विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करके समाज में चमकने की कला कमल से सीखें
श्री रामलीला मैदान में सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा
श्रीमद्भगवद्गीता सत्संग समारोह का दूसरा दिन
पीतमपुरा-नयी दिल्ली, 13 दिसम्बर। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के पीतमपुरा स्थित रामलीला मैदान में आयोजित श्रीमद्भगवद्गीता सत्संग समारोह के दूसरे दिवस सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता मानव जीवन को सार्थक बनाने की महान कुंजी है। विशाल सत्संग सभागार में मौजूद गीता-जिज्ञासुओं को जीवन सूत्र देते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि यह जीवन क्षण-भंगुर है, इसके हर पल-हर क्षण का उपयोग आत्मोत्थान व आत्मोद्धार के लिए करें। उन्होंने अर्ज, फर्ज और कर्ज का तात्विक विवेचन भी किया।
श्री सुधांशु जी महाराज ने ‘कमल’ का उदाहरण देकर श्रोताओं को समझाया और कहा कि कमल कीचड़ में जन्म लेता है। उसका कर्म उसे इतना ऊपर उठा देता है कि उसका सिर न केवल कीचड़ बल्कि पानी से भी ऊँचा उठ जाता है। वह न केवल तालाब से ऊँचा उठ जाता है बल्कि वह उस सरोवर की शोभा बन जाता है। उन्होंने कमल बनकर जीवन जीने की प्रेरणा सभी को दी और कहा कि वह ऊंचे उठें और अपनी जन्मस्थली एवं कर्मस्थली सभी को शोभायमान बनाएँ, उनका नाम ऊंचा उठाएँ।
उन्होंने कहा कि समाज में विद्यमान इस धारणा कि श्रीमद्भगवदगीता मृत्यु के पूर्व सुनाई जाती है, पर कटाक्ष करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता हताश व निराश व्यक्ति को उल्लास एवं आशा प्रदान करने में समर्थ है। जीवन में सफलता, विजय, आशा और मोक्ष अनेक लक्ष्यों की पूर्ति में गीता सहयोगी है। उन्होंने श्रीकृष्ण के अनेक नामों का तात्विक विवेचन भी किया।
मिशन के धर्मादा सेवा अधिकारी श्री गिरीश चंद्र जोशी ने बताया कि धर्मादा सेवा लमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल शिक्षा, अनाथ (देवदूत) शिक्षा, वृद्धजन सेवा, गुरुकुल सेवा, देव मन्दिर सेवा, यज्ञ-सत्संग सेवा, गौ सेवा, अन्न क्षेत्र एवं दैवीय आपदा के कार्य आते हैं। इस योजना के तहत अनाथ एवं अति निर्धन बालक बालिकाओं को शिक्षित बनाने का बड़ा कार्यक्रम हाथ में लिया गया है तथा फरीदाबाद (हरियाणा), बैकुंठपुर-बिठूर-कानपुर (उत्तर प्रदेश), सूरत (गुजरात), रुक्का एवं खूंटी (राँची-झारखण्ड) में 2000 से ज्यादा नौनिहालों को इंटरमीडिएट तक की उच्चस्तरीय शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि इन सेवाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में लोग सत्संग स्थल पर लगे स्टालों पर पहुंच रहे हैं।
विश्व जागृति मिशन के पीतमपुरा मंडल के महामंत्री श्री रवीन्द्र गांधी ने बताया 16 दिसम्बर को प्रातःकालीन सत्र के बाद सामूहिक मन्त्र दीक्षा भी संपन्न होगी, जिसके पंजीयन की प्रक्रिया इन दिनों सत्संग स्थल पर चल रही है।
विजामि परिवार से जुड़े नाड़ी वैद्य डॉ. सुनील मुद्गल ने इस अवसर पर मधुमेह के कारण एवं निदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इसके निराकरण के लिए विशिष्ट आयुर्वेदिक औषधियां भी जनसमुदाय को बतायीं। कहा कि युगऋषि आयुर्वेद की औषधियाँ एवं दैनन्दिन जीवन में प्रयोग के लिए सिडकुल हरिद्वार में बनाए गये विशेष हरबल उत्पाद बड़े उपयोगी हैं।
सत्संग समारोह में करुणा सिन्धु अस्पताल के प्रशासक श्री राकेश आहूजा, महर्षि वेदव्यास अंतरराष्ट्रीय उपदेशक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सप्तर्षि मिश्र, विश्व जागृति मिशन के गाजियाबाद मंडल के प्रधान श्री सुरेंद्र मोहन शर्मा, पूर्वी दिल्ली मंडल के प्रधान श्री सतीश शर्मा, केन्द्रीय समिति के सदस्य श्री उमाशंकर साहू, श्री बलदेव दास, शशि खन्ना, सन्तोष सुरपाल, सरोज गांधी, कुसुम, इंदू, राजेश गम्भीर, किशोर कत्याल सहित बड़ी संख्या में नर नारी मौजूद रहे।