आत्मोद्धार, सतत विकास और प्राप्त उपलब्धियों का सदुपयोग लोक के हित में करना सिखाती है गुरुसत्ता

”गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः”

मधुर भजनों से सजी सत्संग सन्ध्या

रायपुर विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का दूसरा दिवस

Virat Bhakti Satsang Raipur 09 Mar 19 | Sudhanshu Ji Maharajरायपुर, 09 मार्च (सायं)। यहाँ विश्व जागृति मिशन के तत्वावधान में चल रहे तीन दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने ज्ञान-जिज्ञासुओं को सफल जीवन के सूत्र सिखाते हुए कहा कि आस्तिकता, आत्मनिष्ठा, ईश्वर विश्वास और धार्मिकता ऐसे शक्तिशाली जीवन-फार्मूले हैं, जिनसे गहराई से जोड़ लेने पर सफलता खुद ऐसे व्यक्तियों के कदम चूमने दौड़ती है। उन्होंने इन जीवन सूत्रों की विस्तार से व्याख्या की तथा उदाहरणों के साथ उनके बारे में उपस्थित जनसमुदाय को समझाया। ज्ञातव्य हो कि श्रद्धेय महाराजश्री द्वारा रायपुर में सफलता के 12 सूत्रों पर वृहद् चर्चा की जा रही है।

इस अवसर पर उपस्थित विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि सबके जीवन में एक प्रेरक तत्व की आवश्यकता होती है, जिसके निर्देशन में व्यक्ति सधे कदमों से जीवन पथ पर अग्रसर होता है। ऐसी सत्ता को ‘गुरु’ कहा जाता है। गुरु शिष्य से तीन काम एक साथ कराते हैं। आत्मोद्धार, सतत विकास तथा इनसे प्राप्त उपलब्धियों का सही ढंग से नियोजन करके उनका लाभ जन-जन तक फैलाना। इन कार्यों को ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्ति कहा जाता है। विकास की यह तीनों शक्ति-धाराएँ जहाँ एक साथ मिलती हैं, उन्हें गुरु कहा गया है। उन्होंने गुरु-महिमा को समझने, आत्मसात् करने एवं प्राप्त उपलब्धि का लाभ जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान सबसे किया।

नई दिल्ली स्थित मिशन मुख्यालय आनन्दधाम से आये गायक श्री कश्मीरी लाल चुग, श्री महेश सैनी एवं श्री राम बिहारी द्वारा गाये गए भजनों से आज की सत्संग सन्ध्या अनूठे भावों से भर उठी। श्री प्रमोद राय, श्री चुन्नी लाल तंवर एवं श्री रविशंकर ने वाद्य यंत्रों पर संगीत दल का साथ दिया। डोंगरगढ़ से आयीं प्रखर युवा भजन गायिका श्रीमती ट्विंकल खेमका के भजनों ने अद्भुत समाँ बाँधा।

विश्व जागृति मिशन के धर्मादा अधिकारी श्री गिरीश चन्द जोशी ने बताया कि इस आध्यात्मिक संस्थान द्वारा ध्यान शिविरों के जरिये व्यक्तित्व परिष्कार तथा वैचारिक गहराई लाने के प्रयत्न लगातार किए जा रहे हैं। अगला विशिष्ट ध्यान शिविर देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मनाली में आहूत किया गया है, वहाँ व्यास नदी के तट पर स्थित विशालकाय आनन्दम् आश्रम में 18 मई से 09 जून के बीच पाँच ध्यान साधना शिविर का आयोजन किया गया है। उधर वहीं पर 18 मई से 03 जून तक 15 दिवसीय लघु चान्द्रायण तप साधना भी पंजीकृत साधकों को कराई जायेगी।

विश्व जागृति मिशन के रायपुर मण्डल के उपाध्यक्ष श्री दिलीप सचदेव ने जानकारी दी कि कल रविवार को दोपहर में सैकड़ों स्त्री-पुरुषों को सामूहिक मन्त्र दीक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रातःक़ालीन सत्र ध्यान-योग व स्वस्थ वृत्त को समर्पित होगा। कहा कि सत्संग समारोह का विदाई सत्र सायं 04 से 06 बजे तक चलेगा।

रायपुर के परसदा-कुम्हारी गाँव में संचालित विश्व जागृति मिशन के ब्रह्मलोक आश्रम में निर्माणाधीन श्री कैलाश मानसरोवर के निर्माण में यजमान बनकर सहयोग प्रदान करने वाले भामाशाहों सर्वश्री शिव कुमार देवांगन, गणेश राम देशमुख, एस.एन. ठाकुर, पुष्पा नारायण प्रसाद बघेल, कमला देवांगन, कैलाश नाथ स्वर्णकार, के.पी. साहू, सन्दीप दीक्षित, राधेश्याम बंसल, कविता सुन्दरानी, मधुलीला ठाकुर, गोपाल सोलंकी, अर्जुन विश्वकर्मा, मुरारी लाल बंसल, ईश्वर अग्रवाल एवं निरंजना अग्रवाल का सम्मान भी इस अवसर पर सत्संग आयोजन समिति ने किया। मण्डल प्रमुख श्री सुनील सचदेव ने रायपुरवासियों से इस कार्य में मिल रहे प्रेम के लिए उन्हें साधुवाद दिया।

सफलता की सफलता के पीछे का नाम है आनन्द

रायपुर में श्री सुधांशु जी महाराज जी बोले

स्वस्थ वृत्त को समर्पित रहा सत्संग समारोह का प्रातःकालीन सत्र

Virat Bhakti Satsang Raipur-09-Mar-2019रायपुर, 09 मार्च (प्रातः)। विश्व जागृति मिशन के रायपुर मण्डल द्वारा यहाँ बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिवस का प्रातःकालीन सत्र स्वस्थ वृत्त को समर्पित रहा। इसमें सुस्वास्थ्य की महत्ता तथा उत्तम स्वास्थ्य प्राप्ति के उपायों आदि पर गम्भीर चर्चाएँ हुईं, साथ ही ध्यान-योग के सैद्धान्तिक व व्यावहारिक सूत्र दिए गए। मिशन प्रमुख की प्रेरणाएँ पाकर और संगीतमय वातावरण में आध्यात्मिक एवं यौगिक क्रियाओं में भाग लेकर उपस्थित जनमानस भावविभोर हो उठा।

इस अवसर पर प्रखर अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने हजारों की संख्या में उपस्थित स्त्री-पुरुषों को सम्बोधित करते हुए कहा कि मनुष्य को परमात्मा ने ‘वाणी’ और ‘पाणी’ के रूप में दो बड़ी शक्ति-सामर्थ्य दी हैं। वाणी (जबान) तथा पाणी (हाथ) को बुद्धिरूपी ईश्वरीय सामर्थ्य से जोड़ दिए जाने पर मानव अपने एक छोटे से जीवन में वह कार्य सम्पन्न कर लेता है, जो 84 लाख योनियों में भी सम्भव नहीं हो पाता। उन्होंने अपने समय, ज्ञान, धन एवं बुद्धि को अनावश्यक कार्यों में लगाने से रोकने की सलाह सभी को दी।

श्री सुधांशु जी महाराज ने धन व समय की कद्र करने को कहा। श्री सुधांशु जी महाराज ने अपनी दैनन्दिन प्रार्थनाओं में यह प्रार्थना अवश्य शामिल करने को कहा कि हे प्रभु! आप हमें निराशा, हताशा और दीनता के गुह्य अंधेरे से निकालकर आशा, उत्साह एवं उल्लास के प्रकाश की ओर बढ़ा दें। उन्होंने ‘आनन्द’ की व्याख्या करते हुए कहा कि सफलता की सफलता के पीछे का नाम आनन्द है। उन्होंने जीवन में सुख-शान्ति एवं आनन्द के लिए अनेक सूत्र सिखाए तथा स्वस्थ जीवन के लिए ध्यान की प्रभावी विधाएँ सिखायीं।

इसके पूर्व आनन्दधाम नई दिल्ली से आये धर्माचार्य अनिल झा ने योग-ध्यान की विभिन्न क्रियाएँ ध्यान-जिज्ञासुओं को कराईं। सबने यहाँ से प्राप्त प्रशिक्षण को दैनिक दिनचर्या में शामिल करने का संकल्प लिया।

विश्व जागृति मिशन के रायपुर मण्डल के महामन्त्री श्री रामगोपाल भोपानी ने बताया कि सत्संग का प्रस्तुत कार्यक्रम रविवार 10 मार्च की सन्ध्याकाल सम्पन्न होगा। इस दिन मध्यान्हकाल सामूहिक मन्त्र दीक्षा का कार्यक्रम सम्पन्न होगा। गुरुदीक्षा के लिए पंजीयन प्रक्रिया कल शुक्रवार से ही आरम्भ हो चुकी है। मण्डल प्रधान श्री सुनील सचदेव ने रायपुर के ग्राम परसदा में सेवारत मिशन के ब्रह्मलोक आश्रम में निर्माणाधीन श्री कैलाश मानसरोवर की रूपरेखा विस्तार से उपस्थित जनसमुदाय के समक्ष रखी और बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी में चीन के सीमा क्षेत्र में चले गए भारतवर्ष के ब्रह्याण्ड-प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर की प्रतिकृति स्थापित करने के प्रयत्न मिशन परिवार द्वारा किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस स्थापना में गुरुदेव परम पूज्य श्री सुधांशु जी महाराज का सशक्त मार्गदर्शन मिल रहा है। उन्होंने इस देव कार्य में हाथ बंटाने की अपील सभी से की।

आनन्दधाम नयी दिल्ली से आए श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि सत्संग स्थल पर लगे एक दर्जन स्टालों के माध्यम से ढेरों उपयोगी जानकारियाँ आगंतुकों को दी जा रही हैं, जिनमें युगऋषि आयर्वेद, धर्मादा सेवा, साहित्य सेवा, गौशाला सेवा, वृद्धजन सेवा, करुणा सिन्धु अस्पताल सेवा, युगऋषि आरोग्य धाम सेवा, देवदूत सेवा इत्यादि शामिल हैं।

जीवन बड़ा मूल्यवान है, इसे वेशकीमती और प्रभु का प्यारा बनाएँ

मूल्यवान विचारों से ही बहुमूल्य बनता है जीवन

रायपुर में विराट् भक्ति सत्संग महोत्सव शुरू

Virat Bhakti Satsang Raipur-08-Mar-2019 | Sudhanshu Ji Maharajरायपुर, 08 मार्च। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज शाम विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का श्रीगणेश हो गया। विश्व जागृति मिशन के रायपुर मण्डल की ओर से आयोजित तीन दिवसीय सत्संग समारोह का उदघाटन आज अपराह्न इस विशाल आध्यात्मिक परिवार के मुखिया, प्रखर व गम्भीर अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया। दीप प्रज्ज्वलन के हृदयस्पर्शी अनुष्ठान में रायपुर मण्डल के प्रधान श्री सुनील सचदेव एवं महामन्त्री श्री जमुना दास भोपानी सहित मण्डल के प्रमुख प्रतिनिधि शामिल रहे। इसके पूर्व सत्संग महोत्सव के मुख्य यजमान एवं विश्व जागृति मिशन के मण्डल उपाध्यक्ष श्री दिलीप सचदेव ने अपनी टीम के साथ श्रद्धेय महाराजश्री का अभिनंदन किया। श्री देवेन्द्र सोलंकी एवं श्रीमती हर्षा सोलंकी ने व्यास पूजन का विशिष्ट कार्य वेद-मंत्रोचार के मध्य सम्पन्न किया। सत्संग में रायपुर सहित छत्तीसगढ़ प्रान्त के अनेक जनपदों तथा मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्यों से आये ज्ञान-जिज्ञासु हजारों की संख्या में उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन बड़ा मूल्यवान है, वेशकीमती है। निज-जीवन को मूल्यवान बनाये रखने का आहवान करते हुए उन्होंने सभी से कहा कि आपका जीवन मूल्यवान तब बनता है जब मूल्यवान विचारों को जीवन में उतारा जाता है। उन्होंने छोटी-छोटी आदतों पर सम्यक् ध्यान देते हुए इनसे बनने वाले संस्कारों की ओर सभी का ध्यान खींचा और मुदिता, उपेक्षा, करुणा एवं सेवा के महत्वपूर्ण सूत्रों का ज्ञान-विज्ञान समझाते हुए उन्हें जीवन की सहज आदतों में सम्मिलित करने की सलाह दी।

मिशन प्रमुख ने घर को मन्दिर ‘गृह मन्दिर’ की संज्ञा देते हुए अपने घर की स्वच्छता एवं सुव्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की प्रेरणा दी। उन्होंने लक्ष्मी और दरिद्रता को दो विरोधाभाषी बहिनें बताते हुए कहा कि जिस घर में गन्दगी, अव्यवस्था एवं कलह-क्लेश होता है वहाँ दरिद्रता प्रवेश कर लेती है। एक दरवाजे से दरिद्रता के प्रवेश करते ही लक्ष्मी दूसरे दरवाजे से बाहर चली जाती है। इस अव्यवस्था एवं अस्त-व्यस्तता को ठीक करते ही लक्ष्मी का प्रवेश पुनः उस घर में होता है। बहिन लक्ष्मी के आते ही दरिद्रता उस घर से सरपट भाग जाती है।

विश्व जागृति मिशन के रायपुर मण्डल के प्रधान श्री सुनील सचदेव ने बताया कि वर्ष 2005-06 में स्थापित यहाँ का ब्रह्मलोक आश्रम छोटे से पौधे से विकसित होकर वृक्ष बन चुका है। यहाँ कैलास मानसरोवर की दिव्य स्थापना का कार्य आरम्भ किया जा चुका है। श्रद्धेय महाराजश्री ने शिवधाम कैलास मानसरोवर की महत्ता सभी को बताई और इस देवकार्य में भरपूर सहयोग करने का आहवान रायपुरवासियों से किया।

सत्संग महोत्सव कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

ईश्वरीय कृपा पाने के लिए गुरुसत्ता का मार्गदर्शन जरूरी

मातृभक्ति, पितृभक्ति, गुरुभक्ति, ईश्वरभक्ति और राष्ट्रभक्ति के पाँच सन्देश एक साथ लेकर आया है महाशिवरात्रि पर्व

शिवभक्ति के भजनों पर भाव विभोर हुए शिव साधक

तीन दिवसीय महाशिवरात्रि पर्व का हुआ समापन

Maha Shivratri 04-Mar-19 | Sudhanshu Ji Maharajआनन्दधाम-नई दिल्ली, 04 मार्च। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पश्चिमी दिल्ली जनपद के पंजाबी बाग प्रखण्ड में बक्करवाला मार्ग पर स्थित आनन्दधाम आश्रम प्रांगण में तीन दिनों से चल रहे महाशिवरात्रि पर्व का आज सायंकाल समापन हो गया। सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों के अभिषेक, पशुपतिनाथ मंदिर पर अर्चन-पूजन, जप व ध्यान संगोष्ठी, द्वादश ज्योतिर्लिंग परिसर में अभिषेक, रुद्र महायज्ञ, कैलाश सिद्ध शिखर पर महाआरती इत्यादि कार्यक्रमों से सजे महाशिवरात्रि पर्व में नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रान्तों के अलावा अमेरिका, इंडोनेशिया, सिंगापुर देशों से आये शिव साधकों ने भारी संख्या में भाग लिया।

इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि यह महाशिवरात्रि पर्व मातृभक्ति, पितृभक्ति, गुरुभक्ति, ईश्वरभक्ति और राष्ट्रभक्ति के पाँच सन्देश एक साथ लेकर आया है। उन्होंने आज के वैश्विक परिप्रेक्ष्य में राष्ट्र-भक्ति को ऊँचा स्थान देने का आह्वान सभी से किया। उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर हम जन्में, जिसकी गोद में पले-बढ़े, जिस पर घुटने-घुटने चले, जहाँ पढ़े-लिखे, जहाँ हमने साँस ली और जिससे प्राणऊर्जा अर्जित की तथा नाम पाया एवं ऊँचे उठे, उस मातृभूमि का क़र्ज़ उतारने का यही असली समय है। उन्होंने देशभक्ति के रंग में बाहर से भीतर तक सराबोर होकर खुद को मिली ईश्वरीय विभूतियों का सदुपयोग देवभूमि भारतवर्ष के हित में करने की अपील शिवरात्रि महापर्व पर देशवासियों से की। इस मौके पर उपस्थिति जन समुदाय ने ”लंका दहन को आया फिर से मारुति नन्दन है, अभिनन्दन है अभिनन्दन है अभिनन्दन है” की धुन पर वीररस के विशेष गीत के साथ राष्ट्र भक्ति का अद्भुत उदघोष किया। उन पलों में ‘भारत माता की जय’ के नारों से समूचा आश्रम परिसर गुंजायमान हो उठा।

भगवान शिव के वैद्यनाथ नाम की व्याख्या करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जो पुष्प और पत्ता किसी देवता पर नहीं चढ़ाया जाता, उसे सदाशिव प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार करते हैं। आज के वनस्पति एवं जड़ी-बूटी विज्ञानियों ने सिद्ध किया कि वे सभी चीजें उच्च स्तर की औषधियाँ हैं। विष को पीकर संसार को अमृत प्रदान करने वाले भगवान शिव के नाम पर कोई भी नशा व व्यसन न करने की सलाह उन्होंने जनमानस को दी।

श्रद्धेय महाराजश्री ने शिवजी की उपासना व आराधना के ढेरों प्रभावी सूत्र सभास्थल पर उपस्थित शिव साधकों को दिए। उन्होंने महाशिवरात्रि की बधाई सभी को दी और श्रेष्ठ जीवन जीने की विविध प्रेरणाएँ दीं।

विश्व जागृति मिशन की उपाध्यक्ष ध्यान गुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने गुरुतत्त्व का गम्भीर विवेचन किया और कहा कि ईश्वरीय कृपा पाने के लिए गुरुसत्ता का मार्गदर्शन जरूरी है। गुरुसत्ता इस धरित्री पर परमात्मसत्ता की स्थूल प्रतिनिधि है। शिव को सत्य का ही दूसरा रूप बताते हुए उन्होंने ‘सत्यं शिवं सुन्दरम’ के मन्त्र सूत्र की व्याख्या की और कहा कि श्रद्धा व विश्वास रूपी भगवान शंकर और जगदम्बा माता पार्वती की कृपा मन, वचन और कर्म तीनों में एकरूपता लाकर ही पायी जा सकती है। उन्होंने आनन्दधाम आये सभी शिव साधकों के उज्ज्वल भविष्य के लिए मंगलकामना कही।

दिव्य भजनों से सजी आज की सन्ध्या में आनन्दधाम के भजन गायक श्री कश्मीरी लाल चुग एवं श्री राम बिहारी के अलावा पानीपत से आये श्री प्रमोद चोपड़ा ने कई भजन प्रस्तुत किये। इस मौके पर महर्षि वेदव्यास गुरुकुल विद्यापीठ के ऋषिकुमारों ने मधुर भजन प्रस्तुत कर सभी को झूमने पर विवश किया।

महाशिवरात्रि पर्व के समस्त कार्यक्रमों का मंचीय समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

आनन्दधाम में मच रही शिवार्चन की दिव्य धूम

देवपूजन की फलित सफलता के लिए विधि विधानपूर्वक बाह्य उपचारों की सम्पन्नता तथा आन्तरिक भावना की प्रखर श्रेष्ठता दोनों ही जरूरी हैं

महाशिवरात्रि पर्व पर सदगुरुदेव ने गुरुधाम में कहा

Maha Shivratri 04-Mar-2019 | Sudhanshu Ji Maharaj | Dr. Archika Didiआनन्दधाम-नयी दिल्ली, 04 मार्च। महाशिवरात्रि और वह भी शिव के पावन दिवस ‘सोमवार’ के दिन। बीते दो दिनों से सदाशिव भगवान शंकर की निरन्तर चर्चाएँ और शिव-साधना में निरत सैकड़ों स्त्री-पुरुष। विश्व जागृति मिशन के अन्तरराष्ट्रीय मुख्यालय ‘आनन्दधाम’ में आज का दिन सभी के लिए बेहद खास था। यहाँ दिन भर शिर्वाचन की धूम रही। दसों दिशाओं में अनूठी दिव्यता के दर्शन हो रहे हैं।

मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज आज प्रातःकाल ही आश्रम पधारे, जहाँ भारी संख्या में उपस्थित शिव-भक्तों ने उनका अभिनन्दन किया। उन्होंने सभी मन्दिरों में रोज की भांति पूजन किया। काठमाण्डू के पशुपतिनाथ मन्दिर की तर्ज पर बने शिव मन्दिर में उन्होंने विधिवत शिवार्चन किया तथा द्वादश ज्योर्तिलिंग परिसर में जलाभिषेक किया। आनन्दधाम की विशालकाय 108 कुण्डीय यज्ञशाला में मुख्य पूजा वेदी पर पूर्ण विधि-विधान से शिव-पार्वती का पूजन किया। विश्व जागृति मिशन की उपाध्यक्ष डाॅ. अर्चिका दीदी भी इस महापूजन समारोह में शामिल रहीं। विद्वान आचार्योें आ.सतीश चन्द्र द्विवेदी, आ.राकेश द्विवेदी, आ.डाॅ. शेष कुमार शर्मा एवं आ.अशोक झा के पौरोहित्य में सम्पन्न शिव-पूजन महोत्सव में देश-विदेश के विभिन्न अंचलों से आए शिव साधक बड़ी संख्या में मौजूद रहे। इन पलों में सभी ओर शिवत्व की महिमा के दर्शन हो रहे थे।

आज द्वादश ज्योर्तिलिंग का परिसर विशेष रूप से सजा हुआ है। ज्योर्तिलिंग प्रांगण में श्री सुधांशु जी महाराज सहित समस्त शिव-साधकों ने द्वादश ज्योर्तिलिंगों का वैदिक रीति-नीति से अभिषेक किया। उसी प्रांगण में बने विशाल यज्ञकुण्ड में सम्पन्न रुद्र महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने यज्ञाहुतियाँ समर्पित कीं। महाआरती के साथ पूर्वाहनकालीन कार्यक्रमों का समापन हुआ। इस मौके पर मिशन के संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने शिव पूजन का महत्व सभी को समझाया। उन्होंने देवपूजन की फलित सफलता के लिए विधि विधानपूर्वक बाह्य उपचार सम्पन्न करने तथा आन्तरिक भावना की प्रखर श्रेष्ठता दोनों को जरूरी बताया।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि अपराह्नकाल मुख्य प्रवचन पण्डाल से महाशिवरात्रि का विशेष सन्देश आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज द्वारा दिया जायेगा। देर शाम तीन दिवसीय महाशिवरात्रि कार्यक्रमों का समापन हो जायेगा।

ॐ नमः शिवाय की मस्ती चहुँओर बिखरी, आनन्दधाम में आनन्द की धुन

उपयोगी, कामयाब, स्वस्थ, प्रेमपूर्ण व सफल जीवन का निरन्तर करें चिन्तन, मिलेंगे अद्भुत परिणाम

देश के कई प्रान्तों से आए साधक

महाशिवरात्रि पर्व का दूसरा दिन

Maha Shivratri 03-Mar-2019 | Sudhanshu Ji Maharaj | Dr. Archika Didiआनन्दधाम-नई दिल्ली, 03 मार्च। आप उपयोगी, कामयाब, स्वस्थ, प्रेमपूर्ण और सफल जीवन का हर दिन, हर पल चिन्तन करिए, आपको निःसंदेह इस भाव चिन्तन के अद्भुत परिणाम मिलेंगे। ”देहि सौभाग्यं आरोग्यम् देहि मे परमं सुखम्, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि” यह भाव-मन्त्र, यह ईश याचना-मन्त्र शान्त मस्तिष्क से सुविचार-चिन्तन करने वाले व्यक्ति को वह सब कुछ प्रदान कर देता है, जिसके लिये मानव इस धरती पर आता है।

यह बात आज विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने यहाँ महाशिवरात्रि पर्व पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिवस उपस्थित सैकड़ों शिव-साधकों से कही। बढ़ती उम्र के लोगों से अपने शेष जीवन का उपयोग श्रेष्ठतम लक्ष्यों को समर्पित करने का आह्वान करते हुए उन्होंने आज के वर्तमान यानी युवा शक्ति से कहा कि तेजी से बदल रहे इस समय में अपनी मानसिक शक्तियों को एक अभिनव धार दें और नित जीवन बनते हुए आत्मोत्कर्ष पर सर्वाधिक ध्यान दें।

जीवन को एक परीक्षा बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जब भी व्यक्ति आगे बढ़ता है तब उसकी परीक्षा अवश्य होती है। आज तक बिना परीक्षा के कोई भी इन्सान आगे नहीं बढ़ा, ऊँचा नहीं उठा। परमात्मा की ओर आगे बढ़ने वाले साधक की भी अनेक स्तरों पर माया द्वारा परीक्षा ली जाती है। उदाहरणार्थ श्रीगणेश विवेक की परीक्षा लेते हैं और श्रीहनुमान धैर्य, अभयता और सेवा भावना की परीक्षा लेते हैं। ऋषि-राष्ट्र भारतवर्ष द्वारा ली जा रही अनूठी अंगड़ाई के इस दौर में देशवासियों से उन्होंने हर तरह की परीक्षा के लिए तैयार रहने को कहा।

सदाशिव भगवान शिव के कल्याणकारी स्वरूप का विवेचन करते हुए उन्होंने शिव साधकों से कहा कि अपने विविध रूपों से वैराग्यपूर्ण जीवन का शिक्षण देने वाले शिवशंकर से हमें अनेकों शिक्षाएँ मिलती हैं। वे वंचितों के दुःखहर्ता बनने की प्रेरणा देते हैं, वे समृद्धि देने वाले हैं, वे करुणावतार यानी करुणारूप हैं, सबको लेकर चलने वाले हैं, वह अभयता प्रदान करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि करुणा के लिए प्रेम जरूरी है, वह प्रेम जब करुणा में बदल जाता है तब उसे धारण करने वाला मनुष्य भगवान शिव का अतिप्रिय बन जाता है। उन्होंने धन, बल, विद्या, वस्तु, अन्न आदि के दान की भी प्रेरणाएँ सभी को दीं। श्रद्धेय महाराजश्री ने सभी को विविध आध्यात्मिक साधनायें सिखाईं।

प्रातःकालीन सत्र में ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने साधकों को ध्यान-योग के अनेक गुर सिखाए। उस समय आनन्दधाम सभागार का वातावरण दिव्य-रस से सराबोर हो उठा। उस मौके पर उन्होंने कहा कि ध्यान हमारे भीतर सोई हुई शक्तियों को झकझोर कर जगाता है और उसे उर्ध्वगामी दिशा में प्रेरित एवं प्रवृत्त करता है। ध्यान के माध्यम से व्यक्ति साधारण से असाधारण बन जाता है, उसके अन्दर ढेरों मानवीय गुणों की वृद्धि होने लगती है, वह औरों के हित में अपना हित देखने लग जाता है, उसे सभी अपने लगते हैं, वह आत्मवत् सर्वभूतेषु को निज जीवन में जीने लगता है। डॉ. दीदी ने सभी को योगिक लिविंग के अनेक सूत्र प्रदान किए।

इसके पूर्व अमेरिका की इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के कुलपति प्रो. रवि जयी, एम.डी. सहित कई गण्यमान व्यक्तियों ने श्री सुधांशु जी महाराज का सभामंच पर अभिनन्दन किया। उधर 108 कुण्डीय यज्ञशाला में साधकों ने सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का आज दूसरे दिन भी वैदिक रीति-नीति एवं विधि विधान से पूजन किया। विद्वान आचार्यत्रय श्री सतीश चन्द द्विवेदी, आचार्य राकेश द्विवेदी, एवं आचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र के नेतृत्व में सम्पन्न इस अनूठे अनुष्ठान में देश के विभिन्न आश्रमों, मन्दिरों एवं गुरुकुलों से आये विद्वत आचार्यगण भी सम्मिलित रहे। आनन्दधाम की दिव्य आरती में अनूठे भाव दर्शन सभी को हो रहे थे।

महाशिवरात्रि पर्व के कार्यक्रमों का हुआ आगाज

4 मार्च तक आनन्दधाम में चलेंगे बहुआयामी कार्यक्रम

Maha Shivratri Parva 02 Mar 2019 | Sudhanshu Ji Maharajआनन्दधाम-नई दिल्ली, 02 मार्च। विश्व जागृति मिशन के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आनन्दधाम में महाशिवरात्रि पर्व के तीन दिवसीय कार्यक्रमों का आगाज आज प्रातःकाल विधिवत हुआ। देश के कोने-कोने से आये साधकों के लिए इन दिनों में शिव योग साधना, रुद्र महायज्ञ, शिवलिंग अभिषेक आदि कार्यक्रमों का आयोजन मिशन परिवार द्वारा किया गया है। प्रस्तुत कार्यक्रमों से 20 एकड़ भूभाग में फैले मिशन हेडक्वार्टर पर आदियोगी भगवान शिव के इस प्रधान पर्व पर एक अनूठे उत्सव का सा वातावरण संव्याप्त हो गया है।

इसके पूर्व साधकों को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात चिन्तक, विचारक, अध्यात्मवेत्ता एवं विजामि के प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि इन साधनाओं का मुख्य उद्देश्य जीवन में प्राण शक्ति का अभिवर्द्धन करना है, क्योंकि प्राण ही हमारी जीवन शक्ति है। चूँकि प्राण-जिजीविषा का सीधा सम्बन्ध ‘श्वांस’ से होता है, अतः ध्यान एवं योग आदि की प्रत्येक क्रिया का मूल आधार ‘श्वांस’ हैं। आयु बढ़ने के साथ श्वांस-प्रश्वांस में आने वाली अनियमितता एवं विद्रूपता तथा प्राण शक्ति में आ जाने वाली कमी को इस तरह की साधनाओं के जरिये दूर किया जा सकता है। उन्होंने श्वांस-प्रश्वांस की गति को विनियमित व सन्तुलित करने हेतु प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम आदि का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया और ज्ञानमुद्रा सहित विभिन्न मुद्राएँ साधक-मनों को सिखाईं। उन्होंने सकारात्मक चिन्तन औऱ सदिच्छा को इन मुद्राओं की सफलता एवं आध्यात्मिक अनुष्ठानों की सार्थकता के लिए बेहद जरूरी बताया। श्रद्धेय महाराजश्री ने नियमित दिनचर्या, खान-पान, रहन-सहन व आचार-व्यवहार के बड़े कीमती सूत्र साधकों को दिए।

इस अवसर पर मिशन की उपाध्यक्ष ध्यान गुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने शिव साधना हेतु पधारे साधकों को अनेक जीवनोपयोगी सूत्र प्रदान किये। बताया कि 04 मार्च तक का यह समय महाकालेश्वर भगवान शिव के भक्तों के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है। इस बीच अपने व्यक्तित्व को निखारने तथा खुद को ऊर्जावान बनाने का सुन्दर सुअवसर सभी के सामने है। उन्होंने कई क्रियाएँ व्यवहार सभी को सिखायीं।

विश्व जागृति मिशन के महामन्त्री श्री देवराज कटारिया ने बताया कि शिव पर्व पर द्वादश ज्योतिर्लिंग पूजन, 108 शंखों से शिवशक्ति का अद्भुत आह्वान, कैलाश शिखर पर हजारों दीपों से महाआरती इत्यादि के दृश्य आगंतुकों को देखने को मिलेंगे। उन्होंने बताया कि सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक, शिव योग साधना, 108 कुण्डीय दिव्य यज्ञशाला में रुद्र अभिषेक व यज्ञ-प्रेरणाओं आदि के दिव्य कार्यक्रम पधारे साधकों के तन-मन-जीवन को ऊँचा उठाने में सहायक होंगे।

पूर्वांहक़ालीन सत्र के उपरान्त सभी साधकों ने वायुसेना के जाबाँज विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की स्वदेश वापसी पर हर्ष व्यक्त किया और देशवासियों को बधाइयाँ दीं। शिवरात्रि पर्व के कार्यक्रमों का सभा संचालन श्री राम महेश मिश्र ने किया। इसके पूर्व आचार्य अनिल झा के मंत्रोच्चार के बीच मिशन प्रमुख का भावभरा अभिनंदन उपस्थित साधक-समुदाय द्वारा किया गया।

आनन्दधाम की यज्ञशाला हुई शिवमय और दिव्य

विश्व जागृति मिशन के हेड क्वार्टर आनन्दधाम स्थित 108 कुण्डीय विशाल यज्ञशाला आज शिवमय हो उठी। मिशन प्रमुख आचार्य सुधांशु जी महाराज एवं ध्यानगुरु डाॅ. अर्चिका दीदी सहित हजारों स्त्री-पुरुषों ने सवा लाख पार्थिव शिवलिंगों का वैदिक विधि-विधान से पूजन किया।

विद्वान आचार्यत्रय सतीश चन्द्र द्विवेदी, राकेश द्विवेदी एवं डाॅ. सप्तर्षि मिश्र द्वारा संचालित इस दिव्य अनुष्ठान में आचार्य राम कुमार पाठक, आचार्य अशोक झा, आचार्य शेष कुमार शर्मा, आचार्य अभिषेक तिवारी, आचार्य महेश शर्मा, आचार्य कुलदीप पाण्डेय, आचार्य मुरारी झा, आचार्य गौरव द्विवेदी, आचार्य विपिन तिवारी, आचार्य अनिल झा, आचार्य अनिल ध्यानी, आचार्य राकेश कौशिक, आचार्य अजय कान्त मिश्र, आचार्य शिवाकान्त द्विवेदी, आचार्य सर्वज्ञ शर्मा भी सम्मिलित थे। हैदराबाद से आए आचार्य सर्वज्ञ शर्मा के वेद-मंत्रोच्चारण से यज्ञशाला का माहौल बड़ा दिव्य हो उठा।

शिव कल्याणकारी हैं और रुद्र भी, कल्याणकारी बनकर शिव की कृपा प्राप्त करें

पुणे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव सम्पन्न

Virat Bhakti Satsang Pune 24-Feb-2019 | Sudhanshu Ji Maharajपुणे, 24 फ़रवरी। यहाँ बीते पाँच दिनों से चल विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आज विधिवत समापन हो गया। विश्व जागृति मिशन के पुणे मण्डल द्वारा संचालित सत्संग समारोह के विदाई सत्र में मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि शिव कल्याण के दाता हैं, भोले हैं, उनका स्वरूप कल्याणकारी है। वह रुद्र भी हैं। सदाशिव भोले शंकर की कृपाओं का लाभ कल्याणकारी स्वभाव बनाकर ही प्राप्त किया जा सकता है। आप सभी का हितचिन्तन करने वाले व्यक्तित्व के स्वामी बनकर भगवान शंकर के प्रिय बनें।

महामृत्युंजय मन्त्र के समूह गायन से आरम्भ हुए विदाई सत्र में मिशन प्रमुख श्रद्धेय महाराजश्री ने हज़ारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय से भीषण बदलाव के इस समय में अपने को आमूल-चूल बदलने को कहा। उन्होंने सुखी जीवन के अनेक सूत्र दिए और कहा कि उपदेशों व आदर्शों को जीवन में आचरित करने पर ही उनका पूरा लाभ पाया जा सकता है। उन्होंने सभी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामना कही।

इस अवसर पर मिशन के पुणे मण्डल के प्रधान श्री घनश्याम झँवर, महासचिव श्री विष्णु भगवान अग्रवाल, संगठन सचिव श्री रवीन्द्र नाथ द्विवेदी, श्री रमेश अग्रवाल, श्री संजय अग्रवाल आदि ने श्री सुधांशु जी महाराज का नागरिक अभिनंदन किया। ईश आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

रात्रिकालीन तत्वबोध साधना एवं प्रातःकालीन आत्मबोध साधना पर दें पूरा ध्यान

पुणे के वर्धमान सांस्कृतिक केन्द्र में श्री सुधांशु जी महाराज ने किया आहवान

Virat Bhakti Satsang Pune 24-Feb-19 | Sudhanshu Ji Maharajपुणे, 24 फरवरी (प्रातः)। रात्रि में शयन के पहले आत्मचिन्तन और दिन भर की अपनी गतिविधियों एवं अच्छाईयों-त्रुटियों पर गहरी दृष्टि डालना एक ऐसी साधना है, जो व्यक्ति के जीवन में आत्म-सुधार के अनेक द्वार खोल देती है। इसी तरह प्रातः काल उठने पर प्रभु का ध्यान करके उनसे अच्छा दिन प्रदान करने की प्रार्थना तथा दिन भर की निज-चर्या के नियोजन पर गम्भीर चिन्तन करके मनुष्य बाह्य जीवन एवं आंतरिक जीवन को ऐसा परिष्कृत कर लेता है, जिसकी तुलना किसी अन्य उपलब्धि से कमतर नहीं आँकी जा सकती।

यह बात आज पूना नगर के वर्धमान सांस्कृतिक केन्द्र प्रांगण में चले ध्यान-योग सत्र में हजारों की संख्या में भाग ले रहे ध्यान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि निरीक्षण और परीक्षण का जीवन में बड़ा महत्व है। आत्म निरीक्षण, आत्म परीक्षण एवं आत्म सुधार की त्रिवेणी बनने पर आपका जीवन परिष्कार की ऐसी डगर पर चल पड़ता है जो जीवन लक्ष्य की प्राप्ति तो कराता ही है, उसे सफलता के उच्च शिखरों तक पहुंचा देता है। शान्ति में सोने और आनन्द में जागने की इस प्रक्रिया को ‘तत्वबोध’ तथा ‘आत्मबोध’ की उच्चस्तरीय साधना बताते हुए विश्व जागृति मिशन के प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि ये छोटे-छोटे से लगने व दिखने वाले अभ्यास व्यक्ति को बहुत ऊँचा उठा देते हैं।

नई दिल्ली से आये विश्व जागृति मिशन प्रतिनिधि श्री प्रयाग शास्त्री ने जानकारी दी कि घरों में बीमारियों का प्रवेश रोकने के उद्देश्य से संचालित युगऋषि आयुर्वेद के 175 उत्पाद देशवासियों को प्रभावी लाभ प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जय तुलसी, नवरस संजीवनी, मधुसूदनी रस, अमृत केसरी, आयुष वीटा, घी, शुभ्रदन्ति, लिव स्ट्रोंग, युरिटोन, सखी अमृत, पीड़ाशांतक तथा चन्दन सुधा नामक उत्पादों की सर्वाधिक माँग समाज से प्राप्त हो रही है। बताया कि इन आयुर्वेदिक उत्पादों के उपभोक्ताओं की विविध बीमारियाँ दूर हो रही हैं।

कार्यक्रम का मंचीय समन्वयन व संचालन कर रहे मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने बताया कि सत्संग महोत्सव का समापन आज सायंकाल छः बजे होगा।

परमात्मा के प्रेम में जीने वालों का ही जीवन सार्थक होता है

ईश्वर से जुड़ने पर प्राप्त होती है शान्ति व आनन्द

पुणे में ध्यानगुरु डॉक्टर अर्चिका दीदी ने कहा

Virat Bhakti Satsang Pune 23 Feb 19 | Dr. Archika Didiपुणे, 23 फरवरी (सायं)। विश्व जागृति मिशन के तत्वावधान में चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के चतुर्थ दिवस की सन्ध्याकाल सम्पन्न अमृत वर्षा कार्यक्रम में मिशन की उपाध्यक्ष ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी ने कहा कि जीवन उसी व्यक्ति का सार्थक है जो परमात्मा के प्रेम में जीता है। यह प्रेम रंग सदगुरु से मिलता है। उन्होंने कहा कि प्रेमपूर्ण व्यक्ति प्राणिमात्र के प्रति संवेदनशील होता है। वह जड़ में, चेतन में, सर्वत्र अपने प्रभु को ही देखता है। उसे प्रभु के नाम जप में रस आने लगता है।

डॉ. अर्चिका दीदी ने श्रीमद्भवतगीता के महत्वपूर्ण प्रसंग उद्घृत किये और कहा कि जिस तरह मानव को बर्फ से शीतलता, अग्नि से उष्णता मिलती है उसी तरह परमात्मा से जुड़ने पर उसे शान्ति और आनन्द मिलता है। डॉक्टर दीदी ने कहा कि भक्ति बाहरी विषय नहीं है वह तो आन्तरिक विषय है। शरीर के साथ मन भी जुड़ जाए तो सोने में सुहागा की स्थिति बन जाती है।

डॉ. अर्चिका दीदी ने अहंकार को आध्यात्मिक प्रगति में सबसे बड़ी बाधा बताया और कहा कि आदमी अहंकार को जितना-जितना छांटता जाता है, उसका भक्ति का मार्ग उतना ही आसान होता जाता है। उन्होंने धन्यवादी बनने की प्रेरणा सभी को दी और कहा कि सच्चा व्यक्ति शिकायती नहीं बल्कि धन्यवादी होता है। इसलिए परमात्मा की अनन्त देनों को बार-बार स्मरण करना चाहिए। इससे भक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है और व्यक्ति लगातार ऊपर उठता चला जाता है।

मंच का संचालन करते हुए आनन्दधाम नई दिल्ली से आये आचार्य अनिल झा ने मिशन की गतिविधियों की जानकारी उपस्थित जनसमुदाय को दी। विश्व जागृति मिशन पुणे मण्डल के प्रधान श्री घनश्याम झंवर, महासचिव श्री विष्णु भगवान अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री गणेश कामठे, संगठन मन्त्री श्री रवीन्द्र नाथ द्विवेदी आदि ने ध्यानगुरु डॉ. अर्चिका दीदी का नागरिक अभिनन्दन किया।