”तेरा है नाम दुनिया में पतित पावन सभी जानें”
विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का दूसरा दिवस
इंदौर, 11 अप्रैल (सायं)। जीवन लगातार गतिमान है, स्वांसों की सीमित संख्या सबके पास है, बहुत बार ढेर सारे सपने देखते हुए व्यक्ति के अनेक सपने अधूरे रह जाते हैं। जब व्यक्ति का कोई भी सहारा नहीं रह जाता, तब उसका साथ ईश्वर देता है। वह परमेश्वर जिसे हम कभी याद नहीं कर पाए, वह ही काम आता है। मनुष्य का आखिरी व असली सहारा भगवान होते हैं, उन्हें कभी भी भुलाना नहीं चाहिए।
यह उदगार आज सायंकाल विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने रामलीला मैदान में चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के विशालकाय सभागार में हजारों की संख्या में मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं के बीच प्रवचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सफलता के दिनों में व्यक्ति के कदम निरन्तर आगे बढ़ाते जाते हैं लेकिन असफलता-जनित निराशा के समय में चार पग आगे बढ़ते हैं तो सहसा तीन कदम पीछे को आ जाते हैं। ऐसे में अन्तरतम में पूरी ईशनिष्ठा बनाये रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। शनै: शनै: परिस्थितियाँ बदलती हैं और मनुष्य पूर्ण आशावाद के साथ सफलता की ऊँची सीढ़ियों पर चढ़ता चला जाता है।
विजामि प्रमुख ने उपस्थित ज्ञान जिज्ञासुओं को जीवन में स्थाई प्रगति के अनेक आध्यात्मिक सूत्र दिए और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए अपनी शुभ कामनाएं कहीं। उन्होंने देश के युवाओं को राष्ट्र का कर्णधार बताया और कहा कि हमारी युवा शक्ति को और अधिक सजगता के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं से अपनी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने तथा बुराइयों व कुरीतियों से बचने का आह्वान किया।
विश्व जागृति मिशन के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय आनन्दधाम से आये मिशन प्रतिनिधि श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग स्थल पर एक दर्जन से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें युगऋषि आयुर्वेद, साहित्य सेवा, धर्मादा सेवा, स्वास्थ्य सेवा, गौशाला सेवा, वृद्धजन सेवा इत्यादि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इन स्टालों का लाभ भारी संख्या में इंदौरवासी उठा रहे हैं।
मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि संस्था द्वारा अनाथ (देवदूत) बालक-बालिकाओं के लिए चलाए गए शिक्षा कार्यक्रम को समाज के हर वर्ग से खासी सराहना मिली है। उन्होंने इस कार्यक्रम में और गति देने एवं बढ़ाने में सहयोग करने का आहवान किया।