देवपूजन की फलित सफलता के लिए विधि विधानपूर्वक बाह्य उपचारों की सम्पन्नता तथा आन्तरिक भावना की प्रखर श्रेष्ठता दोनों ही जरूरी हैं
महाशिवरात्रि पर्व पर सदगुरुदेव ने गुरुधाम में कहा
आनन्दधाम-नयी दिल्ली, 04 मार्च। महाशिवरात्रि और वह भी शिव के पावन दिवस ‘सोमवार’ के दिन। बीते दो दिनों से सदाशिव भगवान शंकर की निरन्तर चर्चाएँ और शिव-साधना में निरत सैकड़ों स्त्री-पुरुष। विश्व जागृति मिशन के अन्तरराष्ट्रीय मुख्यालय ‘आनन्दधाम’ में आज का दिन सभी के लिए बेहद खास था। यहाँ दिन भर शिर्वाचन की धूम रही। दसों दिशाओं में अनूठी दिव्यता के दर्शन हो रहे हैं।
मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज आज प्रातःकाल ही आश्रम पधारे, जहाँ भारी संख्या में उपस्थित शिव-भक्तों ने उनका अभिनन्दन किया। उन्होंने सभी मन्दिरों में रोज की भांति पूजन किया। काठमाण्डू के पशुपतिनाथ मन्दिर की तर्ज पर बने शिव मन्दिर में उन्होंने विधिवत शिवार्चन किया तथा द्वादश ज्योर्तिलिंग परिसर में जलाभिषेक किया। आनन्दधाम की विशालकाय 108 कुण्डीय यज्ञशाला में मुख्य पूजा वेदी पर पूर्ण विधि-विधान से शिव-पार्वती का पूजन किया। विश्व जागृति मिशन की उपाध्यक्ष डाॅ. अर्चिका दीदी भी इस महापूजन समारोह में शामिल रहीं। विद्वान आचार्योें आ.सतीश चन्द्र द्विवेदी, आ.राकेश द्विवेदी, आ.डाॅ. शेष कुमार शर्मा एवं आ.अशोक झा के पौरोहित्य में सम्पन्न शिव-पूजन महोत्सव में देश-विदेश के विभिन्न अंचलों से आए शिव साधक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इन पलों में सभी ओर शिवत्व की महिमा के दर्शन हो रहे थे।
आज द्वादश ज्योर्तिलिंग का परिसर विशेष रूप से सजा हुआ है। ज्योर्तिलिंग प्रांगण में श्री सुधांशु जी महाराज सहित समस्त शिव-साधकों ने द्वादश ज्योर्तिलिंगों का वैदिक रीति-नीति से अभिषेक किया। उसी प्रांगण में बने विशाल यज्ञकुण्ड में सम्पन्न रुद्र महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने यज्ञाहुतियाँ समर्पित कीं। महाआरती के साथ पूर्वाहनकालीन कार्यक्रमों का समापन हुआ। इस मौके पर मिशन के संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने शिव पूजन का महत्व सभी को समझाया। उन्होंने देवपूजन की फलित सफलता के लिए विधि विधानपूर्वक बाह्य उपचार सम्पन्न करने तथा आन्तरिक भावना की प्रखर श्रेष्ठता दोनों को जरूरी बताया।
विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि अपराह्नकाल मुख्य प्रवचन पण्डाल से महाशिवरात्रि का विशेष सन्देश आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज द्वारा दिया जायेगा। देर शाम तीन दिवसीय महाशिवरात्रि कार्यक्रमों का समापन हो जायेगा।