क्यों अद्भुत है 2025 में प्रयागराज का महाकुम्भ? | Sudhanshu Ji Maharaj | Vishwa Jagriti Mission

क्यों अद्भुत है 2025 में प्रयागराज का महाकुम्भ?

क्यों अद्भुत है 2025 में प्रयागराज का महाकुम्भ?

प्रयागराज को तीर्थ राज के नाम से जाना जाता है अर्थात तीर्थों का राजा! आगामी 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है! यह विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक पर्व है जिसका सनातनी परंपरा में विशेष महत्व है।

प्रत्येक 6 वर्षों के बाद अर्ध कुंभ, 12 वर्षों के बाद पूर्ण कुंभ तथा 12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ आता है, जो कि साल 2025 में त्रिवेणी के संगम पर बड़े ही भव्य तौर पर मनाया जा रहा है।

इस विशाल आयोजन में देश-विदेशों से करोड़ों श्रद्धालु और भक्त जन बड़ी संख्या में शामिल होंगे। कुंभ में शाही स्नान का भी विशेष महत्व है जो की इस बार 6 होने वाले हैं। इन शाही स्नान में भारी मात्रा में साधु-संतों का हुजुम स्नान के लिए शामिल होने जा रहा है।

महाकुम्भ 2025: अध्यात्म और आनंद का स्रोत

महाकुम्भ 2025 का आयोजन भारत की पावन भूमि पर एक ऐसा अद्वितीय अवसर है, जो अध्यात्म, संस्कृति और मानवता के अद्भुत संगम का प्रतीक है।

प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आयोजित यह महाकुंभ न केवल श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उत्थान का अवसर है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंतता को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का भी एक महोत्सव है।

महाकुंभ का ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व

महाकुंभ! का आयोजन हर 12 वर्ष में होता है और इसका उल्लेख पुराणों में मिलता है! यह आयोजन देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन से उत्पन्न अमृत कलश की कथा से जुड़ा हुआ है! कहा जाता है कि अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरी थीं, जहां महाकुंभ और अर्धकुंभ का आयोजन होता है।

महाकुंभ आत्मा और परमात्मा के मिलन का एक महान पर्व है, जहां करोड़ों लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने और मोक्ष प्राप्ति के लिए संगम में स्नान करते हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक है, बल्कि यह जीवन को सही दिशा देने, शांति और आनंद प्राप्त करने का मार्ग भी है।

अध्यात्म और आध्यात्मिक जागरूकता

महाकुंभ! 2025 में करोड़ों संत, महात्मा और योगी अपनी उपस्थिति से श्रद्धालुओं को प्रेरित करेंगे! शिविरों में प्रवचन, ध्यान, योग और साधना के माध्यम से आत्मिक शांति और ज्ञान प्राप्ति का मार्ग बताया जाएगा। विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों के दर्शन और उनके सत्संग में भाग लेना हर व्यक्ति के लिए एक दुर्लभ अनुभव होगा। यह आयोजन केवल व्यक्तिगत मोक्ष की यात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के उत्थान और एकता का भी प्रतीक है। महाकुंभ के दौरान मानवता, करुणा, दान और सेवा के मूल्यों को बढ़ावा दिया जाता है।

सांस्कृतिक समागम

महाकुंभ! 2025 भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धता को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच होगा! इस अवसर पर पारंपरिक संगीत, नृत्य, लोक कला, और प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की सांस्कृतिक धरोहर को विश्व के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, यह आयोजन विभिन्न राज्यों और देशों से आए श्रद्धालुओं को एक-दूसरे की संस्कृतियों और परंपराओं को जानने का अवसर प्रदान करता है।

पर्यावरण संरक्षण और जागरूकता

महाकुंभ! 2025 के आयोजन में पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है! संगम और इसके आस-पास के क्षेत्रों की स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं! साथ ही, श्रद्धालुओं को जल और ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।

आनंद का स्रोत

महाकुम्भ! केवल धार्मिक आयोजन नहीं है! बल्कि यह आत्मा को आनंदित करने और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने का एक अवसर है। यहाँ हर व्यक्ति को एक ऐसे वातावरण का अनुभव होता है, जहाँ प्रेम, शांति और एकता का भाव सर्वोपरि है। महाकुंभ! 2025 में भाग लेना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह आत्मा के गहन अनुभव और जीवन के नए आयामों को खोजने का अवसर है! यह आयोजन हमें भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और मानवता के महत्व को समझने और उन्हें अपनाने की प्रेरणा देता है।

सुधांशु जी महाराज कुम्भ धाम: महाकुम्भ में भक्तों के लिए विशेष सुविधाएं

महाकुंभ! के इस दिव्य और पुण्य अवसर पर, विश्व जागृति मिशन, पूज्य गुरुदेव श्री सुधांशु जी महाराज के पावन सान्निध्य में, प्लॉट नं. 46, सेक्टर-6, नाग वासुकी मार्ग, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) स्थित सुधांशु जी महाराज कुंभ धाम में एक भव्य और आलौकिक आयोजन करने जा रहा है।

इस दिव्य धाम में प्रतिदिन की दिनचर्या अत्यंत विशेष होगी, जिसकी शुरुआत ऋषिकुमारों के मंत्रोच्चारण संग प्रातःकालीन गंगा स्नान से होगी। इस आध्यात्मिक यात्रा में यज्ञ, योग, ध्यान, सत्संग, कथा और अमृत गंगा महाआरती जैसी दिव्य गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

इस पुण्य यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं के लिए कुंभ धाम में ही आवास एवं भोजन की उत्तम व्यवस्था की गई है! जो श्रद्धालु विशेष और समस्त सुविधाओं से युक्त आवास चाहते हैं, उनके लिए भी विशेष प्रबंध उपलब्ध है।

महाकुंभ! में गंगा स्नान के साथ-साथ पूजा-पाठ और दान का अत्यंत महत्व है। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए सुधांशु जी महाराज कुंभ धाम में शिवालय, भव्य मंदिर और श्री यंत्र की स्थापना की जा रही है, जहां विद्वान आचार्यों द्वारा प्रतिदिन पूजा-पाठ और अनुष्ठान संपन्न किए जाएंगे।

विश्व जागृति मिशन

दान की महिमा को समझते हुए, श्रद्धालुओं के लिए 45 दिनों तक निःशुल्क भंडारे का आयोजन किया जाएगा। साथ ही कड़कड़ाती सर्दी में गरीबों और साधु-संतों को कम्बल वितरण एवं गौदान-गौपूजन जैसे सेवा कार्य भी संपन्न होंगे।

पूज्य महाराजश्री एवं डॉ. अर्चिका दीदी जी के दिव्य सान्निध्य में 21-23 जनवरी एवं 4-7 फरवरी 2025 को प्रतिदिन दोपहर 3:00 बजे से सायं 5:00 बजे तक “अमृत भक्ति सत्संग” का आयोजन होगा। यह गुरु कृपा का अनुपम अवसर है, जब गंगा तट पर पूज्य गुरुजी के अमृतमय वचनों का श्रवण कर भक्तजन आध्यात्मिक लाभ उठा सकेंगे।

गंगा के पावन तट पर होने वाली अमृत गंगा महाआरती में सहभागी बनकर भक्तजन अपने जीवन को कृतार्थ कर सकते हैं। जो भक्त प्रत्यक्ष रूप से वहां पहुंचकर पूजा-पाठ, यज्ञ-अनुष्ठान में भाग लेना चाहते हैं, उनका हार्दिक स्वागत है। जो समयाभाव के कारण प्रयागराज महाकुंभ में नहीं आ सकते, उनके लिए ऑनलाइन पूजा-पाठ व दान की विशेष सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। आयोजन में भाग लेने हेतु पंजीकरण के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करें या दिए गए नंबरों पर संपर्क करें।

विश्व जागृति मिशन समस्त भक्तों का  सुधांशु जी महाराज कुम्भ धाम में स्वागत करता है! आइये गुरु के सानिध्य में विहंगम महाकुम्भ का आनंद लें और जीवन में सुख, समृद्धि, ज्ञान, धर्म और आन्तरिक शान्ति को आमंत्रित करें।

Top 10 Things to Do at Maha Kumbh 2025

top 10 Things to Do at Maha Kumbh 2025

 

गंगाद्वारे प्रयागे धारा गोदावरी तटे।।

कलसाख्योहि योगोहयं प्रोच्यते शंकरादिभि:

गंगा के किनारे हरिद्वार में, प्रयागराज में संगम के पास, और गोदावरी के तट पर, जो योग (कुंभ) होता है, उसे भगवान शिव आदि महापुरुषों द्वारा “कलस” (कुंभ) कहा गया है।

“At the banks of the Ganga in Haridwar, near the Sangam at Prayagraj, and on the banks of the Godavari, the sacred gathering (Kumbh) is referred to as “Kalash” (Kumbh) by Lord Shiva and other great sages.”

Kumbh Mela, one of the largest spiritual gatherings in the world, is a profound experience that offers a blend of devotion, culture, and pure inner joy.

Held at four sacred locations in India – Prayagraj, Haridwar, Nashik, and Ujjain – the Kumbh Mela attracts millions of pilgrims, ascetics, and tourists.

In 2025, the Maha Kumbh will to take place in Prayagraj, Uttar Pradesh, from January 13 to February 26 at the Triveni Sangam– the confluence of the Ganga, Yamuna, and Saraswati rivers.

Now if you’re planning to attend, here are the top 10 things you must do to make it an unforgettable experience.

Take a Dip in the Sacred River

Take a Dip in the Sacred River

The highlight of Kumbh Mela is the ritual bath in the holy rivers – Ganga, Yamuna, Saraswati (Prayagraj), Ganga (Haridwar), Godavari (Nashik), or Shipra (Ujjain). Taking a dip on auspicious days is believed to cleanse one’s sins and pave the way for spiritual liberation.

Attend the Ganga Aarti

Attend the Ganga Aarti

The mesmerizing Ganga Aarti, performed every evening on the riverbanks, is a sight to behold. Devotees light diyas (lamps), chant hymns, and offer prayers to the river. The confluence of flickering lights and soulful chants creates an unforgettable spiritual ambiance.

Engage in Spiritual Discourses and Satsangs

Kumbh Mela serves as a platform for our Gurus to share wisdom through discourses and satsangs. Listening to their teachings can provide insights into ancient philosophies and inspire personal growth.

Witness the Procession of Naga Sadhus

The Naga Sadhus, who renounce worldly possessions, are an important part of the Mela.

Their grand procession, marked by traditional rituals, chants, and vibrant colors, is an awe-inspiring spectacle that reflects the spiritual essence of the festival.

Visit the Akharas

Akharas are a must watch. Visiting these spiritual hubs allows you to understand different paths of spirituality. Each Akhara has unique practices and traditions that contribute to the diversity of the event.

Explore the Cultural Exhibitions

Apart from its spiritual significance, Kumbh Mela is a cultural extravaganza. From folk music and dance performances to traditional crafts and regional cuisines, there’s much to explore. These exhibitions showcase India’s rich heritage.

Taste Authentic Prasad and Langar

The Kumbh Mela offers an opportunity to savour sacred food offerings and participate in community meals. Prepared with devotion, these meals not only satisfy the palate but also exemplify the spirit of sharing and equality.

Capture the Spirit through Photography

For photography enthusiasts, Kumbh Mela provides endless opportunities to capture vibrant moments. The devotional fervour, colourful attires, and unique rituals offer a canvas of extraordinary visuals. Ensure to respect people’s privacy and seek permission where required.

Reflect and Immerse in Solitude

Amidst the grandeur of the Kumbh Mela, find time to reflect and connect with your inner self. The sacred atmosphere, combined with the chants and the serene rivers, creates the perfect setting for introspection and spiritual awakening.

Participate in Yoga and Meditation Sessions

Kumbh Mela is an ideal place to explore inner peace through yoga and meditation. A special Dhyan session will also be held under the guidance of His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi Ji.

Join them and connect with your spiritual selves and attain mental clarity amidst the bustling environment.

Tips for a Fulfilling Experience

To make your visit to Kumbh Mela enriching, keep the following tips in mind:

  • Plan Ahead: Check the dates of auspicious days and plan your trip accordingly.
  • Stay Informed: Familiarize yourself with the layout of the mela and identify key areas like ghats, camps, and emergency services.
  • Pack Essentials: Carry comfortable clothing, reusable water bottles, and essential medicines. Be prepared for the weather conditions.
  • Stay Safe: Stick to designated bathing areas and follow instructions from authorities.
  • Respect the Culture: Be mindful of local customs and traditions, and maintain the sanctity of the place.

Remember that Kumbh Mela is not just an event; it’s a transformative journey that offers a unique blend of spirituality, culture, and human connection.

Whether you seek divine blessings, cultural enrichment, or personal growth, the Kumbh Mela promises an experience of a lifetime. Immerse yourself in the spiritual energy, and carry home memories that will last forever.

Now you can make it more blissful with Vishwa Jagriti Mission

Experience divine bliss with complimentary accommodation and meals at the magnificent spiritual gathering.

Join us under the sacred guidance of His Holiness Shri Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi Ji for transformative programs:

  1. Amrit Bhakti Satsang

Experience the divine grace of Amrit Bhakti Satsang, a rare and transformative event where you can listen to the soulful voices of His Holiness Sudhanshu Ji Maharaj and Dr. Archika Didi. Immerse yourself in profound wisdom and spiritual teachings that touch your soul and elevate your spirit to realms of eternal peace and bliss.

  1. Meditation

Discover divine tranquility through meditation, guided by Maharajshri and Didi Ji, amidst sacred energies and transformative cosmic vibrations.

  1. Yagna

Participate in the sacred Yagna, invoking divine blessings through the ancient ritual and realize spiritual growth and well-being.

  1. Anushthan

Experience disciplined spiritual practices for inner peace, divine connection, and inner purification.

  1. Ganga Maha Aarti

Feel the positive vibes of the majestic Ganga Maha Aarti, a mesmerizing ceremony of devotion, divine chants, and sacred illumination by the river.

Save the dates!

Event Dates: 4-6 February, 2025

Venue: Plot No. 46, Sector-6, Nag Vasuki Marg, Prayagraj (Uttar Pradesh)

Organizer: Vishwa Jagriti Mission

Register soon to secure your place in this divine celebration.

Contact Us: ☎️ (+91) 8630992931, 9312284390, 9411487658

So, let’s meet at Prayagraj Maha Kumbh Samagam 2025 and make it a memorable experience!

 

नया साल, नव चेतना: आत्म जागरण की नवीन यात्रा | New Year | Sudhanshu ji Maharaj | Vishwa Jagriti Mission

 नया साल, नव चेतना: आत्म जागरण की नवीन यात्रा

नया साल, नव चेतना आत्म जागरण की नवीन यात्रा

नया साल लेकर आता है नए अध्याय की शुरुआत।  इस अध्याय को हर वर्ष हमें अपने अनुसार लिखने की संधि मिलती है। हम सब जानते हैं बीते वर्ष की गई गलतियों के बारे में और इसमें आवश्यक सुधार के बारे में,  इसी सुधार की उम्मीद के साथ हम अपने नए साल की शुरुआत करते हैं। हम में से लगभग हर कोई नए साल के कुछ लक्ष्य तैयार करता है और उन सभी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए साल भर मेहनत भी करता है। परन्तु क्या आपने विचार किया है कितने लोगों की लक्ष्यसिद्धि होती है? जी हां, इसका सकारात्मक परिणाम अत्यंत कम लोगों को मिलता है जिसका कारण है, दृढ़ संकल्प की कमी। आपको पता है, संकल्प दृढ़ हो तो  मुश्किल से मुश्किल काम भी आसान हो जाते हैं और संकल्प की कमी से संभव और आसान काम भी बिगड़ जाते हैं।

आज मैं आपसे इसी विषय पर चर्चा करना चाहता हूँ। इस नए साल को केवल कहने के लिए नया न मानें, इस नए वर्ष में कुछ नया, कुछ विशेष करने का संकल्प लें। इस नए वर्ष में आत्मपरिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करें और उसके लिए अच्छी आदतों को अपनाएं जो आपके जीवन को सरल एवं सफल बनाने में सहायता करेंगी।

इस पूरी प्रक्रिया में आपको निराशा और अवसाद से बचाकर प्रेरणा देने का कार्य गुरु करते हैं, क्योंकि गुरु के बिना गति नहीं मिलती न कार्य को न मनुष्य को। गुरु के मार्गदर्शन में आप अपने जीवन में सकारात्मक संकल्प लेकर आदतों में बदलाव कर सकते हैं। आज मैं आपको इसी संकल्प की शक्ति के बारे में अपने अनुभव का निचोड़ बताने वाला हूँ जिसे जानकर आप अपनी आदतों में बदलाव कर सफल एवं विख्यात हो सकते हैं।

स्वास्थ एवं आहार

नव वर्ष में सबसे पहले संकल्प लें कि आप अपने शरीर को परमात्मा का निवासस्थान मानेंगे, जिसकी साफ सफाई और सुंदरता का दायित्व आपका है। इसलिए आप संकल्प लें कि इस नए वर्ष में केवल सात्विक और ऊर्जादायक भोजन का ही सेवन करेंगे और अपनी दिनचर्या को नियमित और संतुलित रखेंगे। क्योंकि  जैसा अन्न वैसा मन जैसा पानी वैसी वाणी शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् अर्थात स्वस्थ शरीर ही धर्म का पहला एवं उत्तम साधन है।

ध्यान एवं आध्यात्मिक विकास  

जीवन में सफल बनने के लिए मन शांत और संयमित होना आवश्यक है। अशांत मन हमेशा गलत निर्णय लेता है जो आपके लिए हानिकारक भी हो सकता है। ऐसे में मन को शांत करने हेतु प्रतिदिन ध्यान एवं प्रार्थना का समय निकालें। यह आदत आपको जीवन के संघर्षों से जूझने की शक्ति प्रदान करेगी और मन को सदैव प्रभु से जोड़े रखेगी और जब प्रभु के सान्निध्य में रहेंगे तो गलत निर्णय का तो प्रश्न ही नहीं उठता।

परिवार के साथ समय बिताएं

जैसे-जैसे दौर बदल रहा है लोग अपनों से दूर और अपने में ज्यादा व्यस्त होते जा रहे हैं। ऐसे में अकेलापन बढ़ता जा रहा है। न आपके सुख को दुगुना करने वाला कोई है न दुख को कम करने वाला। इस नए वर्ष प्रण करिए कि परिवार के साथ ज्यादा समय बिताएंगे, उनके साथ खुलकर बात करेंगे, अपनी भावनाएं साझा करेंगे जिससे आपमें प्रेम और दया का विस्तार होगा और जीवन में संतोष की प्राप्ति होगी।

बुरी आदतों का त्याग करेंगे

अच्छी आदतें अपनाने से ज्यादा ज़रूरी है बुरी आदतों का त्याग।  इस नए वर्ष में आपको संकल्प लेना होगा कि आप बुरी आदतों का त्याग करेंगे। बुरी आदतें जैसे क्रोध करना, आलस करना, देर से सोना-उठना, झूठ एवं अपशब्द बोलना। इन बुरी आदतों का त्याग करना होगा, ताकि आपका जीवन सरल एवं सदाचार से परिपूर्ण हो सके।

धन का सही उपयोग एवं बचत

धन केवल सुख प्राप्त करने के लिए नहीं अर्जित किया जाता, धन समाज के कल्याण के लिए कमाया जाता है। इस नव वर्ष संकल्प लें कि अपने कमाए धन को अपनी क्षमता अनुसार ज़रूरतमंदों में दान करेंगे एवं व्यर्थ खर्च को रोकते हुए सत्कार्य में पैसा लगाएंगे। यह कार्य आपको मानसिक शांति देता है जिससे आपको दुगुनी कामयाबी मिलती है।

जीव दया एवं प्रकृति के प्रति दायित्वों का निर्वहन

जीवन में हम कितना कुछ प्रकृति से लेते हैं और बदले में हम केवल उसे विनाश देते हैं।  इस नव वर्ष संकल्प करें कि प्रकृति मां का हम संरक्षण करेंगे। संकल्प लें कि इस नए वर्ष हम अधिक से अधिक वृक्षारोपण करेंगे, जल बचाएंगे, पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं के उपयोग को बढ़ावा देंगे ताकि पृथ्वी अन्य जीवों के लिए भी उतना ही सुरक्षित स्थान बनी रहे जितनी मनुष्यों के लिए है।

इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में ध्यान रखना है कि, नव वर्ष आत्म निरीक्षण एवं आत्मसुधार का समय है। नए संकल्प, नई आदतें हमें भीतर और बाहर से शांतचित्त, संयमित और सकारात्मक बनाएंगी और इसी के द्वारा हम अपने निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति कर जीवन के नवीन सूर्योदय का साक्षात्कार कर पाएंगे।

Realizing the ultimate truth is Meditation | World Meditation Day | Sudhanshu ji Maharaj

Realizing the ultimate truth is Meditation

Realizing the ultimate truth is Meditation

His Holiness Sudhanshu ji Maharaj !

Meditation is a science of moving inwards. It is a timeless practice dating back thousands of years, offering a profound pathway to inner peace and a state of enlightenment, ultimately leading to ecstasy. Once you are there in a state of no mind, there is no stress, anxiety, fear or distractions. Meditation is a technique to train the mind and induce a state of heightened awareness to reduce stress for enhancing focus and emotional resilience. As we gradually, step by step, delve onto meditation’s science, techniques and practical applications, we uncover its transformative potentional to nurture a harmonious relationship between mind, body and soul.

Now, the question arises, how to reach this state of nomind (A-mann). Follow the following steps and you can successfully reach the state of divine bliss.

Choose a cozy, uncrowded area to relax and be alone, use dim lighting seating and minimal distractions to ensure a relaxing atmosphere. You can use cushions or blankets to support your posture.

Sit comfortably with your spine up right and relaxed. You can sit cross-legged on the floor, in a chair with your feet flat, or even down if uncomfortable. Rest your hands on your knees or legs, palms facing upward or downward, whichever feels natural.

Close your eyes or soften your gaze and focus on your breath, watch your breath sensations, such as the rise and fall in your chest or airflow through your nose. Let the breath flow naturally, don’t try to force it.

When your thoughts continue to wander, let them do so, but gently guide them back to the present moment you breathe. Observe the thoughts, emotions and experiences that rise objectively, allow them to dissipate like the clouds in the sky.

Conduct a body scan by watching different parts of the body, starting from your toes and moving upward to your head. With each exhale, pay attention to any area of tension or discomfort and let them soften or release.

If you find it difficult to watch your breathe, you can chant a mantra silently, visualize on sounds as a focal front. Repeat a word or phrase silently to yourself, imagine a beautiful scene or listen to the calming music or natural sounds like of the birds.

Practice acceptance and non-attachment to your experience during meditation. If you face thoughts or emotions that arise, acknowledge them without being attached to them and gently return your focus to your chosen anchor.

With increasing experience, you can progressively prolong your meditation sessions from 5 to 10 minutes. Aim to meditate regularly almost daily, to experience the cumulative benefits over time. Decide a schedule and duration that can work for you and commit to making meditation a part of your routine.

Meditation

When you decide to conclude your meditation session, gently return your attention to your immediate environment. Breathe deeply for a moment, move your fingers and toes and then gradually open your eyes. Take a moment to reflect on your experience and carry the sense of calm and presence onto your life.

It is very important to remember that meditation is a regular practice and that shifts in concentration regular. Be patient and compassionate with yourself as you navigate your meditation journey. Celebrate small victories and embrace challenges as opportunities for growth. (These steps have been explained by Lord Krishna to Arjuna in Bhagwadgita in Chapter 6 from Shlokas 10-20).

In brief by following these steps faithfully, you will reach or pass through three stages to automatically capture the fourth stage of pure consciousness.

First step:-

Observe all your activities, your body and its related activities. Just remain a witness to all happenings.

Second step:-

When you have become capable to watching your body and its activities, watch the activities of your mind – thoughts, dreams, and imaginations. Just be a witness. As if you are standing by the side of the road. You are not part of it. Just be a pure witness without any judgement, good or bad. No evaluation being done. This is the state of no mind.

Third step:-

Now watch subtle emotions, moods – a certain shadow of sadness and joy.

First is concerned with the body, second with the mind and third with the soul.

When you become capable of watching the third, the fourth happens on its own. Then you are at the very centre of your being. And this is the moment of the ultimate ecstasy, enlightenment, Samadhi. You may give this state any name but this is ultimate truth.

This is the very end of the inner journey. This realization of thyself is realization of the truth, the divine, the God. Meditation leads you to this stage.

कम्बल वितरण अभियान में आपकी भागीदारी का सामाजिक प्रभाव

Blanket Donation Drive 2025

कम्बल वितरण अभियान में आपका योगदान क्या मायने रखता है?

जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती है, ठंडी हवाएं केवल ठिठुरन ही नहीं लातीं; यह उन असंख्य जरूरतमंदों के लिए कठिनाई भी लाती है जो बुनियादी आवश्यकताओं से वंचित हैं।

जब हम में से कई अपने घरों में सर्दियों का आनंद लेते हैं, वहीं कुछ लोग केवल जीवित रहने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे होते हैं।

ऐसे जरुरतमंद लोगों के लिए एक साधारण कंबल ही जीवन और मृत्यु का प्रश्न होता है।

पिछले 15 वर्षों से, विश्व जागृति मिशन, परम श्रद्धेय सुधांशु जी महाराज और डॉ. अर्चिका दीदी जी के करुणामयी नेतृत्व में, अपने कंबल वितरण अभियान के माध्यम से ठंड से जूझ रहे लोगों को राहत प्रदान कर रहा है।

इस अभियान के केवल एक उद्देश्य है; कड़ाके की ठण्ड में हज़ारों लोगों को सही समय पर जरुरी मदद मुहैया कराना।

हमारे देश में, विशेषकर के बड़े शहरों में, लाखों लोग सड़क पर दो जून की रोटी भर ही कमा पाते हैं। एक गर्म कम्बल उनके लिए विलासिता की वस्तु हो जाती है जिसे वो खरीद नहीं पाते हैं।

इस अभियान की कोशिश होती है कि उनको कष्ट से मुक्ति मिले और वो एक गरिमामय जीवन यापन कर सकें।

सर्दियों से संघर्ष

 

blanket donation for poor

कल्पना कीजिए कि बिना किसी आश्रय के सर्द रात का सामना करना कैसा होता होगा। कई बेघर व्यक्तियों, प्रवासी मजदूरों और गरीब परिवारों के लिए यह कोई काल्पनिक स्थिति नहीं है; यह उनकी कठोर वास्तविकता है।

भीषण ठंड की लहरें असंख्य जिंदगियों को प्रभावित करती हैं, जिससे बीमारियां और कष्ट बढ़ जाते हैं। कंबल जैसी बुनियादी चीजों की कमी उनके जीवित रहने के संघर्ष को और बढ़ा देती है।

कष्ट से मुक्ति का मिशन

kambal vitaran abhiyan vishwa jagriti mission

इस साल, 1 जनवरी 2025 को आनंद धाम आश्रम, नई दिल्ली में, विश्व जागृति मिशन अपना वार्षिक कंबल वितरण अभियान आयोजित कर रहा है।

यहाँ से यह एक देशव्यापी कार्यक्रम में बदलता है जिसमें विश्व जागृति मिशन के मंडल, जो भारत के कई राज्यों में कार्य कर रहे हैं, कम्बल वितरण करते हैं।

इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति ठिठुरन भरी सर्दियों का अकेले सामना न करे। आपके सहयोग से, यह मिशन उन लोगों तक उम्मीद और आराम पहुंचाने का प्रयास कर रहा है जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

आपका योगदान क्यों महत्वपूर्ण है?

एक न्यूनतम आर्थिक सहयोग से आप किसी जरूरतमंद को उच्च गुणवत्ता वाला कंबल प्रदान कर सकते हैं।

हर कंबल ठंड से बचाने का एक आवश्यक साधन है, जो एक कठोर सर्द रात को आरामदायक मौसम में बदल सकता है। किसी को जीवन दे सकता है।

आपका दान उन परिवारों और विशेषकर के छोटे बच्चों लिए जीवन रेखा है जिन्हे ठण्ड से त्वरित सुरक्षा  की जरूरत है।

कंबल दान क्यों करें?

 

जीवन रक्षक: हर साल, भीषण ठंड कई जिंदगियां छीन लेती है।

वेबसाइट www.statista.com के अनुसार  ठंड के संपर्क में आने से 2022 में पूरे भारत में लगभग 720 मौतें हुईं, जो पिछले वर्ष दर्ज की गई कुल 618 मौतों से अधिक है। पिछले दशक में, देश भर में ठंड के कारण सबसे अधिक मौतें 2015 में हुईं।

केवल एक कंबल ठण्ड की ऐसी विभीषिका के खिलाफ ढाल का काम करता है।

मानवता का एक संकेत: शारीरिक आराम से परे, आपका दान करुणा व्यक्त करने का माध्यम है। यह छोटी सी मदद जरूरतमंदों को याद दिलाता है कि समाज उनका भी ध्यान रखता है।

स्थायी प्रभाव: एक साधारण कंबल स्थायी बदलाव लाता है। कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों को गरिमा और उम्मीद प्रदान करता है।

आपकी उदारता से कौन लाभान्वित होते हैं?

गरीब और हाशिए पर रहने वाले

अत्यधिक गरीबी में रहने वाले परिवारों के लिए, कंबल केवल आराम नहीं बल्कि एक आवश्यकता है। यह आवश्यक सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे वे ठंड के मौसम का सामना गरिमा के साथ कर पाते हैं। आपका योगदान उन्हें बिना कष्ट के सर्दी का मौसम झेलने का मौका देता है।

बेघर और प्रवासी मजदूर

बेघर व्यक्ति और प्रवासी मजदूर सर्दियों के दौरान खुद को सबसे अधिक कमजोर महसूस करते हैं। एक घर के बिना, वे गंभीर स्वास्थ्य सम्बंधित जोखिमों का सामना करते हैं। कंबल का दान न केवल आवश्यक गर्मी प्रदान करता है बल्कि जरूरतमंदों के प्रति दया और का संदेश भी देता है।

गुरुकुल के छात्र

गुरुकुलों में अध्ययन करने वाले युवा छात्र अक्सर न्यूनतम संसाधनों के साथ साधारण आवास में रहते हैं। आपका दान यह सुनिश्चित करता है कि ये छात्र, जो अपना जीवन सीखने और आध्यात्मिक विकास के लिए समर्पित करते हैं, ठंड से परेशान हुए बिना अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

आदिवासी समुदाय

दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले हमारे आदिवासी भाई-बहन अक्सर ठंड के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा से रहित होते हैं। उनके आवास पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं, जिससे वे ठंड से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हैं। इन समुदायों को कंबल दान करना उनके कल्याण के लिए आवश्यक पहल है।

वृद्धाश्रमों के बुजुर्ग

कंबल दान वृद्धाश्रमों के बुजुर्गों के लिए बेहद सहायक होता है। ठंड के मौसम में यह उन्हें गर्माहट और सुरक्षा प्रदान करता है। कंबल से उनकी सेहत सुधरती है और ठंड से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

यह दान उन्हें स्नेह और सम्मान का अनुभव कराता है।

इस नेक कार्य का हिस्सा बनें

इस नए साल पर, आपके पास एक सार्थक कदम उठाने का अवसर है। विश्व जागृति मिशन के साथ मिलकर, आप उन लोगों को आराम और सुरक्षा प्रदान करने में मदद कर सकते हैं जो ठंड से लड़ रहे हैं। हर दान मायने रखता है, और हर कंबल उम्मीद फैलाने की दिशा में एक कदम है।

कैसे सहयोग करें

ऑनलाइन दान करें: दान करने के लिए विश्व जागृति मिशन की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

संदेश फैलाएं: इस नेक काम को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि इसका प्रभाव बढ़ सके।

स्वयंसेवा करें: कंबल वितरण अभियान में भाग लें और दूसरों के लिए आपके प्रयासों से मिलने वाली खुशी को स्वयं देखें।

आइये साथ मिलकर, सर्दियों में राहत कार्य में अपना सहयोग दें

सर्दी कई लोगों के लिए उत्सव का समय है, लेकिन हज़ारों लोगों के लिए यह जीवित रहने का संघर्ष है। मदद का हाथ बढ़ाकर, आप केवल कंबल ही नहीं दान कर रहे—आप उम्मीद, दया और मानवता का सन्देश दे रहे हैं।

विश्व जागृति मिशन के कंबल वितरण अभियान से जुड़ें और किसी जरूरतमंद के लिए इस सर्दी को थोड़ा आरामदायक बनाएं।

आइए इस मौसम को करुणा का उत्सव बनाएं क्योंकि आपका छोटा सा दान किसी के लिए बहुत महत्व रखता है।

 

Donate Blanket for Underprivileged

गुलाबी नगरी जयपुर मंडल में भी परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ हुआ

गुलाबी नगरी जयपुर मंडल में भी परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ हुआ

परम पूज्य गुरुदेव की कृपा से परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत 5 साल से 12 साल के बच्चों को धर्म संस्कृति और सभ्यता के मार्ग पर चलने के लिए राजस्थान के जयपुर मंडल में दिनांक 17.11.2024 को श्री एम एल अग्रवाल जी(मंडल प्रधान) की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन, वैदिक मंत्रों के उच्चारण और करतल ध्वनि के साथ बाल संस्कार केंद्र का शुभारंभ किया गया।

इस शुभ अवसर पर लगभग 25 छोटे बच्चे अपने अभिभावकों के साथ उपस्थित हुए कुल मिला कर लगभग 125 भक्तगण उपस्थित हुए। सभी बच्चे सफेद यूनिफार्म में आए थे मिशन द्वारा बनाई गई ज्ञान सरस्वती पुस्तक ने दिए गए जल ही जीवन के पाठ्यक्रम पे डॉ श्रीमती मधु शर्मा जी,इंदु भार्गव जी, अलका अरोड़ा जी पुष्पा भाटिया जी तथा बेला माथुर जी के निर्देशन में बच्चों द्वारा प्रस्तुत योग,नृत्य, जल की उपयोगिता प्रश्न उत्तर आदि द्वारा सबका मन मोह लिया। सभी बच्चों को अंत में पुरस्कार भी दिए गए।

कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री दिनेश गुप्ता जी, श्री हेम कुमार भार्गव जी श्री आशीष माथुर जी ,धर्माचार्य श्री मोहन शास्त्री जी,पंडित विष्णु शर्मा जी तथा अन्य सभी कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा।

केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम, आनंद धाम आश्रम की तरफ से श्री जे एल रस्तोगी जी और श्री अनिल मित्तल जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करके तथा निरंतर मंडल अधिकारीयों से संपर्क में रहते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण योगदान दिया।

इस कार्यक्रम से संबंधित कुछ छायाचित्र नीचे प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली – 21.11.2024

गुरुग्राम मंडल में परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ हुआ

गुरुग्राम मंडल में परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत बाल संस्कार कक्षाओं का शुभारंभ हुआ

परम पूज्य गुरुदेव की कृपा से गुरुग्राम मंडल पहला मंडल है जहां पर दिनांक 27 अक्टूबर 2024 को गौरी शंकर मंदिर में बाल संस्कार कक्षाओं का आचार्य श्री हरीश उपाध्याय जी के सानिध्य में दीप प्रज्वलन तथा वैदिक मंत्रोचार एवं गणेश वंदना के साथ शुभारंभ किया गया।

इस शुभ अवसर पर 30 छोटे बच्चे अपने अपने माता पिता के साथ उपस्थित हुए ,सभी बच्चों का तिलक एवं पटका पहना कर स्वागत किया गया तथा उन्हें लेखन सामग्री भी वितरित की गई। स्थानीय समाज सेवी श्री डीपी भट्ट जी एवं डॉ मनोज शर्मा जी ने कहा की मंदिर में सुसंस्कार कक्षाएं निशुल्क निरंतर चलती रहेगी। कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री सुभाष ग्रोवर जी, श्री विजय अरोड़ा जी, श्रीमती रेणु जी, श्रीमती सुषमा जी और अन्य सभी कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा।

केंद्रीय परिवार जोड़ो अभियान टीम, आनंद धाम आश्रम की तरफ से श्री जे एल रस्तोगी जी और श्री अनिल मित्तल जी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करके तथा निरंतर आचार्य हरीश उपाध्याय जी से संपर्क में रहते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना पूर्ण योगदान दिया।

इस कार्यक्रम से संबंधित कुछ छायाचित्र नीचे प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली, 29.10.2024

Warm Hearts, Warm Bodies: The Power of Blanket Donations

 

Warm Hearts Warm Bodies The Power of Blanket Donations

Winter can be a harsh season, especially for those who are less fortunate. A simple act of kindness, such as donating blankets, can make a significant difference in someone’s life.

Why Donate Blankets?

Stay Warm, Stay Healthy: Blankets provide essential warmth, helping to prevent hypothermia and other cold-related illnesses.

Comfort and Security: A warm blanket can offer comfort and security, especially for those who are homeless or living in inadequate housing.

Community Impact: Donating blankets can strengthen community bonds and foster a sense of compassion and care.

How to Donate Blankets?

You may donate new blankets or funds to purchase blankets to Vishwa Jagriti Mission during the winter months. For details see below.

Tips for Effective Blanket Donations:

  • Cleanliness: Ensure that donated blankets are clean and free of stains or odors.
  • Warmth: Opt for blankets made of warm materials like wool, fleece, or microfiber.
  • Size: Consider donating blankets of various sizes to accommodate different needs.
  • Durability: Choose durable blankets that can withstand frequent use.

By donating blankets, you can help make a positive impact on the lives of those who are less fortunate. Let’s come together to spread warmth and compassion this winter.

Donate Blanket for Underprivileged

 

Donate through UPI

Vishwa jagriti mission donation QR

A Divine Act: The Gift of Warmth | Blanket Donation

The gift of warmth in the biting chill of winter

A Divine Act: The Gift of Warmth

In the biting chill of winter, when the world is cloaked in frost, a simple act of kindness can radiate warmth, both physical and spiritual. Donating blankets, clothing, or other warm items is not merely a charitable act; it’s a divine gesture that echoes the universal message of compassion and care.

By sharing warmth, we extend a lifeline to those who are shivering in the cold, offering solace and comfort. It’s a tangible expression of empathy, a bridge that connects us to our fellow beings, transcending boundaries of race, religion, and social status.

The act of giving warms not only the recipient but also the giver. It ignites a spark of joy and fulfillment within our hearts, reminding us of the profound impact of human kindness. As we share our warmth, we also share a piece of ourselves, making the world a more compassionate and caring place.

So, let us embrace the spirit of giving and spread warmth, not just in winter, but throughout the year. By sharing our blessings, we not only help others but also enrich our own lives.

Donate a Blanket for underprivileged

आनंदमय जीवन संघ का पानीपत मे कार्यक्रम | विश्व जागृति मिशन

आनंदमय जीवन संघ का पानीपत मे कार्यक्रम
परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत देश में सबसे पहले पानीपत मंडल ने आनंदमय जीवन संघ का शुभारंभ किया उसके बाद लगातार कुछ न कुछ कार्यक्रम चलते रहे । आज हमें यह बताते हुए हर्ष हो रहा है इस क्लब के तहत अब तक पानीपत मंडल में सबसे ज्यादा 10 कार्यक्रम हो चुके है। अभी हाल ही में दिनांक 17 11 2024 को साइबर क्राइम से संबंधित एक अवेयरनेस कार्यक्रम रखा गया । आज सभी वरिष्ठ जनों की जानकारी के लिए ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता है ।
आनंदमय जीवन संघ को निरंतर गति में रखने के लिए मंडल प्रधान डॉक्टर श्री जगजीत आहूजा जी और उनकी टीम के सभी सदस्य सचमुच बधाई के पात्र है।
यही नहीं इसी मंडल ने अभी तक सबसे ज्यादा परिवारों को इस अभियान के अंतर्गत जोड़ा है।
हम उम्मीद करते हैं कि परिवार जोड़ो अभियान के अंतर्गत अन्य योजनाओं को भी पानीपत में शुभारंभ करें। किसी भी प्रकार की संबंधित जानकारी के लिए कभी भी संपर्क कर सकते हैं ।
परिवार जोड़ो अभियान टीम
आनंदधाम आश्रम
नई दिल्ली