नागपुर में श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा
सुबह शाम ईश्वर को थैंक्स कहना ही प्रार्थना है
विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का तीसरा दिवस
नागपुर, 27 दिसम्बर (सायं)। महाराष्ट्र की उप राजधानी कहे जाने वाले नागपुर के रेशमबाग में आज सन्ध्याकाल प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि परीक्षा हर किसी को देनी पड़ती है, चाहे वह एक बच्चा हो या कोई बूढ़ा व्यक्ति। जो परीक्षा से घबराते हैं वे अपनी जिंदगी में पिछड़ जाते हैं। परीक्षा मानव जीवन की एक प्राकृतिक एवं अनिवार्य व्यवस्था है। उन्होंने सभी से जीवन की विविध परीक्षाओं के लिए धैर्यपूर्वक हमेशा तैयार रहने को कहा।
श्रीमद्भभगवदगीता की सन्देश श्रृंखला के क्रम में आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने गीता के 11वें अध्याय के 36वें श्लोक की चर्चा करते हुए उसमें अर्जुन और गीतानायक भगवान श्रीकृष्ण के बीच के संवाद की चर्चा की और कहा कि अर्जुन कहता है कि हे माधव! आपकी यशोगाथा न केवल यह धरती बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड एवं समस्त प्रकृति करती है। इतिहास के अनुपम गुरु-शिष्य अर्थात कृष्ण-अर्जुन के मध्य की चर्चाओं का विवेचन करते हुए उन्होंने ‘शिकायती नहीं धन्यवादी’ बनने का आह्वान सभी से किया। कहा कि सदैव शिकायत करते रहने वाले व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं होते, सुखी नहीं रहते।
मनुष्य में व्याप्त ‘आत्म-तत्व’ की महत्ता पर चर्चा करते हुए आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने मानव को शक्ति और संभावनाओं का पुंज बताया। कहा कि उसे प्रयासपूर्वक पहचानना पड़ता है। इसके लिए उन्होंने विशेष मन्त्र-सूत्र समझाए और उनका विवेचन किया। उन्होंने आज मध्यानकाल में नागपुर के सूराबर्डी स्थित दिव्य निर्मल धाम आश्रम में कतिपय नए निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। उल्लेखनीय है कि इस आश्रम में विशाल सत्संग भवन, विशाल सिद्ध शिखर, राम सेतु, द्वादश ज्योतिर्लिंग, गुफा मन्दिर, नव दुर्गा मन्दिर, वैष्णव माता मन्दिर स्थित है। इस केन्द्र के दर्शन करने हजारों व्यक्ति पहुँचते हैं। वृहद् विजामि परिवार के आचार्य शिवदत्त मिश्र के आध्यात्मिक नेतृत्व में यह आश्रम कुशलतापूर्वक सेवारत है।
रेशमबाग में आज की संध्या प्रेरणादायी भजनों से सजी हुई थी। श्री कश्मीरी लाल चुग, महेश सैनी, राम बिहारी एवं आचार्य अनिल झा द्वारा गाये गए गीतों से सभी ने प्रेरणा ली। संगीत दल में वादक के रूप में श्री राहुल आनन्द, रामनिधि, सौरभ एवं बापूराव सम्मिलित थे।
विश्व जागृति मिशन मुख्यालय आनन्दधाम नई दिल्ली से आये स्टॉल प्रभारी श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग सभा स्थल पर लगभग एक दर्जन स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें साहित्य, वृद्धजन सेवा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा सेवा, गौ सेवा, कैलाश यात्रा, अनाथ शिक्षा सेवा, धर्मादा सेवा, गुरुकुल आदि के स्टॉल शामिल हैं।