जीवन संघर्षों से जूझने वाले व्यक्ति हर परीक्षा में उत्तीर्ण होते हैं

ज्ञान दीप विद्यालय के छात्र – छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की परमाचार्य श्री सुधांशु जी महाराज सहित सभी ने की भूरि-भूरि सराहना

” नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू है “

दिव्य भजनों से सजी संध्या, ज्ञान साधक हुए अभिभूत

फरीदाबाद सत्संग महोत्सव का दूसरा दिवस

Virat Bhakti Satsang-Faridabad-27-9-19 | Sudhanshu Ji Maharajफरीदाबाद, 27 सितम्बर। विश्व जागृति मिशन के फरीदाबाद मण्डल द्वारा यहां हुडा ग्राउंड में आयोजित चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग समारोह के दूसरे दिन भारी संख्या में मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं को संबोधित करते हुए संस्था प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जीवन सदैव गतिमान है। जीवन परीक्षा का नाम है, संघर्षों का नाम है। मनुष्य के जीवन में अनेक बार उसकी हिम्मत, धैर्य, भावना, विवेक और समझदारी की परीक्षा होती है। जीवन के इन संघर्षों से जूझकर इनसे पार पाने वाले पुरुषार्थी व्यक्ति जीवन की प्रत्येक परीक्षा में सफल होते हैं।

श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि परीक्षाएं ऐसे मानवों को निरंतर निखारती है जो भाग्य का रोना नहीं रोते और पुरुषार्थ के लिए सदैव उद्यत होते हैं। उन्होंने कहा कि जीवनी शक्ति उन्हीं की पूरी तरह काम आती है जो अपने आपको भीतर से जोड़े रहते हैं। कहा कि वर्षा के दिनों में तो सभी नदियां बाढ़ लाती देखी जाती हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में वही नदियां जलयुक्त रहती हैं जो हिमालय से जुड़ी होती हैं। उन्होंने सभी से हिमालय अर्थात् परमेश्वर से खुद को जोड़े रहने को कहा। मिशन प्रमुख ने अश्वमेध यज्ञ और बाजपेय यज्ञ सहित विभिन्न यज्ञों का माहात्म्य भी उपस्थित जनसमुदाय को समझाया।

आज की संध्या दिव्य भजनों से सजी थी। लोकगायक सर्वश्री कश्मीरी लाल चुग, सुरेन्द्र सिंह, राम बिहारी, महेश सैनी द्वारा प्रस्तुत भाव गीतों से वहां उपस्थित भक्त समुदाय भाव विभोर हो उठा। इसके पूर्व फरीदाबाद स्थित ज्ञान दीप विद्यालय के छात्र – छात्राओं द्वारा बड़े ही प्रेरक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिन्हें देखकर सभागार में हुई करतल ध्वनि से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। बच्चों ने मैया यशोदा तेरा कन्हैया और शिक्षा का पहला कदम जैसे विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

विश्व जागृति मिशन मुख्यालय आनन्दधाम से आए मिशन निदेशक श्री राम महेश मिश्र के मंचीय समन्वयन एवं संचालन में संपन्न हुए आज के सत्र में मौजूद विजामि के मंडल महामंत्री श्री पी.डी.आहूजा ने बताया कि सत्संग समारोह में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के अलावा राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली सहित एनसीआर के विभिन्न अंचलों के ज्ञान जिज्ञासु पधार रहे हैं।

फरीदाबाद में चार दिवसीय सत्संग महोत्सव का हुआ श्रीगणेश

काल प्रवाह से प्रभावित नहीं होती है श्रीमद्भगवद्गीता

गीता हर भाषा में दुनिया भर में पहुंच चुकी है, श्री सुधांशु जी महाराज बोले

Virat Bhakti Satsang Faridabad 26-9-19 | Sudhanshu Ji Maharajफरीदाबाद, 26 सितम्बर। हरियाणा प्रांत के मुख्य औद्योगिक नगर फरीदाबाद के सेक्टर – १२ स्थित विशाल सत्संग पार्क में विश्व जागृति मिशन के चार दिवसीय विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का आगाज आज अपराह्नकाल हो गया। रविवार २९ सितम्बर की संध्याकाल तक चलने वाले सत्संग समारोह का उद्घाटन करने के उपरान्त मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने श्रीमद्भगवद्गीता का प्यारा सा सन्देश हजारों की संख्या में वहां मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं को दिया। सत्संग समारोह के उद्घाटन सत्र में हरियाणा के उद्योग मंत्री श्री विपुल गोयल सहित कई गण्यमान व्यक्ति उपस्थित रहे।

पवित्र व्यासपीठ से प्रवचन करते हुए श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि काल प्रवाह के साथ अन्य अनेक चीजें प्रभावित हुई हैं, लेकिन श्रीमद्भगवद्गीता उससे प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि गीता आज दुनिया के लगभग सभी देशों में वहां की भाषा में पहुंची है। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के अमृत कलश का नाम गीता है। आज आवश्यकता है कि श्रीमद्भगवद्गीता पूजनीय ग्रंथ से आगे बढ़कर हम सबके जीवन में आए। उन्होंने कहा कि गीता केवल अर्जुन की नहीं सुनाई गई बल्कि प्रभु श्रीकृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से जीवन का अद्भुत सन्देश मानव मात्र को दिया है। गीता अपने अवतरण से लेकर आज तक है और आगे भी रहेंगी।

मिशन प्रमुख ने श्रीमद्भगवद्गीता का सम्मान करने वाले इतिहास पुरुषों में दारा शिकोह का नाम बड़े आदर के साथ लिया और बताया कि भगवान के ईश्वरीय सन्देश का व्यापक पैमाने पर प्रसार करने के कारण उस विद्वान महापुरुष का बड़ी निर्ममता के साथ वध कर दिया गया था। उन्होंने दुनिया भर में फैले आतंक की कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि इस विश्वव्यापी आतंक का समापन गीता के सिद्धांतों का अनुकरण करके ही किया जा सकेगा।

इसके पूर्व आचार्य श्री सुधांशु की महाराज एवं उद्योग मंत्री श्री विपुल गोयल सहित प्रमुख व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्वलित करके विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का उद्घाटन किया गया। मिशन के मंडल प्रधान श्री राज कुमार अरोरा एवं श्री बी. के. सिंह द्वारा व्यास पूजन के बाद उपस्थित जन समुदाय की ओर से कुछ प्रतिनिधियों ने श्रद्धेय महाराजश्री का फरीदाबाद आगमन पर भव्य अभिनन्दन किया।

विराट भक्ति सत्संग महोत्सव का सभा समन्वयन एवं संचालन विश्व जागृति मिशन, आनन्द धाम, नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया। स्थानीय प्रतिनिधि डॉ.आर.बी.बारी ने बताया कि सत्संग समारोह २९ सितम्बर की सायंकाल तक चलेगा। उन्होंने बताया कि रविवार को पूर्वाह्नकाल के सत्र के बाद दोपहर में सामूहिक मंत्रदीक्षा संपन्न होगी।

An Apostle of Peace, Love and Compassion | Part-7 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace and compassion Part 7 | Sudhanshu Ji Maharaj

An Apostle of Peace and compassion Part 7

Life devoted to human development:

His beliefs touch the entire course of human life. Serene thoughts give relaxation and peace to the brain. And peaceful mind generates power. It helps to increase the concentration, retention power, confidence, willpower and many more traits that help to move ahead in life. He believes that thoughts shape the entire personality of an individual. They enable us to carry on our endeavors in the right path. He also emphasizes on drifting away from both being coward and weakness as they are sins. The brave people carry moral values and hence are fearless.

As mentioned earlier he had established Vishwa Jagriti Mission, an organization to give a meaningful touch to his dream. He foresees his dream to become a reality, His dream being; the enlightenment across the Globe (vishwa mei jagriti). This awareness is in the form of looking into the inner self and getting immersed in the treasure of knowledge.

Maharaji’s philosophy circumvents every minute aspect of human life. His sermons move in the direction of integrating masses with the Supreme virtues of love, sympathy, compassion, cooperation, coordination, serenity and divinity. He gives super most importance to the feeling of love and help for the poor that originates as a fountain from the seat of his heart.

लक्ष्मणनगरी में अमृत ज्ञान वर्षा का हुआ भव्य समापन

अपने आपको बदलेंगे तब आपका भाग्य बदलेगा

मनुष्य अपना स्वर्ग अपने साथ लेकर धरती पर आता है

महामृत्युंजय मंत्र की ताकत समझाई आचार्य सुधांशु जी महाराज ने

Amrit Gyan Varsha Lucknow-22-09-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २२ सितम्बर (संध्याकाल)। मनुष्य अपना स्वर्ग अपने साथ लेकर धरती पर आता है। व्यक्ति अपना स्वर्ग खुद बनाता है और अपने नरक का निर्माण भी स्वयं करता है। स्वर्ग और नरक व्यक्ति की अपनी जीवन शैली पर निर्भर करता है। जैसे हम होते हैं वैसा ही जमाना अपने आसपास तैयार कर लेते हैं।

यह उद्गार आज सायंकाल विश्व जागृति मिशन के संरक्षक – संरक्षक जाने-माने अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने यहां आशियाना अंचल के रेल मैदान में चल रहे सत्संग समारोह में व्यक्त किए। वह मिशन के लखनऊ मंडल द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के समापन अवसर पर हजारों की संख्या में मौजूद ज्ञान जिज्ञासुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आप वैसा ही व्यवहार करें जैसा व्यवहार आप दूसरों से अपने लिए चाहते हैं।

श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान सन्देश सुनाते हुए श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माण खुद करता है। व्यक्ति का भाग्य उसके अपने कर्मों के आधार पर बनता या बिगड़ता है। उन्होंने जनसमुदाय से कहा कि जब आप अपने आपको बदलने को तैयार होते हैं तब आपका भाग्य बदलना आरंभ हो जाता है। उन्होंने अपने आपमें नित्य सुधार करने के प्रयास करने को कहा।

सत्संग समारोह का समापन श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनंदन के उपरान्त दिव्य ईश आरती के साथ हुआ। इस अवसर पर विश्व जागृति मिशन की लखनऊ मंडल की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी कौल ने तीनों दिन सत्संग महोत्सव में आए सुधी श्रोताओं तथा आनन्दधाम दिल्ली से आए सभी प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। नागरिक अभिनंदन टीम में मंडल प्रधान श्री बी.के.पांडेय, उपाध्यक्ष श्री सी.पी.गुलाटी, महामंत्री श्री अजीत सक्सेना, कोषाध्यक्ष श्री राजीव मेहरोत्रा, श्री अशोक अग्रवाल, श्री मदन गोपाल श्रीवास्तव, श्री के.एस.गुप्ता शामिल थे।

अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में भारतीय जनता पार्टी पूर्वी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष श्री सुरेश चन्द्र तिवारी, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर वाचस्पति मिश्र, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष श्रीमती सुषमा सिंह, पूर्व राज्य मंत्री श्री नानक चन्द्र, पूर्व डीजीपी ट्रेनिंग, पूर्व डीआईजी कारागार श्री सुरेश चन्द्र श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अनेक कमियां जानने के बावजूद ईश्वर आपको करता है क्षमा

विजामि प्रमुख ने स्वास्थ्य कक्षा में जिज्ञासुओं का किया सशक्त मार्गदर्शन

पूर्णता मनुष्य स्वभाव की स्वाभाविक अवस्था है, परमेश्वर से मिलन होने पर ही मानव परिपूर्ण बनता है

Amrit Gyan Varsha Lucknow-22-9-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २२ सितम्बर (पूर्वाह्न)। लक्ष्मणनगरी लखनऊ के रेल मैदान में २० सितम्बर से चल रहे अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव की स्वास्थ्य कक्षा में हजारों की संख्या में उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रख्यात अध्यात्मवेत्ता आचार्य सुधांशु जी महाराज ने *ध्यान* की ताकत समझाई। कहा कि ध्यान मनुष्य को पूर्णता की ओर पहुंचाता है। पूर्णता मानव स्वभाव की स्वाभाविक अवस्था है और यह पूर्णता परम पिता परमात्मा से आत्मिक मिलन होने पर ही प्राप्त होती है।

विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मंडल द्वारा यहां बंगला बाजार मार्ग पर आशियाना क्षेत्र में कथा ग्राउंड में अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के तीसरे दिवस के पूर्वाह्नकालीन सत्र में बोलते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि जिस तरह नदियां अपने पूर्णता के केन्द्र समुद्र की ओर स्वभावत: बढ़ती हैं, उसी तरह मनुष्य स्वभाव के अनुरूप व्यक्ति अपने पूर्णता – केन्द्र परमेश्वर की ओर सहज ही बढ़ने की इच्छा रखता है और उसी में उसे वास्तविक सुख की अनुभूति होती है। मनुष्य के विपरीत संस्कार उसके मार्ग में अवरोधक बनते है, ध्यान योग का पथिक उन बाधाओं को हटाता हुआ आगे बढ़ता है और अपने लक्ष्य तक जा पहुंचता है।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि मनुष्य गलतियों का पुतला है। जिस तरह एक मां अपनी सन्तान की गलतियों को सहज माफ कर देती है उसी तरह परमात्मा अपने भक्त की गलतियों को क्षमा करता है। हां, वह अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से मानव को अनेक बार सचेत करता है और सत्पथ पर चलने का वातावरण देता है। व्यक्ति को उन ईश्वरीय संकेतों को सजग होकर समझना चाहिए और निज की गलतियों में सुधार लाते हुए अपने मुख्य केंद्र की ओर बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक नदी सागर में मिलकर पुनः बादल बनकर धरती तथा इस पर निवास कर रहे प्राणिमात्र को तृप्त करती है, उसी प्रकार एक ध्यान – साधक अपने जीवन के बाद भी अपनी मातृभूमि को सदैव तृप्ति प्रदान करता रहता है। उन्होंने सभी से इस पथ पर सधे हुए कदमों से आगे बढ़ने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में कानपुर के बैकुंठपुर -बिठूर स्थित महर्षि वेदव्यास अन्तरराष्ट्रीय गुरुकुल विद्यापीठ के ऋषिकुमार बड़ी संख्या में पहुंचे। कुछ छात्रों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

लखनऊ में चल रहे विराट ज्ञान यज्ञ में भारी संख्या में लोग उमड़े

विधि मंत्री, आयुष मंत्री तथा महिला कल्याण मंत्री सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने सुना सत्संग

अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का दूसरा दिवस

Amrit Gyan Varsha Lucknow-21-09-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २१ सितम्बर। विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मंडल द्वारा यहां आशियाना के रेल मैदान में आयोजित तीन दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव के दूसरे दिवस की संध्या में मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने मंत्र जप का ज्ञान – विज्ञान ज्ञान जिज्ञासुओं को समझाया। हजारों की संख्या में सत्संग स्थल पर मौजूद लखनऊ वासियों से उन्होंने कहा कि जप के साथ मंत्र-सिद्धि के उपाय करना बहुत जरूरी है। उन्होंने ध्यान का महत्व का भी ज्ञान सभी को दिया।

उत्तर प्रदेश सरकार के विधि मंत्री श्री बृजेश पाठक, आयुष मंत्री श्री धर्म सिंह सैनी और महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्वाति सिंह सहित अनेक अति विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति में श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति अपनी आदतों के कारण ऊंचा उठता या गिरता है। जैसी आपकी आदतें होती है वैसे ही आप बनते हैं। आपका प्रभु कोई और नहीं खुद आप ही हैं। उन्होंने कहा कि जिसमें आप जीवन भर रहते हैं उसका सदैव ध्यान रखिए।

श्रद्धा, संयम, नीति, नियम, योग, उपयोग, उल्लास, युक्ति, भक्ति, शान्ति आदि को बड़ी ताकत बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि इनकी साधना करने वाले लोग जीवन पथ पर बहुत ऊंचे उठते हैं। उन्होंने कहा कि जिसके दर पर पीड़ित के आंसू रुक जाते हैं वह दर भगवान का द्वार होता है। मुस्कराहट की शक्ति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि रोने से आंसू भी पराए हो जाते हैं, लेकिन मुस्कराने से पराए भी अपने बन जाते हैं।

विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के निदेशक श्री राम महेश मिश्र के समन्वयन एवं संचालन में चले सत्संग समारोह में मिशन की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी कौल, मंडल प्रधान श्री बी. के. पांडेय, संयोजक श्री मनोज शास्त्री, महर्षि वेदव्यास उपदेशक महाविद्यालय दिल्ली के प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र सहित विजामि परिवार के अनेक सदस्य अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में मौजूद रहे।

अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में ध्यान जिज्ञासुओं ने सीखीं स्वस्थवृत्त की विधाएँ

पंचकोशों की शुद्धि निर्मल स्वास्थ्य के साथ व्यक्ति को आत्मिक उन्नयन की ओर बढ़ाती है – डॉ.अर्चिका दीदी

अच्छा स्वास्थ्य परमात्मा की सबसे बड़ी नियामत

लखनपुरी लखनऊ में आचार्य सुधांशु जी महाराज बोले

सत्संग समारोह में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस पर दिया गया विशेष सन्देश

Amrit Gyan Varsha-Lucknow-21-sept-19 | Sudhanshu Ji Maharajलखनऊ, २१ सितम्बर। यहाँ बंगला बाज़ार मार्ग पर रेलनगर मैदान में विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव में प्रातःक़ालीन स्वस्थवृत्त कक्षा को वरिष्ठ ध्यान-योग-गुरु डॉक्टर अर्चिका दीदी ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि पंचकोशों की शुद्धि निर्मल स्वास्थ्य के साथ व्यक्ति को आत्मिक उन्नयन की ओर बढ़ाती है। उन्होंने ध्यान के गुर सभी को सिखाए तथा योगासनों का प्रशिक्षण भी दिया। उन्होंने कास्मिक एनर्जी से गहरा तादात्मय बनाते हुए अपने व्यक्तित्व को ऊर्जावान बनाने को कहा। कहा कि ऊर्जावान मनुष्य ईश्वर को अतिप्रिय होते हैं।

विश्व जागृति मिशन के संस्थापक-संरक्षक आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने निरोग जीवन की महत्ता सभी को समझायी और स्वस्थ रहने के यौगिक एवं आध्यात्मिक उपाय बताए। उन्होंने कहा कि उत्तम स्वास्थ्य मनुष्य को परमात्मा से मिली सबसे बड़ी नियामत है। मन पर भाँति-भाँति की गंदगी चढ़ाने के लिए अनेक व्यक्ति व शक्तियाँ सक्रिय रहती हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग की गंगा में डुबकी लगाकर ही मन के मैल की धुलाई की जा सकती है।

श्रद्धेय महाराजश्री ने आज दुनिया भर में मनाए जा रहे अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस पर जनमानस को विशेष सन्देश दिया। कहा कि अशान्त व्यक्ति से जीवन में कोई बड़े काम नहीं हो सकते। परमात्मा शान्त-स्वरूप है और शान्ति-प्रदाता है, अपने इष्ट-आराध्य से शान्ति की कामना प्रतिदिन करने की
प्रेरणा देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे साधकों के पास परमात्मा से शान्ति की धार प्रवाहित होती है और वह व्यक्ति धन्य हो उठता है। उन्होंने कहा कि सुख और शान्ति एक दूसरे के पर्याय हैं। सुख वास्तव में शान्ति के ऊपर टिका करता है। शान्ति के बिना सुख की कल्पना करना भी व्यर्थ है।

विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मण्डल की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी क़ौल ने बताया कि अमृत ज्ञान वर्षा का यह विशेष कार्यक्रम रविवार की सायंकाल तक चलेगा। मण्डल प्रधान श्री बी.के.पाण्डेय ने बताया कि कल २२ सितम्बर को मध्यांहकाल १२ बजे से सद्गुरुदेव द्वारा सामूहिक मन्त्रदीक्षा प्रदान की जाएगी।

लखनऊ के रेल मैदान में 3 दिवसीय अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव शुरू

गायत्री महामन्त्र के जप व उपासना से मिलती है सदबुद्धि

सही समय पर सही निर्णय लेने वाले व्यक्ति जीवन की सर्वोच्च ऊँचाइयाँ चढ़ते हैं

Amrit Gyan Varsha Lucknow 3 daysलखनऊ, २० सितम्बर। गायत्री महामन्त्र व्यक्ति को जीवन की ऊँचाइयों पर प्रतिष्ठित कर देता है। इस आदि-मन्त्र के जप और उपासना से साधक को सदबुद्धि मिलती है। गायत्री मन्त्र जब जीवन में उतरता है तब मनुष्य की सही निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है।

यह बात आज सन्ध्याकाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आशियाना अंचल स्थित रेल मैदान में विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए राष्ट्र के जाने-माने चिन्तक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कही। वह विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मण्डल द्वारा आयोजित तीन दिनी सत्संग महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद ज्ञान जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे व्यक्ति जीवन संघर्षों में बड़ी ऊँचाइयों पर पहुँचते हैं जो सही समय पर सही निर्णय लेना जानते हैं। ऐसे व्यक्ति वास्तव में सच्चे सुख एवं शान्ति के अधिकारी बनते हैं।

उन्होंने श्रीमद्भगवदगीता का सन्देश देते हुए कहा कि गीता समत्व की शिक्षा देती है और व्यक्ति को कर्तव्य-पथ पर आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द और स्वामी रामतीर्थ के उद्धरण देते हुए जीवन संघर्षों में सफल होने के अमूल्य मन्त्र दिए और पुरुषार्थी बनने को कहा। उन्होंने जिज्ञासा और जिजीविषा को जीवन में महत्व देने का आह्वान सभी से किया।

इसके पूर्व मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व उ.प्र. विधान परिषद के सदस्य श्री विजय बहादुर पाठक के अलावा विजामि लखनऊ की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी क़ौल, मण्डल प्रधान श्री बी.के.पाण्डेय, मिशन अधिकारी श्री मनोज शास्त्री, श्री अजीत सक्सेना, श्री भूपेन्द्र सिंह, श्री अशोक अग्रवाल, श्री प्रमिल द्विवेदी सहित कई गण्यमान व्यक्ति उपस्थित रहे।

अमृत ज्ञान वर्षा के कार्यक्रमों का मंचीय समन्वयन एवं संचालन नयी दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।

Gurukul Varshik Mahotsav | Anand Dham Ashram | September 14-15, 2019

Gurukul Varshik Mahotsav | September 14-15 2019
20th Annual Function of Maharishi Vedvyas Gurukul Vidyapeeth was organised at Anand Dham Ashram on 14th and 15th September 2019 with great fervour under the Holy presence of Yugrishi Param Pujya Shri Sudhanshu Ji Maharaj.

On 14th programme commenced with Lighting of Lamps by Maharajshri along with His Highness Shri Kalraj Mishra and Swami Sumedhanand Saraswati Ji Maharaj, Hon’ble Member of Parliament who graced the occasion with his presence.

Our RishiKumars (as we call them affectionately – students of our various Gurukuls) gave their presentation in various forms viz. Poetry, Bhajanas, Discourses, Master of Ceremony (ManchSanchalan), etc. and also a number of cultural programmes, games, yogasans, Self Defence programs viz. Judo Karate Boxing, Malakhambh (Exercises and Yogas on Pole), Grapevine (ChakuVaarrokana), viz. Columanize (Stambh Banana), Deepak Aasan etc. to name a few. While the program was continuing other dignitaries Hon’ble Shri Sunil Bharala, Hon’ble M.P. from UP and Shri Satyapal Singh, M.P., Ghaziabad also joined the program to adorn the function.

Again in the afternoon session various Art and Cultural programs were presented among the gathering which touched the heart of the gathering present in thousands and there was a thunderous applause for each presentation.

On 15th Morning, again the program commenced at 10.00 a.m. Acharya Bal Kishan, close aide of Swami Ram Dev, Vice-Chancellor, Patanjali Univerisity, CEO and MD of Patanjali Ayurveda and also General Secretary Patanjali Yogapeeth and Shri Prem Chand Aggarwal, Hon’ble Speaker, Uttarakhand along with his wife Smt. Shashi Prabha Aggarwal to bless Rishikumars on this occasion. Rishikumars gave their presentations in various fields. There was a big applause when the cultural program named Deepak Aasan and Sudershan Chakra Aasan was presented and was the best among all the presentations.

Acharya Bal Kishan Ji in his address said that he was very pleased to visit Anand Dham Ashram and praised Maharajshri for the way in which Rishikumars gave their presentation and are learning under Gurukul Parampara under the Holy Presence and guidance of Maharajshri and also remembered the days when Maharajshri and Bal Kishan studied in the same Gurukul, though as a junior of Maharajshri.

Maharajshri referred to revolution of 1857 and explained how Gurukuls were damaged during that period and expressed desired to give a big boost to Gurukul System of studies.