भोजन चबा-चबाकर करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी
विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के पूर्वाहनकालीन सत्र में डॉ. अर्चिका दीदी ने किया ध्यान जिज्ञासुओं का मार्गदर्शन
सिखाए ध्यान-योग के महत्वपूर्ण सूत्र, साधक हुए भावविभोर
पुणे, 23 फरवरी (प्रातः)। विश्व जागृति मिशन के पुणे मण्डल द्वारा यहाँ आयोजित पाँच दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के चौथे दिन के सत्र का कुशल संचालन विजामि की उपाध्यक्ष ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने किया। उन्होंने अन्न को देव की श्रेणी में रखकर भोजन को भी पूजा मानकर उसे ग्रहण करने का परामर्श उपस्थित ध्यान-जिज्ञासुओं को दिया। उन्होंने भोजन को उच्चस्तरीय पूजा की संज्ञा दी और बिना देर किए भोजन प्रक्रिया को ठीक से ग्रहण करने का आह्वान सभी से किया।
विश्व जागृति मिशन (आनन्दधाम नयी दिल्ली) की उपाध्यक्ष ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी, पीएच.डी. ने आज प्रातःकाल पुणे महानगर पहुंचकर कोंढवा मार्ग पर स्थित वर्धमान सांस्कृतिक केन्द्र पण्डाल में पहुँचकर यहाँ चल रहे भक्ति सत्संग समारोह के ध्यान-योग-सत्र को सम्बोधित किया। उन्होंने साधकों को ध्यान योग की क्रियाएँ व्यावहारिक रूप से भी सिखाईं। कहा कि खूब चबा-चबाकर भोजन करना अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यावश्यक है। उन्होंने कहा कि खान-पान, रहन-सहन एवं आचार-विचार के क्षेत्र में निज को व्यवस्थित करने वाले व्यक्तियों के जीवन और घर में बीमारियों का प्रवेश नहीं होता। बताया कि ३२ दाँतों का उपयोग करके एक कौर की ३२ बार चबाकर भोजन-रस को परमात्म-अमृत बना लेने वाले व्यक्ति इसके सम्पूर्ण पोषक तत्वों का लाभ उठा पाते हैं और स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने स्वस्थवृत्त के अनेक महत्वपूर्ण सूत्र सभी को दिए और उन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने को कहा। उन्होंने श्वांस-प्रश्वांस की सही विधि सभी को सिखाईं और उन्हें व्यवस्थित करने की सलाह दी।
विश्व जागृति मिशन के पुणे मण्डल के प्रधान श्री घनश्याम झँवर ने जानकारी दी कि मिशन प्रमुख श्रद्धेय सुधांशु जी महाराज के मार्गदर्शन में पुणे महानगर में साल १९९८ से विभिन्न आध्यात्मिक एवं सेवा गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कल रविवार को पुणे भक्ति सत्संग महोत्सव का समापन दिवस है। आज सायंकाल डॉ.अर्चिका दीदी उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करेंगी। श्री झँवर ने यह भी बताया कि मिशन प्रमुख पूज्य गुरुदेव रविवार सुबह ध्यान-योग सत्र को सम्बोधित करेंगे।मध्यानहकाल सामूहिक मन्त्र दीक्षा इच्छुक स्त्री-पुरुषों को दी जाएगी। समापन सत्र का समय अपराहन 04 बजे से 06 बजे तक निर्धारित किया गया है।