लक्ष्मणनगरी में अमृत ज्ञान वर्षा का हुआ भव्य समापन

अपने आपको बदलेंगे तब आपका भाग्य बदलेगा

मनुष्य अपना स्वर्ग अपने साथ लेकर धरती पर आता है

महामृत्युंजय मंत्र की ताकत समझाई आचार्य सुधांशु जी महाराज ने

Amrit Gyan Varsha Lucknow-22-09-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २२ सितम्बर (संध्याकाल)। मनुष्य अपना स्वर्ग अपने साथ लेकर धरती पर आता है। व्यक्ति अपना स्वर्ग खुद बनाता है और अपने नरक का निर्माण भी स्वयं करता है। स्वर्ग और नरक व्यक्ति की अपनी जीवन शैली पर निर्भर करता है। जैसे हम होते हैं वैसा ही जमाना अपने आसपास तैयार कर लेते हैं।

यह उद्गार आज सायंकाल विश्व जागृति मिशन के संरक्षक – संरक्षक जाने-माने अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने यहां आशियाना अंचल के रेल मैदान में चल रहे सत्संग समारोह में व्यक्त किए। वह मिशन के लखनऊ मंडल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के समापन अवसर पर हजारों की संख्या में मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप वैसा ही व्यवहार करें जैसा व्यवहार आप दूसरों से अपने लिए चाहते हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान सन्देश सुनाते हुए श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण खुद करता है। व्यक्ति का भाग्य उसके अपने कर्मों के आधार पर बनता या बिगड़ता है। उन्होंने जनसमुदाय से कहा कि जब आप अपने आपको बदलने को तैयार होते हैं तब आपका भाग्य बदलना आरंभ हो जाता है। उन्होंने अपने आपमें नित्य सुधार करने के प्रयास करने को कहा।

सत्संग समारोह का समापन श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन के उपरान्त दिव्य ईश आरती के साथ हुआ। इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन की लखनऊ मंडल की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी कौल ने तीनों दिन सत्संग महोत्सव में आए सुधी श्रोताओं तथा आनन्दधाम दिल्ली से आए सभी प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। नागरिक अभिनंदन टीम में मंडल प्रधान श्री बी.के.पांडेय, उपाध्यक्ष श्री सी.पी.गुलाटी, महामंत्री श्री अजीत सक्सेना, कोषाध्यक्ष श्री राजीव मेहरोत्रा, श्री अशोक अग्रवाल, श्री मदन गोपाल श्रीवास्तव, श्री के.एस.गुप्ता शामिल थे।

अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में भारतीय जनता पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्र तिवारी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर वाचस्पति मिश्र, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह, पूर्व राज्य मंत्री श्री नानक चन्द्र, पूर्व डीजीपी ट्रेनिंग, पूर्व डीआईजी कारागार श्री सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अनेक कमियां जानने के बावजूद ईश्वर आपको करता है क्षमा

विजामि प्रमुख ने स्वास्थ्य कक्षा में जिज्ञासुओं का किया सशक्त मार्गदर्शन

पूर्णता मनुष्य स्वभाव की स्वाभाविक अवस्था है, परमेश्वर से मिलन होने पर ही मानव परिपूर्ण बनता है

Amrit Gyan Varsha Lucknow-22-9-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २२ सितम्बर (पूर्वाह्न)। लक्ष्मणनगरी लखनऊ के रेल मैदान में २० सितम्बर से चल रहे अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव की स्वास्थ्य कक्षा में हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता आचार्य सुधांशु जी महाराज ने *ध्यान* की ताकत समझाई। कहा कि ध्यान मनुष्य को पूर्णता की ओर पहुंचाता है। पूर्णता मानव स्वभाव की स्वाभाविक अवस्था है और यह पूर्णता परम पिता परमात्मा से आत्मिक मिलन होने पर ही प्राप्त होती है।

विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मंडल द्वारा यहां बंगला बाजार मार्ग पर आशियाना क्षेत्र में कथा ग्राउंड में अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के तीसरे दिवस के पूर्वाह्नकालीन सत्र में बोलते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जिस तरह नदियां अपने पूर्णता के केन्द्र समुद्र की ओर स्वभावत: बढ़ती हैं, उसी तरह मनुष्य स्वभाव के अनुरूप व्यक्ति अपने पूर्णता – केन्द्र परमेश्वर की ओर सहज ही बढ़ने की इच्छा रखता है और उसी में उसे वास्तविक सुख की अनुभूति होती है। मनुष्य के विपरीत संस्कार उसके मार्ग में अवरोधक बनते है, ध्यान योग का पथिक उन बाधाओं को हटाता हुआ आगे बढ़ता है और अपने लक्ष्य तक जा पहुंचता है।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि मनुष्य गलतियों का पुतला है। जिस तरह एक मां अपनी सन्तान की गलतियों को सहज माफ कर देती है उसी तरह परमात्मा अपने भक्त की गलतियों को क्षमा करता है। हां, वह अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से मानव को अनेक बार सचेत करता है और सत्पथ पर चलने का वातावरण देता है। व्यक्ति को उन ईश्वरीय संकेतों को सजग होकर समझना चाहिए और निज की गलतियों में सुधार लाते हुए अपने मुख्य केंद्र की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक नदी सागर में मिलकर पुनः बादल बनकर धरती तथा इस पर निवास कर रहे प्राणिमात्र को तृप्त करती है, उसी प्रकार एक ध्यान – साधक अपने जीवन के बाद भी अपनी मातृभूमि को सदैव तृप्ति प्रदान करता रहता है। उन्होंने सभी से इस पथ पर सधे हुए कदमों से आगे बढ़ने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में कानपुर के बैकुंठपुर -बिठूर स्थित महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय गुरुकुल विद्यापीठ के ऋषिकुमार बड़ी संख्या में पहुंचे। कुछ छात्रों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

लखनऊ में चल रहे विराट ज्ञान यज्ञ में भारी संख्या में लोग उमड़े

विधि मंत्री, आयुष मंत्री तथा महिला कल्याण मंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने सुना सत्संग

अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का दूसरा दिवस

Amrit Gyan Varsha Lucknow-21-09-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २१ सितम्बर। विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मंडल द्वारा यहां आशियाना के रेल मैदान में आयोजित तीन दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के दूसरे दिवस की संध्या में मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने मंत्र जप का ज्ञान – विज्ञान ज्ञान जिज्ञासुओं को समझाया। हजारों की संख्या में सत्संग स्थल पर मौजूद लखनऊ वासियों से उन्होंने कहा कि जप के साथ मंत्र-सिद्धि के उपाय करना बहुत जरूरी है। उन्होंने ध्यान का महत्व का भी ज्ञान सभी को दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार के विधि मंत्री श्री बृजेश पाठक, आयुष मंत्री श्री धर्म सिंह सैनी और महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह सहित अनेक अति विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति में श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति अपनी आदतों के कारण ऊंचा उठता या गिरता है। जैसी आपकी आदतें होती है वैसे ही आप बनते हैं। आपका प्रभु कोई और नहीं खुद आप ही हैं। उन्होंने कहा कि जिसमें आप जीवन भर रहते हैं उसका सदैव ध्यान रखिए।

श्रद्धा, संयम, नीति, नियम, योग, उपयोग, उल्लास, युक्ति, भक्ति, शान्ति आदि को बड़ी ताकत बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि इनकी साधना करने वाले लोग जीवन पथ पर बहुत ऊंचे उठते हैं। उन्होंने कहा कि जिसके दर पर पीड़ित के आंसू रुक जाते हैं वह दर भगवान का द्वार होता है। मुस्कराहट की शक्ति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रोने से आंसू भी पराए हो जाते हैं, लेकिन मुस्कराने से पराए भी अपने बन जाते हैं।

विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र के समन्वयन एवं संचालन में चले सत्संग समारोह में मिशन की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी कौल, मंडल प्रधान श्री बी. के. पांडेय, संयोजक श्री मनोज शास्त्री, महर्षि वेदव्यास उपदेशक महाविद्यालय दिल्ली के प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र सहित विजामि परिवार के अनेक सदस्य अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में मौजूद रहे।

अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में ध्यान जिज्ञासुओं ने सीखीं स्वस्थवृत्त की विधाएँ

पंचकोशों की शुद्धि निर्मल स्वास्थ्य के साथ व्यक्ति को आत्मिक उन्नयन की ओर बढ़ाती है – डॉ.अर्चिका दीदी

अच्छा स्वास्थ्य परमात्मा की सबसे बड़ी नियामत

लखनपुरी लखनऊ में आचार्य सुधांशु जी महाराज बोले

सत्संग समारोह में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस पर दिया गया विशेष सन्देश

Amrit Gyan Varsha-Lucknow-21-sept-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २१ सितम्बर। यहाँ बंगला बाज़ार मार्ग पर रेलनगर मैदान में विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में प्रातःक़ालीन स्वस्थवृत्त कक्षा को वरिष्ठ ध्यान-योग-गुरु डॉक्टर अर्चिका दीदी ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि पंचकोशों की शुद्धि निर्मल स्वास्थ्य के साथ व्यक्ति को आत्मिक उन्नयन की ओर बढ़ाती है। उन्होंने ध्यान के गुर सभी को सिखाए तथा योगासनों का प्रशिक्षण भी दिया। उन्होंने कास्मिक एनर्जी से गहरा तादात्मय बनाते हुए अपने व्यक्तित्व को ऊर्जावान बनाने को कहा। कहा कि ऊर्जावान मनुष्य ईश्वर को अतिप्रिय होते हैं।

विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने निरोग जीवन की महत्ता सभी को समझायी और स्वस्थ रहने के यौगिक एवं आध्यात्मिक उपाय बताए। उन्होंने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य मनुष्य को परमात्मा से मिली सबसे बड़ी नियामत है। मन पर भाँति-भाँति की गंदगी चढ़ाने के लिए अनेक व्यक्ति व शक्तियाँ सक्रिय रहती हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग की गंगा में डुबकी लगाकर ही मन के मैल की धुलाई की जा सकती है।

श्रद्धेय महाराजश्री ने आज दुनिया भर में मनाए जा रहे अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस पर जनमानस को विशेष सन्देश दिया। कहा कि अशान्त व्यक्ति से जीवन में कोई बड़े काम नहीं हो सकते। परमात्मा शान्त-स्वरूप है और शान्ति-प्रदाता है, अपने इष्ट-आराध्य से शान्ति की कामना प्रतिदिन करने की
प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे साधकों के पास परमात्मा से शान्ति की धार प्रवाहित होती है और वह व्यक्ति धन्य हो उठता है। उन्होंने कहा कि सुख और शान्ति एक दूसरे के पर्याय हैं। सुख वास्तव में शान्ति के ऊपर टिका करता है। शान्ति के बिना सुख की कल्पना करना भी व्यर्थ है।

विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मण्डल की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी क़ौल ने बताया कि अमृत ज्ञान वर्षा का यह विशेष कार्यक्रम रविवार की सायंकाल तक चलेगा। मण्डल प्रधान श्री बी.के.पाण्डेय ने बताया कि कल २२ सितम्बर को मध्यांहकाल १२ बजे से सद्गुरुदेव द्वारा सामूहिक मन्त्रदीक्षा प्रदान की जाएगी।

लखनऊ के रेल मैदान में 3 दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव शुरू

गायत्री महामन्त्र के जप व उपासना से मिलती है सदबुद्धि

सही समय पर सही निर्णय लेने वाले व्यक्ति जीवन की सर्वोच्च ऊँचाइयाँ चढ़ते हैं

Amrit Gyan Varsha Lucknow 3 daysलखनऊ, २० सितम्बर। गायत्री महामन्त्र व्यक्ति को जीवन की ऊँचाइयों पर प्रतिष्ठित कर देता है। इस आदि-मन्त्र के जप और उपासना से साधक को सदबुद्धि मिलती है। गायत्री मन्त्र जब जीवन में उतरता है तब मनुष्य की सही निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है।

यह बात आज सन्ध्याकाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आशियाना अंचल स्थित रेल मैदान में विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए राष्ट्र के जाने-माने चिन्तक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कही। वह विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मण्डल द्वारा आयोजित तीन दिनी सत्संग महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद ज्ञान जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे व्यक्ति जीवन संघर्षों में बड़ी ऊँचाइयों पर पहुँचते हैं जो सही समय पर सही निर्णय लेना जानते हैं। ऐसे व्यक्ति वास्तव में सच्चे सुख एवं शान्ति के अधिकारी बनते हैं।

उन्होंने श्रीमद्भगवदगीता का सन्देश देते हुए कहा कि गीता समत्व की शिक्षा देती है और व्यक्ति को कर्तव्य-पथ पर आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द और स्वामी रामतीर्थ के उद्धरण देते हुए जीवन संघर्षों में सफल होने के अमूल्य मन्त्र दिए और पुरुषार्थी बनने को कहा। उन्होंने जिज्ञासा और जिजीविषा को जीवन में महत्व देने का आह्वान सभी से किया।

इसके पूर्व मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व उ.प्र. विधान परिषद के सदस्य श्री विजय बहादुर पाठक के अलावा विजामि लखनऊ की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी क़ौल, मण्डल प्रधान श्री बी.के.पाण्डेय, मिशन अधिकारी श्री मनोज शास्त्री, श्री अजीत सक्सेना, श्री भूपेन्द्र सिंह, श्री अशोक अग्रवाल, श्री प्रमिल द्विवेदी सहित कई गण्यमान व्यक्ति उपस्थित रहे।

अमृत ज्ञान वर्षा के कार्यक्रमों का मंचीय समन्वयन एवं संचालन नयी दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

Gurukul Varshik Mahotsav | Anand Dham Ashram | September 14-15, 2019

Gurukul Varshik Mahotsav | September 14-15 2019
20th Annual Function of Maharishi Vedvyas Gurukul Vidyapeeth was organised at Anand Dham Ashram on 14th and 15th September 2019 with great fervour under the Holy presence of Yugrishi Param Pujya Shri Sudhanshu Ji Maharaj.

On 14th programme commenced with Lighting of Lamps by Maharajshri along with His Highness Shri Kalraj Mishra and Swami Sumedhanand Saraswati Ji Maharaj, Hon’ble Member of Parliament who graced the occasion with his presence.

Our RishiKumars (as we call them affectionately – students of our various Gurukuls) gave their presentation in various forms viz. Poetry, Bhajanas, Discourses, Master of Ceremony (ManchSanchalan), etc. and also a number of cultural programmes, games, yogasans, Self Defence programs viz. Judo Karate Boxing, Malakhambh (Exercises and Yogas on Pole), Grapevine (ChakuVaarrokana), viz. Columanize (Stambh Banana), Deepak Aasan etc. to name a few. While the program was continuing other dignitaries Hon’ble Shri Sunil Bharala, Hon’ble M.P. from UP and Shri Satyapal Singh, M.P., Ghaziabad also joined the program to adorn the function.

Again in the afternoon session various Art and Cultural programs were presented among the gathering which touched the heart of the gathering present in thousands and there was a thunderous applause for each presentation.

On 15th Morning, again the program commenced at 10.00 a.m. Acharya Bal Kishan, close aide of Swami Ram Dev, Vice-Chancellor, Patanjali Univerisity, CEO and MD of Patanjali Ayurveda and also General Secretary Patanjali Yogapeeth and Shri Prem Chand Aggarwal, Hon’ble Speaker, Uttarakhand along with his wife Smt. Shashi Prabha Aggarwal to bless Rishikumars on this occasion. Rishikumars gave their presentations in various fields. There was a big applause when the cultural program named Deepak Aasan and Sudershan Chakra Aasan was presented and was the best among all the presentations.

Acharya Bal Kishan Ji in his address said that he was very pleased to visit Anand Dham Ashram and praised Maharajshri for the way in which Rishikumars gave their presentation and are learning under Gurukul Parampara under the Holy Presence and guidance of Maharajshri and also remembered the days when Maharajshri and Bal Kishan studied in the same Gurukul, though as a junior of Maharajshri.

Maharajshri referred to revolution of 1857 and explained how Gurukuls were damaged during that period and expressed desired to give a big boost to Gurukul System of studies.

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Part-6 | Sudhanshuji Maharaj

An Apostle of Peace and compassion Part 6 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace and compassion Part 6

Inculcating values amongst youth:

Revered Shri Sudhanshu Ji Maharaj established Yuva Manch i.e. the Youth Forum of the Mission on 9th January 1997 with a view to inculcate good habits (Sanskaras) of national service, for service to mankind and self-improvement among young men and women of the country. He blessed the youth to undertake various activities to serve parents and help the poor, helpless needy persons and bring some cheer in their lives. The youth have kept their word and served the poor with devotion and earnestness. More than 200 dignitaries like former President Dr. Shankar Dayal Sharma have been honored by youth forum of the mission, which is now renamed as International Youth Wing (IYW) and is further headed by Dr. Archika Didi. This practice is known as Shraddha Parv and is continuing since 1997.

International Youth wing organizes Blood donation camps to donate blood to Red Cross, armed forces and patients of the thalassemia. The IYW filed S.L.P. in the Supreme Court of India seeking a ban on ragging in all the educational institutions across India. In 2001 the Supreme Court announced its historic judgment that ragging should be stopped forthwith in all educational institutions and was declared as criminal offence. IYW has done society-transforming projects and will continue to do so.

Providing shelter to old and senior citizens:

Mission has established Saket Dham Vridhasram in Anand Dham Ashram, Delhi in order to ensure that the old and the neglected senior citizens of Indian society can live here with dignity, having good health and security so as to ensure mental and spiritual progress in natural environment.

Gaushalas:

With the object of rearing, promoting and protecting cows, Sudhanshu Ji Maharaj established Gaushalas (cowsheds) in Anand Dham Ashram and other ashrams across the India, which accommodates more than hundred cows. Many rich breeds are reared in all the cowsheds. The milk is distributed free to the students of Gurukul and Oldage home inhabitants. Such Gaushalas have been established at six other Ashrams of the mission like Kanpur, Hyderabad, Panipat, etc.

Magnificent Temples:

With the guidance and inspiration of Sudhanshu Ji Maharaj, twenty-four magnificent temples have been constructed in Anand Dham and other Ashrams. The temples built by the Mission have many unique features, which are quite different from those of other spiritual organizations. These temples are the symbols of religious faith where one experiences complete solace. Mission has set up libraries to provide facilities for people to read holy books so that they could gain knowledge.

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Sudhanshu Ji Maharaj

Activities of the Mission

To give practical shape to its objectives, Mission not only preaches human values but also has constructed temples, established educational institutions, and has undertaken humanitarian projects for the poor and weaker sections so that all the God loving people could follow the principles expounded by the Mission and make their lives meaningful.

Social Service Projects:

Vishwa Jagriti Mission, founded by revered HH Sudhanshu Ji Maharaj over last 27 years, has established more than 85 Mandals and Sewa Samitis all over India for upliftment of society, service to poor and downtrodden, and for dissemination of faith and religion through religious and spiritual discourses and selfless service to mankind. The efficient running of these centres and samitis under the guidance Of Dr. Archika Didi, the elder daughter of Maharajshri has set high standards for religious awakening of humanity not only in India but across the Globe.

Health Care:

Mission has a long chain of healthcare centers throughout the country. Karuna Sindhu Charitable Hospital is one major amongst the many healthcare initiatives. It was established in 1998 in the natural pollution free environment of Anand Dham Ashram, Delhi for free medical services, medicines and consultation to the poor and helpless patients coming from the nearby underprivileged and less developed areas. The hospital with immense cleanliness and various department such as E.N.T., Eye, General Physician, Homeopathy etc also attract number of well to do people. The hospital ranks one of the best five eye hospitals in Delhi, especially in eye care facilities and is equipped with the latest machines and technology for testing and treating of the eye diseases. Till May 2019, 1502083 patients have been treated and 27055 cataract operations have been performed free of cost in this hospital. Further, Arogya Dham Hospital at Faridabad (Haryana) has also treated more than ten lakh patients and which has all medical facilities.

Educational facilities for the poor:

Various Schemes in the field of education for the underprivileged, orphan and neglected children are successfully working. Vishwa Jagriti Mission has established two big Bal Ashrams (Orphanages) named as Devdoot Bal Ashrams. One of them is located at Surat and the other at Kanpur. Both of these Ashrams have 100 children each, who are being imparted free public school education. Devdoot Balkalyan Ashram, Surat is recognized by the Govt. of Gujarat.

VJM has set up two Public Schools in tribal areas of India. Mission is running at present two such schools of modern orientation in Khunti and Rukka Village of tribal’s in Ranchi, Jharkhand. More than 700 tribal children are provided free books, school uniforms and mid-day meals in each school.

Gyandeep Vidyalaya, a school was opened in 2001 in Faridabad (Haryana) with 28 girls, at present there are 700 girls in the morning shift and 300 boys in the evening shift. Books, uniform, breakfast and snacks are provided free of cost to them. It is recognized by Haryana Govt. Earlier these children were either begging on streets or sifting through garbage or working as child laborers, but now they have got an opportunity to make their future a better place to be at with the help of VJM.

Also to keep up the heritage and cultural aspect of Hinduism going, Maharishi Ved Vyas Gurukul Vidyapeeth was started in 1999. It is a unique center of ancient and modern disciplines of learning. Located at the consecrated premises of Ashram, around 100 students have received free education. Similarly a gurukul has been established from July 2018 in Siddhidham Ashram, Kanpur. From May 2019 Maharishi Ved Vyas Updeshak Mahavidyalaya has been set up in Anand Dham Ashram, where preachers or Dharmacharyas will be trained to spread the message of Peace, love, harmony and spirituality.

Mission has worked in many verticals in the field of education, to help many brighten their future. We can all contribute in this Call for Education and Brighten Future by sharing our part of care

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Part 4 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace, Love and compassion Part 4 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Part-4

Ideology of the Mission :

Based on the golden principle of Service, devotion, contentment, meditation, cooperation, dedication, endurance, truth, politeness, simplicity and piety, His Holiness Shri Sudhanshu Ji Maharaj founded this Mission to ensure human devotion to God, to attain divine power for service to mankind and ultimately to merge with Almighty God.

His perception :

May the happiness and peace flow in the mainstream of the Universe. May the society be free from hatred, enmity, violence and revenge. May the nectar of knowledge of Saints and Sages reach every section of humanity! May the people with religious bent of mind come forward and serve and help others. We wish that the values, ethics and ideals of Rama and his devotion to his parents should become guiding principles of our life and we should embrace them. We wish the destruction of the wicked people, security for virtuous persons, protection and rearing of cows, adopting Gita’s nectar-like messages descending in our daily life. May the traditions of Gautam, Kapil, Patanjali and Ved Vyas prevail on this earth once again!

God is absolute truth. Each creature is a tiny microcosm of that supreme truth. That eternal and divine essence is present in all the creatures in the form of peace, bliss, perfection and silence. His power is Supreme. The ultimate aim of human life is to attain salvation from birth pangs and worldly affairs and the attraction, allurements and confusion since birth. Man accepts the illusive world as reality and in the process forgets his origin in the Supreme. And human-beings get involved in the lower of emotions of sex, age, hatred, anger, jealousy, envy and violence. He starts living in the world of delusion. He consumes his whole life in the search of illusive peace of mind. His journey never ends. Births after birth is the game he is trapped in. VJM liberates people from these shackles, delusion and motivate them to follow the spiritual path as preached through sacred scriptures like Vedas, Upanishads, Puranas, Ramayan, Gita and preaching of great Rishis, Saints and Gurus (Teachers).

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Part-3 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace, Love and compassion Part 3 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Part-3

Sharing Sufferings of the People

He traveled widely in India and studied the life and living of the common man. He felt sad on seeing the plight of the people living a miserable life. He was moved to visualize the condition of the innocent children who were forced to live a pathetic life. Some of them were orphans and others were leading inhuman life. On similar lines, Maharajshri’s tender heart saw the condition of other downtrodden class of people. So he started working towards uplifting their lives on humanitarian grounds.

Sudhanshu Ji Maharaj minutely observed the discrimination, enmity, jealousy, revengefulness, and many other ills and egos of human beings playing havoc in the families and in the society. He believes that such malevolent thoughts are due to the inertia of mind, which needs to be energized.  His Guru Vinayak bestowed super spiritual wisdom and esoteric devotional music upon the unmatched saint. He had awakened his Kundalini Shakti in his childhood.

In 1978 he settled down in Delhi and started giving discourses. Soon the number of devotees grew and the subject matter of discourses widened to include religion, social, national, educational and humanitarian problems. Maharajshri married a Brahmin girl Devi Richa who is educated and well versed in household affairs.

As explained earlier Vishwa Jagriti Mission is engaged in reviving the cultural richness of India. It is devoted to the task of religious awakening, social awareness and human brotherhood amongst the masses, but more particularly amongst the poor and youths of India. Under its banner, he undertook the great mission of making the acquired knowledge accessible to millions of people living in different parts of the world. Attracted by spiritual discourses and divine messages delivered by him, myriads of devotees joined the Mission based on the principles true spirituality, harmony, brotherhood, selfless service and upliftment of the downtrodden.

He interpreted the glorious scriptural knowledge of Rishis and Munis of India, philosophies and writing of philanthropists, psychologists and saints of the whole world, and he successfully related that knowledge to the solve modern-day problems. Sudhanshuji melodious voice creates ripples full of celestial vibrations. The listeners feel such a magnetic force that the magic of his words almost spellbinds them. Many have experienced stillness of time while he speaks and they listen spellbound. Sushanshuji brings home eternal truth in a convincing manner. Sudhanshuji’s face reflects sincerity; eyes shine with a cosmic laser penetrating the listeners. The spell, which his voice creates, spreads tranquility around the listener, sound which goes deep into the innermost consciousness. He belongs to the special tradition of saints who while spinning all the knowledge of sages and philosophies speaks the words of wisdom in the simple yet logical scientific language.

This has motivated millions of people to recognize the greatness of ancient culture of India. He has unveiled the secrets as of Vedas, Upnishads, Darshanshastras, Mahabharat, Gita, Nitigranthas, Ramayan, Sutragranths and other religious scriptures in his captivating voice amongst the millions of people and has thus been instrumental in improving and changing their lifestyles.

He preaches that God can be realized by living in the world, by earning money by honest means, leading a humane simple peaceful and compassionate life, by serving the poor and the needy and having a contended life. He advises his followers to love this nation, to respect elders and women. He himself practices what he preaches.