उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के विजामि अधिकारियों की कार्यशाला सम्पन्न

अभिनव कार्य करने के लिए संकल्प, करेंगे राष्ट्र सेवा

VJM-Uttarkhand-u.p-seminar18आनंदधाम, नई दिल्ली, २ सितम्बर। विश्व जागृति मिशन के नई दिल्ली स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय आनंदधाम में उत्तरप्रदेश एवं उत्तराखंड के मिशन अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला आज संपन्न हो गई। मिशन कार्यकर्ताओं ने राष्ट्र सेवा के लिए कई अभिनव कार्य करने के संकल्प लिए।

मिशन प्रमुख श्रद्धेय आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने आज के समापन सत्र में क्षेत्रीय प्रतिनिधियों का सशक्त मार्गदर्शन किया और कहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूर्व वेला पर उनके योग-दर्शन और यज्ञ-दर्शन को समझा जाए। अब अध्यात्म-दर्शन को समग्रता के साथ समझने एवं उसको जीवन में उतारने की बड़ी आवश्यकता है कि स्वदेश को बचाने के लिए स्वदेशी को ख़ुद अपनाने और संपर्क क्षेत्र के लोगों को समझाने की जरूरत है। युगऋषि आयुर्वेद इसका एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि ‘संगठन’ की ताकत को हमें समझना होगा। संगठन की शक्ति मच्छरों, कौओं एवं बंदरों तक से सीखी जा सकती है।

श्रद्धेय महाराजश्री ने युगऋषि आयुर्वेद का एक अधिकारी हर मंडल, हर शाखा और हर समिति में नियुक्त करें, जो इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को क्षेत्रों में हर परिवार, हर जन तक पहुँचाएँ। उन्होंने बताया कि सिंगापुर सरकार ने युगऋषि आयुर्वेद के 13 उत्पादों को अपने देशवासियों के स्वास्थ्य लाभ के लिए बेहद उपयोगी पाया है और अपने देश में उनका उपयोग करने की स्वीकृति प्रदान की है।

मिशन कार्यकर्ताओं से दीपक की तरह प्रकाश फैलाने का आह्वान करते हुए उन्होंने ‘स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत-समृद्ध भारत’ बनाने की अपील देश व विश्व में फैले अपने आध्यात्मिक परिवार से की। दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता पर चर्चा करते हुए उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि दुनिया के विभिन्न देशों में जिस साबुन से जानवरों को नहलाया जाता है, वे साबुन मानव स्नान के लिए जोर-शोर से प्रचारित व प्रसारित किए जा रहे हैं।

मिशन प्रमुख आचार्य श्री सुधांशु जी महाराज ने अपने कार्यकर्ताओं से स्कूलों में जाकर बच्चों को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा देने की अपील की और कहा कि भाषण प्रतियोगिता और गीता ज्ञान परीक्षा जैसे कार्यक्रमों के जरिए विद्यार्थियों को संस्कृति से जोड़े रखा जाए। धर्म, संस्कृति और ऋषि परंपरा का प्रसार जन-जन तक हमारे स्वयंसेवक करें। वटवृक्ष की मजबूती के लिए उसकी जड़ों का निरंतर सिंचन करने को जरूरी बताते हुए श्रद्धेय महाराजश्री ने आनंदधाम को सुदृढ़ बनाने के लिए सभी मिशन कार्यकर्ताओं से कहा।

विश्व जागृति मिशन के महामंत्री श्री देवराज कटारिया ने 21 से 24 अक्टूबर की तिथियों में आनंदधाम में आयोजित श्री गणेश लक्ष्मी महायज्ञ तथा 21 से 24 नवंबर को ऋषिकेश में परमार्थ गंगा तट पर विशेष ध्यान साधना शिविर में भागीदारी करने हेतु अपने पंजीयन कराने का आग्रह सभी से किया। कहा कि इसकी सूचना सभी को दें।

विश्व जागृति मिशन के निदेशक श्री राम महेश मिश्र ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मिशन परिजनों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का ज्ञात इतिहास 4000 साल पुराना है।भारतवर्ष का सबसे बड़ा यह प्रदेश विश्व के 5 देशों भारत, अमेरिका, चीन, ब्राजील, इंडोनेशिया को छोड़कर सभी देशों से जनसंख्या में बड़ा है। इस प्रदेश को वर्ष 1902 में संयुक्त प्रांत नाम दिया गया था, जो 24 जनवरी 1950 को ‘उत्तर प्रदेश’ बना। वर्ष 1920 में ‘लखनऊ’ उत्तर प्रदेश की राजधानी बनी थी। उत्तराखंड को राष्ट्र का ‘भाल प्रांत’ बताते हुए उन्होंने संपूर्ण देश को शुद्ध हवा और गंगा व यमुना जैसी नदियां देने वाले इस प्रदेश का ध्यान रखने और इसके कल्याण के लिए काम करने का आह्वान किया। सभा संचालन व समन्वयन श्री मिश्र ने किया।

इस मौके पर युगऋषि आयुर्वेद के सीओओ श्री के के जैन, मार्केटिंग इंचार्ज श्री आशीष सिन्हा, आनंदधाम के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री एमएल तिवारी, राजेश गंभीर, श्री मनोज शास्त्री, श्री प्रयाग शास्त्री, आचार्य अनिल झा इत्यादि व्यक्ति मौजूद थे।

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