ज्ञान, भक्ति और कर्म में समन्वय बनाकर बनें सच्चे कर्मयोगी

पंजाब के महानगर पटियाला में विराट भक्ति सत्संग महोत्सव शुरू

पंजाब के मन्त्री व अधिकारियों समेत गण्यमान व्यक्तियों ने सुना सत्संग

पटियाला में विराट भक्ति सत्संग महोत्सवपटियाला, 28 नवम्बर। पंजाब के महानगर पटियाला के वीर हकीकत राय ग्राउंड में चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज अपराह्नकाल श्रीगणेश हो गया। विश्व जागृति मिशन के पटियाला मण्डल के तत्वावधान में आयोजित इस सत्संग समारोह का उदघाटन मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने दीप प्रज्वलित करके किया।

दीप प्रज्वलन के विशिष्ट अवसर पर पंजाब के वरिष्ठ राजनेता पूर्व मंत्री सरदार सुरजीत सिंह रखड़ा, शहरी विकास मन्त्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा की धर्मपत्नी श्रीमती हरिप्रीत मोहिंद्रा, आरटीआई कमिश्नर श्री संजीव गर्ग, सीए श्री नरेश गुप्ता, मिशन मण्डल प्रधान श्री अजय अलिपुरिया एवं उप प्रधान श्री प्रदीप गर्ग मौजूद रहे। कार्यक्रम में भारी संख्या में पटियालावासी तथा पंजाब के विभिन्न जनपदों से आये ज्ञान जिज्ञासु उपस्थित थे।

आचार्यवर श्री सुधांशु जी महाराज ने अपने प्रवचन की शुरुआत ‘हरि ॐ नमो नारायनाय से की। इस समूह गायन के बीच सत्संग सभागार में उपस्थित ज्ञान जिज्ञासु भक्ति भाव से सराबोर हो उठे।

Become a true Karmayogi by combining knowledge, devotion and karmaश्री सुधांशु जी महाराज ने हजारों की संख्या में मौजूद स्त्री, पुरुषों एवं युवक-युवतियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम सब परम पिता परमात्मा के अभिन्न अंग हैं। अपनी आत्म ज्योति को, आत्म चेतना को पहचान कर हम प्रभु की ओर उन्मुख होते हैं और उनकी निकटता, उनका सामीप्य प्राप्त करते हैं। उन्होंने इस दिव्य मिलन की विधि सभी को बताई और श्रोताओं को अनेक आध्यात्मिक जीवन सूत्र दिए। श्री सुधाशु जी महाराज ने जीवन -फर्ज पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि श्रीमद्भगवदगीता फर्ज से भागते पराक्रमी धनुर्धर अर्जुन को फर्ज निभाने के लिए दी गयी अनुपम व आध्यात्मिक शिक्षा है।

आत्मा को परमात्मा की भांति अजर-अमर बताते हुए उन्होंने परमेश्वर से जुड़ने की आध्यात्मिक विधियां समझाईं और अपने जीवन के फर्जों अर्थात् कर्तव्यों का निर्वहन भलीभांति करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य चारों वर्णों को जीवन में जीता है, जिसमें एक की प्रधानता होती है। उन्होंने हर भक्त को ज्ञान, कर्म और भक्ति तीनों को अंगीकार करने तथा एक प्रमुख तत्व पर सर्वाधिक ध्यान देने की शिक्षा दी। कहा कि ऐसे लोग सच्चे कर्मयोगी बनते हैं।

विश्व जागृति मिशन पटियाला मण्डल के प्रधान श्री अजय अलिपुरिया ने बताया कि सत्संग समारोह रविवार 02 दिसम्बर की सन्ध्याकाल तक चलेगा। उसी दिवस दोपहर में सामूहिक मन्त्र दीक्षा भी सम्पन्न होगी। सत्संग कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन एवं संचालन नयी दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

One thought on “ज्ञान, भक्ति और कर्म में समन्वय बनाकर बनें सच्चे कर्मयोगी

Leave a Reply