पाप – शाप से मुक्ति के लिये विशेष है पापमोचनी एकादशी

पाप – शाप से मुक्ति के लिये विशेष है पापमोचनी एकादशी
25 मार्च, 2025 मंगलवार को पापमोचनी एकादशी का व्रत है। यह एकादशी होली के बाद और नववर्ष की नवरात्रि शुरू होने से पूर्व आती है। वर्ष में आने वाली 24 एकादशियों में पापमोचनी एकादशी सम्वत्सर की आखिरी एकादशी मानी जाती है। पापमोचनी एकादशी का अर्थ है कि जो एकादशी पापों से छुटकारा प्रदान करे। इस एकादशी के व्रत-पूजन, यज्ञ-अनुष्ठान से साधक भक्त सभी पापकर्मों से मुक्त होकर भगवान विष्णु का सान्निध्य प्राप्त करता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान शिव के परम भक्त मेधावी ऋषि की तपस्या से डरकर इन्द्र ने अपस्राओं के माध्यम से उनकी तपस्या भंग करवायी लेकिन जब मेधावी ऋषि को इस बात का ज्ञान हुआ तो उन्होंने अपने पिता च्यवन ऋषि से इस पाप से मुक्त होने का उपाय पूछा, तब च्यवन ऋषि ने अपने पुत्र मेधावी ऋषि को पापमोचनी एकादशी का व्रत पूजन करने का संदेश दिया। पापमोचनी एकादशी का व्रत-पूजन कर भगवान विष्णु की कृपा से मेधावी ऋषि पापमुक्त हो गए।
पाप-ताप से मुक्त करने वाले इस महान व्रत के पुण्यमय अवसर पर शालग्राम भगवान का पूजन, पुरुष सूक्त – श्रीसूक्त पाठ, द्वादशाक्षर मन्त्र जाप, विष्णु सहस्रनाम पाठ इत्यादि का पाठ-जप स्वयं करने व सुयोग्य ब्राह्मणों से करवाने तथा अन्नदान, गौदान, गौग्रास आदि देने से महापुण्य फल प्राप्त होता है।
पाप – शाप से मुक्त करवाने वाले पापमोचनी एकादशी का महान पुण्यप्रद व्रत 25 मार्च, 2025 मंगलवार को मनाया जा रहा है। इस अवसर पर भगवान लक्ष्मीनारायण की कृपा प्राप्ति और पाप – शाप से मुक्ति के लिये सद्गुरु श्रीसुधांशुजी महाराज की कृपा से “युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र” द्वारा आनन्दधाम आश्रम, नई दिल्ली विविध पाठ – पूजा, मन्त्र जाप किए जाएंगे। जिनमें आप ऑनलाइन यजमान बनकर पाप – शाप से मुक्ति पाएं और जीवन में पुण्यों का सम्बर्धन करें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण
युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र