पंच तत्वों का समन्वयन और सुनियोजन करने पर ही मिलता है सम्पूर्ण स्वास्थ्य

यह ब्रह्माण्ड आपको प्यार करता है, इसको अनुभव कीजिए

स्वस्थ वृत्त के विशेष सत्र में डॉ. अर्चिका दीदी ने कहा

ज्ञानी वह है जो जीवन के हर कर्म को आनन्दमयी खेल बना लेता है -आचार्य सुधांशु जी महाराज

पता नहीं मैं कहां जा रहा हूं, तू ले जा रहा है वहां जा रहा हूं

Virat Bhakti Satsang Faridabad-28-09-2019 | Sudhanshu Ji Maharajफरीदाबाद, 28 सितम्बर (पूर्वाह्नकाल)। बेचैनी और शिकायत से भरे व्यक्तियों को जीवन में सफलता नहीं मिला करती। सफल वे व्यक्ति होते हैं जो शिकायती नहीं बल्कि धन्यवादी बनते हैं। धन्यवादी स्वभाव एक ऐसी महान आदत है जो व्यक्ति को बहुत बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचा देती है। ऐसे लोगों को समाज के व्यक्तियों से तो सकारात्मक सहयोग एवं सहायताएं तो मिलती ही है, ईश्वरीय सत्ता भी उन्हें सतत् संरक्षण प्रदान करती है।

यह बात आज सुबह फरीदाबाद के सेक्टर-१२ स्थित हुडा सत्संग ग्राउंड पर तीन दिनों से चल रहे विश्व जागृति मिशन के विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के आज के प्रातःकालीन सत्र में प्रख्यात ध्यान-योगगुरु डॉक्टर अर्चिका दीदी ने कही। वह स्वास्थ्य कक्षा में दूर-दूर से आए श्रृद्धासिक्त ध्यान जिज्ञासुओं को सम्बोधित कर रही थीं। विश्व जागृति मिशन की उपाध्यक्ष डॉक्टर अर्चिका दीदी ने कहा कि यह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड सभी अपनों से प्यार करता है, इसके लिए हमें उसका अपना बनना पड़ता है। परम पिता परमेश्वर का यह अपना बनना केवल और केवल भक्तियुक्त ध्यान से संभव होता है। उन्होंने २४ घण्टे में कुछ समय खुद के लिए निकालकर ध्यानस्थ होने और उस प्रेमभरी ब्रह्मांडीय ऊर्जा की अनुभूति करने की प्रेरणा दी और उसकी यौगिक एवं आध्यात्मिक विधि सभी को सिखाई। उन्होंने ध्यान के कुछ प्रयोग भी सैकड़ों की संख्या में सभागार में मौजूद स्त्री-पुरुषों को सिखाए।

प्रख्यात चिन्तक, विचारक एवं अध्यात्मवेत्ता तथा विश्व जागृति मिशन के कल्पनापुरुष आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने स्वस्थ वृत्त की इस कक्षा में जिज्ञासु जनसमुदाय को शरीर, मन और आत्मा को सुस्वास्थ्य प्रदान करने के अनेक सूत्र दिए। उन्होंने ज्ञानी बनने के तरीके सभी को समझाते हुए कहा कि “ज्ञानी वह है जो सारे कर्मों को आनन्दमयी खेल के साथ करता है”। पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश नामक पंचमहाभूतों का मर्म उन्होंने उपस्थित जनमानस को बताया और कहा कि पंचतत्वों का समन्वयन और सुनियोजन करने पर ही सम्पूर्ण स्वास्थ्य की प्राप्ति साधक को होती है।

सत्संग स्थल पर लगे दर्जन भर स्टालों की जानकारी देते हुए स्टाल प्रभारी श्री प्रयाग शास्त्री ने बताया कि यहां ज्ञान दीप विद्यालय, साहित्य, युगऋषि आयुर्वेद, शिक्षा, स्वास्थ्य, अन्नपूर्णा योजना, वृद्धजन सेवा, गौसेवा, यज्ञ-अध्यात्म, धरमादा सेवा आदि की जानकारी देते स्टाल लगाए गए हैं, जिन पर भारी संख्या में व्यक्ति आकर आवश्यक जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं।

विश्व जागृति मिशन के फरीदाबाद मण्डल प्रधान श्री राज कुमार अरोरा ने बताया कि सत्संग समारोह का समापन कल रविवार की शाम ७.०० बजे होगा। कल प्रातः आठ बजे से आरंभ होने वाला सत्र भी स्वस्थवृत्त कक्षा को ही समर्पित होगा। संध्याकाल के सत्र के पहले दोपहर में सामूहिक मंत्र दीक्षा चयनित व्यक्तियों को दी जाएगी।

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