सुखी-स्वस्थ जीवन हेतु श्रोताओं को मिले श्रीमद्भगवद्गीता के अमूल्य सूत्र
सन्त श्री सुधांशु जी महाराज की प्रवचन श्रृंखला जारी
देहरादून, 28 सितंबर। विराट भक्ति सत्संग महोत्सव के दूसरे दिन के प्रात:कालीन सत्र में राजधानी का परेड ग्राउंड ‘हरि ओम नमो नारायणाय’ के पवित्र गायन से गूँज उठा। विश्व जागृति मिशन द्वारा आयोजित सत्संग समारोह में पधारे हजारों नर-नारियों को स्वस्थ एवं सुखी जीवन हेतु सन्तश्री सुधांशु जी महाराज ने श्रीमद्भगवद्गीता के अनेक सूत्र दिए। इसके पूर्व इसरो के आंतरिक उपयोग केंद्र की ओर से डॉ एमपीएस विष्ट ने सत्संग स्थल पर पहुंचकर श्रद्धेय महाराजश्री का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर ज्ञान-जिज्ञासुओं को संबोधित करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा कि गीतानायक भगवान श्रीकृष्ण गीता के सन्देशों के माध्यम से अमृतमयी संदेश देकर जीवन को उच्चादर्शों से भर देते हैं। भगवान के गीतोपदेश मोह के बंधन ढीले कर देता है, वह व्यक्ति को लोभ की जंजीरों से मुक्त कर देता है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति आपको आत्मचिन्तन का अवसर देती है। कहा कि प्रकृति एवं पर्यावरण की सम्पदा वाले सर्वोत्तम प्रदेश उत्तराखंड की दिव्य भूमि पर बैठकर भीतर वाले को सुनने की आदत डालिये। वहाँ की आवाज को सुनकर आप धन्य हो उठेंगे और वह सब करने लगेंगे, जो परमात्मा आपसे कराना चाहता है। इससे आप चिन्ताओं का मुकाबला करना सीखेंगे, जिससे जीवन के ढेरों समाधान मिलेंगे। उन्होंने रिश्तों का महत्व सबको समझाया और उन्हें अपनी ताकत बना लेने को कहा।
मिशन प्रमुख ने नौ धर्मादा सेवाओं की चर्चा की और कहा कि वृद्ध सेवा, गो सेवा, रोगी चिकित्सा सेवा, गुरुकुल सेवा, पर्यावरण सेवा, देवदूत बच्चों की शिक्षा, भोजन सेवा, धर्मशाला निर्माण एवं भण्डारा सेवा में सेवार्थ धन लगाने वाले व्यक्तियों का पीढ़ी-दर-पीढ़ी कल्याण होता है। उन्होंने देश-विदेश के विविध प्रसंगों की चर्चा करते हुए कहा कि अनेक देशों के लोग अपने राष्ट्र के सर्वथा हितैषी होते हैं, भारतवर्ष में इस भावना को बहुत ज्यादा बढ़ाने की जरुरत पर उन्होंने बल दिया। श्री सुधांशु जी महाराज ने नवरस संजीवनी, अमृत रस, मधुसूदनी, एलोवेरा, आयुर्केल-डी, यूरीटोन, काशकेसरी इत्यादि युगऋषि आयुर्वेद की वस्तुओं का उपयोग करने का सुझाव दिया।
विश्व जागृति मिशन देहरादून मंडल के महामन्त्री श्री प्रेम भाटिया ने बताया कि 30 सितंबर को मध्याह्नन 12 बजे सामूहिक गुरुदीक्षा का क्रम चलेगा, जिसके पंजीयन सत्संग स्थल पर किए जा रहे हैं।उन्होंने प्रातः 8 से 10 बजे तथा सायं 5 से 7 बजे के सत्संग-सत्रों में भाग लेने की अपील देहरादून वासियों से की।
Guru Devji k prvchno ko sunker aatmik skti bdti h
Or MN ko santi milti h.
Such m hum bhut hi bagysali h.
Guru Devji k shree charno m koti koti Parnam.
Hari Om ji.
Too Good an Opportunity for people of UK.
Thanks.