वस्तुओं का उपयोग कीजिए, व्यक्तियों का नहीं – श्री सुधांशु जी महाराज

ॐ नमः शिवाय-ॐ नमः शिवाय के समूह-गायन से गूँजा रामलीला मैदान

श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह की तीसरी सन्ध्या

Shrimad Bhagwad Satsang Pitampura-14-12-18-Sudanshuji Maharajपीतमपुरा-नई दिल्ली, 14 दिसंबर। आप वस्तुओं का उपयोग कीजिए, व्यक्तियों का नहीं। भ्रमित आदमी अन्त तक ‘जीवन’ का मकसद नहीं समझ पाता। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति तब होती है जब वह ‘व्यक्ति’ की पहचान नहीं कर पाता और केवल उनका प्रयोग (use) करता रहता है। ऐसा करके वह पाता कुछ भी नहीं, बल्कि खोता ही खोता है। अच्छे और सच्चे आदमी ऐसे व्यक्ति के पास लम्बे समय तक टिक नहीं पाते, जिसकी हानि प्रयोग करने वाले उस व्यक्ति को भी स्वयं उठानी पड़ती है। इससे संस्थाओं, संगठनों और देश सभी को भारी नुक़सान पहुँचता है। ऐसी प्रवृत्ति का परित्याग समझदारीपूर्वक जल्द से जल्द कर देने में ही ख़ुद की भलाई है और सबकी भलाई है।

यह उद्गार देश के प्रख्यात चिंतक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता श्री सुधांशु जी महाराज ने आज शाम यहां पीतमपुरा स्थित रामलीला मैदान में राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न अंचलों से आए विशाल जनसमुदाय के समक्ष व्यक्त किए। वह विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह में आए ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के अमृतमय संदेश सुनाते हुए कहा कि मानव जीवन अमूल्य है, इसके हर एक पल का उपयोग विवेकपूर्वक करना चाहिए, ज़िन्दगी के एक भी क्षण को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। उन्होंने ‘ॐ नमः शिवाय’ पर आधारित समूह गायन भी कराया। उन्होंने भगवान शिव को आदियोगी की संज्ञा दी और कहा कि उनकी सच्ची आराधना से व्यक्ति का इहलोक व परलोक सुधरता है।

सत्संग स्थल पर लगे एक दर्जन स्टालों के प्रभारी एवं युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रीय मार्केटिंग प्रमुख श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि लगभग पौने दो सौ उत्पादों के जरिये युगऋषि आयुर्वेद हेल्थकेयर फाउन्डेशन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि देशवासियों को रोगों के मुंह में जाने से बचाया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलम्बन, साहित्य आदि से जुड़ी सेवाओं सहित विजामि द्वारा संचालित वृद्धजन सेवा, गोसेवा, गुरुकुल, धर्मादा सेवा आदि गतिविधियों की जानकारी दी।

इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन के महामन्त्री श्री देवराज कटारिया, कोषाध्यक्ष श्री राजकुमार अरोड़ा, निदेशक श्री राम महेश मिश्र, वरिष्ठ उद्योगपति श्री हरीश हंस, वयोवृद्ध मिशन परिजन श्री ओम प्रकाश सिब्बल, लखनऊ मिशन परिवार की संरक्षिका श्रीमती मीनाक्षी कौल, कनाडा से आयीं श्रीमती अमृता सैनी, अमेरिका की श्रीमती नीरा कनोत्रा एवं नीटा अब्रोल सहित भारी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।

विश्व जागृति मिशन के पीतमपुरा मण्डल प्रधान श्री यशपाल सचदेव ने बताया कि कल शनिवार को दो सत्र सम्पन्न होंगे। प्रातःक़ालीन सत्र प्रातः ८ बजे से और सायंकालीन सत्र अपराह्न ४.३० बजे आरम्भ होगा। उन्होंने बताया कि रविवार को भी दोनों सत्र इसी समय चलेंगे। रविवार-१६ दिसम्बर को मध्याह्नकाल १२ बजे सामूहिक मन्त्रदीक्षा भी सम्पन्न होगी।

गायत्री मन्त्र है मानव को महामानव बनाने और उसे ऊँचा उठाने का महामन्त्र

विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करके समाज में चमकने की कला कमल से सीखें

श्री रामलीला मैदान में सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

श्रीमद्भगवद्गीता सत्संग समारोह का दूसरा दिन

Shrimad Bhagwad Satsang 14-12-2018-Sudhanshuji Maharajपीतमपुरा-नयी दिल्ली, 13 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पीतमपुरा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता सत्संग समारोह के दूसरे दिवस सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता मानव जीवन को सार्थक बनाने की महान कुंजी है। विशाल सत्संग सभागार में मौजूद गीता-जिज्ञासुओं को जीवन सूत्र देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि यह जीवन क्षण-भंगुर है, इसके हर पल-हर क्षण का उपयोग आत्मोत्थान व आत्मोद्धार के लिए करें। उन्होंने अर्ज, फर्ज और कर्ज का तात्विक विवेचन भी किया।

श्री सुधांशु जी महाराज ने ‘कमल’ का उदाहरण देकर श्रोताओं को समझाया और कहा कि कमल कीचड़ में जन्म लेता है। उसका कर्म उसे इतना ऊपर उठा देता है कि उसका सिर न केवल कीचड़ बल्कि पानी से भी ऊँचा उठ जाता है। वह न केवल तालाब से ऊँचा उठ जाता है बल्कि वह उस सरोवर की शोभा बन जाता है। उन्होंने कमल बनकर जीवन जीने की प्रेरणा सभी को दी और कहा कि वह ऊंचे उठें और अपनी जन्मस्थली एवं कर्मस्थली सभी को शोभायमान बनाएँ, उनका नाम ऊंचा उठाएँ।

उन्होंने कहा कि समाज में विद्यमान इस धारणा कि श्रीमद्भगवदगीता मृत्यु के पूर्व सुनाई जाती है, पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हताश व निराश व्यक्ति को उल्लास एवं आशा प्रदान करने में समर्थ है। जीवन में सफलता, विजय, आशा और मोक्ष अनेक लक्ष्यों की पूर्ति में गीता सहयोगी है। उन्होंने श्रीकृष्ण के अनेक नामों का तात्विक विवेचन भी किया।

मिशन के धर्मादा सेवा अधिकारी श्री गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि धर्मादा सेवा लमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल शिक्षा, अनाथ (देवदूत) शिक्षा, वृद्धजन सेवा, गुरुकुल सेवा, देव मन्दिर सेवा, यज्ञ-सत्संग सेवा, गौ सेवा, अन्न क्षेत्र एवं दैवीय आपदा के कार्य आते हैं। इस योजना के तहत अनाथ एवं अति निर्धन बालक बालिकाओं को शिक्षित बनाने का बड़ा कार्यक्रम हाथ में लिया गया है तथा फरीदाबाद (हरियाणा), बैकुंठपुर-बिठूर-कानपुर (उत्तर प्रदेश), सूरत (गुजरात), रुक्का एवं खूंटी (राँची-झारखण्ड) में 2000 से ज्यादा नौनिहालों को इंटरमीडिएट तक की उच्चस्तरीय शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इन सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सत्संग स्थल पर लगे स्टालों पर पहुंच रहे हैं।

विश्व जागृति मिशन के पीतमपुरा मंडल के महामंत्री श्री रवीन्द्र गांधी ने बताया 16 दिसम्बर को प्रातःकालीन सत्र के बाद सामूहिक मन्त्र दीक्षा भी संपन्न होगी, जिसके पंजीयन की प्रक्रिया इन दिनों सत्संग स्थल पर चल रही है।

विजामि परिवार से जुड़े नाड़ी वैद्य डॉ. सुनील मुद्गल ने इस अवसर पर मधुमेह के कारण एवं निदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इसके निराकरण के लिए विशिष्ट आयुर्वेदिक औषधियां भी जनसमुदाय को बतायीं। कहा कि युगऋषि आयुर्वेद की औषधियाँ एवं दैनन्दिन जीवन में प्रयोग के लिए सिडकुल हरिद्वार में बनाए गये विशेष हरबल उत्पाद बड़े उपयोगी हैं।

सत्संग समारोह में करुणा सिन्धु अस्पताल के प्रशासक श्री राकेश आहूजा, महर्षि वेदव्यास अंतरराष्ट्रीय उपदेशक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र, विश्व जागृति मिशन के गाजियाबाद मंडल के प्रधान श्री सुरेंद्र मोहन शर्मा, पूर्वी दिल्ली मंडल के प्रधान श्री सतीश शर्मा, केन्द्रीय समिति के सदस्य श्री उमाशंकर साहू, श्री बलदेव दास, शशि खन्ना, सन्तोष सुरपाल, सरोज गांधी, कुसुम, इंदू, राजेश गम्भीर, किशोर कत्याल सहित बड़ी संख्या में नर नारी मौजूद रहे।

अभिमान व्यक्ति को सदा गिराता है और स्वाभिमान सदा उठाता है

आज सायंकाल नयी दिल्ली के पीतमपुरा में हुआ भागवत कथा का श्रीगणेश

Shrimad Bhagwad Satsang Pitampura 13-12-18-Sudhanshuji Maharaj12 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली के पीतमपुरा अंचल मण्डल में हुआ श्रीमद् भागवत सत्संग समारोह का श्रीगणेश। पीतमपुरा के पीयू-एलयू ब्लॉक के रामलीला ग्राउंड में शुरू हुयी भागवत कथा। विश्व जागृति मिशन के कल्पनापुरुष, संस्थापक, संरक्षक परम पूज्य सदगुरु श्री सुधांशु जी महाराज ने दिया उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासुओं को सफल व सार्थक जीवन का सशक्त मार्गदर्शन।

कहा- परमात्मा का दिया यह जीवन बड़ा मूल्यवान है। इस जीवन की क़ीमत को अनेक लोग निखारते हैं और कई लोग अपने जीवन मूल्य को कम भी करते हैं। समझदार व्यक्ति मन पर आ गए मैल को समय-समय पर धोते रहते हैं। मन पर आ गयी मलीनता को साफ़ करने का एक सहज मार्ग है सत्संग। श्रीमद भागवत कथा इस काम में बड़ी भूमिका निभाती है। उन्होंने गीतानायक भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न नामों की महत्ता भी ज्ञान-साधकों को बतायी और उनकी उपासना के तरीक़े समझाए। श्रद्धेय महाराजश्री ने भागवत सत्संग सभागार में मौजूद स्त्री-पुरुषों से कहा कि अगले पाँच दिनों तक इसी भावभूमि में यहाँ उपस्थित रहकर सत्संग का, श्रीमद् भागवत कथा का लाभ उठाएँ।

श्रीमद् भागवत का पावन सन्देश देते हुये श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीकृष्ण के अवतरण के पहले की स्थितियाँ आज के समय जैसी थीं। धन कुछ धनाधीशों के पास सिमट कर रह गया था। धनुर-विद्या के महान गुरु द्रोणाचार्य को अपने नन्हें बालक अश्वत्थामा को दूध पिलाने के लिए अपने मित्र राजा द्रुपद से उन दिनों एक गाय माँगनी पड़ी थी, जब लोगों की हैसियत गोधन-गोवंश से आँकी जाती थी और देश में प्रचुर मात्रा में गाएँ उपलब्ध थीं। अभिमानी राजा द्रुपद से बुरी तरह अपमानित होने के बाद निस्पृह व स्वाभिमानी ब्राह्मण द्रोण को अपने मित्र को पराजित करना पड़ा था। हालाँकि बाद में द्रोणाचार्य ने द्रुपद को आधा राज्य वापस कर दिया था, क्योंकि बचपन में राजकुमार द्रुपद ने अपने ब्राह्मण मित्र द्रोण को राजा बनने पर आधा राज्य देने की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि अभिमानी व्यक्ति का सदैव पतन होता है तथा स्वाभिमानी व्यक्ति सदैव ऊँचे उठते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान काल में भी धन कुछ ही लोगों के पास सीमित होकर रह गया है और जनता का बहुत बड़ा प्रतिशत धन के एक छोटे से अंश में जीवनयापन करने को मजबूर है।

पीतमपुरा के मिशन प्रधान श्री यशपाल सचदेव ने बताया कि भागवत सत्संग का यह कार्यक्रम १६ दिसम्बर की सायंकाल तक चलेगा। भागवत कथा का समय प्रतिदिन सायंकाल 4.30 से 6.30 बजे तक होगा। शनिवार व रविवार को पूर्वाहनकाल भी एक सत्र होगा, जिसमें प्रातः 8 बजे से ध्यान योग साधना सिखायी जाएगी। उन्होंने बताया कि समापन दिवस अर्थात् 16 दिसम्बर को मध्यांह 12 बजे सामूहिक मन्त्रदीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा।

कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

वरदान लोक थाणे-मुम्बई के दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ समापन

शिखर पर पहुँचना बड़ी बात लेकिन उस पर टिके रहना और बड़ी बात

विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक श्री सुधांशु जी महाराज ने विदाई उदबोधन में कहा

Divya Bhakti Satsang 9 December Thane-Sudhanshuji Maharajवरदान लोक-थाणे-मुम्बई, 09 दिसम्बर (सायं)। विश्व जागृति मिशन की मीरा भाईंदर शाखा (थाणे-मुम्बई) के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय दिव्य भक्ति सत्संग समारोह आज सायंकाल विधिवत सम्पन्न हो गया। सत्संग समारोह में ठाणे, मुंबई एवं उल्लासनगर सहित महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों एवं पड़ोसी प्रान्तों के मिशन साधकों एवं विशाल जनसमुदाय ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। श्रीमती राधा रामचंद्रन, श्री कश्मीरी लाल चुघ एवं श्री राम बिहारी के भजनों से सजी संध्या में मिशन प्रमुख आचार्य संतश्री सुधांशु जी महाराज ने विदाई उद्बोधन दिया। उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए मार्गदर्शन दिए, साथ ही मिशन कार्यकर्ताओं को जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

विदाई सत्र में बोलते हुए मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन में सफलता की ऊंची चोटियों पर पहुंचना बड़ी बात है लेकिन उस पर टिके रहना और बड़ी बात होती है। इसके लिए आत्मचिंतन, आत्म परीक्षण, आत्मनिरीक्षण तथा आत्म सुधार की आवश्यकता होती है। उन्होंने मानव जीवन को सफल बनाने और सुखी जीवन के लिए ढेर सारे सूत्र जनमानस को दिए।

इसके पूर्व यूनाइटेड कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मुंबई के प्रमुख उद्योगपति श्री सुनील शुक्ल ने वरदान लोक आश्रम पहुंचकर महाराजश्री का भावभीना अभिनंदन किया। उन्होंने प्रखर युवा राजनेता श्री सुनील शुक्ल सहित सत्संग सभा में पहुंचे शिवसेना के नगर अध्यक्ष श्री अशोक म्हात्रे, भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष श्री अनिल ताठे आदि को परिवर्तन के इन क्षणों में सावधानीपूर्वक एक होकर भारतवर्ष को और इसकी संस्कृति को मजबूत बनाने का आह्वान किया।

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे वरदान लोक आश्रम के इस कार्यक्रम की सफलता में सर्वश्री एसएस अग्रवाल, एचपी पाण्डेय, राजेन्द्र खंडागले, यतिन रावल, डॉ. हृदय नाथ पाण्डेय, ओपी सिंह, नरहरि तिवारी, सरला पाण्डेय, अमिता रावल आदि की भूमिका बड़ी सराहनीय रही। थाणे मण्डल के श्री अनिल कुरसीजा, श्री आलोक सिंह, श्री महेश तरलेजा एवं श्रीमती राखी तरलेजा ने प्रभावी समन्वयन किया।

युगऋषि आयुर्वेद को जन-जन तक पहुँचाने और उसे अधिक सफल बनाने के लिए मध्य प्रदेश से आए युवा इंजीनियर श्री संकल्प सिंह सोलंकी ने उत्पादों को ऑनलाइन मंगाने के तरीक़े सभी को बताए। मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने समस्त कार्यक्रमों का प्रभावी संचालन किया।

कार्यक्रम का समापन श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन और आरती के साथ सत्संग महोत्सव का समापन हुआ। श्रद्धेय महाराजश्री ने सभी सक्रिय कार्यकर्ता भाई-बहिनों को स्नेहपूर्ण आशीर्वाद दिल्ली प्रस्थान के पूर्व दिया।

स्वास्थ्य जिज्ञासुओं को मिले शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के नए-नए आयाम

चिकित्सा जगत में प्रवेश कर गए व्यापार के नुक़सानों से बचने के लिए भारतीय आयुर्वेद की मूल विधाओं से जुड़ें देशवासी

कु.सृष्टि रक्षा भण्डारी के भजनों पर मुग्ध हुये मुम्बईवासी

New dimensions of physical, mental and spiritual health-Sudhanshuji Maharajवरदानलोक-थाणे-मुम्बई, 09 दिसम्बर (प्रातः)। विश्व जागृति मिशन के मुम्बई मण्डल द्वारा आयोजित दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव के अन्तिम दिन का पूर्वाह्नक़ालीन सत्र बेहद मनमोहक एवं रोमांचक था। प्रख्यात युवा गायिका कु.सृष्टि रक्षा भण्डारी के भजनों ने यहाँ उपस्थित मुम्बईवासियों सहित सभी को भावविभोर कर दिया। मिशन के मुखिया सन्तश्री सुधांशु जी महाराज द्वारा संगीतमय वातावरण में ली गयी हज़ारों स्वास्थ्य जिज्ञासुओं की ध्यान-योग की कक्षा ने महाराष्ट्रवासियों को शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के अनेक अभिनव आयाम दिए, उन्हें आनन्दमय स्वस्थ जीवन के ढेरों सूत्र प्रदान किए।

श्री सुधांशु जी महाराज ने चिकित्सा जगत में प्रवेश कर गए भारी-भरकम व्यापार और उससे उत्पन्न हानियों की ओर देशवासियों का ध्यान आकर्षित किया और कहा कि महँगे-महँगे विज्ञापनों और बनावटी व दिखावटी प्रचार माध्यम हमारे स्वास्थ्य को भारी नुक़सान पहुँचा रहे हैं। उन्होंने भारत की आयुर्वेद सम्पदा पर प्रकाश डालते हुये कहा कि ये प्रचार विज्ञापन अब अपने उत्पादों पर आयुर्वेद का भी मुलम्मा चढ़ाने लगे हैं। उन्होंने भारतीय ऋषियों के द्वारा प्रणीत आयुर्वेद विज्ञान से फिर से जुड़ने की अपील सभी से की। उन्होंने विश्व जागृति मिशन के युगऋषि आयुर्वेद अभियान पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा प्रकृतिनिष्ठ और योगमय जीवन जीने के अनेक महत्वपूर्ण सूत्र उपस्थित जनसमुदाय को दिए। उन्होंने समय संयम की प्रेरणा देते हुये ध्यान-योग का प्रशिक्षण भी सभी को दिया।

नयी दिल्ली स्थित विजामि मुख्यालय आनन्दधाम से पधारे श्री विष्णु चौहान ने बताया कि वर्ष 2019 की कैलास मानसरोवर यात्रा 16 से 26 जून की तिथियों में ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी के नेतृत्व में सम्पन्न होगी। ख़ुद सात बार कैलास यात्रा कर चुके श्री चौहान ने बताया कि नयी दिल्ली से आरम्भ होने वाली इस यात्रा के लिए ज़रूरी पंजीयन इन दिनों किए जा रहे हैं, जिसकी एक निश्चित संख्या-सीमा है। उन्होंने बताया कि इसी अवधि में 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस भी आदियोगी भगवान शिव के धाम में मनाया जाएगा। कैलास मानसरोवर पर पहली बार वैश्विक योग दिवस वर्ष 2017 में सम्पन्न हुआ था, तब से प्रतिवर्ष इसे वहाँ आयोजित करने की रणनीति बनाई गई है। श्री चौहान ने नयी दिल्ली आश्रम में सेवारत करुणा सिन्धु अस्पताल, युगऋषि आरोग्य धाम एवं द व्हाइट लोटस अस्पताल की विशालकाय गतिविधियों की भी जानकारी उनने दी।

सत्संग समारोह के मंचीय कार्यक्रमों के मुख्य समन्वयक एवं विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि सत्संग महोत्सव में महाराष्ट्र के अलावा पड़ोसी राज्यों के भी परिजन बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं। मिशन की गतिविधियों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि नागपुर से आयीं यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर साध्वी डॉ. सीमा भंडारकर ने भी आज भजन प्रस्तुत किए। बताया कि सन् 2019 से आनन्दधाम प्रांगण में महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय उपदेशक महाविद्यालय का श्रीगणेश भी किया जा रहा है। वरदान लोक आश्रम के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री नरहरि तिवारी ने बताया कि आश्रम में युगऋषि आयुर्वेद के विशेष उत्पादों की व्यवस्था कर दी गयी है, जहाँ से मुम्बई सहित महाराष्ट्रवासी अपने उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं।

दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव का वरदानलोक थाणे में दूसरा दिन

राष्ट्र को एकजुट करके सशक्त बनाना आज की महती आवश्यकता

थाणे-मुम्बई के सत्संग सभा में सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा

Bhakti Satsang 08-december Thane-Sudhanshuji Maharajवरदानलोक-थाणे-मुम्बई, 08 दिसम्बर (सायंकाल)। कभी बिखरे-बिखरे भारत को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत बनाया था। गीतोपदेश देने वाले गीतानायक की भूमिका उसमें सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण थी। आज ऋषियों के इस राष्ट्र को एकजुट करने और उसे सुदृढ़ता की दिशा धारा देने की महती आवश्यकता है। विश्व जागृति मिशन ने वर्ष 2018 को ‘गीता वर्ष’ घोषित किया है। इस साल अभियान चलाकर श्रीमद्भगवद्गीता का विशेष भाष्य किया गया ग्रन्थ भारत के घर-घर में स्थापित कराया जा रहा है।

यह बात आज सायंकाल प्रख्यात चिन्तक, विचारक, अध्यात्मवेत्ता सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने मुम्बई-थाणे मार्ग पर काजूपाड़ा अंचल में स्थित वरदान लोक आश्रम प्रांगण में कही। विश्व जागृति मिशन के मुम्बई मण्डल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन यहाँ उपस्थित ज्ञान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे।

श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि मानव काया में अपार शक्तियाँ एवं सम्भावनाएँ विद्यमान हैं। लेकिन, मानव शरीर में कई शक्तियाँ सुसुप्त अवस्था में सोयी रहती हैं, जिन्हें विशेष प्रयासों से जगाना पड़ता है। भारतीय अध्यात्म विज्ञान में इन शक्तियों के जागरण की कई विधियाँ बतायी गयी हैं। उन्होंने अनेक इतिहास पुरुषों के साथ-साथ वर्तमान की अनेक विशिष्ट विभूतियों का ज़िक्र किया और बताया कि किस प्रकार साधारण से दिखने वाले मानव अध्यात्म विधा का सहारा लेकर ‘महामानव’ बन गए तथा उनके माध्यम से समाज, राष्ट्र एवं विश्व का बड़ा कल्याण सम्भव हो सका। उन्होंने सभी से अपनी आन्तरिक शक्तियों को जागृत कर पूर्ण पुरुष परमात्मा के सच्चे पुत्र-पुत्रियाँ बनने का आहवान उपस्थित जनसमुदाय से किया। इस मौक़े पर सत्संग स्थल पहुँचे मिरा-भाईंदर क्षेत्र के विधायक श्री प्रताप सरनाईक सहित शिवसेना और भाजपा के नेताओं ने श्री सुधांशु जी महाराज का महाराष्ट्र की जनता की ओर से भावभीना अभिनंदन किया।

आनन्दधाम नयी दिल्ली से मुम्बई पहुँचे श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग स्थल पर लगे स्टालों से भारी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं। घरों में बीमारियों का प्रवेश रोकने के लिए सेवारत युगऋषि आयुर्वेद सेवा, धर्म-संस्कृति एवं सेवा धर्म के कार्यों में वृद्धि के लिए धर्मादा सेवा, गौ-संरक्षण व गौ-संवर्धन के लिए गौशाला सेवा, निराश्रित वृद्धजनों के लिए वृद्धजन सेवा, आनन्दधाम के तीन अस्पतालों करुणासिन्धु, युगऋषि आरोग्यधाम एवं द ह्वाईट लोटस हॉस्पिटल के ज़रिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा आदि स्टॉल इनमें सम्मिलित हैं। उन्होंने बताया कि सद्गुरू को अपने बीच पाकर उत्साहित होकर भारी संख्या में वरदान लोक आश्रम पहुँचे हज़ारों स्त्री-पुरुष इन स्टालों पर जाकर मिशन की गतिविधियों से जुड़ रहे हैं।

इसके पूर्व भजन शृंखला चली, जिसमें ख्याति प्राप्त शास्त्रीय गायिका सुश्री सृष्टि रक्षा भण्डारी द्वारा प्रस्तुत गुरु-वन्दना एवं शिव-वन्दना के भजनों ने जनमानस को भाव-विभोर कर दिया। श्री कश्मीरी लाल चुग एवं श्री राम बिहारी ने भी भजन प्रस्तुत किए।संगीत टीम में प्रमोद राय, राहुल आनन्द एवं चुन्नी लाल तंवर भी सम्मिलित थे।

गायत्री महामन्त्र और महामृत्युंजय मन्त्र से गूँजा वरदान लोक आश्रम

सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने सप्तचक्रों के ज्ञान-विज्ञान पर की विशेष चर्चा

कई सौ स्वास्थ्य-जिज्ञासुओं ने ध्यान-योग की कक्षा का लाभ उठाया

Gaytri Mahamantra-Mahamrutunjay-mantra Vardan Lok Ashram-Sudhanshuji Maharajवरदानलोक-थाणे-मुम्बई, 08 दिसम्बर (पूर्वाह्न)। महाराष्ट्र की थाणे नगरी के ग्रामीण अंचल से देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई सहित महाराष्ट्र के बड़े क्षेत्र में आध्यात्मिक पुण्य-प्रकाश विकेर रहे वरदान लोक आश्रम में आज पूर्वाह्नकाल की कक्षा ध्यान-योग को समर्पित रही। इस अदभूत सत्र का लाभ सैकड़ों स्वास्थ्य-जिज्ञासुओं ने उठाया। मिशन प्रमुख आचार्य सुधांशु जी महाराज ने थाणे, मुम्बई एवं उल्लाहसनगर के विभिन्न अंचलों से भारी संख्या में पधारे स्त्री-पुरुषों के बीच मानव काया में विद्यमान सप्तचक्रों के ज्ञान-विज्ञान पर विशेष चर्चा की। बताया कि प्रबल कुण्डलिनी शक्ति वाले मनुष्यों में अदभुत नेतृत्व क्षमता होती है। जिनका मणिपूर चक्र कमज़ोर होता है वे लोग डरपोक होते हैं, वे अक्सर भयग्रस्त एवं निराश देखे जाते हैं। इसी तरह उन्होंने सभी चक्रों की प्रबलता और न्यूनता के लाभों और हानियों का ज़िक्र किया। कहा कि इस ब्रह्माण्ड में परमात्मा की अपार शक्तियाँ विद्यमान हैं। ‘यत्पिंडे तत्र ब्रह्माण्डे’ की व्याख्या करते हुये उन्होंने कहा कि ध्यान के माध्यम से व्यक्ति ब्रह्माण्डव्यापी उन्हीं शक्तियों को आकर्षित करके अपने में धारण करता है। इसी से नर और नारायण की एकात्मता को सजीव व सार्थक होते देखा जा सकता है।

श्री सुधांशु जी महाराज ने विचारों और भावनाओं के बीच के सूक्ष्म (महीन) अन्तर का वर्णन किया और बताया कि विचारों और भावनाओं के संयुक्तीकरण से विशेष भाव-तरंगें निकलती है और प्रवाहित होकर वहाँ तक पहुँचती हैं, जिनके बारे में आप भावनाएँ व्यक्त कर रहे होते हैं। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 60,000 विचार व्यक्ति के मस्तिष्क में उठते हैं, श्रेष्ठ भावनाओं के ज़रिए उनमें से कल्याणकारी विचारों से अपना तथा अन्यों का कल्याण करने की उन्होंने सभी को सलाह दी। श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि इसी तरह ऋषियों द्वारा गहन साधना से निर्मित व विकसित मन्त्रों की शक्ति आपकी श्रद्धा एवं भावना की शक्ति से संयुक्त होकर देव शक्तियों की कृपा एवं उनके संरक्षण को आकर्षित करके लाती है और उसका लाभ साधक को मिलता है।

मिशन प्रमुख ने इस ब्रह्माण्ड में बहुत बड़ी मात्रा में व्याप्त ऊर्जाओं को इस विधा के द्वारा ग्रहण करने, धारण करने एवं विकसित करने की आध्यात्मिक-वैज्ञानिक कला उपस्थित जन-समुदाय को सिखाई। उन्होंने गायत्री महामन्त्र की वैज्ञानिकता से सभी को परिचित कराया और कहा कि इसके माध्यम से सूर्य शक्ति से जुड़े रहें। मिशन प्रमुख ने ध्यान-योग के आसनों का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी ध्यान-जिज्ञासु स्त्री-पुरुषों को दिया।

इस अवसर पर श्रीमती मिलन एस राणे, श्रीमती अरुणा भावसार एवं श्री नारायण भावसार ने मंच पर पहुँचकर श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनंदन किया। उन्होंने अनाथ बच्चों की शिक्षा में स्वयं सहयोग देकर सभी से देशहित के इस कार्य में सहयोगी बनने का आग्रह उपस्थित जनसमुदाय से किया। आनन्दधाम नई दिल्ली से आए श्री जीसी जोशी ने धर्मादा की नौ सेवाओं की जानकारी सत्संग-प्रेमियों को दी और बताया कि शिक्षा सेवा, स्वास्थ्य सेवा, गौ सेवा एवं वृद्धजन सेवा आदि के कार्यक्रम विश्व जागृति मिशन परिवार द्वारा चलाए जा रहे हैं। युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रीय मार्केटिंग प्रमुख श्री प्रयाग शास्त्री के मार्गदर्शन में सत्संग स्थल पर लगे स्टालों का लाभ महाराष्ट्रवासी प्राप्त कर रहे हैं।

इस अवसर पर नव ईसवी वर्ष 2019 की दिव्य नव जीवन डायरी तथा पंचांग (कैलेण्डर) का भी विमोचन श्रद्धेय महाराजश्री द्वारा किया गया। इनको बड़ा ज्ञानपरक एवं जानकारीपरक बनाया गया है।

सत्संग समारोह का मंचीय समन्वयन व संचालन नयी दिल्ली से आए मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया। इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन मुम्बई मण्डल के प्रधान श्री एसएस अग्रवाल, करनाल (हरियाणा) मण्डल के प्रधान श्री राजेन्द्र भारती एवं गोवा से आयी आध्यात्मिक महिला शान्ता माता सहित भारी संख्या में सुधी श्रोतागण उपस्थित रहे।

मुम्बई (थाणे) के वरदान लोक आश्रम में भक्ति सत्संग शुरू, 7 दिसम्बर

प्रकृति से तादात्म्य न रखने पर ही आता है बीमारियों का संकट

पेड़ों से नया होने की कला सीखें

सत्संग एक ठण्डक है जो अंतर्मन को शीतलता प्रदान करता है

Bhakti Satsang 07-December Thaneवरदानलोक-थाणे-मुम्बई, 07 दिसम्बर। विश्व जागृति मिशन आनन्दधाम नयी दिल्ली द्वारा महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई के समीप स्थापित वरदान लोक आश्रम में तीन दिवसीय दिव्य भक्ति सत्संग महोत्सव का आज सायंकाल विधिवत शुभारम्भ हुआ। मिशन प्रमुख सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने आज थाणे जनपद के ग्रामीण अंचल में सेवारत इस आश्रम में मुम्बई, थाणे एवं उल्हासनगर जिलों के विभिन्न अंचलों से आए ज्ञान-जिज्ञासुओं से कहा कि नए ईस्वी वर्ष के आगमन के पहले ख़ुद को नया बनाने की कला सीखें, मस्तिष्क का नवीनीकरण करें और उसमें नवीन विचारों को स्थान दें। नएपन का शिक्षण पेड़ों से लेने का आहवान करते हुये उन्होंने कहा कि जीवनदाता वृक्ष लम्बे समय तक इसलिए जीवित रहते हैं, क्योंकि वे हर साल पुराने पत्ते झाड़ देते हैं। फलतः उनमें नयी कोपलें आती है और वे फिर से नए हो जाते हैं। भारी मात्रा में फूल और फल प्रदान करने में पेड़ का वह नयापन ही काम करता है।

श्रद्धेय महाराजश्री ने नए विचार, नयी सोच, नये अनुशासन को अपने जीवन का ध्येय बनाने को सभी से कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रकृति से जुड़ा रहना ज़रूरी है, प्रकृति से तादात्म्य नहीं बनाने पर ही व्यक्ति रोगों का शिकार बनता है। उन्होंने स्वस्थ रहने के लिए प्रकृतिनिष्ठ जीवनशैली अपनाने का आहवान देशवासियों से किया। श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि सत्संग की महत्ता इसलिए बतायी गयी है। सत्संग वह ठण्डक है जो व्यवहार में उतार लिए जाने पर अंतःकरण को शीतलता प्रदान करता है।

विश्व जागृति मिशन के मुम्बई मण्डल के प्रधान श्री एसएस अग्रवाल ने बताया कि सत्संग महोत्सव का समापन 09 दिसम्बर की सायंकाल होगा। बताया कि रविवार को ही मध्याहनकाल में सामूहिक मन्त्र दीक्षा का कार्यक्रम भी सम्पन्न होगा। उन्होंने बताया कि

इसके पूर्व नगर निगम मिरा-भाईंदर की महापौर सुश्री डिम्पल मेहता, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मोटर ट्रांसपोर्ट) श्री अतुल पाटिल, भाजपा की मुम्बई इकाई के महामन्त्री श्री अमरजीत मिश्र, श्री विष्णुजीत पाण्डेय, थाणे मण्डल के प्रधान श्री अनिल कुरसीजा, उल्हासनगर मण्डल के प्रधान श्री सुरेश मानिक, दादा मोहनदास मखीजा एवं नगर सेवक श्री मनोज दूबे ने श्री सुधांशु जी महाराज का वरदान लोक आश्रम में अभिनंदन किया। व्यास पूजन का कार्यक्रम श्रीमती एवं श्री चंदर गिड़वाणी की अगुवाई में सम्पन्न हुआ।

सत्संग समारोह का समस्त मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन नयी दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया। उन्होंने बताया कि तीन ओर से पहाड़ियों से घिरा और ११ एकड़ भूभाग में फैला वरदान लोक आश्रम महाराष्ट्र राज्य की पर्यटन स्थलियों में शुमार किया जाने लगा है। श्री मिश्र ने आश्रम द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की भी जानकारी दी।

विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ समापन

‘’सपने वह नहीं होते जो सोने पर आते हैं, सपने वह होते हैं जो सोने ही नहीं देते’’

नकारात्मक चिन्तन छोड़ें, सकारात्मक चिन्तन को अपनाएँ

अध्यात्मपुरुष श्री सुधांशु जी महाराज ने ग़ाज़ियाबाद के रामलीला मैदान में कहा

महामृत्युंजय मन्त्र से गूँजा ग़ाज़ियाबाद का घण्टाघर क्षेत्र

सन्तश्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनंदन किया गया

Virat Bhakti Satsang Ghaziabad 02-12-18-ending-Sudhanshuji Maharajग़ाज़ियाबाद, 02 दिसम्बर (सायंकाल)। विश्व जागृति मिशन आनन्दधाम, नांगलोई-नज़फ़गढ़ क्षेत्र नयी दिल्ली एवं ग़ाज़ियाबाद मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज समापन हो गया। इस दौरान सम्पन्न सात सत्रों में मिशन प्रमुख सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने ढेरों मार्गदर्शन बड़ी सहज एवं प्रभावी शैली में उपस्थित जनसमुदाय को समापन सत्र में उनको प्रदान किए।

सत्संग समारोह के समापन सत्र में विदाई सन्देश देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि शक्ति एवं सामर्थ्य कम होते हुए भी निरंतर गतिशील रहने वाले व्यक्ति सफल अवश्य होते हैं। आदत की ताकत की चर्चा करते हुए बताया कि आदतों का निर्माण संस्कारों एवं अभ्यास से होता है, जो लंबे समय में विनिर्मित होती हैं। खराब आदतों को उसी तरह निरंतर अभ्यास से सुधारा जा सकता है। उन्होंने भूतपूर्व राष्ट्रपति स्मृतिशेष डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के कथन को याद किया, जिसमें उन्होंने कहा था- ”सपने वह नहीं होते जो सोते समय आते हैं, सपने तो वह होते हैं जो सोने ही ननहीं देते।” उसी तरह कहा जा सकता है कि ”अपने वह नहीं होते जो रोने पर आते हैं, अपने तो वह होते हैं जो रोने ही नहीं देते। उन्होंने नकारात्मक विचारों से बचने तथा सकारात्मकता को अपनाने पर जोर दिया।

विदाई सत्र में मिशन प्रमुख सन्तश्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनंदन बड़े जोशो-खरोश के साथ किया गया, उपस्थित विशाल जनसमुदाय तथा मिशन के ग़ाज़ियाबाद मण्डल की ओर से प्रधान श्री सुरेन्द्र मोहन शर्मा, उपप्रधान श्री सुरेन्द्र दत्त त्यागी, महामन्त्री श्री सत्येन्द्र सिंह, कोषाध्यक्ष श्री आर॰के॰ दिवाकर संगठन मन्त्री श्री शिशुपाल सिंह गंगवार एवं कार्यक्रम समन्वयक श्री मनोज शास्त्री ने श्री सुधांशु जी महाराज को भावभरी विदाई दी।

उधर मध्याह्नकाल में भारी संख्या में स्त्री-पुरुषों ने सन्तश्री सुधांशु जी महाराज से मन्त्र दीक्षा ग्रहण की। समस्त कार्यक्रमों का समन्वयन-संचालन मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

गौशाला विभाग आनंदधाम के प्रतिनिधि श्री सूर्यमणि दुबे ने बताया कि मिशन द्वारा गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन के भरसक प्रयास किए गए हैं और 07 गौशालाओं के माध्यम से सैकड़ों गायों की बड़ी सुंदर ढंग से सेवा की जा रही है। उन्होंने बताया कि यह गौशालाएँ आनंदधाम नई दिल्ली, बिठूर कानपुर, हैदराबाद, पानीपत, मुरादाबाद, बैंगलोर एवं कुल्लू (हिमाचल) में चल रही है। वर्ष 1996 से आनंदधाम में चल रहे वृद्ध आश्रम के प्रतिनिधि श्री रमेश सरीन के अनुसार ढाई दर्जन वृद्ध स्त्री-पुरुषों की सराहनीय सेवा की जा रही है।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने देश में तीन पीढ़ियों के परिवार की परंपरा को राष्ट्र में पुनः प्रतिष्ठित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बीते 20 वर्षों से पूरे देश में श्रद्धा पर्व मनाकर नई पीढ़ी को बुजुर्ग माता-पिता की सेवा व सम्मान देने की प्रभावी ढंग से प्रेरणा दी जा रही है। युगऋषि आयुर्वेद के राष्ट्रीय मार्केटिंग प्रमुख श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग स्थल पर लगाए गए लगभग एक दर्जन स्टालों ने जनसामान्य को भरपूर सेवाएँ प्रदान कीं।

ध्यान-योग की कक्षा ने भरे जीवन में स्वस्थता के अनेक रंग

गुरुजनों की वाणी से मन-मस्तिष्क बनाने व अंतःकरण बदलने की धारा प्रवाहित होती रहे – सुधांशु जी महाराज

ध्यान का मार्ग सदा ही कल्याणकारी होता है – डॉ. अर्चिका दीदी

Virat Bhakti Satsang Ghaziabad 02-12-18-Sudhanshuji Maharajगाजियाबाद, 2 दिसंबर (पूर्वाहन)। ध्यान का मार्ग हमेशा कल्याणकारी होता है। ध्यान के रास्ते पर चलकर आत्म-कल्याण किया जा सकता है। खुद का कल्याण करने के लिए दूसरों पर निर्भरता से बचना पड़ता है, आत्मनिर्भर होना पड़ता है। निर्भरता का मार्ग सदा कष्टकारी होता है। ध्यान व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाता है।

यह बात आज राष्ट्र के हृदय-प्रान्त उत्तर प्रदेश के प्रवेश-द्वार गाजियाबाद के रामलीला मैदान में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के अंतिम दिन के पूर्वाहनकालीन सत्र में ध्यानगुरु डॉक्टर अर्चिका दीदी ने कही। उन्होंने कहा कि अपने भीतर की रसधारा से जुड़ने वाला व्यक्ति ‘योगी’ बन जाता है और परमात्मा से जुड़ जाता है। कारण, परमात्मा अपने अंश ‘आत्मा’ के रूप में आपके अंदर बैठा हुआ है। योगयुक्त जीवन जीने से आत्मा परमात्मा से जुड़ जाती है। इसलिए कहा गया है कि आत्मा और परमात्मा का मिलन ही ‘योग’ है। उन्होंने ध्यान-योग की विधियों का प्रशिक्षण भी उपस्थित स्वास्थ्य-जिज्ञासुओं को दिया।

इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि भारतवर्ष को वहम में बेतहाशा वृद्धि और खुद एवं ईश्वर पर विश्वास के अभाव ने जितना नुकसान पहुंचाया है, उतना और किसी ने नहीं पहुंचाया। कहा- भगवान पर अटूट विश्वास करने वाले व्यक्ति का राहु और केतु कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते। ज्योतिष विज्ञान पर पूरा विश्वास रखते हुए उसकी वैज्ञानिकता से जीवन को कर्मशील व सक्रिय बनाते हुए शांति व समृद्धि की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कर्मयोग की अमिट एवं शाश्वत शिक्षा मानव समाज को देने वाले प्रभु श्रीकृष्ण की कर्मशीलता का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने कर्मयोग की शक्ति से खण्ड-खण्ड हो रहे भारत को महाभारत बना दिया था। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश को गीतानायक के उस कर्मयोग के सिद्धांत की बड़ी आवश्यकता है।

विश्व जागृति मिशन मुख्यालय आनन्दधाम नयी दिल्ली से आए धर्मादा अधिकारी श्री गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि अनाथ बच्चों की उच्चस्तरीय शिक्षा, संस्कृत शिक्षा हेतु गुरुकुल एवं धर्म उपदेशक तैयार करने के लिए उपदेशक महाविद्यालय, श्रवण कुमार परंपरा के विकास हेतु श्रद्धा-पर्व एवं वृद्धजन सेवा हेतु वृद्ध आश्रम, निर्धन अशक्तों की चिकित्सा के लिए करुणासिंधु अस्पताल, युगऋषि आरोग्य धाम व द ह्वाईट लोटस अस्पताल, गौ सेवा हेतु कामधेनु गौशाला, अन्नक्षेत्र, 25 विशाल मंदिर, यज्ञ सत्संग व ध्यान तथा आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आपदा राहत कार्यक्रम इन 09 सेवाओं के लिए धर्मादा सेवा चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की इस प्राचीन पद्धति का अनुसरण कर मिशन परिवार द्वारा समाज के सहयोग से ये कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं।

विजामि के गाजियाबाद मण्डल के प्रधान श्री सुरेंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि सत्संग समारोह का समापन आज सायंकाल होगा। कहा कि इसके पूर्व सामूहिक मंत्र दीक्षा सद्गुरु श्री सुधांशु जी महाराज द्वारा दी जाएगी। इसके लिए पंजीयन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।