दृष्टि बाधित बच्चों के भजनों ने समा बाँधा
विराट् भक्ति सत्संग महोत्सव का दूसरा दिन
गुरुग्राम, 05 अप्रैल। विश्व जागृति मिशन के गुरुग्राम मण्डल द्वारा यहाँ सेक्टर-9 ए में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन दृष्टिबाधित (सूरदास) विद्यार्थियों अजय कुमार एवं सुरजीत सिंह ने अपने भजनों के जरिये सत्संग सभागार में एक विशेष समा बाँधा। इस मौके पर मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने नवरात्रि साधना के समय बरती जाने वाली सावधानियों तथा साधना की अतल गहराईयों में पहुँचने की विधा सभी ज्ञान-जिज्ञासुओं को सिखलाई।
श्री सुधांशु जी महाराज ने आगत नवरात्रि पर्व का विशेष उल्लेख किया और कहा कि नवरात्रि में तप-साधना के जरिये अपने भीतर सोयी हुई शक्तियों का जागरण साधक द्वारा किया जाता है। एकाग्रता के जरिये उत्पन्न हुई आन्तरिक ऊर्जा ब्रह्माण्ड तक पहुँचती है। यह ऊर्जा न केवल उस व्यक्ति का बहुविधि कल्याण करती है बल्कि वह लोक कल्याण का सशक्त माध्यम बनती है।
श्री सुधांशु जी महाराज ने अपने घर के देव मन्दिर को एक प्रयोगशाला बनाने का सुझाव दिया और नवरात्रि पूजन के साथ-साथ दैनिक पूजा-उपासना का मर्म समझाकर उसकी विधि सभी को बताई। कहा कि सात्विक साधना के माध्यम से साधक परमेश्वर का असीम प्यार व कृपाएँ अनेकों पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाता है। तामसिक साधनामार्गी साधक अनेकों को दुःख व तकलीफ देने का हेतु बनता है। उधर राजसिक साधना का पथिक अपना तो कल्याण साधता ही है, अन्य अनेकों का भी हितसाधन करता है। उन्होंने श्रेष्ठ साधक बनकर लोक कल्याण के बड़े काम करने का आह्वान मातृसत्ता के साधकों से किया। उन्होंने कहा कि माता दुर्गा की कृपा ऐसे साधकों पर सदैव बरसती है। श्री सुधांशु जी महाराज ने कर्म, सुकर्म एवं विकर्म की व्याख्या की और श्रेष्ठ कर्मों की तुलना ‘महानतम यज्ञ’ से की। कहा कि ऐसे कर्मों को श्रीमद्भवदगीता में ‘याज्ञिक कर्म’ कहा गया है।
आज के सत्संग कार्यक्रम में भीमखेड़ी गुरुग्राम स्थित जनता रिहैबिलिटेशन ट्रेनिंग सेण्टर के 50 विद्यार्थी भी सम्मिलित हुए। श्री सुधांशु जी महाराज ने सेण्टर के संस्थापक-संचालक श्री नरेन्द्र कुमार एवं उनकी टीम के प्रयासों की सराहना की और सभी बच्चों को अपने मंगल आशीष दिए।
विश्व जागृति मिशन के गुरुग्राम मण्डल के महामंत्री श्री विजय अरोड़ा ने बताया कि शनिवार 06 मार्च को पूर्वाहन 10:30 बजे श्री गौरीशंकर मन्दिर के शीर्ष स्थान पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की 16 फुट ऊँची विशालकाय प्रतिमा का अनावरण श्रद्धेय महाराजश्री द्वारा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सामूहिक मन्त्र दीक्षा का कार्यक्रम रविवार 07 मार्च को मध्यान्हकाल सम्पन्न होगा।