स्वस्थ सुख और दीर्घ जीवन देती है मास शिवरात्रि | युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र
स्वस्थ सुख और दीर्घ जीवन देती है मास शिवरात्रि
29 नवम्बर, 2024 शुक्रवार को मार्गशीर्ष मास शिवरात्रि का पर्व है। कृष्ण पक्ष को किया जाने वाला मास शिवरात्रि एवं प्रदोष का व्रत – पर्व भगवान शिव को विशेष प्रिय है। अमावस्या तिथि चन्द्र से हीन होने के कारण सभी मनुष्यों के लिये अज्ञान से भरी होती है। ऐसे में अमावस्या का कोई अप्रिय प्रभाव न हो अतः समस्त दोषों का नाश करने वाले सर्वशक्तिमान भगवान शिव की आराधना से संभावित अनिष्ट का निवारण हो जाता है।
यमराज का संहार तन्त्र भी शिव भगवान के अधिकार में रहता है। इसीलिये शिव जी को मृत्युञ्जय नाम से भी पुकारा जाता है। “उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात ” अर्थात् हे शिव परमेश्वर ! आप मुझे मृत्यु के बन्धन रूप आधि-व्याधि-आपत्ति-विपत्ति-रोग- शोक-काम-क्रोध, जन्म कालीन, मृत्यु कालीन दुखों एवं ताप-सन्ताप आदि से मुक्त करें। आप अपनी शरण में लेकर मेरे आत्मा तथा शरीर को सदैव प्रसन्नता- नीरोगता – शुचिता – अस्मिता – अमरता प्रदान करें। सभी ग्रन्थों तथा पूजा पद्धतियों, पुराणों में भगवान शिव को ही बड़ी से बड़ी विपत्तियों से बचाने वाला स्वीकारा गया है। मार्कण्डेय (मृकन्डु के पुत्र) को अल्पायु से दीर्घायु (चिरंजीव) बनाने वाले भगवान शिव भक्त की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं।
शिव की शरण छोड़ देने वाले को कोई भी देव बचा नहीं पाता क्योंकि विपत्तियों, बीमारियों तथा अप्रिय स्थितियों पर भगवान शिव का ही शासन है। स्त्रियों के सौभाग्य की रक्षा, विवाह चाहने वाली कन्या का विवाह, दारिद्र्य निवारण, सन्तान प्राप्ति एवं सन्तान रक्षा, शत्रु दमन, ग्रह-शान्ति, वास्तुदोष निवारण, पापों से मुक्ति और सर्व सुखों के दाता भगवान शिव को मनाने के विविध प्रकार के पूजा विधान ऋषि- मनीषियों, आचार्यों ने हमारे-आपके हित में वर्णित किए हैं जिन्हें अपनाकर सुख तथा शान्ति की प्राप्ति होती है।
परमपूज्य सद्गुरुदेव जी की विशेष कृपा से आप सभी की समस्या-समाधानार्थ ‘युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र “ द्वारा 29 नवम्बर, 2024 शुक्रवार को मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की मास शिवरात्रि को भक्तों के जीवन, घर-परिवार में सुख-सौभाग्य, धन-समृद्धि और आनंद – मंगल की प्राप्ति हेतु आनन्दधाम आश्रम में निम्नलिखित अनुष्ठान आयोजित किए जा रहे हैं। श्रद्धालु गुरुभक्त समय से पूर्व सम्पर्क कर अपना स्थान सुनिश्चित करवा लें।
मन्त्र, पाठ एवं अनुष्ठान विवरण
युगऋषि पूजा एवं अनुष्ठान केन्द्र