सेवा, साधना, सत्संग और सदभाव को आधार बनाकर चलने वाली संस्था विश्व जागृति मिशन अपनी प्रसिद्धी और विस्तार से 1991 से 2019 तक विगत 28 वर्षों के कार्यकाल में मानवता की सेवा, मानव उत्थान एवं गौ सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रही है |
संस्था के तत्कालीन कोषाध्यक्ष श्री अनिल कुमार सीकरी की भारी भूल तथा संस्था को झूठा कर-छूट प्रमाण पत्र देने से विश्व जागृति मिशन को बड़े आरोपों का सामना करना पडा | संस्था ने आयकर विभाग के समक्ष अपने पूरे दस्तावेज़ प्रस्तुत किये सिर्फ ये साबित करने के लिए कि यह संस्था निर्दोष है, सही रास्ते पर है और उचित कार्य करने के बावजूद पर भी झूठे दोषारोपण की शिकार हुई है|
उच्चस्तरीय जांच से यह संस्थापित हुआ की संस्था सेवा कार्यों में रत है एवं हिसाब किताब/बही खातों के रख रखाव में किसी तरह का दोष नहीं है | इनकम-टैक्स ट्रिब्यूनल, उच्च न्यायलय एवं उच्चतम न्यायलय में सब जगह संस्था को अपने आपको निर्दोष साबित करने में सफलता प्राप्त हुई है |
आयकर विभाग ने संस्था को 1991 से ही 12A, इनकम-टैक्स एक्ट, एवं 80G का प्रमाण पत्र प्राप्त कराया है | इससे यह साबित होता है कि संस्था कभी दोषी नहीं थी और न ही उसकी कार्य प्रणाली | हिसाब-किताब के ब्योरे के रख रखाव में भी कोई त्रुटी न थी और न है |
पुनः फिर परीक्षा
2008 में आयकर विभाग से सफलता मिल गयी थी | एक साल बाद संस्था के किसी माननीय दानदाता को यह भ्रम हुआ कि संस्था अनुचित कार्य व् धोखाधड़ी में संलग्न है | उक्त दानदाता ने एक फौजदारी मामला इस भ्रम में भ्रमित होकर संस्था एवं यहाँ के पदाधिकारियों पर कोर्ट में दायर कर दिया | कुछ समय बाद निचली अदालतों की कार्यवाही, उच्चतम न्यायलय के हस्तक्षेप के बाद स्थगित हुई | माननीय उच्चतम न्यायलय ने इस विषय को मध्यस्थता हस्तक्षेप द्वारा सुलझाया एवं सद्भावना पूर्ण स्थिति में लाकर मामला पूरी तरह निपटाया | उपरोक्त घटनाओं के क्रम में संस्था (विश्व जाग्रति मिशन) ने अनेक प्रयासों के बाद अपने आप को पूर्णतया निर्दोष साबित किया |
आभार
संस्थापक एवं संस्था के प्रति जन समुदाय के विश्वास व् प्रेम आस्था बनाये रखने के लिए हम हृदय से अपने सभी सेवाभावी दानदाताओं, अधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के प्रति आभार प्रकट करते हैं |