कृतज्ञता सबसे बड़ा पुण्य, कृतघ्नता महापाप
आयुर्वेद को पुनः प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता
अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का तीसरा दिवस
लुधियाना, 30 मार्च (सायं)। यहाँ गर्ल्स पीजी कॉलेज प्रांगण में आज के सांध्यक़ालीन सत्र में विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि अन्तःप्रेरणा सबसे बड़ी ताकत है, उसे ही गुरु शक्ति कहा जाता है। अन्दर की यह आवाज गुरुमुख व्यक्ति के जीवन में आमूल-चूल बदलाव ला देती है। उन्होंने पाँचवां वेद कहे जाने वाले भारतीय चिकित्सा विज्ञान के सिरमौर आयुर्वेद को पुनः प्रतिष्ठित करने की जरूरत बतायी और कहा कि इस आध्यात्मिक परिवार द्वारा युगऋषि आयुर्वेद की संरचना इसी निमित्त की गई है। उन्होंने अपनी मूल प्रकृति की ओर लौटने का आह्वान सभी से किया।
पंजाब एवं पड़ोसी राज्यों से भारी संख्या में सत्संग महोत्सव में लुधियाना पहुँचे ज्ञान-जिज्ञासुओं से उन्होंने कहा कि गुरुसत्ता साधक को विपरीत परिस्थितियों में भी उनसे लड़कर सफलता की राह पर आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान करती है। अनुकूल माहौल में अनेक लोग आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन प्रतिकूल स्थितियों में आगे बढ़ने वाले परमवीर कहलाते हैं। ऐसा कर पाने की प्रेरणा व्यक्ति को गुरुतत्त्व से मिला करती है। उन्होंने गुरु को ‘लाइफ कोच’ की संज्ञा दी।
मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने इतिहास प्रसिद्ध गुरुओं के कई वृतान्त उपस्थित जनसमुदाय को सुनाए और देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को महान शिक्षक बताया। उन्होंने माता को प्रथम गुरु बताया और कहा कि पिता, मार्गदर्शक परिजन तथा शिक्षक गुरुओं से होते हुए जब शिष्य की यात्रा आध्यात्मिक गुरु तक पहुंचती है, तब उसका जीवन सार्थक हो उठता है। उन्होंने कहा कि गुरु वह है जो प्रभु के इस विश्व उद्यान को सुन्दर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर जनमानस को प्रेरित करे। उन्होंने कृतज्ञता को सबसे बड़ा पुण्य और कृतघ्नता को महापाप बताया। उन्होंने श्रेष्ठ बनने की विविध-विधि प्रेरणायें सभी को दीं।
इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी के लुधियाना प्रधान श्री जतिन्दर मित्तल एवं पंजाब भाजपा के उप प्रधान श्री जीवन गुप्ता सहित कई गण्यमान व्यक्तियों ने सत्संग स्थल पर पहुँचकर उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर मिशन की लुधियाना इकाई के प्रधान श्री राम चन्द्र गुप्ता द्वारा श्री जतिन्दर मित्तल, श्री जीवन गुप्ता, श्री के.के.जैन, अजय अलीपुरिया एवं प्रदीप गर्ग का अंगवस्त्र भेंटकर उन्हें सम्मानित किया गया।