र के साथ होगा।

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