“दक्षिण भारत के अमृतधाम में हुई अमृत वर्षा”
हैदराबाद, 5 जनवरी(पूर्वाह्न)। विश्व जागृति मिशन के मुखिया सदगुरु श्री सुधांशु जी महाराज आज तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के ग्रामीणांचल में स्थित अमृतधाम आश्रम पहुँचे। उन्होंने आश्रम में ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पधारे स्त्री-पुरुषों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन किया। उन्होंने विशाल साधक परिवार के नर-नारियों को सफल जीवन के अनेक सूत्र दिए। उन्होंने परिवर्तन के इन विशेष क्षणों में वैयक्तिक जीवन साधना पर विशेष ज़ोर देने का आह्वान सभी से किया।
श्री सुधांशु जी महाराज ने गीतानायक प्रभु श्रीकृष्ण के महाशंख ‘पान्चजन्य’’ को ‘पंच-प्यारे’ और ‘न्याय-शंख की संज्ञा दी और मौजूद जनसमुदाय से कहा कि वे साधनात्मक जीवन जीते हुए जहाँ निर्मल मन व स्वच्छ तन के धनी बनकर सीधे-सच्चे व्यक्ति बनें, वहीं अनीति व अन्याय के ख़िलाफ़ महाकाल के प्रतिनिधि बनकर तनकर खड़े हों। सदाशिव भगवान शंकर के विशालकाय मन्दिर के समीप स्थित सत्संग सभागार में मौजूद जनमानस से उन्होंने सच्चा शिवभक्त बनने की अपील की। उन्होंने कहा कि भगवान शंकर को वीरभद्र सर्वाधिक प्रिय होते हैं।
इसके पूर्व रमा जैमिनी और उनकी संगीत टीम ने तेलगू भाषा के गीत और विशेष धुन के साथ श्रद्धेय महाराजश्री का स्वागत किया। वयोवृद्ध कवि व तेलगू लेखिका श्रीमती पी.शारदा ने विशेष अर्चन-गीत के साथ मिशन प्रमुख का अभिनंदन किया। आनन्दधाम संगीत विभाग के सदस्यों ने भी भजन प्रस्तुत किए।
सन्तश्री सुधांशु जी महाराज के अमृतधाम पहुँचने पर विजामि के मण्डल प्रधान श्री प्रेम सिंह राठौर ने अमृतधाम परिवार की ओर से उनका माल्यार्पण कर स्वागत किया। मिशन प्रमुख ने आश्रम स्थापना से अब तक पिछले बीस वर्षों में निष्ठापूर्वक सेवा कर रहे विद्वान धर्माचार्य पण्डित सर्वज्ञ शर्मा और युवा आचार्य पं.शशि कुमार शर्मा को अंगवस्त्र भेंट कर उन्हें स्नेहाशीष प्रदान किया। इस मौक़े पर गौशाला प्रबन्धक श्री सूर्य नारायण ठाकुर तथा सक्रिय सहयोगी श्री दीना जी का अभिनंदन उनके सराहनीय कार्यों के लिए किया गया।
ज्ञातव्य है कि अमृतधाम में वृद्धाश्रम का संचालन भी किया जा रहा है। यहाँ शिव मन्दिर के अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, भक्तराज हनुमान एवं गोपाल श्रीकृष्ण की प्रतिमाएँ विद्यमान हैं। लगभग नौ एकड़ में बसा यह आश्रम पठारी पहाड़ियों एवं विशाल झील से घिरा हुआ है। अमृतधाम आश्रम हैदराबाद रेलवे स्टेशन से १५ किलोमीटर दूर मंचीरेवुला-नारसिंगी में ५०० फ़ुट चौड़े राजमार्ग पर स्थित है।