सान्ध्यकालीन सत्र में हुई सत्संग कक्षा
ठाणे (मुम्बई) के वरदान लोक आश्रम में बह रही अमृत ज्ञान गंगा
गायत्री मंत्र से शुरू हो रहा हर सत्र, महामृत्युंजय मंत्र की बताई महत्ता
गुरु पूर्णिमा पूर्व समारोह का दूसरा दिन
वरदान लोक आश्रम-मुम्बई, 29 जून। यहाँ कल शुक्रवार से चल रहे विश्व जागृति मिशन के तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा समारोह के दूसरे दिवस की संध्या का सत्र विशेष रूप से सत्संग कक्षा को समर्पित रहा। मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने इस सत्र में महामृत्युंजय मंत्र की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र के गायन से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।
मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने ठाणे, मुम्बई एवं उल्लासनगर जनपदों सहित महाराष्ट्र के विभिन्न अंचलों से आये शिष्यों-साधकों को उच्च गुणवत्तायुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी और कहा कि स्वस्थ शरीर, पौष्टिक आहार, सुविधा युक्त वस्त्र, ऊँची सोच, श्रेष्ठ कर्तव्य इन सबके सहारे व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में ऊँचे उठते चले जाते हैं। वह अपना कल्याण तो करते ही हैं, अन्यों के उत्कर्ष में भी सहायक बनते हैं। उन्होंने पंच-ध्वनि का विवेचन किया, घंटानाद तथा शंख-ध्वनि की वैज्ञानिकता बताईं। कहा कि पंच-शब्द और पंच-ध्वनि का सहारा लेकर व्यक्ति आध्यात्मिक ऊँचाईयों पर पहुँच सकता है। उन्होंने अनाहद नाद तक पहुँचने की विधि सिखलायी। उन्होंने मन को अल्फा-लेवल तक ले आने का तरीका बताया और कहा कि मार्गदर्शक गुरु से मिले मन्त्र का सहारा लेकर यह स्थिति पाई जा सकती है। उन्होंने लौकिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन को एक साथ साधने की विधि का भी प्रशिक्षण सभी को दिया। उन्होंने अपने हृदय को भगवान से जोड़ लेने को कहा।
विश्व जागृति मिशन के ठाणे मण्डल के महामंत्री श्री आलोक सिंह ने बताया कि कल रविवार को पूर्वाहनकालीन सत्र में गुरुदर्शन, गुरुपादपूजन तथा गुरुदक्षिणा के कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने गुरु दक्षिणा का मर्म समझाया और कहा कि ईश्वर के इस विश्व उद्यान को सुन्दरतम बनाने में सहयोगी बनकर ही सच्ची गुरुदक्षिणा दी जा सकती है। उन्होंने मिशन परिवार द्वारा चलाये जा रहे सेवा कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।