स्वस्थ शरीर मानव को परमात्मा की बड़ी सौग़ात

आज सुबह का सत्र रहा ध्यान-योग को समर्पित

श्री सुधांशु जी महाराज ने सिखाए स्वस्थ जीवन के सूत्र

Virat Bhakti Satsang Jaipur 16 Feb 19 | Sudhanshu Ji Maharajजयपुर, 16 फरवरी (प्रातः)। यहाँ सूरज मैदान में चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का प्रातःकालीन सत्र ध्यान-योग एवं स्वस्थवृत्त की चर्चाओं को समर्पित रहा। इस कक्षा में विश्व जागृति मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने स्वस्थ रहने के अनेक फार्मूले उपस्थित जनमानस को दिए। उन्होंने जहाँ अनेक सैद्धान्तिक बातें लोगों को बतायीं, वहीं ध्यान-योग का व्यावहारिक प्रशिक्षण हजारों की संख्या में वहाँ मौजूद स्त्री-पुरुषों और युवाओं को दिया।

जीवन के स्वस्थवृत्त पर चर्चा करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि न केवल आम व्यक्तियों को बल्कि परमात्मा को भी तंदरूस्त और खुश-गवार लोग अच्छे लगते हैं। स्वस्थ जीवन परम पिता परमेश्वर से मानव को मिली एक बड़ी नियामत है। उन्होंने सभी से अपने खान-पान को व्यवस्थित रखने तथा अपने रहन-सहन, आचार-विचार को ठीक करने का आग्रह सभी से किया। उन्होंने कहा कि भोजन को चबा-चबा कर खाना, भोजन के बीच जल का सेवन न करना, प्रसन्न रहना एवं सकारात्मक चिन्तन करना ऐसे सद्गुण हैं, जो व्यक्ति को बीमारियों से सदैव बचाये रखते हैं।

विश्व जागृति मिशन जयपुर मण्डल के कोषाध्यक्ष श्री गोपाल बजाज ने बताया कि जयपुर के सत्संग भवन में दैनिक आरती, साप्ताहिक भजन, सत्संग तथा प्रवचन एवं मासिक ध्यान-साधना की गतिविधियां चलाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि बीस दुकान, आदर्श नगर स्थित मिशन कार्यालय में अनेक गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। दैनिक कार्यक्रमों में प्रार्थना, आरती, सत्संग आदि शामिल हैं तो साप्ताहिक कार्यक्रमों में प्रति रविवार को प्रातः नौ बजे से गायत्री हवन, सत्संग, भजन, प्रवचन, सुन्दरकाण्ड, आरती एवं सामूहिक प्रसाद इत्यादि के कार्यक्रम होते हैं। वार्षिक कार्यक्रमों में नव वर्ष महोत्सव, वैवाहिक वर्षगांठ, शिवरात्रि, होली, रामनवमी, उल्लास पर्व, गुरु पूर्णिमा, श्रद्धा पर्व, जन्माष्टमी, नवरात्रि एवं दीपावली आदि कार्यक्रम प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि विद्वान आचार्य अभिषेक तिवारी एवं आचार्य विष्णु कुमार शर्मा की सेवायें स्थानीय सत्संग मण्डल को मिल रही है। स्थानीय सत्संग कार्यालय से बड़ी संख्या में लोगों का जुड़ाव हो रहा है। उन्होंने नगरवासियों से वहाँ पधारने की अपील की।

इस अवसर पर आचार्य अनिल झा, श्री केएल चुग, श्री राम बिहारी एवं श्री राजेन्द्र भाटिया ने मधुर भजन प्रस्तुत किये। श्री चुन्नी लाल तंवर, श्री राहुल आनन्द एवं श्री रवि शंकर ने वाद्य यन्त्रों पर उनका साथ दिया।

बुद्धि और बुद्धिमानों को धर्मनिष्ठ बनाने की आज महती आवश्यकता

जयपुर में आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज बोले

”रघुनन्दन राघव राम हरे, सियाराम हरे सियाराम हरे”

विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का दूसरा दिन

Virat Bhakti Satsang Jaipur 15 Feb 2019 | Sudhanshu Ji Maharajजयपुर, 15 फरवरी (सायं)। ईश्वरनिष्ठ जीवन परमात्मा से मानव जीवन को मिला सबसे बड़ा वरदान है। धर्म प्रेरित बुद्धि व्यक्ति को सात्विक एवं सदगुणी बनाकर उसकी ताकत को कई गुना बढ़ा देती है। उन्होंने कहा कि आज प्रखर बुद्धि और बुद्धिमानों से देश व विश्व को अनेक खतरे पैदा हो गये हैं। इसे रोकने के लिए बुद्धि को धर्मनिष्ठ व ईश्वरनिष्ठ बनाना होगा। शान्त एवं सन्तुलित मष्तिष्क और ऐसे मष्तिष्कधारी लोग किसी समाज व देश का कल्याण करने में पूरी तरह सफल होते हैं।

यह उद्गार आज सायंकाल विश्व जागृति मिशन के कल्पनापुरुष एवं संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने यहाँ चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिवस की संध्या में व्यक्त किये। वह जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न अंचलों से यहाँ आये ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भवतगीता के 12वें अध्याय में इसी मन और बुद्धि को ईश्वर की ओर प्रवृत्त करने की बात कही है। अर्जुन को अपना मन व चित्त प्रभु के श्रीचरणों में अर्पित करने की बात कहते हुए गीतानायक ने अभ्यास-योग का शिक्षण भी कुरुक्षेत्र की रणभूमि पर दिया था। श्री सुधांशु जी महाराज ने आदतों का महत्व बताया और अच्छी आदतों के निर्माण की तकनीक सभी को सिखलायी।

मिशन प्रमुख श्रद्धेय महाराजश्री ने जीवन में उच्चस्तरीय सफलता के लिए पहले उस विषय का इरादा करने, फिर इच्छा शक्ति को जगाकर आगे बढ़ने, तत्पश्चात उसे दृढ़ संकल्प में बदलने तथा सकारात्मक जिद पैदा करने को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति निश्चित रूप से जीवन उद्देश्य में सफल होते हैं। उन्होंने वरिष्ठजनों से अपील की कि सफल जीवन और सफल लोगों के किस्से सुनाकर अपनी नई पीढ़ी को सफलता के सूत्र सिखायें। उन्होंने इस अवस्था में आने के लिए जरूरी ध्यान उपस्थित जनसमुदाय को कराया और महत्वपूर्ण सूत्र (टिप्स) सभी को दिए। उन्होंने मन्त्र सिद्ध करने के तरीके भी सिखाए।

आनन्दधाम नई दिल्ली से आये विश्व जागृति मिशन प्रतिनिधि श्री प्रयाग शास्त्री ने जानकारी दी कि घरों में बीमारियों का प्रवेश रोकने के उद्देश्य से चलायी गयी युगऋषि आयुर्वेद योजना के 175 उत्पाद देशवासियों को प्रभावी लाभ प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जय तुलसी, नवरस संजीवनी, मधुसूदनी रस, अमृत केसरी, आयुष वीटा, गाय का घी, शुभ्रदन्ति, लिव स्ट्रोंग, युरिटोन, सखी अमृत, पीड़ाशांतक तथा चन्दन सुधा साबुन नामक उत्पादों की सर्वाधिक माँग समाज से प्राप्त हो रही है। बताया कि इन आयुर्वेदिक उत्पादों के उपभोक्ताओं की विविध बीमारियाँ दूर हो रही हैं।

सैनिक की ‘वीरगति’ ब्रह्मगति से भी ऊँची होती है – सुधांशुजी महाराज

आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने राष्ट्रीय एकता व अखण्डता का किया देशवासियों से आह्वान

‘’जिनकी चढ़ती हुई जवानी, खोज रही अपनी क़ुर्बानी’’

पुलवामा की घटना से क्षुभित था सत्संग समारोह में आया हर-जन

जयपुर का विराट भक्ति सत्संग महोत्सव

Virat Bhakti Satsang Jaipur 15 Feb 19 | Sudhanshu Ji Maharajजयपुर, 15 फ़रवरी (प्रातः)। राजस्थान प्रान्त की राजधानी जयपुर के सूरज मैदान में विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन की पूर्वाहनक़ालीन कक्षा में राष्ट्र भक्ति की अनूठी गंगधारा बही। कल गुरुवार की पुलवामा-कश्मीर की कायराना घटना से क्षुभित जनसमुदाय ने इस घटना की घोर निन्दा की और देश के एक साथ खड़े होने का संकल्प व्यक्त किया। मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने राष्ट्रीय एकता व अखण्डता तथा राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए अब सम्पूर्ण भारतवर्ष को सभी भेदभाव भुलाकर एक साथ खड़े हो जाने का आह्वान किया।

इस मौके पर श्री सुधांशु जी महाराज ने ॐकार की विशद व्याख्या की और कहा कि ॐकार में सृजन, पालन और संहार की तीनों शक्तियां सन्निहित हैं। उन्होंने ॐकार के ज्ञान-विज्ञान पर विस्तृत चर्चा की और बताया कि ॐ परमात्मा का ही दूसरा नाम है। उन्होंने कहा कि ॐकार हमें हमारे जीवन लक्ष्य तक पहुंचाने में सहयोगी बनता है। कश्मीर की कल की घटना में शहीद हुए सीआरपीएफ़ के ४३ सैनिकों को श्रद्धापूर्वक याद किया और दो मिनट का मौन सभी से कराकर भारतीय सेना के समर्पण और बहादुरी को नमन किया।

भारतवर्ष के अतीत की सदाशयतापूर्ण परम्परा का उल्लेख करते हुए मिशन प्रमुख ने कहा कि ऐसे महान देश में खैबर-दर्रा पार करके आक्रांताओं के आने के बाद निरन्तर अशान्ति की स्थितियाँ उत्पन्न होती रही हैं। हमारा अतीत राज्य विस्तार और सीमा विस्तार का कभी नहीं रहा। दुनिया की सबसे बहादुर भारतीय कौम के अग्रगण्यों ने आक्रांताओं को समय-समय पर भीषण दण्ड दिए और उनका समूल नाश किया, लेकिन उनके शासन को समाप्त करने के बाद स्वयं वहाँ राज्य नहीं किया, बल्कि उन्हीं के प्रतिनिधि को कठोर चेतावनी के साथ उस देश व क्षेत्र का राज्य भार सौंप दिया। श्रीराम द्वारा विभीषण को, श्रीकृष्ण द्वारा अग्रसेन को और 86 राजाओं को कैद करके रखने वाले जरासंध का संहार करने के बाद उसी के पुत्र को राज्य सौंपने की इतिहास घटनाएँ उन्होंने सुनायीं। उन्होंने भारत की सदाशयता को उसकी कमजोरी नहीं मानने की सलाह कुछ भ्रमित लोगों और देशों को दी।

श्री सुधांशु जी महाराज ने देश के लिए मरने वालों को सबसे ज्यादा महान बताया और सैनिकों की ‘वीरगति’ का दर्जा धर्मवीरों, दानवीरों, कर्मवीरों से भी ऊँचा बताया। वीरगति को महानतम स्थिति बताते हुए उन्होंने कहा कि सबसे महान कही जाने वाली सन्तों-सन्यासियों की ‘ब्रह्मगति’ से भी ऊँचा स्थान सैनिक की वीरगति को दिया गया है। मिशन प्रमुख ने सीमाओं की रक्षा कर रहे सैनिकों की माताओं, पत्नियों एवं बच्चों को नमन किया और कहा कि एक सैनिक की माता/पत्नी अपने बेटे/पति का मुँह तो देखना चाहती है लेकिन कायर बनकर लौटने वाले पुत्र/पति का मुँह नहीं देखना चाहती। उन्होंने प्राचीन काल का एक प्रसंग सुनाया और कहा कि वीरांगना स्त्री ‘अडारानी’ द्वारा युद्ध की चरम अवस्था के समय उसके पति द्वारा उससे बार-बार अपनी कोई निशानी भेजने का पत्र भेजने पर उसने अपना सिर काटकर भेज दिया था और लिखा था कि अब मेरी याद करके युद्ध से विमुख मत होना। उन्होंने ऐसे सभी महावीरों को आदरपूर्वक नमन किया।

श्री सुधांशु जी महाराज ने हिंदुस्तान में होने वाले धर्मयुद्धों की भी चर्चा की और भारतीय राजाओं एवं सेनापतियों द्वारा कठिन से कठिन परिस्थितियों में युद्ध की मर्यादाओं का पालन करने के वृतान्त सुनाए। उन्होंने कहा कि आज ज़रूरत है कि संस्कृतिनिष्ठ हमारे देश द्वारा मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की युद्ध मर्यादाओं का ध्यान रखने के साथ-साथ गीतानायक श्रीकृष्ण की ‘सठे साठ्यं समाचरेत’ की युद्ध-नीति को अपनाया जाय। श्रद्धेय महाराजश्री ने पुलबामा में कर्नल व मेजर के पद पर तैनात जयपुर के दो युवा सैन्य अफ़सरों की माता श्रीमती धर्मा देवी चौहान का सम्मान भी सत्संग मंच पर किया।

विश्व जागृति मिशन मुख्यालय आनन्दधाम नयी दिल्ली से आए निदेशक श्री राम महेश मिश्र के समन्वयन व संचालन में चले कार्यक्रम में मिशन के जयपुर मण्डल के महामन्त्री श्री आर.सी.सेन ने बताया कि मिशन मुख्यालय आनन्दधाम नयी दिल्ली से आए ३२ सदस्यीय दल द्वारा कार्यक्रम स्थल पर एक दर्जन से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टालों के माध्यम से युगऋषि आयुर्वेद सेवा, गौ सेवा, वृद्धजन सेवा, धर्मादा सेवा, देवदूत (अनाथ) बच्चों की शिक्षा सेवा, स्वास्थ्य सेवा आदि कार्यक्रमों की जानकारी जनसामान्य को दी जा रही है। उन्होंने मिशन के स्थानीय आश्रम सोमेश्वर महादेव मन्दिर, 634, बीस-दुकान, आदर्श नगर में चलायी जा रही आध्यात्मिक एवं सेवा गतिविधियों की भी जानकारी दी।

मरणधर्मा मनुष्य को अमरता का सन्देश देती है श्रीमद्भगवदगीता

नींद से 10, ध्यान से 60 और समाधि से 80 प्रतिशत मिलती है ऊर्जा

गुलाबी नगरी जयपुर में श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

हरि ॐ नमो नारायणाय के समूह-गायन से गूँजा सूरज मैदान

‘शरण में आ पड़ा तेरी, प्रभू मुझको भुलाना ना’

विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ श्रीगणेश

Virat Bhakti Satsang Jaipur 14 Feb 19 | Sudhanshu Ji Maharajजयपुर, 14 फरवरी। विश्व जागृति मिशन के जयपुर मण्डल द्वारा आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज अपराह्नकाल सूरज मैदान में विधिवत शुभारंभ हो गया। देश के ख्याति प्राप्त आध्यात्मिक संगठन विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने आदर्श नगर के इस ऐतिहासिक स्थल पर भारी संख्या में उपस्थित सत्संग-प्रेमियों को महत्वपूर्ण आध्यात्मिक सन्देश दिया। उन्होंने कहा कि नींद से 10 प्रतिशत, ध्यान से 60 प्रतिशत और समाधि से 80 प्रतिशत ऊर्जा प्राप्त होती है।

उन्होंने जीवन के नैराश्य को मार भगाने का आह्वान करते हुए श्रीमद्भगवदगीता के चुनिन्दा प्रसंग सुनाए और कहा कि गीता मरणधर्मा मनुष्य को अमरता का अनूठा सन्देश देती है। सकारात्मक सोच वाले जीवन्त व्यक्ति को धरती के अमूल्य हीरे की संज्ञा देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने हर दिन को एक अभिनव संकल्प से जोड़ने की प्रेरणा सत्संग सभागार में मौजूद समस्त जनसमुदाय को दी।

नकारात्मकता को उन्होंने जीवन की सबसे बड़ी बुराई बताया। श्री सुधांशु जी महाराज ने आज गीता के 12वें अध्याय के 12वें श्लोक का बड़े ही सुन्दर ढंग से विवेचन किया। इसके पहले व्यास पूजन के पूर्व उन्होंने दीप प्रज्ज्वलन करके सत्संग महोत्सव का उदघाटन किया।

इसके पूर्व सिक्किम हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुरेन्द्र नाथ भार्गव, जिला जज डॉ. बी एम बंसल, पूर्व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट श्री एन के खींचा, राजधानी के सहायक सूचना आयुक्त श्री मनमोहन हर्ष एवं रोटरी क्लब जयपुर के प्रेसिडेंट श्री सुधीर गुप्ता, पूर्व प्रेसिडेंट श्री एम के शर्मा एवं श्री गोविन्द सिंह श्रीमाल सहित गण्यमान व्यक्तियों ने श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया।

विश्व जागृति मिशन जयपुर मण्डल के प्रधान श्री मदन लाल अग्रवाल ने बताया कि भक्ति सत्संग का यह कार्यक्रम रविवार 17 फरवरी की संध्याकाल तक चलेगा। इस बीच जयपुरनगरी के अलावा राजस्थान एवं पड़ोसी प्रान्तों के साधक-स्वजन सत्संग महोत्सव में भाग लेंगे। विश्व जागृति मिशन मुख्यालय नई दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी एवं कार्यक्रम के मुख्य संयोजक श्री मनोज शास्त्री ने बताया कि रविवार को मध्यान्हकाल 12 बजे सैकड़ों स्त्री-पुरूष पूज्य गुरुदेव से मन्त्र दीक्षा ग्रहण करेंगे।

कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन व संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

आनन्दधाम मे बसन्त पर्व पर आज पन्द्रह जोड़े दाम्पत्य सूत्र बन्धन में बँधे।

 प्रजापति समाज को हार्दिक साधुवाद, बहुत बहुत बधाइयाँ।

In Anand Dham on the Basant Panchami today-fifteen-couples tied up in a couplet“खर्चीली शादियाँ हमें दरिद्र और बेईमान बनाती हैं” और “भगवान भास्कर सूर्यदेव के प्रकाश में हुए विवाह वैदिक और ऋषिप्रणीत होते हैं और ढेरों बुराइयों एवं असुविधाओं से मुक्त होते हैं” जैसे सन्देश ३ हज़ार से ज़्यादा मौजूद लोगों के बीच हमारे द्वारा दिए गए तथा विवाह संस्कार में प्रवेश कर गयीं बुराइयों को दूर करने का आह्वान किया गया। विश्व जागृति मिशन के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री एम एल तिवारी ने अखिल भारतीय प्रजापति महासभा के अध्यक्ष श्री राम सिंह प्रजापति और महामन्त्री श्री प्रदीप प्रजापति के सम्मिलित प्रयत्नों को सराहा और मिशन प्रमुख का सन्देश सुनाया।

समाज के पदाधिकारियों ने विवाह समारोह हेतु आश्रम परिसर उपलब्ध कराने के लिए हम मिशन प्रतिनिधियों के माध्यम से संस्था प्रमुख श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज को ससम्मान साधुवाद दिया।

विवाह कार्यक्रम में प्रजापति समाज के संरक्षक श्री श्रेय सिंह, क्षेत्रीय विधायक श्री महेन्द्र यादव, उत्तराखण्ड के राज्य मन्त्री डॉ. विनोद आर्य सहित उत्तर भारत के लगभग सात प्रान्तों से आए प्रतिनिधि तथा अधिकारी व व्यापार जगत के स्वजन मौजूद थे। सभी नवदम्पत्तियों को समाज द्वारा एक जैसे उपहार भेंट में दिए गए। नयी पीढ़ी के सदस्यों ने बड़े उत्साह के साथ आश्रम को घूम-घूमकर देखा। उन्हें मिशन के कार्यक्रमों की जानकारी दी गयी।

वसन्त पर्व पर आनन्दधाम की यज्ञशाला में आज १६ वटुकों का हुआ यज्ञोपवीत संस्कार। विद्वान आचार्य डॉ.शेष कुमार शर्मा ने बड़ी कुशलता के साथ उनका संस्कार कराया। हरदोई/दिल्ली निवासी सबसे छोटे वटुक (अमन दीक्षित) सात बरस के हैं। यहाँ पधारे बच्चों के अभिभावक बड़े प्रसन्न थे।

दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ प्रयागराज में ओ०डी०ओ०पी० कैंप में आयोजित संस्कार

ODOP Camp Kumbh-Prayagraj | Sudhanshu Ji Maharajबीती 7 फ़रवरी को दिव्य कुंभ-भव्य कुंभ प्रयागराज में ओ०डी०ओ०पी० कैंप में आयोजित संस्कार,शिक्षा और उद्यम-नयी संभावनाएं विषय पर संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि विश्व जागृति मिशन के संस्थापक विश्वविख्यात आध्यात्मवेत्ता, श्रेष्ठ चिंतक, विचारक परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि संस्कार अपने माता-पिता से प्राप्त हुआ करते हैं। श्रेष्ठ संस्कार प्राप्त कर बालकों का सर्वतोमुखी विकास होता है। वृद्धावस्था में ऐसे बालक ही माता-पिता की सेवा करते हैं। आज समाज में कुरीतियां बढ़ रही हैं, जिन पर अंकुश लगाने के लिए जीवन में संस्कारों की परम आवश्यकता है। श्रद्धेय महाराज जी ने कहा कि हमारा मिशन बालकों को स्कूली शिक्षा के साथ ही संस्कार शिक्षा पर विशेष ध्यान दें रहा है।

सदगुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि आदिवासी समाज के जिन बच्चों के माता-पिता जीवित नहीं हैं और उन्हें जीविकोपार्जन के लिए जगह-जगह भटकना पड़ता है ऐसे बालकों के लिए झारखंड एवं हरियाणा में देवदूत बाल सेवाश्रम के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है। उन बालकों को उद्यमपरक शिक्षा भी दी जाती है जिससे वह अपनी जिंदगी आनन्द पूर्वक व्यतीत कर सकें।
एक उदाहरण देते हुए महाराजश्री ने कहा कि सबसे अच्छा फूल कौन होता है? किसी ने गुलाब किसी ने गेंदा तो किसी ने कमल आदि आदि बताया। गुरुदेव ने कहा कि यह जवाब सुनकर मैंने कहा कि कपास का फूल सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इस फूल से लज्जा का निवारण होता है और यह फूल बहुत उपयोगी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति न्यायमूर्ति श्री गिरिधर मालवीय ने पूज्य महाराजश्री के उद्बोधन की बहुत सराहना की।

उ०प्र० सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री सत्यदेव पचौरी ने पूज्य महाराजश्री का अभिनंदन किया। उन्होंने विश्व जागृति मिशन के कार्यक्रमों को सराहा।

Suryadatta National Awarded – Excellence in the field of Spirituality | Dr. Archika Didi

In recognition of her endeavour to help all mankind to attain spiritual enlightenment and peace. She is carrying forward the legacy of her father and is fondly called ‘Didi’ for being like an elder sister for the masses. She has taken up various humanitarian projects and also lets the youth step up and lend a helping hand in the betterment of society
Bestowed with the Award (Excellence in the field of Spirituality) among many other respected and talented personalities is for the call that spirituality is the only way to experience the true inner self and that the Indian scriptures like Geeta teaches the true way of it. Truly respected awardees like Padma Bhushan Vishwa Mohan Bhatt ji, Padma Shri Taalyogi Pt. Suresh Talwalkar Ji, Dr. Arvind Natu ji and so many agreed to Didi’s thought.
At such a young age, she has widely spread the message of peace in life, living with joy and love for all.

महर्षि धन्वंतरि ने आयुर्वेद को हर घर व रसोई तक पहुंचाया

आयुर्वेद रूपी अमृत को जानने-समझने की जरूरत

नई पीढ़ी ले संकल्प-कभी पीछे मुड़कर मत देखना

प्रयाग कुम्भ में सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

बिठूर गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने दिखाए अद्भुत करतब

जस्टिस शम्भु नाथ श्रीवास्तव सहित कई गण्यमान व्यक्ति रहे मौजूद

Virat Bhakti Satsang-Kumbh-Praygraj 08-Feb-2019 | Sudhanshu Ji Maharajकुम्भनगरी प्रयागराज, 08 फरवरी। विश्व जागृति मिशन के सेक्टर-6 स्थित कुम्भ शिविर में सम्पन्न दिव्य सत्संग महोत्सव में आज बड़ी संख्या में देश-विदेश के धर्मप्रेमियों ने भागीदारी की। इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एवं छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोकायुक्त जस्टिस शम्भु नाथ श्रीवास्तव, उच्च न्यायालय के सीनियर एडवोकेट श्री अरुण कुमार गुप्ता एवं सर्वोच्च न्यायालय (नई दिल्ली) के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सत्य प्रकाश पाण्डेय सहित अनेक गण्यमान व्यक्ति मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज से भेंट करने पहुँचे और उन्होंने भी सत्संग समारोह में भागीदारी की।

धरती पर आयुर्वेद रूपी अमृत लेकर आये महान ऋषि धन्वंतरि की चर्चा करते हुए विश्व जागृति मिशन के प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने आयुर्वेद के ज्ञान-विज्ञान की विस्तार से चर्चा की और बताया कि महर्षि धन्वंतरि ने मनुष्य मात्र को सुस्वास्थ्य देने के लिए मसालों के माध्यम से आयुर्वेद को हर घर तक और प्रत्येक रसोई तक पहुंचा दिया था, जिसका प्रतिनिधित्व माताएँ, बहिनें, दादियां और नानियाँ आज भी करती हैं। दादी माँ के नुस्खे आज भी भारत के हर गली मोहल्ले में विख्यात हैं।

श्री सुधांशु जी महाराज ने धन्वंतरि संहिता से प्रकाश लेकर आयुर्वेद से दूर हो गए हमारे देश को पुनः अपने मूल स्वास्थ्य-विज्ञान की ओर लौटने का आह्वान किया। उन्होंने अमृत कुम्भ और आयुर्वेद रूपी अमृत के बीच का अन्तर समझाते हुए धन्वंतरि के बाद ऋषि सुश्रुत और ऋषि चरक से दुनिया को मिलीं देनों पर प्रकाश डाला। कहा कि समुद्र मन्थन के अमृत का लाभ लेने के लिए न केवल कुम्भनगरी प्रयागराज आये नर-नारी अपने ऋषियों द्वारा दिए गए आयुर्वेद-अमृत का महत्व समझकर अपनी जड़ों की ओर लौटें, वरन हमारी सरकारें तथा अर्थ जगत एवं मनीषा जगत के सक्षम व्यक्ति इस ओर समुचित ध्यान दें।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कर्म को पूजा बताते हुए मानव काया के मेरुदंड (रीढ़) को मंदराचल पर्वत की संज्ञा दी और कुम्भ का अमृत पाने के लिए आत्म साधना के जरिये अपनी कुण्डलिनी जागृत करने का प्रयास करने को कहा। श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जिस तरह नदी टेढ़ी होती है लेकिन प्रवाहित हो रहा जल टेढ़ा नहीं होता, उसी तरह दुनिया टेढ़ी हो सकती है, परन्तु मालिक (ईश्वर) सदैव सीधा होता है। सन्तश्री ने लोगों से कहा कि आप सीधे बनें, टेढ़े नहीं।

श्रद्धेय महाराजश्री ने विश्व जागृति मिशन के कुंभ शिविर में सहयोगी बने सभी कार्यकर्ताओं तथा देश-विदेश से पधारे श्रद्धालुओं के उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामनाएं कहीं। विदाई के पूर्व श्री मनोज शास्त्री, दिवाकर यादव, दीपाँकर यादव, अजय श्रीवास्तव, एसपी मिश्र, पवन अरोड़ा, रामासरे यादव, सुनील चावला, पीएन मेहरोत्रा, विजय गुप्ता, रतन प्रकाश, समरजीत यादव, आचार्य राकेश द्विवेदी, डॉ. सप्तर्षि मिश्र, आचार्य महेश शर्मा, आचार्य रजनीश भट्ट, आचार्य रामकुमार पाठक, आचार्य कुलदीप पाण्डेय आदि ने श्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनन्दन किया।

इस मौके पर नई दिल्ली से आये दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर एवं राष्ट्रीय कवि श्री सारस्वत मोहन मनीषी के कविता पाठ एवं महर्षि वेदव्यास अंतरराष्ट्रीय गुरुकुल विद्यापीठ सिद्धिधाम आश्रम, बिठूर, कानपुर के ऋषिकुमारों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों ने उपस्थित जनमानस को भीतर तक रोमांचित किया। अनिकेत, नितिन एवं प्रांशु के दीपक आसन को देखकर वहाँ मौजूद हर स्त्री-पुरुष ने दाँतों तले अंगुली दबा लीं।

आत्म निरीक्षण और आत्मसुधार की सदैव आवश्यकता – कुम्भ, प्रयागराज

ॐ नमः शिवाय के सहगान संकीर्तन से गूँजा गंगातट

कुम्भनगरी में एकत्र हुआ विशाल विश्व जागृति मिशन परिवार

Divya Bhakti Satsang-Kumbh-Prayagraj 07-Feb-2019 | Sudhanshu Ji Maharajप्रयागराज, 07 फरवरी। विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक श्री सुधांशु जी महाराज आज पूर्वाहनकाल नयी दिल्ली से प्रयागराज पहुँचे। उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर-6 स्थित विश्व जागृति मिशन के शिविर में पहुँचकर वहाँ देश-विदेश से हजारों की संख्या में पधारे साधकों एवं कुम्भ स्नानाथिर्यों को सम्बोधित किया। प्रयागराज का संगम तट ‘ॐ नमः शिवाय’ के सहगान संकीर्तन से गूँज उठा।

लाखों-लाख मिशन साधकों के मार्गदर्शक सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने संगम तट पर अपने पूर्वजों को याद करने का आह्वान सभी से किया और उनके श्रेष्ठ गुणों को अपने जीवन में उतारने की अपील की। कहा कि हर बारह वर्ष बाद आने वाला कुम्भ मेला भारतीय संस्कृति का वह अनूठा आध्यात्मिक अनुष्ठान है जिससे सनातन धर्म से जुड़े नर-नारी अद्भूत शक्ति पाते हैं। उन्होंने समुद्र मन्थन से प्रेरणा लेकर स्वयं का मन्थन करने को कहा। बताया कि हर व्यक्ति के भीतर एक समुद्र है जिसे मथने की महती आवश्यकता है। इसमें अमृत भी है और विष भी। हमें विषपापी शिव का सच्चा भक्त बनना होगा और जीवन के जहरों को चुन-चुनकर खत्म करना होगा। तभी हम महादेव के सच्चे अनुयायी बन सकेंगे।

श्री सुधांशु जी महाराज ने समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों की विशद व्याख्या की और कहा कि आज बड़ी जरूरत है कि हम आत्म निरीक्षण, आत्म परीक्षण, आत्म सुधार की प्रक्रिया को अपनाएँ तथा हर पल स्वयं को परिष्कृत करें। उन्होंने शिव और गंगा के सम्बन्धों की भी चर्चा की और सबके कल्याण के लिए अनन्त काल से प्रवाहित होतीं माता गंगा से प्रेरणा ग्रहण करने को कहा। उन्होंने कहा कि दूसरों का कल्याण करने वालों की अनेक मार्गों से परमात्मा सहायता करते हैं।

आज मिशन के कुम्भ शिविर में 20 वटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार भी सम्पन्न हुआ। आचार्य राकेश द्विवेदी एवं आचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र द्वारा महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ, बैकुंठपुर – बिठूर कानपुर के विद्यार्थियों का उपनयन संस्कार कराया गया। सामूहिक उपनयन संस्कार का वह दृश्य अनोखा था।

इस अवसर पर गुरुकुल के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति के कई कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

सूरत में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ सम्पन्न

गायत्री महामंत्र और महामृत्युंजय मन्त्र व्यक्ति को कठिनाइयों से उबारकर उसे उच्चतम अवस्था में लाने में समर्थ है

सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने ज्ञान-जिज्ञासुओं का किया सशक्त मार्गदर्शन

सूरत के मेयर, कई विधायक एवं लोकसेवी सत्संग सभा में पहुँचे

सूरत बालाश्रम गुजरात के लिए अनुकरणीय बना – महापौर सूरत

Surat Virat Bhakti Satsang ending 13 Jan 2019 | Sudhanshu Ji Maharajसूरत, 13 जनवरी (सायं)। विश्व भर में सिल्क सिटी व डायमण्ड सिटी के नाम से प्रख्यात सूरत महानगर में विगत चार दिनों से चल रहा विराट भक्ति सत्संग महोत्सव आज सायंकाल विधिवत सम्पन्न हो गया। विदाई सत्र में सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासाओं का प्रभावी मार्गदर्शन किया और वैयक्तिक, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय जीवन में सफलता के लिए उनका प्रभावी मार्गदर्शन किया।

इसके पूर्व सूरत के मेयर एवं गुजरात स्टेट चाइल्ड वेलफ़ेयर कारपोरेशन (CWC) के चेयरमैन श्री जगदीश भाई पटेल, विधायक श्रीमती झंखना पटेल, विधायक श्रीमती संगीता पाटिल तथा वरिष्ठ समाजसेवी श्री राजेन्द्र उपाध्याय ने श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया।

अपने विदाई उदबोधन में मिशन प्रमुख सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन में ज्ञान की अग्नि का पड़ना बड़ा जरूरी है। ज्ञान के समान श्रेष्ठतम कोई भी वस्तु इस संसार में नहीं। ज्ञान और भक्ति का समन्वय व्यक्ति को बहुत ऊपर उठा देता है। उन्होंने कहा कि श्रद्धावान व्यक्ति ही ज्ञान को प्राप्त कर पाता है। उन्होंने जीवन में समय संयम का ध्यान रखने की प्रेरणा सभी को दी और कहा कि स्व का विकास तथा परमार्थ में ही स्वार्थ तलाशने की आदत व्यक्ति को निजी जीवन में तो ऊँचा उठाती ही है, उसे सामाजिक स्तर पर भी शिखरों पर ले जाती है। सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन को व्यवस्थित बनाने के ढेरों आध्यात्मिक सूत्र सत्संग सभा में उपस्थित जनसमुदाय को दिए।

मिशन प्रमुख सन्त श्री सुधांशु जी महाराज ने जीवन में सफलता के ढेरों सूत्र उपस्थित जनसमुदाय को दिए और कहा कि विफलता कभी भी स्थायी नहीं होती। मजबूत मन वाले व्यक्ति अंधरे में भी विफलता को पीछे धकेलकर सफलता के द्वार तलाश लेते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए दुनिया के प्रलोभनों से इतिश्री करनी होगी। उन्होंने मानसिक आलस्य को मानव का सबसे बड़ा दुश्मन कहा। मिशन प्रमुख ने उत्तम स्वास्थ्य के सूत्र अनेक दिए और अपने खान-पान, रहन-सहन, आचार-विचार को उत्तम बनाने का आहवान सभी से किया।

आनन्दधाम नई दिल्ली से आये भजन गायकों श्री कश्मीरी लाल चुग, श्री महेश सैनी एवं श्री राम बिहारी के भजनों ने सभी को भाव-विभोर किया। श्री रवि शंकर, श्री राहुल आनन्द और श्री चुन्नी लाल तंवर ने वाद्य यन्त्रों के साथ उनका सहयोग किया। दिल्ली से पधारे वरिष्ठ धर्माचार्य आचार्य अनिल झा ने ध्यान-योग की कक्षाओं में मिशन प्रमुख को सहयोग प्रदान किया।

वेसू स्थित बालाश्रम के मुख्य संचालक एवं भक्ति सत्संग महोत्सव के प्रमुख संयोजक आचार्य राम कुमार पाठक और श्री गोविन्द भाई डाँगरा ने सन्त श्री सुधांशु जी महाराज, विशिष्ट अतिथियों, मिशन मुख्यालय के स्वजनों तथा उपस्थित जनसमुदाय के प्रति भावभरा साधुवाद व्यक्त किया। श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि कुछ श्रेष्ठ कार्यकर्ता ऐसे होते हैं, जिनसे संस्था की एक विशेष पहचान बनती है। आचार्य राम कुमार पाठक एक ऐसे ही कार्यकर्ता हैं, जो स्वयं एक संस्था बन गए हैं।सन्त श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन एवं आरती के साथ विराट भक्ति सत्संग समारोह का समापन हुआ।

सूरत विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के समस्त कार्यक्रमों का सभा संचालन एवं मंचीय समन्वय विश्व जागृति मिशन आनंदधाम नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया। इन चार दिनों में युगऋषि आयुर्वेद, साहित्य, धर्मादा, गौशाला, करुणा सिन्धु अस्पताल, वृद्धाश्रम एवं बालाश्रम के स्टालों का लाभ आगन्तुक ज्ञान-जिज्ञासुओं ने उठाया। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर से डॉ. विवेक बाथम ने सैकड़ों व्यक्तियों को लाभान्वित किया।