चरण को पूजनीय बनाता है आचरण
‘गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु: गुरुदेवो महेश्वरः’
जयपुर सत्संग महोत्सव का तीसरा दिवस
जयपुर, 16 फरवरी (प्रातः)। विश्व जागृति मिशन जयपुर मण्डल द्वारा आयोजित विराट भक्ति सत्संग महोत्सव में मिशन प्रमुख श्री सुधांशु जी महाराज ने गुरु तत्व की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला। इन पलों में ‘गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु: गुरुदेवो महेश्वरः’ के समूह संकीर्तन से पूरा सभा मण्डप गूँज उठा। इस अवसर पर श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि एक सक्षम गुरु और योग्य शिष्य पूरे जमाने की फिजा को बदल देते हैं। जरूरत होती है कि शिष्य आग में समिधा की भाँति अपने-आपको समर्पित कर दे।
आदर्श नगर के सूरज मैदान में चल रहे विराट भक्ति सत्संग महोत्सव की तीसरी सन्ध्या में विशाल जन समुदाय को सम्बोधित करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने भारतीय आध्यात्मिक इतिहास के चुनिन्दा गुरुओं एवं शिष्यों की चर्चा की और उनकी विशेषताओं एवं उपलब्धियों की विवेचन की। उन्होंने श्रीकृष्ण और अर्जुन, ठाकुर राम कृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद, आचार्य चाणक्य और सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्य, अरस्तू और अलेक्जेंडर, महात्मा बुद्ध और सारिपुत्र, समर्थ गुरु रामदास और परमवीर शिवाजी, रामानन्द और कबीर के द्वारा अपने समय के विपरीततम प्रवाह की दिशा को बदल देने की ऐतिहासिक घटनाएँ सुनायीं। श्रद्धेय महाराजश्री ने कहा कि यह सभी विभूतियाँ अपने उच्च आचरण के कारण ही महान और महानतम बनीं। उन्होंने कहा कि महान पुरुषों के चरण उनके श्रेष्ठ आचरण के कारण पूजनीय बना करते हैं, क्योंकि आचरण ही चरणों को श्रद्धा का पात्र बनाता है।
इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. अखिल शुक्ल, अंतरराष्ट्रीय कान्यकुब्ज ब्राह्मण महासंघ के प्रबंध निदेशक डॉ. विजय मिश्र, हिन्दी प्रचार-प्रसार संस्थान, राजस्थान के निदेशक डॉ. अविनाश शर्मा, अमृत गंगा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र मक्कड़, श्री महेन्द्र सिंह, श्री राहुल गंगवानी आदि ने सभा स्थल पर पहुँचकर श्री सुधांशु जी महाराज का अभिनन्दन किया।
विजामि के जयपुर मण्डल के वरिष्ठ उपप्रधान श्री नारायण दास गंगवानी ने बताया कि रविवार को मध्यांहकाल सामूहिक मन्त्र दीक्षा सम्पन्न होगी। राजस्थान के विभिन्न अंचलों से बड़ी संख्या में आए नर-नारी श्री सुधांशु जी महाराज से गुरुदीक्षा ग्रहण करेंगे।