जीवन के निर्माण में भावनाओं की महती भूमिका

ह्ममुहूर्त में ध्यान-प्रार्थना करने वाले व्यक्ति व परिवार सौभाग्यशाली

विजामि प्रमुख ने स्वास्थ्य कक्षा में दिए निरोगी जीवन के अमूल्य सूत्र

श्री सुधांशु जी महाराज ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का किया देशवासियों से आह्वान

करनाल में विराट भक्ति सत्संग जारी

Virat Bhakti Satsang Karnal 16 Mar 2019 | Sudhanshu Ji Maharajकरनाल, 16 मार्च। करनाल में मेरठ राजमार्ग स्थित पावनधाम आश्रम परिसर में बीते 15 मार्च को आरम्भ हुए विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन का पूर्वाह्नक़ालीन सत्र स्वास्थ्य कक्षा के रूप में परिणत हुआ। इस सत्र में वहाँ सैकड़ों की संख्या में मौजूद स्वास्थ्य-जिज्ञासुओं को निरोग जीवन के ढेरों सूत्र मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज से प्राप्त हुए। ध्यान-योग की और गहराइयों को जानने की बढ़ी माँग को दृष्टिगत रखकर कल रविवार का प्रातःक़ालीन सत्र स्वस्थवृत्त को ही समर्पित किया गया है।

ध्यान-जिज्ञासुओं को सम्बोधित करते हुए श्रद्धेय श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाए रखने में भावनाओं की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण होती है।उन्होंने कहा कि भावनाओं से विचारों को जन्म मिलता है। और, जैसे विचार होते हैं वैसे ही कर्म मनुष्य द्वारा किए जाते हैं। उन्होंने श्रेष्ठ विचारों और उत्कृष्ट कर्मों का जीवन में आगमन कराने के लिए निज भावनाओं को सात्विक और ऊँचा बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि ब्राह्ममुहूर्त के दौरान ध्यान-साधना करने वाले व्यक्ति और परिवार बड़े सौभाग्यशाली होते हैं।

जीवन में अच्छी परिस्थितियाँ लाने के लिए मन:स्थिति को ऊँचा बनाने की आवश्यकता को अनिवार्य और अपरिहार्य बताते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि मानव जीवन में परिस्थितियों का निर्माण उसकी मन:स्थिति के अनुकूल ही होता है। जैसी ‘मन:स्थिति वैसी परिस्थिति’ और ‘जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि’ की विस्तार से व्याख्या की। उन्होंने साधकों से हर दिन प्रातःक़ालीन जागरण के समय से ही घर व अपने आसपास सात्विक वातावरण बनाने का आह्वान किया।

आज की स्वास्थ्य कक्षा में श्रद्धेय महाराजश्री ने उपस्थितजनों को ध्यान योग का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया और उन्हें खानपान, रहन-सहन और आचार-व्यवहार के सिद्धान्त सिखाए। उन्होंने प्राच्य विद्या ‘योग’ को जीवन का अंग बना लेने की प्रेरणा दी तथा मौजूद स्त्री-पुरुषों को कई यौगिक आसन भी सिखाए। इस मौक़े पर करायी गयी ‘ॐ नमः शिवाय’ की स्वर साधना के दौरान वहाँ उपस्थित सभीजन भावविभोर हो उठे। श्री सुधांशु जी महाराज ने चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान देशवासियों से किया और भारत के आयुर्वेदिक उत्पादों का उपयोग घर-घर में बढ़ाने की अपील की।

विश्व जागृति मिशन करनाल मण्डल के प्रचार मन्त्री श्री रमेश अत्रेजा ने बताया कि सत्संग स्थल पर साहित्य, धर्मादा, युगऋषि आयुर्वेद, संस्कृत शिक्षा, स्वास्थ्य, देवदूत (अनाथ) बालक-बालिका शिक्षा, वृद्धजन सेवा, गौसेवा आदि सेवा कार्यों से जुड़े प्रायः एक दर्जन स्टाल नयी दिल्ली स्थित आनन्दधाम से आए श्री प्रयाग शास्त्री के नेतृत्व में लगाए गए हैं, जिनका लाभ सत्संग सभा में आए नर-नारी एवं युवक-युवतियाँ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सत्संग समारोह का समापन कल रविवार की सायंकाल होगा।

Leave a Reply