भीतर की स्थिरता और शान्ति मानव को देती है बड़ी ऊँचाइयाँ

प्रेरक भजनों की धुन के बीच सबने किये गुरु दर्शन

ठाणे (मुम्बई) का गुरुपूर्णिमा समारोह सम्पन्न

Guru Purnima-Thane-Jun-2019 | Sudhanshu Ji Maharajवरदान लोक आश्रम, 30 जून। विश्व जागृति मिशन, आनन्दधाम आश्रम नई दिल्ली के ठाणे-मुम्बई स्थित वरदान लोक आश्रम में बीते तीन दिनों से चल रहा गुरु पूर्णिमा समारोह आज मध्यान्हकाल विधिवत सम्पन्न हो गया। ठाणे, मुम्बई व उल्लासनगर स्थित महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों तथा गुजरात इत्यादि पड़ोसी प्रान्तों से हजारों की संख्या में आये शिष्यों-साधकों ने गुरुदर्शन, गुरु-पाद-पूजन एवं गुरु-दक्षिणा के अद्भुत कार्यक्रम में सोल्लास सहभागिता की।

गुरु भक्ति से लबालब भरे शिष्य-साधकों को सम्बोधित करते हुए विश्व जागृति मिशन के संरक्षक-अध्यक्ष आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि भीतर की स्थिरता व शान्ति मानव में बड़ी ऊंचाईयां देती है। शान्तिपाठ का वेद मन्त्र ऋषियों ने इसलिए दिया था और चाहा था कि जिस तरह शान्तिपाठ के मन्त्र में द्यौलोक, अन्तरिक्ष लोक, पृथ्वी लोक आदि के साथ-साथ इस प्रकृति के हर घटक में शान्ति की कामना की जाती है, यहाँ तक की शान्ति के भीतर भी शान्ति की कामना की जाती है, उसी प्रकार साधक को अपने अन्तःकरण सहित काया के हर आन्तरिक एवं बाह्यआंतरिक अंगों में शान्ति लाने का अभ्यास करना चाहिए। कहा कि यह अभ्यास व्यक्ति को भीतर से ताकतवर बनाता है और अनेक प्रतिफल प्रदान करता है।

समारोह का समापन मिशन प्रमुख के नागरिक अभिनंदन एवं ईश आरती के साथ हुआ।

आचार्य सुधांशु जी महाराज ने उच्च गुणवत्तायुक्त जीवन जीने की दी प्रेरणा

सान्ध्यकालीन सत्र में हुई सत्संग कक्षा

ठाणे (मुम्बई) के वरदान लोक आश्रम में बह रही अमृत ज्ञान गंगा

गायत्री मंत्र से शुरू हो रहा हर सत्र, महामृत्युंजय मंत्र की बताई महत्ता

गुरु पूर्णिमा पूर्व समारोह का दूसरा दिन

Guru-Purnima-Thane-30-Jun-2019 | Sudhanshu Ji Maharajवरदान लोक आश्रम-मुम्बई, 29 जून। यहाँ कल शुक्रवार से चल रहे विश्व जागृति मिशन के तीन दिवसीय गुरु पूर्णिमा समारोह के दूसरे दिवस की संध्या का सत्र विशेष रूप से सत्संग कक्षा को समर्पित रहा। मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने इस सत्र में महामृत्युंजय मंत्र की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र के गायन से पूरा वातावरण गुंजायमान हो उठा।

मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने ठाणे, मुम्बई एवं उल्लासनगर जनपदों सहित महाराष्ट्र के विभिन्न अंचलों से आये शिष्यों-साधकों को उच्च गुणवत्तायुक्त जीवन जीने की प्रेरणा दी और कहा कि स्वस्थ शरीर, पौष्टिक आहार, सुविधा युक्त वस्त्र, ऊँची सोच, श्रेष्ठ कर्तव्य इन सबके सहारे व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक कर सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में ऊँचे उठते चले जाते हैं। वह अपना कल्याण तो करते ही हैं, अन्यों के उत्कर्ष में भी सहायक बनते हैं। उन्होंने पंच-ध्वनि का विवेचन किया, घंटानाद तथा शंख-ध्वनि की वैज्ञानिकता बताईं। कहा कि पंच-शब्द और पंच-ध्वनि का सहारा लेकर व्यक्ति आध्यात्मिक ऊँचाईयों पर पहुँच सकता है। उन्होंने अनाहद नाद तक पहुँचने की विधि सिखलायी। उन्होंने मन को अल्फा-लेवल तक ले आने का तरीका बताया और कहा कि मार्गदर्शक गुरु से मिले मन्त्र का सहारा लेकर यह स्थिति पाई जा सकती है। उन्होंने लौकिक जीवन और आध्यात्मिक जीवन को एक साथ साधने की विधि का भी प्रशिक्षण सभी को दिया। उन्होंने अपने हृदय को भगवान से जोड़ लेने को कहा।

विश्व जागृति मिशन के ठाणे मण्डल के महामंत्री श्री आलोक सिंह ने बताया कि कल रविवार को पूर्वाहनकालीन सत्र में गुरुदर्शन, गुरुपादपूजन तथा गुरुदक्षिणा के कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने गुरु दक्षिणा का मर्म समझाया और कहा कि ईश्वर के इस विश्व उद्यान को सुन्दरतम बनाने में सहयोगी बनकर ही सच्ची गुरुदक्षिणा दी जा सकती है। उन्होंने मिशन परिवार द्वारा चलाये जा रहे सेवा कार्यक्रमों की भी जानकारी दी।

VJM दिल्ली के केन्द्रीय पैनल द्वारा पानीपत, करनाल और देहरादून के आश्रमों का आकस्मिक निरीक्षण

आनन्दधाम आश्रम दिल्ली के केन्द्रीय पैनल द्वारा पानीपत, करनाल और देहरादून के आश्रमों का आकस्मिक निरीक्षण

आनन्दधाम आश्रम दिल्ली के केन्द्रीय पैनल द्वारा पानीपत, करनाल और देहरादून के आश्रमों का आकस्मिक निरीक्षणपानीपत से प्राप्त समाचार के अनुसारः- दिनांक 28 जून 2019 को दिल्ली स्थित परम पूज्य सुधांशु जी महाराज के आनन्दधाम आश्रम से आए केन्द्रीय पैनल द्वारा पानीपत के निम्बरी स्थित श्री सोमनाथधाम आश्रम का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर पानीपत मण्डल के संरक्षक श्री राम नारायण रावल जी, प्रधान डॉ- जगजीत आहूजा जी एवं समस्त कार्यकारिणी द्वारा दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के महामंत्री श्री देवराज कटारीया जी, श्रीमती भावना कटारीया जी एवं श्री यशपाल सचदेवा जी का पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया।

केन्द्रीय पैनल ने आश्रम में स्थापित शिवालय, सत्संग हाल एवं नव निर्मित अमृत गौशाला का निरीक्षण किया। उन्होंने पूरे आश्रम की और विशेषकर अमृत गौशाला की स्वच्छता व्यवस्था एवं आश्रम के आचार्य श्री रत्नेश त्रिपाठी जी द्वारा आश्रम को कुशलता से चलाने के लिए प्रशंसा की।

निरीक्षण के पश्चात टीम ने मण्डल के प्रधान एवं अधिकारियों से मीटिंग की और आश्रम को और अच्छे तरीके से चलाने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। इन सुझावों में आश्रम में चारो ओर ट्रेक बनाना, गऊशाला में गायों का नम्बर लगवाना, उनका नामकरण कराना, आश्रम में सोलर पैनल एवं गोबर गैस प्लांट लगवाना, पानीपत शहर के पार्कों में योग शिविर लगाने एवं फ्री ब्लड तथा शुगर चैकअप कैम्प लगाने आदि के सुझाव दिए। मण्डल प्रधान एवं अधिकारियों ने इन सुझावों लागू करने का आश्वासन दिया।

सोमनाथधाम आश्रम के आचार्य श्री रत्नेश त्रिपाठी जी ने आश्रम में चलाए जा रहे अन्य सेवा प्रकल्पों जैसे फ्री डिस्पेन्सरी (प्रातः 8-10 बजे) फ्री कम्प्यूटर सैंटर (प्रातः 10 से 12 बजे) एवं फ्री सिलाई सेण्टर (12 से 2 बजे तक) के कुशलता पूर्वक संचालन की जानकारी दी। केन्द्रीय पैनल ने आश्रम द्वारा संचालित सेवा कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा  की।

इस अवसर पर पं- हुकुम चन्द्र शास्त्री जी, श्री यशपाल चौधरी जी, श्री चुन्नी लाल चावला जी, श्री वीर भान जी, श्री विनोद चौहान जी, श्री देशराज छावड़ा जी, श्री जगदीश खुराना जी, श्री हरीश भटनागर जी, श्री गणे}ा नागपाल जी आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

करनाल से प्राप्त समाचार के अनुसार:- दिनांक 28 जून, 2019 को श्री देवराज कटारीया जी के नेतृत्व में केन्द्रीय पैनल के पदाधिकारी श्रीमती भावना कटारीया जी एवं श्री यशपाल सचदेवा जी द्वारा करनाल स्थित पावनधाम आश्रम का आकस्मिक दौरा कर निरीक्षण किया और वहां चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी ली तथा सेवाकार्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया। इस निरीक्षण कार्य में करनाल मंडल के महामंत्री श्री सुरेश बहेती जी, कोषाध्यक्ष श्री ओ-पी- सलूजा जी एवं सह सचिव श्री धर्म पाल जी ने केन्द्रीय पैनल का सहयोग किया। केन्द्रीय पैनल से आए अधिकारियों का मंडल के पदाधिकारियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।

देहरादून से प्राप्त समाचार के अनुसारः- 28 जून, 2019 को आनन्दधाम आश्रम दिल्ली से आए श्री देवराज कटारीया जी के नेतृत्व में केन्द्रीय पैनल के पदाधिकारी श्रीमती भावना कटारीया जी एवं श्री यशपाल सचदेवा जी द्वारा देहरादून स्थित आनन्द देवलोक आश्रम का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। देहरादून मंडल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्त्ताओं ने केन्द्रीय पैनल के अधिकारियों का आदर भाव से स्वागत किया।

आनन्दधाम आश्रम से आए केन्द्रीय पैनल के पदाधिकारियों ने देहरादून के आनन्द देवलोक आश्रम में स्थापित शिवालय के दर्शन कर नवनिर्मित सत्संग हाल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के उपरान्त केन्द्रीय पैनल ने आश्रम के कुशल संचालन के लिए देहरादून मंडल के प्रधान श्री सुधीर शर्मा जी, आश्रम प्रभारी श्री मनोज शास्त्री जी एवं आचार्य श्री कुलदीप पाण्डेय जी की सराहना की।

इसके उपरान्त मंडल के पदाधिकारियों के साथ केन्द्रीय पैनल के अधिकारियों ने संगोष्ठी की। इस संगोष्ठी में देहरादून मंडल के प्रधान श्री सुधीर शर्मा जी, वरिष्ठ उपप्रधान श्री अमरनाथ आहूजा जी, महामंत्री श्री प्रेम भाटिया जी, उपप्रधान श्री एस-पी-एस- नेगी जी एवं उपप्रधान श्री रजनीश गुप्ता जी सम्मिलित रहे। इस अवसर पर आश्रम को और अच्छे तरीके से संचालन के लिए आपस में सुझावों का आदान-प्रदान हुआ। इन सुझावों में केन्द्रीय पैनल ने आश्रम के सौन्दर्यीकरण के साथ सम्पूर्ण आश्रम के आवश्यक कार्यों की समीक्षा करते हुए आश्रम की सुव्यवस्था को ध्यान में रखकर निर्माण कार्यों को समय से पूरा करवाने का निर्देश दिया। मंडल के पदाधिकारियों ने केन्द्रीय समिति के अधिकारियों से समय-समय पर इसी तरह से मार्गदर्शन देने की अभिलाषा व्यक्त करते हुए उनका आश्रम में आने के लिए धन्यवाद किया।

ऊपर आकाश गंगा और नीचे ज्ञान गंगा का अदभुत संगम था मुम्बई के इस दिव्य क्षेत्र में

मूसलाधार बारिश के बीच वरदान लोक आश्रम में हुआ सत्संग

गुरु पूर्णिमा पूर्व समारोह विधिवत हुआ आरम्भ

Guru Purnima Thane-29-Jun-19 | Sudhanshu Ji Maharajठाणे-मुम्बई, 29 जून। आज यहाँ काजूपाड़ा-घोड़बन्दर अंचल में ठाणे-मुम्बई राजमार्ग पर स्थित वरदान लोक आश्रम का दृश्य बड़ा ही निराला था। चारों ओर हरी-भरी पहाड़ियों तथा वनांचल से घिरे इस आश्रम में जोरदार मूसलाधार वर्षा के बीच विश्व जागृति मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने गुरु पर्व पर ठाणे, मुम्बई एवं उल्लासनगर जिलों से आये जनसमुदाय को आध्यात्मिक सन्देश दिया। कहा कि गुरुपूर्णिमा का महापर्व शिष्यों के लिए अभिनव सन्देश लेकर आता है। इन पलों में मौन को बढ़ाकर आत्म-शक्ति के जागरण का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन दिनों हम भारतवासियों के सामने चुनौतियाँ बहुत हैं। उनसे मिलकर निपटने के लिए खास रणनीति बनानी होगी। कहा कि जब महाराष्ट्र के लातूर आदि क्षेत्र भयंकर सूखे एवं जल संकट से जूझ रहे हैं तब इस प्रान्त में जोरदार बरसात का होना एक शुभ संकेत है।

सत्संग व्यास श्रद्धेय महाराजश्री ने मन्त्र शक्ति का विशद विवेचन किया और कहा कि मन्त्र, अग्नि, जड़ी-बूटी से बनी हवन सामग्री, गौघृत और भाव-शक्ति के संयोग से होने वाले यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध बनाने में महती भूमिका निभाते हैं। प्रकृति-पर्यावरण के संतुलन के साथ ही इससे समय पर वर्षा भी होती है। उन्होंने वर्षा के संतुलन के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण एवं घर-घर यज्ञ सम्पन्न करने की प्रेरणा उपस्थित जनसमुदाय को दी।

श्री सुधांशु जी महाराज ने बच्चों को सुविधाभोगी न बनाकर संघर्षपूर्ण जीवन जीने का वातावरण घरों में बनाने का आह्वान किया। कहा कि सुविधा तो दुविधा उत्पन्न करेगी ही। जिन बच्चों को यथार्थ के धरातल पर जीवन जीने का शिक्षण परिवारों में दिया जाता है वे बच्चे बड़े ऊँचे उठते हैं, सफल बनते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु मन्त्र के सिद्ध होने पर व्यक्ति को ये सारी समझ सहज ही प्राप्त होती है। उन्होंने मन्त्र की सिद्धि के लिए जरूरी सभी अंग-उपांगों की जानकारी सभी को दी। श्रद्धेय महाराजश्री ने मन्त्र सिद्धि का आरम्भिक व्यवहारिक प्रशिक्षण भी उपस्थित जन समुदाय को दिया।

विश्व जागृति मिशन के ठाणे मण्डल द्वारा आयोजित गुरुपर्व कार्यक्रम में प्रधान श्री अनिल कुरसीजा ने बताया कि आज सायंकाल 04 बजे भी सत्संग का सत्र सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया कि कल रविवार को पूर्वाहनकालीन गुरु पर्व के विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में मुम्बई मण्डल के प्रधान श्री एस.एस.अग्रवाल तथा थाणे मण्डल पदाधिकारी श्री आलोक सिंह सहित थाणे, उल्हासनगर एवं मुम्बई मंडलों के कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद रहे। आनन्दधाम संगीत विभाग के सदस्यों ने कई भजन भी इस मौक़े पर प्रस्तुत किए।

समस्त कार्यक्रमों का मंचीय समन्वय व संचालन आनन्दधाम नयी दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

जिनके सिर पर गंगा बिराजती है उन शिव की गहें शरण और करें निज कल्याण

गुरु प्रेरणा से करेंगे राष्ट्र निर्माण के विविध कार्य

पुणेनगरी में उभरे विजामि स्वयंसेवकों के संकल्प

पूना का गुरुपूर्णिमा पर्व समारोह सम्पन्न

Guru-Purnima-Pune-28-Jun-19 | Sudhanshu Ji Maharajपुणे, 28 जून। गुरुतत्व में असीम गहराई है, गुरु अन्धकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाने में सक्षम हैं, गुरुदेव से जुड़कर और उनका आदेशानुपालन कर साधारण व्यक्ति भी असाधारण व्यक्तित्व का स्वामी बन जाता है, गुरु धरती पर परमात्मा के स्थूल प्रतिनिधि हैं, गुरुमुख होना जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है; इन तथ्यों पर विचार कर आज महाराष्ट्र की तीर्थनगरी पुणे के गणेश क्रीडा रंगमंच के आडिटोरियम में कई हजार स्त्री-पुरुषों ने गुरु प्रेरणाओं का पालन कर राष्ट्र निर्माण के, देश सेवा के विविध कार्य करने का संकल्प लिया।

पूना के नेहरू स्टेडियम स्वारगेट स्थित गणेश क्रीडा रंगमंच के विशालकाय प्रेक्षागृह में विश्व जागृति मिशन के पुणे मण्डल के तत्वावधान में आयोजित गुरुपूर्णिमा समारोह में भारी संख्या में मौजूद शिष्य-साधकों को सम्बोधित करते हुए मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि गुरु अनुशासन का नाम है, मर्यादा का नाम है। यह अनुशासन व मर्यादा हमारे दैनिक जीवन में उतरने चाहिए। हमारी दिनचर्या, हमारी वाणी, जब हमारे कर्म-कर्तव्य सभी में इन मर्यादा के दर्शन होते हैं तब ईश्वरीय सत्ता को भी बड़ा सुख मिलता है। गुरुसत्ता वस्तुतः ईशसत्ता का कार्य करने के लिए धरती पर आती है, उन्हें सुख पहुंचाने और आदर की भावना पहुंचाने का यही एकमात्र मार्ग है।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि हमारा शरीर स्वस्थ और आत्मा बलिष्ठ रहे। इसके लिए उन्होंने गुरु मन्त्र का निष्ठापूर्वक जप करने की प्रेरणा दी और कहा कि जिनके सिर पर से गंगा प्रवाहित होती है, उन सदाशिव से अपने-आपको जोड़ें। शरीर साधना के लिए उन्होंने प्रातःकालीन सैर और ध्यान-प्राणायाम करने का नियम पालन करने को कहा, वहीं अपने खान-पान, रहन-सहन और आहार-विहार पर विशेष ध्यान करने की प्रेरणायें दीं। श्री सुधांशु जी महाराज ने आयुर्वेद को पंचम-वेद बताया और कहा कि युगऋषि आयुर्वेद के जरिये, उसके उत्पादों का सेवन करके घर व जीवन में बीमारियों के प्रवेश को रोका जा सकता है।

गुरुपूर्णिमा पूर्व के इस विशिष्ट समारोह में गुरु-पाद-पूजन और सामूहिक गुरु प्रणाम का दृश्य बड़ा ही अनूठा था। पुणे सहित महाराष्ट्र के विभिन्न अंचलों से आये शिष्य-साधकों की एक अनूठी भाव-गंगा गणेश क्रीडा रंगमंच परिसर में प्रवाहित हो उठी। विश्व जागृति मिशन पुणे मण्डल के प्रधान श्री घनश्याम झंवर के विदाई उदबोधन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। समस्त कार्यक्रमों का मंचीय समन्वय व संचालन नयी दिल्ली से आए मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

शिष्य के आध्यात्मिक जीवन का केन्द्रीय दिवस है गुरु पूर्णिमा

विगत आध्यात्मिक वर्ष की समीक्षा करके भावी समय की बनायें सुदृढ़ योजना

प्रभु के इस विश्व उद्यान को सुरम्य बनाकर दें अपनी विशिष्ट गुरुदक्षिणा

पुणे में गुरु पूर्णिमा का पूर्व समारोह शुरू

Guru Purnima Pune-27-June-19 | Sudhanshu Ji Maharajपुणे, 27 जून। आगामी माह जुलाई में गुरुपूर्णिमा के विश्वव्यापी गुरु-महोत्सव के पूर्व महाराष्ट्र के प्रमुख नगर पुणे में दो दिवसीय गुरुपूर्णिमा समारोह का आज अपराह्नकाल श्रीगणेश हुआ। विश्व जागृति मिशन के पुणे मण्डल द्वारा नेहरू स्टेडियम स्वारगेट स्थित ‘गणेश क्रीडा रंगमंच’ के प्रेक्षागृह में आयोजित गुरु महोत्सव में भारी संख्या में उपस्थित शिष्य समुदाय को मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने गुरुतत्व का ज्ञान-विज्ञान समझाया। उन्होंने बीते आध्यात्मिक वर्ष की गंभीरता से समीक्षा करने और भावी वर्ष की सफलता के लिए गहन चिंतन-मंथन कर सुदृढ़ योजना बनाने को कहा।

श्री सुधांशु जी महाराज ने साधकों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हर व्यक्ति आत्मिक विकास की यात्रा पर है। इस यात्रा में आगामी हर पाँच वर्ष की योजना प्रत्येक व्यक्ति को बनानी चाहिए। खेद का विषय है कि बहिरंग जीवन जीने वाले अधिकांश लोग स्वयं के लिए कभी समय नहीं निकालते। आत्मिक उत्थान के लिए खुद के लिए समय निकालना पड़ता है, क्योंकि परमात्मा आपसे मिलने के लिए आपको खाली देखना चाहता है और उसकी प्रतीक्षा करता है। श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि खाली पात्र को ही भरा जा सकता है। उन्होंने भीड़-चाल और भेड़-चाल से बचने की सलाह सभी को दी और साधनों के अम्बार पर बैठे आज के मनुष्य से अपने अतीत में झांकने को कहा, जिसमें कम साधनों में भी प्रसन्नता एवं परम सन्तोष की अनुभूति होती थी। उन्होंने समय की कीमत समझने को कहा और उसे जीवन की सबसे बड़ी सम्पदा बताया। कहा कि गुरुपूर्णिमा का पर्व ऐसी ही आत्म-समीक्षाएँ करने का अवसर शिष्यों-साधकों को देता है।

मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने शाकाहार को एक शक्ति बताया और कहा कि जिस घोड़े को हार्सपावर का प्रतीक माना जाता है, वह शाकाहारी होता है। बताया कि मांसाहार से बुरी तरह पीड़ित विदेशों में शाकाहार आन्दोलन शुरू हो गए हैं। भारत को बिना देर किए चेत जाना चाहिए। उन्होंने जैसी दृष्टि-वैसी सृष्टि, जैसा अन्न-वैसा मन, जैसा पानी-वैसी वाणी, जैसा संग-वैसा रंग, जैसी व्यवस्था-वैसी अवस्था जैसे अनेक सूत्रों का विवेचन किया और अपने जीवन की दिशा और दशा सुधार लेने का आह्वान किया।

इसके पूर्व श्री सुधांशु जी महाराज ने विश्व जागृति मिशन पुणे मण्डल के प्रधान श्री घनश्याम झंवर, महामंत्री श्री जय भगवान अग्रवाल, संग़ठन सचिव श्री रवींद्र नाथ द्विवेदी एवं उपाध्यक्ष श्री गणेश कामठे के साथ दीप प्रज्वलित कर दो दिवसीय कार्यक्रमों का उदघाटन किया। कार्यक्रम स्थल पर सपत्नीक पहुँचे ब्रिगेडियर अरविन्द चौवल द्वारा व्यास पूजन किया गया।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र के मुख्य समन्वयन एवं संचालन में सम्पन्न आज के उदघाटन सत्र में आचार्य अनिल झा, कश्मीरी लाल चुग, राम बिहारी एवं अरविन्द अग्रवाल ने मधुर भजन गाए।श्री प्रमोद राय, रवि शंकर एवं श्री चुन्नी लाल तंवर ने वाद्य यंत्रों पर सहयोग किया। प्रधान श्री घनश्याम झंवर ने बताया कि पुणे गुरुपूर्णिमा समारोह का दूसरा व अन्तिम सत्र कल शुक्रवार को प्रातःकाल 8 बजे शुरू होगा। बताया कि कार्यक्रम में पुणे महानगर के अलावा आसपास के विभिन्न अंचलों के शिष्य साधक पुणे आये हुए हैं।

Ek Shaam Prabhu Ke Naam | Sudhanshu Ji Maharaj | Kathmandu | 2019

Ek Shaam Prabhu Ke Naam | Sudhanshu Ji Maharaj | Kathmandu | 2019

Ek Shaam Prabhu Ke Naam | Sudhanshu Ji Maharaj | Kathmandu | 2019

On June 17, 2019 in the sacred capital of Nepal, Kathmandu, HH Sudhanshuji Maharaj gave useful sermons on five important tips to be successful and happy in life.
First, Maharajshri emphasized on good health without which nothing is possible. Secondly, he stressed on economic independence, i.e. we must not depend on others for daily living and in case of emergency. Thirdly, there should be warmth and care within the family we live in. Fourthly, our deeds should be admired in the society so that we may set as an example of a positive deed. Lastly, he underlined that the need to show intense devotion and total faith in both God and Guru is of utmost importance.
These inspiring words were addressed by Maharajshri in the event entitled “Ek Shaam Prabhu Ke Naam”.

The event was organised by Agrawal Sewa Kendra, under the sponsorship of Shri Purshottam Ji Shanghai in the august presence of chief coordinator Ramakantji Agrawal ( Hong Kong-based), Advisor Rajendraji Khetan who is the President of Agrawal Bhavan, respected members of Dhanuka, Shanghai and Mittal families as well as family members of Shri Madhusudan Agrawalji.
The beautiful spiritual event was conducted by Shri Sunil Kumar Dhanuka who was the Master of the Ceremony.

सफ़लतापूर्वक आयोजन होने पर दिल्ली, दक्षिणी मण्डल को परमपूज्य महाराजश्री का विशेष आशीर्वाद

सफ़लतापूर्वक आयोजन होने पर दिल्ली, दक्षिणी मण्डल को परमपूज्य महाराजश्री का विशेष आशीर्वाद

सफ़लतापूर्वक आयोजन होने पर दिल्ली, दक्षिणी मण्डल को परमपूज्य महाराजश्री का विशेष आशीर्वाद

20 अप्रैल 2019 सायं को विश्व जाग्रति मिशन दक्षिणी मण्डल के पुरूष एवं महिला कार्यकर्ताओं ने स्थानीय सिरी फोर्ट ओडिटोरियम में ‘आनन्द की खोज’ शीर्षक के अन्तर्गत परमपूज्य महाराजश्री एवं विश्व विख्यात योग-ध्यान गुरु डॉ. अर्चिका दीदी के पावन सानिध्य में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। सभी कार्यकर्ताओं ने पूर्ण मनोयोग से इस कार्यक्रम को अत्यंत सफल बनाया और विश्व जाग्रति मिशन के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा। दक्षिणी मण्डल के अधिकारीगणों के आग्रह पर महाराजश्री ने सेवादारों को आशीर्वाद देने के लिए महाराजश्री जी ने 15 जून 2019 का अवसर दे अनुग्रहित किया।

निश्चित दिन व समय पर मण्डल के सौ से अधिक कार्यकर्ताओं ने निर्धारित स्थान पर पहुंच कर गुरुप्रेम व शुकराने के मधुर भजनों से वातावरण को तरंगित कर दिया। महाराजश्री जी के पावन नाम के जयघोष से पूरे आश्रम परिसर में उत्साह व प्रेम की लहरें गुन्जायमान हो रही थी। कार्यकर्ताओं के मुखमण्डल तब प्रसन्नता से चमक उठे जब अचानक पूज्य महाराजश्री जी ने मिशन के अधिकारीगणों के साथ प्रवेश किया। महाराजश्री जी के व्यासपीठ पर आसीन होने के पश्चात् दक्षिणी मण्डल के प्रधान श्री बी.डी. वाधवा जी ने महाराजश्री जी का स्वागत करवाया। तत्पश्चात् महाराजश्री जी ने सभी को कार्यक्रम के अनुशासन व सुचारू रूप से की गई सेवा के लिए बधाई दी।

निराकार परम सत्ता के साकार स्वरूप सदगुरु के समक्ष बैठे शिष्यगण भी अपने बैठे शिष्यगण भी अपने आत्मिक रूप में आ जाते हैं। सद्गुरू व सद्शिष्य के मध्य का शाब्दिक अदान-प्रदान वास्तव में परमात्मा और जीवात्मा के बीच का निःशब्द संवाद ही होता है। ऐसे में गुरूसत्ता के पावन मुखारविंद से उद्धत शब्द शिष्यों को निश्चित दिशा प्रदान कर उनकी जीवन दशा को ऊंचाइयों की ओर ले जाते हैं। महाराजश्री का पवित्र निर्देश था कि आप सब शिष्य अपने जीवन को अर्थपूर्ण बनाओ। भगवान ने जब आपको सद्गुरू के साथ जोड़ा है तो इसका तात्पर्य है कि आप अपने सत्कर्मों के कारण पंक्ति में खड़े थे और अब अवसर आ चुका है। परिवार और जीविका उपार्जन के साथ-साथ अपनी आत्मा को ऊपर उठाओ। जागृत हुए हो तो अब अपनी जीवन यात्रा को निरन्तर आगे बढ़ाओ। यह परोपकार के कार्य ही ऐसे अवसर होते हैं। आप धर्म का प्रचार-प्रसार करते आत्मा के करीब होते चले जाते हैं।

अंत में शिष्यों की उत्कंठा व प्रधान जी के आग्रह को स्वीकार कर महाराजश्री जी ने शिष्यों के पास स्वयं चलकर उनके शीर्ष को स्पर्श कर अपनी ऊर्जा का संचार किया।

ततपश्चात बी.डी. वाधवा जी ने इस मण्डल के निरन्तर चलते कियाकलापों को महाराजश्री के समक्ष रखा।

उल्लेखनीय है कि गुरूदर्शन का यह दुर्लभ अवसर शिष्यों की आध्यात्मिक यात्रा को एक गहराई व सघनता का उपहार दे गया।

त्रिपुर सुन्दरी माता मंदिर में सभी साधक-साधिकाओं के कल्याण के लिए डॉ-अर्चिका दीदी ने विशेष पूजा की

मनाली 1 जून, 2019
विश्व जागृति मिशन के सौजन्य से परमपूज्य गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज एवं ध्यान गुरु डॉ-अर्चिका दीदी के सानिध्य में आयोजित लघुचान्द्रायण तप साधना में साधक साधिकाओं के आत्मिक उत्थान के लिए ध्यान, यज्ञ, पूजन, आरती, मौन विविध प्रयोग कराए गए। उन्हें डिवाइन ब्लीस मेडिटेशन, आत्मसाधना योगनिद्रा आदि ध्यान, ऊर्जा ध्यान आदि का प्रयोग सिखाया गया। सभी साधक साधिकाओं को आदि शक्ति पराम्बा माता त्रिपुर सुन्दरी की उपासना करने का अवसर डॉ-अर्चिका दीदी के सानिध्य में प्राप्त हुआ। नग्गर स्थित प्राचीन त्रिपुर सुन्दरी माता मंदिर में सभी साधक-साधिकाओं के कल्याण के लिए डॉ-अर्चिका दीदी ने विशेष पूजा की। माता के आशीर्वाद स्वरूप सभी को दीदी ने अंगवस्त्र प्रदान किए। दीदी ने कहा माता त्रिपुर सुन्दरी 16 कलाओं को प्रदान करती हैं। इसलिए इनका नाम षोडसी भी है। भोग और मुक्ति की इच्छा रखने वालों के लिए माता त्रिपुरा सुन्दरी की उपासना परम कल्याणकारी है। इस अवसर पर ध्यान गुरु डॉ- अर्चिका दीदी के साथविश्व जागृति मिशन के महामंत्री श्री देवराज कटारिया, श्री यशपाल सचदेवा, श्री राजकुमार अरोड़ा, श्री पवन गुप्ता, श्री अखिलेश कपूर आदि अधिकारी भी उपस्थित थे।

आनन्द, सत्य, प्रेम और शान्ति बाहर नहीं अन्दर से मिलते हैं

“आनन्द न बीते हुए कल में है, न आने वाले कल में है, आनन्द उस पल में है जो आप जी रहे हैं”

”आनन्द खोजने से नहीं मिलता, सच्चिदानंद में खो जाने से मिलता है”

दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में हुई विशेष आध्यात्मिक सभा

आनन्द की खोज विषय पर हुई विचार गोष्ठी

वरिष्ठ लोकसेवी राकेश आहूजा व प्रेमनाथ बत्रा का हुआ सम्मान

दक्षिणी दिल्ली, 20 अप्रैल। देश की राजधानी दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आज शाम नई दिल्ली व एनसीआर के विभिन्न अंचलों से आनन्द-खोजी स्त्री पुरूष, युवक युवतियाँ एवं नई पीढ़ी के सदस्य बड़ी संख्या में जुटे। विश्व जागृति मिशन के दक्षिणी दिल्ली मण्डल के तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी में विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि आनन्द न तो बीते हुए कल में है और न आने वाले कल में है, आनन्द तो उस पल में है जो आप जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आनन्द खोजने से नहीं मिलता, वह सच्चिदानंद यानी परम पिता परमात्मा में खो जाने से मिलता है। उन्होंने भूतकाल का रोना छोड़ने तथा भविष्य की कल्पनाओं में खोने की आदत का परित्याग करके ‘वर्तमान’ को ताकतवर बनाने का आहवान देशवासियों से किया। कहा कि वर्तमान ही जीवित पल है। दुनिया के सभी लोग दुखों से मुक्ति और सुखों की प्राप्ति चाहते हैं। आनन्द की प्राप्ति के लिए बेचैन हर व्यक्ति उस आनन्द को खोजने के लिए विविध प्रयत्न करता है। उन्होंने कहा कि हर चीज अपनी परिधि में घूमती हुई अपने केन्द्र की ओर बढ़ती है। जिस तरह गंगा सहित हर नदी महासागर में मिलकर पूर्णता प्राप्त करती है, उसी तरह मनुष्य अपने केन्द्र परमात्मा तक पहुँचकर ही आनन्द की पूर्णता प्राप्त कर पाता है।

मिशन प्रमुख ने कहा कि जीवन की यात्रा की सम्पूर्णता ‘पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात पूर्ण मुद्चयते’ में ही है। उन्होंने कहा कि परब्रह्म परमेश्वर ही आनन्द है और आनन्द ही परब्रह्म है। अतः जीवन का आनन्द प्राप्त करने के लिए प्रभु तक पहुंचने की यात्रा करनी ही पड़ती है। कहा कि वस्तुतः आनन्द प्राप्ति ही मानव जीवन का लक्ष्य है।

इस अवसर पर डॉ. अर्चिका दीदी ने कहा कि जो व्यक्ति अपने भीतर ज्ञान को, प्रेम को, सत्य को, शान्ति को, आनन्द को खोजता है वह ही आनन्द पाता है। इन चीजों की खोज बाहर करने वालों को निराश ही होना पड़ता है। आनन्द, सत्य, प्रेम, शान्ति इत्यादि वस्तुतः आन्तरिक क्षेत्र की चीजें हैं। बाहर ये चीजें नहीं मिलतीं, बाहर तो टेंशन मिला करती है। आज दुर्भाग्य है कि हिमालय जैसा महाटेंशन लेकर व्यक्ति जीवन जी रहा है। इस दुर्भाग्य से लड़ने के लिए ईश्वरनिष्ठ होकर अन्तर्यात्रा के पथ को अपनाना जरूरी होता है। आनन्द प्राप्ति का यही एकमात्र पथ है। उन्होंने बाहर से भीतर की यात्रा का मार्ग पकड़ने का सुझाव सभी को दिया।

इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन के वरिष्ठ अधिकारी श्री राकेश आहूजा एवं दक्षिणी दिल्ली मण्डल के संरक्षक श्री प्रेमनाथ बत्रा का सम्मान किया गया।

इसके पूर्व फरीदाबाद से आई अंजू मुंजयाल की अगुवाई में युवा गायकों के संगीत दल ने कई भजन प्रस्तुत किये। विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र के मुख्य मंचीय समन्वयन में सम्पन्न इस विशेष संगोष्ठी में मिशन के महामन्त्री श्री देवराज कटारिया सहित समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी तथा एनसीआर के विभिन्न मण्डलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।