गायत्री महामन्त्र के जप व उपासना से मिलती है सदबुद्धि
सही समय पर सही निर्णय लेने वाले व्यक्ति जीवन की सर्वोच्च ऊँचाइयाँ चढ़ते हैं
लखनऊ, २० सितम्बर। गायत्री महामन्त्र व्यक्ति को जीवन की ऊँचाइयों पर प्रतिष्ठित कर देता है। इस आदि-मन्त्र के जप और उपासना से साधक को सदबुद्धि मिलती है। गायत्री मन्त्र जब जीवन में उतरता है तब मनुष्य की सही निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
यह बात आज सन्ध्याकाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आशियाना अंचल स्थित रेल मैदान में विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए राष्ट्र के जाने-माने चिन्तक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने कही। वह विश्व जागृति मिशन के लखनऊ मण्डल द्वारा आयोजित तीन दिनी सत्संग महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद ज्ञान जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे व्यक्ति जीवन संघर्षों में बड़ी ऊँचाइयों पर पहुँचते हैं जो सही समय पर सही निर्णय लेना जानते हैं। ऐसे व्यक्ति वास्तव में सच्चे सुख एवं शान्ति के अधिकारी बनते हैं।
उन्होंने श्रीमद्भगवदगीता का सन्देश देते हुए कहा कि गीता समत्व की शिक्षा देती है और व्यक्ति को कर्तव्य-पथ पर आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द और स्वामी रामतीर्थ के उद्धरण देते हुए जीवन संघर्षों में सफल होने के अमूल्य मन्त्र दिए और पुरुषार्थी बनने को कहा। उन्होंने जिज्ञासा और जिजीविषा को जीवन में महत्व देने का आह्वान सभी से किया।
इसके पूर्व मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने दीप प्रज्ज्वलित कर अमृत ज्ञान वर्षा महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व उ.प्र. विधान परिषद के सदस्य श्री विजय बहादुर पाठक के अलावा विजामि लखनऊ की चेयरपर्सन श्रीमती मीनाक्षी क़ौल, मण्डल प्रधान श्री बी.के.पाण्डेय, मिशन अधिकारी श्री मनोज शास्त्री, श्री अजीत सक्सेना, श्री भूपेन्द्र सिंह, श्री अशोक अग्रवाल, श्री प्रमिल द्विवेदी सहित कई गण्यमान व्यक्ति उपस्थित रहे।
अमृत ज्ञान वर्षा के कार्यक्रमों का मंचीय समन्वयन एवं संचालन नयी दिल्ली से आए विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने किया।
Aadarniya Guruvar ji no naman.Due to Pitrapaksh daily morning Tarpan and Puja,unable to reach in Satsang.Kindly excuse me ,sir . please accept my pranam.
हरि ॐ सादर नमन गुरुवर i
Respected Bhai Sahib,
Pranam & Hari Om!
Very many thanks for briefing rev. Guruvar’s inaugural Satsang at Lucknow. On account of my obligations here in connection with श्राद्ध of my late parents on Sept. 21-22, I am unable to attend it personally at Lucknow. For similar reasons, I beg to be excused for my absence in the ensuing Faridabad Satsang too, when my spouse and I intend to be at Haridwar.
My profound regards to Rev. Guruvar and to you!
हरि ॐ सादर नमन गुरुवर