महाराष्ट्र के उल्हासनगर में विराट अमृत भक्ति सत्संग महोत्सव का हुआ समापन

दुनिया का काम तो आपके बिना चल सकता है लेकिन आपका काम दुनिया के बिना नहीं चल सकता

महाराष्ट्र के उल्हासनगर में श्री सुधांशु जी महाराज बोले

“गणपति मण्डलों के जरिए महाराष्ट्र से उठी थी भारत की स्वतंत्रता क्रान्ति”

”सतनाम सतनाम सतनाम जी वाहे गुरु वाहे गुरु वाहे गुरु जी”

Virat Bhakti Satsang Ulhasnagar-29-01-20उल्लासनगर-मुम्बई, 28 जनवरी (प्रातः)। महाराष्ट्र के ठाणे जनपद के उल्हासनगर महानगर के दशहरा मैदान में बीते पाँच दिनों से चल रहे विराट अमृत भक्ति सत्संग महोत्सव का आज मध्याह्नकाल विधिवत समापन हो गया। विश्व जागृति मिशन नई दिल्ली के उल्हासनगर मण्डल द्वारा आयोजित सत्संग समारोह मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज के नागरिक अभिनन्दन तथा परमपिता परमेश्वर की महाआरती के साथ बड़े धूमधाम एवं भव्य व दिव्य ढंग से सम्पन्न हुआ।

इस अवसर पर विदाई सन्देश देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने ‘गुरु गीता’ की चर्चा की और उसमें भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुए दिव्य संवाद का सार सुनाया। बताया कि शिव शंकर द्वारा कहा गया था कि दुःखों से सन्तप्त व्यक्तियों तथा पतन-पराभव में फँसे लोगों की सहायता के लिए मैं ‘गुरु’ को माध्यम बनाता हूँ। उन्होंने गुरु महिमा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने ब्रह्माण्ड की तीन शक्तियों ब्रह्मा, विष्णु और महेश की चर्चा की और प्रकृति व मानव शरीर की तीन ग्रन्थियों के बारे में विस्तार से बताया।

श्री सुधांशु जी महाराज ने कई प्रसिद्ध गुरुओं व महान शिष्यों का उल्लेख अपने प्रवचन में किया और उस ऊँचाईं के कारक व कारण गिनाए। कहा कि विनम्र बनने से मानव तो क्या परमात्मा तक का प्यार पाया जा सकता है। उन्होंने स्वार्थी भाव छोड़कर परमार्थ भावी बनने तथा दुनिया से खुद को जोड़कर चलने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि यह बात सदैव ध्यान रखनी चाहिए कि ”दुनिया का काम तो आपके बिना चल सकता है लेकिन आपका काम दुनिया के बिना नहीं चल सकता।” उन्होंने सबके हित में अपना हित तलाशने वालों को ईश्वर की विशेष विभूति की संज्ञा दी।

नई दिल्ली से उल्हासनगर आये विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने सभी का अभिनंदन करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की इसी धरती से बाल गंगाधर तिलक ने भारी संख्या में गणपति मण्डलों का गठन करके स्वाधीनता संग्राम का बिगुल फूंका था। जब महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत आए तब तक वह आन्दोलन बड़ा प्रखर व विराट स्वरूप अख़्तियार कर चुका था। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को विश्व जागृति मिशन द्वारा संचालित गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।

मिशन प्रमुख के नागरिक अभिनंदन और महाआरती के साथ सत्संग महोत्सव का समापन हुआ। इसके पूर्व दादा मोहन दास मखीजा ने मिशन मण्डल की ओर से सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। मण्डल प्रधान श्री सुरेश माणिक, उपप्रधान श्री अनिल बदलानी, महामन्त्री श्री गुलशन लुल्ला, कोषाध्यक्ष श्री मनोहर बाधवा और संयुक्त कोषाध्यक्ष श्री अनिल आहूजा ने श्रद्धेय महाराजश्री का नागरिक अभिनंदन किया। इस मौक़े पर उल्हासनगर मण्डल के भूतपूर्व प्रधान श्री भगवान दास आहूजा सहित अनेक गण्यमान व्यक्ति मौजूद रहे।

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