गुरूपूर्णिमा पे गुरुकुल, कानपुर का उप मुख्यमन्त्री ने किया उद्घाटन

बैकुंठपुर के सिद्धिधाम में गूँजे अदभुत गुरू मन्त्र

श्रद्धा, विश्वास, निष्ठा और वफ़ादारी से होती है ईश्वर प्राप्ति

 ख़ुद पर और भगवान पर भरोसा रखें

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों को सराहा –  श्री सुधांशु जी महाराज

Gurukul-Siddhi Dham Ashram, Kanpur-22 July 2018-Sudhanshuji Maharaj

कानपुर, २२ जुलाई। विश्व जागृति मिशन के कानपुर मण्डल के प्रमुख आश्रम सिद्धिधाम का सुरम्य वातावरण आज अनूठा था। गुरूपूर्णिमा के वार्षिक महोत्सव की पूर्व वेला में आज जहाँ गुरूपर्व समारोह मिशन प्रमुख आचार्य सुधांशु जी महाराज की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ, वहीं महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय गुरुकुल विद्यापीठ का उद्घाटन प्रदेश के शिक्षा मन्त्री एवं उप मुख्यमन्त्री डॉ. दिनेश शर्मा ने किया।

कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्यमन्त्री श्रीमती गुलाबो देवी, कानपुर की महापौर श्रीमती प्रमिला पाण्डेय, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र, विधायक श्री भगवती सागर, एम.एल.सी. श्री अरुण पाठक, भाजपा ज़िलाध्यक्ष श्री सुरेन्द्र मैथानी, श्रीमती अनीता गुप्ता एवं श्री आर.के. कटियार तथा विश्व जागृति मिशन के महामन्त्री श्री देवराज कटारिया सहित कई गण्यमान व्यक्ति मौजूद रहे। सभी ने मिशन मुख्यालय आनन्दधाम से आए किशोर योगी चि.विशाल द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत दीपक-योगासन एवं हरिओम के कठिन योगासनों की मुक्तकण्ठ से सराहना की। समारोह सुमधुर भजनों से सज़ा हुआ था।

गुरूगीता पर बोलते हुये सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि श्रद्धा, विश्वास, निष्ठा और वफ़ादारी के चार पायों पर चलकर ईश्वर तक पहुँचा जा सकता है।उन्होंने ख़ुद पर भरोसा रखते हुये भगवान पर विश्वास करने को कहा।उन्होंने मुदिता अर्थात् प्रसन्नता एवं सकारात्मकता को सुखी जीवन का सशक्त माध्यम बताया।इसके पूर्व सिद्धिधाम पहुँचे हज़ारों शिष्य-साधकों ने गुरूदर्शन एवं गुरूपादपूजन करके गुरूसत्ता के प्रति समर्पित रहकर देश-धर्म-संस्कृति के लिए काम करने का संकल्प लिया।

उत्तर प्रदेश के शिक्षा मन्त्री एवं उप मुख्यमन्त्री डॉ. दिनेश शर्मा ने सिद्धिधाम में महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय गुरुकुल विद्यापीठ का उदघाटन करने के बाद कहा कि देववाणी संस्कृत पर किया गया कार्य वस्तुतः महान राष्ट्रीय कार्य है। विश्व जागृति मिशन प्राचीन गुरूकुलों की परम्परा को आधुनिक परिप्रे़क्ष्य में आगे बढ़ रहा है, यह अत्यन्त सराहना का विषय है। उन्होंने सुखी जीवन के लिए आध्यात्मिकता, नैतिकता, परिश्रम एवं देशप्रेम को ज़रूरी बताया और कहा कि जिस घर में गृहस्वामी, गृहस्वामिनी और गुरू तीनों की बात मानी जाती है, वह घर सदैव सुखी रहता है।

विश्व जागृति मिशन के कानपुर मण्डल के प्रधान मास्टर आर.पी. सिंह ने बताया कि सिद्धिधाम आश्रम के गुरूकुल में प्रवेश शुरू हो गए हैं।कक्षा छः से आठ अर्थात् प्रथमा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के प्रवेश किए जा रहे हैं, साथ ही कक्षा-९ व १० यानी पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष में भी बच्चों को इस वर्ष प्रवेश दिए जाएँगे। उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष में यही विद्यार्थी प्रोन्नत होकर पहुँचेंगे तब इण्टरमीडिएट कक्षाएँ भी आरम्भ हो जाएँगी।

महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय गुरुकुल विद्यापीठ के मुख्य संयोजक श्री मनोज शास्त्री ने बताया कि गुरूकुल स्थापना का उद्देश्य गाँव-गाँव और नगर-नगर को श्रेष्ठ आचार्य उपलब्ध कराना, समाज व राष्ट्र को श्रेष्ठ धर्मोपदेशक समर्पित करना, संस्कृत शिक्षा संस्थानों को अच्छे व कुशल शिक्षक-आचार्य उपलब्ध कराना है।

नयी दिल्ली से आए आचार्य राकेश द्विवेदी व आचार्य राकेश कौशिक, सूरत-गुजरात से आचार्य रामकुमार पाठक, आनन्दधाम के आचार्य अनिल झा, देहरादून के आचार्य कुलदीप शर्मा, कानपुर के आचार्य रजनीश भट्ट एवं आचार्य महेश शर्मा, लखनऊ के आचार्य डॉ.सप्तर्षि मिश्र एवं मेरठ से पधारे प्रयाग शास्त्री सहित कई विद्वान आचार्यों ने कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका निभाई।

समारोह का समस्त मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन नयी दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

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